मुख्यमंत्री गहलोत से अभद्रता -क्या भारतीय बहसी होते हैं ?-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Monday, February 14, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
पंजाब सरकार इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की फीस बढ़ाने की तैयारी में है। सरकार और प्राइवेट कॉलेजों के बीच बात इसी पर अटकी है कि फीस कितनी बढ़ाई जाए। फीस वृद्धि पर मुख्य सचिव एस.सी. अग्रवाल की अध्यक्ष...
इन दिनों शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल व तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री महेन्द्रजीत सिंह की अशुद्ध हिंदी को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। शिक्षा जगत की इस बदहाली पर शिक्षाविदों को तो पीड़ा है ही, पूर्व शिक्षा...
जी हाँ दोस्तों कल १२ रबीउलअव्वल यानी इस्लाम के आखरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद रज़ी अलाह ताला का जन्म दिन हे कल के ही दिन उनका जन्म हुआ था लेकिन अफ़सोस नाक बात यह हे के इसी दिन विश्व भर में नेकी और इन्साफ की शिक्...

एक गोंटी मारों रे सनानना आजा~~~~~ एक गोंटी मारों रे सनानना आजा~~~~~ दुसरईया गोंटी मारव रे धनी ला पड़ जाय चिरईया ल के गोंटी मारव चिरईया ल के गोंटी मारव भाजी फूल मोर चढ़ती जवानी के दिन हो चिरईया ल के गोंटी मार...
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल जब मुख्यमंत्री निवास पर जन सुनवायी कर रहे थे तो अचानक एक विक्षिप्त युवक ने उनके गिरेबान पर हाथ डालना चाहा जिसे सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ा , पीटा लेकिन मुख्यमंत्री जी के...
जिस तरह से २ जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अब भाजपा नीत राजग की कुछ नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं उसे देखकर यही लगता है कि आने वाले समय में कुछ बड़ा तथ्य इस मामले में सामने आ सकत...
आओ सजन वर्षगणना करें बीते वर्षों का अवलोकन करें पहला वर्ष आँधियों की गर्द दूसरा वर्ष एक संघर्ष तीसरा वर्ष सुनहरा ख्वाब चौथे पांचवें हवा हो गए बिटिया के साथ कहाँ खो गए ज़िन्दगी मस्त गुज़रने लगी अभावों ...
प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली अंक - 113 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही जवाब है गीगा बापू समाधि स्थान, सताधार, गुजरात पहेली के वि...
वैलेंटाइन-डे के मौके पर आज दोपहर लक्ष्मीनगर में कई ब्लागर्स एकत्र हुए. इस दिन का सदुपयोग करते हुए सभी ब्लागर्स ने एक दूसरे को प्रेम-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए इस दिन की सार्थकता पर चर्चा की. चर्च..
छत्तीसगढ़ राज्य बनते ही जिस तरह की पत्रकारिता चल रही है वह शर्मनाक है पत्रकार सरे राह मारे जा रहे हैं और अखबार मालिक कुत्तों की तरह रोटी के टुकड़ों पर ध्यान रख रहे हैं बेशर्मी तो यह है की अखबार का संपादक भी ...
अच्छा तो हम चलते हैं
फिर मिलेंगे
फिर मिलेंगे