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अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो? - बे-बात पर ही खफा होगा ''राज़''-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, May 2, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
एक मित्र का फोन आया और उसने एक सवाल दाग दिया कि क्या तुम पत्रकार घुटना दिमाग होते हो? हमने पूछा अबे हुआ क्या है जो तू इतना भड़का रहा है? उसने कहा होना क्या है, जब देखो बस तुम लोग अपने को ही तीस मार खां समझ...
 
दस व्यक्तियों के समझदार परिवार में समाधान-समृद्धि का वैभव होता है। ऐसे दस समझदार परिवार एक-एक व्यक्ति को अपने में से निर्वाचित करते हैं, जो परिवार-समूह सभा को गठित करता है। ऐसे दसों व्यक्तियों का अधिकार सम... 
 
जिस तरह से अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अमेरिका के विशेष अभियान दल ने पाकिस्तान में सरकार और सेना की नाक के नीचे एक बेहद साधारण और सफल अभियान में मार गिराया है उससे भारत की इस बात की एक ब... 
 
गर्भनाल** का ५४ वां इन्टरनेट संस्करण आ चुका है. इस बार मेरा व्यंग्य आलेख ’अंतिम तिथि’ प्रकाशित हुआ है. अभी तक कहीं और नहीं छपा है. आप भी पढ़िये:* सुबह सुबह भईया जी के यहाँ पहुँचा. बड़ी गमगीन मुद्रा में

राजनीति में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है लेकिन साहित्य में यह कभी मुद्दा ही नहीं रहा। यहां तक संपूर्ण क्रांति आंदोलन के समय नागार्जुन ने भ्रष्टाचार पर नहीं संपूर्ण क्रांति पर लिखा,इन्दिरा गांधी पर लिखा। जब...
 
जिंदा हूं मैं, परिंदा नहींलादेन मरा नहीं है मर नहीं सकता लादेन कभी जिंदा रहेगा सदा वो चाहे तो पुतले जलाकर देख लो उसे करंट लगाकर देख लो देख तो वो भी रहा है सबको ऊपर से, आसमान से बैठकर किसी यान में अपन... 
 
एक छोटा सा मगर निहायत ही ज़रुरी सवाल्।अमेरिका ने तो ओसामा को मार कर अपने देश पर हुये हमले का बदला ले लिया।क्या हम मुम्बई ब्लास्त के आरोपी दाऊद को मार कर ऐसा कर सक्ते हैं?जब तक़ इस देश मे दिग्गी जैसे नेता ह... 
 
आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिंद मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव उमराव मल पुरोहित ने कहा कि कर्मचारियों और मजदूरों की मांगों के प्रति रेल मंत्रालय लगातार नकारात्मक रुख अपनाए हुए है...
 
अरे...? दस दिन बीत गए, कोई रचना पोस्ट नहीं कर पाया. कई बार ऐसे हालत बन जाते हैं, की चाहते हुए भी ब्लॉग-लेखन या ''देखन'' नहीं हो पाता. खैर, आज मौका मिला है. इन दिनों कन्या-भ्रूण-ह्त्या पर कुछ-न-कुछ देख-सुन...
 
फोन पर रवीन्द्र जी का निमंत्रण मिला - " दिव्या जी , आपको सर्वश्रेष हिंदी ब्लॉगर के लिए चयनित किया गया है , ३० अप्रैल को सम्मलेन में आपकी उपस्थिति अपेक्षित है " हे भगवान् , इतना बड़ा सम्मान , मुझ जैसे अदना...
 
रोज़ सुलगने से अच्छा है धूं धूं कर जल जाने दो ....शायद यह मेरी पहली और आखरी विवादित पोस्ट हो
रोज़ सुलगने से अच्छा है धूं धूं कर जल जाने दो ....शायद यह मेरी पहली और आखरी विवादित पोस्ट हो रोज़ सुलगने से अच्छा है धूं धूं कर जल जाने दो ....पढने में यह कथन बहुत, बहुत बहतरीन, और मधुर लगते है, हम समझते ...
 
फिल्म जो गुरु घासी सी दास के ऊपर बन रही थी
गुरुदेव के छाया में गप्पू अमित सत्तू एक मई २०११,आज रविवार सत्संग का दिन है .मै आज थोडा लेट पांच बजे ध्यान केंद्र आया .गप्पू भैया ने दोपहर से आकर कूलर ठीक कर वाया है .सूरज आकर माताजी को बाजार करवाने क...
 
भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हल्ला- हंगामा चाहे जितना हो, हकीकत यह है कि यह जुबान लगातार सिमटती जा रही है। पीढ़ियों की कड़ी मेहनत से गढ़े गए उसके जरूरी और विकल्पहीन शब...
 
