पर्यावरण जागरूकता अभियान के नज़ारे, क्रांति ही जीवन- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Saturday, September 18, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका  राज  
 
रविवार का दिन यानी की छुट्टी का दिन, छुट्टी का दिन यानी ज्यादा देर तक सोते रहने का दिन। हम आज कुछ देर तक सोते रहे। देर तक का मतलब बहुत देर तक नहीं। वैसे हम सात बजे तक उठ जाते हैं, आज एक घंटे देर से उठे हैं। राजतंत्र में पोस्ट लिखने के बाद अब चौपाल सजा दी है.... चौपाल के बाद अब खेलगढ़ की बारी है... 
मिनाक्षी कहती हैं- क्रांति ही जीवन मनुष्य हर वक़त विवादों में घिरे रहना पसंद करता है  क्युकी यही उसे आगे बड़ने की राह दिखाती है अगर वो एसा  न करे तो आगे का सफ़र  उसके लिए मुश्किल हो जाता है ! मानव का स्वभाव  ही कुच्छ एस...
मनुष्य हर वक़त विवादों में घिरे रहना पसंद करता है  क्युकी यही उसे आगे बड़ने की राह दिखाती है अगर वो एसा  न करे तो आगे का सफ़र  उसके लिए मुश्किल हो जाता है ! मानव का स्वभाव  ही कुच्छ एस...   उल्लेखनीय है लालकृष्ण आडवाणीजी ने बेल्जियम के विद्वान की पुस्तक के  अलावा एक और पुस्तक जारी की थी ‘‘हिंदू मंदिर: उनका क्या हुआ ’’ इसमें अरूण  शौरी, हर्ष नारायण, जय दुबासी, राम स्वरूप तथा सीताराम गोयल ...
उल्लेखनीय है लालकृष्ण आडवाणीजी ने बेल्जियम के विद्वान की पुस्तक के  अलावा एक और पुस्तक जारी की थी ‘‘हिंदू मंदिर: उनका क्या हुआ ’’ इसमें अरूण  शौरी, हर्ष नारायण, जय दुबासी, राम स्वरूप तथा सीताराम गोयल ...  भावों की भेल, आँखों का खेल, शब्दों का मेल, प्यार की निशानी है !  होंठों पे गीत, नैनों में मीत,  पाती में प्रीत,  जोश में जवानी है !  आँचल की छाँव,  सपनों का गाँव, कविता की नाव,  प्यार की रवानी है !  उल्फत का...
भावों की भेल, आँखों का खेल, शब्दों का मेल, प्यार की निशानी है !  होंठों पे गीत, नैनों में मीत,  पाती में प्रीत,  जोश में जवानी है !  आँचल की छाँव,  सपनों का गाँव, कविता की नाव,  प्यार की रवानी है !  उल्फत का... 
.jpg) अक्सर बस अड्डे पर , रेल्वे स्टेशन के प्लेट्फॉर्म पर जब हम  अपने मित्रों या परिजनों के साथ खड़े होते हैं कि अचानक फटे कपड़ों में ,एक  कृशकाय ,दीन हीन व्यक्ति हाथ फैलाए हमारे सामने आ खड़ा होता
अक्सर बस अड्डे पर , रेल्वे स्टेशन के प्लेट्फॉर्म पर जब हम  अपने मित्रों या परिजनों के साथ खड़े होते हैं कि अचानक फटे कपड़ों में ,एक  कृशकाय ,दीन हीन व्यक्ति हाथ फैलाए हमारे सामने आ खड़ा होता               
 दो दिन पहले की बात है, हम प्रेस में बैठे काम कर रहे थे, तभी अचानक अशोक बजाज  का प्रेस आना हुआ। उन्होंने हमसे मिलते ही पूछा और क्या हाल-चाल है आपके ब्लाग  का। हमने बताया ठीक है। उन्होंने अपने ब्लाग के बारे म...
 उल्लेखनीय है लालकृष्ण आडवाणीजी ने बेल्जियम के विद्वान की पुस्तक के  अलावा एक और पुस्तक जारी की थी ‘‘हिंदू मंदिर: उनका क्या हुआ ’’ इसमें अरूण  शौरी, हर्ष नारायण, जय दुबासी, राम स्वरूप तथा सीताराम गोयल ...
उल्लेखनीय है लालकृष्ण आडवाणीजी ने बेल्जियम के विद्वान की पुस्तक के  अलावा एक और पुस्तक जारी की थी ‘‘हिंदू मंदिर: उनका क्या हुआ ’’ इसमें अरूण  शौरी, हर्ष नारायण, जय दुबासी, राम स्वरूप तथा सीताराम गोयल ...भतीजे चिन्मय ने उम्र के तेरह बरस पूरे कर लिये दिल सुबह से ही प्रफ़ुल्लित था  कि आज का दिन पूरी समय एकदम "नाईस" जावेगा सो बिना कुछ सोचे शिवम जी और ललित  भाई की हरियाई बत्ती देख को जुहार की. शिवम जी को फ़िर से  .. 
.jpg) अक्सर बस अड्डे पर , रेल्वे स्टेशन के प्लेट्फॉर्म पर जब हम  अपने मित्रों या परिजनों के साथ खड़े होते हैं कि अचानक फटे कपड़ों में ,एक  कृशकाय ,दीन हीन व्यक्ति हाथ फैलाए हमारे सामने आ खड़ा होता
अक्सर बस अड्डे पर , रेल्वे स्टेशन के प्लेट्फॉर्म पर जब हम  अपने मित्रों या परिजनों के साथ खड़े होते हैं कि अचानक फटे कपड़ों में ,एक  कृशकाय ,दीन हीन व्यक्ति हाथ फैलाए हमारे सामने आ खड़ा होता gurudev shri rajat bose ji (swami chinmaya yogi)The PACDARES Method  (by K. N. Rao)     Vaughun paul: You mentioned just a moment ago about PACDARES. Can you talk  about this approach that you developed?    ...
राजस्थान के लोक देवता ,सर्व धर्म समभाव व जन-जन की आस्था के प्रतीक रुणेचा के  बाबा रामदेव पीर के अब श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन कर सकते है | रामदेव दर्शन नाम  से बनी वेब साईट पर आप बाबा व मंदिर से सम्बंधित सभी जान...
दीपक मशाल की शनिवासरीय चर्चा प्रिय दोस्तों,       सादर/सप्रेम नमस्कार  आज शनिवार की इस चर्चा में आप सबका स्वागत है.. आज की चर्चा आरम्भ करने से पहले एक सख्त लेकिन आवश्यक *आग्रह* है कि *'ये चर्चा  सिर्फ तभी पढ़ें, या इस पर सिर्फ तभी टिप्प...      अच्छा तो  हम  चलते हैं
प्रिय दोस्तों,       सादर/सप्रेम नमस्कार  आज शनिवार की इस चर्चा में आप सबका स्वागत है.. आज की चर्चा आरम्भ करने से पहले एक सख्त लेकिन आवश्यक *आग्रह* है कि *'ये चर्चा  सिर्फ तभी पढ़ें, या इस पर सिर्फ तभी टिप्प...      अच्छा तो  हम  चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
  प्रिय दोस्तों,       सादर/सप्रेम नमस्कार  आज शनिवार की इस चर्चा में आप सबका स्वागत है.. आज की चर्चा आरम्भ करने से पहले एक सख्त लेकिन आवश्यक *आग्रह* है कि *'ये चर्चा  सिर्फ तभी पढ़ें, या इस पर सिर्फ तभी टिप्प...
प्रिय दोस्तों,       सादर/सप्रेम नमस्कार  आज शनिवार की इस चर्चा में आप सबका स्वागत है.. आज की चर्चा आरम्भ करने से पहले एक सख्त लेकिन आवश्यक *आग्रह* है कि *'ये चर्चा  सिर्फ तभी पढ़ें, या इस पर सिर्फ तभी टिप्प...इस समय सारे देश में गणेशोत्सव पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है . कई जगहों पर  गणपति बब्बा की भव्य मूर्तियाँ और तरह तरह की मनमोहक झांकियां देखने को मिल रही  हैं . मूर्तिकार भी अपनी कल्पना से गणेश प्रतिमाओं को त...
हमारे युवराज जब भी गरीबों की बस्तियों में रात गुजारते हैं, तो विपक्ष बेचारे  युवराज के पीछे पड़ जाता है और उनकी कुर्बानी को नाटक करार दे दिया जाता है.  कोई युवराज अगर महाराज बनने से पहले अपनी प्रजा की नब्ज़...
कुँवर कुसुमेश-  SMS आया, दोस्त बना लो, चौबिस घंटे चैट करा लो |  तुम्हें प्यार के नुस्खे दूँगी. बस, मिलने की राह निकालो|  दिन भर मिल कर मौज करेंगे, जीवन में खुशियाँ बिखरा लो |  टेंशन में जीना क्या जीना , थोड...
पुरुष तुम अब भी कहाँ बदले हो? अपने व्यंग्य बाणों से कलेजा बींध देते हो उम्र के किसी  भी दौर में तुम में ना  परिवर्तन आया  तुम्हारी कुंठित सोच अवचेतन में बैठे पौरुष के दंभ से कभी ना बाहर  आ पायी  है   हर बार ...
 कल फिर मिलेंगे

 
4 comments:
बहुत ही अच्छे लिंक मिले है
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......
इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-
(आपने भी कभी तो जीवन में बनाये होंगे नियम ??)
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_19.html
बहुत बढ़िया सजी है चौपाल ...
बहुत सुन्दर चौपाल है राजकुमारजी ! 'परिणति' को इसमें स्थान देने के लिए आभारी हूँ ! सभी लिंक्स बहुत बढ़िया हैं ! धन्यवाद एवं शुभकामनाएं !
आपने बड़े मन से सजाई है चौपाल |बहुत बहुत बधाई
आशा
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