बे-बात पर ही खफा होगा ''राज़''
बे-बात पर ही खफा होगा ''राज़'' या शायद भूल गया होगा ''राज़'' नाम का ही तो काफिर था बस दिल में उसके खुदा होगा ''राज़'' वो शाम छत पे टहल गयी होगी चाँद सहर तक जगा होगा ''राज़'' हिचकियाँ रात भर आती रहीं य...
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 

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लोग तिलमिलाते क्यूँ है ?-मैं प्रधानमंत्री बनी तो देश का लुक बदल दूंगी -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Sunday, May 1, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  
महज 13 साल की लड़की सड़क पर किसी आदमी को पोलीथीन फेंकते देखकर कहती है कि अगर मैं कभी देश की प्रधानमंत्री बनी तो देश का पूरा लूक ही बदल दूंगी। यह लड़की और कोई नहीं बल्कि हमारी बिटिया स्वप्निल राज ग्वालानी ह...
शिक्षा में विकल्प
जय हो! मंगल हो! कल्याण हो! मैं स्वयं को अपने बंधुओं के बीच पा कर प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ। आप हम जो यहाँ मिले हैं यह एक संयोग और सद्-बुद्धि की बात है। सद्-बुद्धि के पक्ष में आगे बढ़ने का यहाँ प्रस्ताव... 

लोग तिलमिलाते क्यूँ है ? -- एक विश्लेषण .
नित्य प्रतिदिन आस-पास के परिवेश में लोगों को बात-बात पर तिलमिलाते हुए देखती हूँ , कहीं संसद में विवाद उठ खड़ा होता है और लोग गली गलौज पर उतर आते हैं , कहीं रेल-यात्रा करते समय भड़क उठते हैं और सहयात्री को रे...
हालांकि ख़बर तो कुछ यूं बननी चाहिए थी कि खुशदीप जी ने छोड़ दी है हिंदी ब्लॉगिंग। लेकिन यह एक झूठी बात होती। आदमी आवेश में आकर ग़लत फ़ैसले ले ही लेता है और फिर जब उसे अहसास होता है कि वह गुस्से में आकर अपन.

पुरस्‍कार से अल्‍लाह मियां का का ताल्‍लुक है भइया ? बतलाय देय हम सबसे बड़ा रूपैया और वही नहीं मिला बनने गए थे छब्‍बे जी दुबे जी रह गये चौबे जी चना चबाते रह गए। पूरा पढ़ने और आनंद लेने के लिए, ब्‍लॉ...
मुझसे किसी ने कल या परसों पूछा कि क्या मैं गजल वजल भी लिखता हूँ ..मेरा जवाब अक्सर यही होता है *नहीं* और यह बिलकुल सच जवाब है ...मैं जिस शुष्क और असंवेदनशील माहौल में काम करता हूँ वहां ऐसी रचनात्मकता के लि... 
कल के समाचारों में आपने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की पूर्व वैज्ञानिक डॉ. उमा राव की आत्महत्या की खबर सुनी होगी। एक महत्वहीन खबर की तरह इसे सुना दिया गया था, क्योंकि न तो इसमें राजनीतिक कारण शामिल थे ... 
अरे दीवानों! मुझे पहचानो।
यह किस हिन्दी ब्लॉगर का चित्र हो सकता है? * 
लखनऊ एक ‘पानी-लविंग’ सिटी है.यहाँ पर पानी खूब और हर तरह का मिलता है.यहाँ हैंडपम्प हैं, जेट पम्प हैं, नल हैं, टोटियाँ हैं जिनमे भरपूर पानी आता है. सड़कों पर बम्बे का भी इंतजाम है पर इस सबसे लोगों ...
हैं खुशी से चहचहाते आज सारे गिद्ध देखो फिर से उड़के दिल्ली जाते आज सारे गिद्ध देखो ॥१॥ रोज रोज खा रहे हैं नोच नोच भारती को हड्डियों से घी बनाते आज सारे गिद्ध देखो ॥२॥ श्वान को सियासती गली के द्वार पे बिठाके...
उम्र के साथ दुकान लगी है समस्याओं की घर का काम कैसे हो है सबसे कठिन आज | नित्य नए बहाने बनाना आए दिन देर से आना भूले से यदि कुछ बोला धमकी काम छोड़ने की देना हो गयी है रोज की बात | यदि कोई आने वाला हो जाने कै...
विश्वजीत सेन* प्रभात खबर (तारीख 29 अप्रैल 2011) में यह खबर आयी है कि इंगलैंड के राजकुमार प्रिंस विलियम और केट की शादी के मौके पर पटना के बच्चे शुभकामनाएं भेज रहे हैं। बाकायदा हेडलाइन बनाकर खबर दी गयी ह...
आज सारे देश में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है . आज देश में मजदूरों के हितों और अधिकारों के बारे में जमकर चर्चा कर लंबे चौड़ी बयानबाजी की जावेगी आज देश की आबादी एक अरब पच्चीस करोड़ हो गई है . भीषण मंहगाई के गर...
मोहब्बत कैसे होती है बता दे कोई हमे तो मोहब्बत ने हर कदम रुसवा ही किया किसी को कैसे अपना बनाया जाता है सिखा दे कोई हमे तो हर किसी ने हर कदम धोखा ही दिया कैसे पतझड मे गुलाब खिलाये जाते हैं उगा दे कोई हम...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे

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