Powered by Blogger.

हिंदी ब्लॉगरों के जनमदिन, उफ़ ब्लागिरी.कॉम ने तो पसीना छुडवा दिया.- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, June 30, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज


हमने सोचा था कि अपनी ब्लाग चौपाल को कभी विराम नहीं देंगे, लेकिन क्या करें कंप्यूटर की खराबी के कारण एक दिन का इसमें विराम लग गया। इसके बाद हुआ यह कि सीधे हिन्दी में लिखने वाला की-बोर्ड गायब हो गया है। ऐसे में परेशानी बढ़ गई, फिर भी आज की चर्चा कर रहे हैं। चलिए देखे कौन क्या हता रहा है-


स्वप्निल संसार में- आज मेरे पापा राजकुमार ग्वालानी का जन्म दिन है

आज मेरे पापा राजकुमार ग्वालानी का जन्म दिन है। मैंने जहां सुबह उठते साथ उनको बधाई दी, वहीं मैंने तो उनको दो दिन पहले ही गिफ्ट दे दिया था। क्या करती गिफ्ट लाने के बाद रहा नहीं गया तो मैंने ऐसा किया। आप भी ..
 
आज अंजली सहाय, हिमांशु तथा मोहन वशिष्ठ का जनमदिन है >> बुधवार, ३० जून २०१० [image: image] 30 जून 2010 30 June 2010 आज का दिन मेरे लिये विशेष है । आज माँ सेवा-निवृत्त हो रही है...
पता नहीं किस सर्वर से चलती है ये साईट ...डायल अप दिनों की याद ताज़ा कर दी इसने, इससे धीमी साईट पर गए ज़माना हो गया था मुझे. पहले तो ये ही नहीं पता चला की url कैसे जमा कराएं. माथा पच्ची करने दे बाद तुक्का लगा...
 
आज 1 जुलाई को - अनहद नाद वाले प्रियंकर, - राजतन्त्र व खेलगढ़ वाले राजकुमार ग्वालानी, - राजेश त्रिपाठी - नया घर वाले विनोद पाराशर का जनमदिन है बधाई व शुभकामनाएँ आने वाले जनमदिन आदि की जानकार...
नारीवादी-बहस में प्राचीन भारत में नारी
प्राचीन भारत में स्त्रियों की दशा के विषय में इतिहासकारों के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं. स्थूल रूप में इन ऐतिहासिक दृष्टिकोणों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है - 1. राष्ट्रवादी दृष्टिकोण 2. व...
सूर्यकान्त गुप्ता बता रहे- सब्र का इम्तिहान न लो,
(1) हे नक्सली, असली है या नकली! साक्षात तू नर पिशाच है कौन है तेरा उपासक "कायराना हरकत" कह करते इति श्री, तुम्हे देते सह, तभी तंदूरी बना रहा तू मानव की बेशक (2) क्या उसूल है, क्यों करता तू यह सब, इस...
 
*पिछले भागों 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 से जारी * दिन के दस से उपर हो चुके हैं। दु:खद यादें बीत चुके कई सालों की शहरी औपचारिकता सी होली की टीसों से जुड़ कर और भारी हो चली हैं। बैठा नहीं जाता। कनखी से संजय को दे...
America में रहते हुए दो माह बीत चले हैं और अब दो दिन बाद वापसी है। मन बहुत चंचल हो रहा है, अपने देश की जमीन को छूने के लिए। उस हवा को अपने अन्दर भर लेने को, जिस हवा से मेरा निर्माण हुआ था। आपका जन्मनस्थ‍ल...
( लहू- लुहान घटना स्थल पर जवानों के रक्त और जूते..) ( घटना -स्थल से ट्रैक्टर और बाद में सेना के विमान से भेजे गये शव) ( इसी रास्ते के उपयोग से जवानों को मदद मिली) ...
दिल्ली की कुतुबमीनार तो खैर दिल्ली की पहचान ही बन गयी है। परन्तु इसको भी पीछे छोड़ने की कोशिश की गयी थी बीते जमाने मे। जहां कुतुबमीनार खड़ी हो आकाश से बातें कर रही है उसी प्रांगण मे और भी बहुत से बने-अधबने 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 

Read more...

एक वाणी की जगह दूसरी वाणी-ब्लागवाणी का स्थान भरेगी हमारीवाणी- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, June 28, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

ब्लागवाणी का इंतजार सभी कर रहे हैं, लेकिन यह किसी को मालूम नहीं है कि इसकी वापसी होगी या नहीं। ऐसे में एक और वाणी हमारीवाणी का आगमन हुआ है। अब यह तो समय बताएगा कि यह वाणी ब्लागवाणी का स्थान ले पाती है या नहीं, लेकिन इतना तय है कि ब्लागरों को एक नया मंच जरूर मिल गया है। 
 
 
 
सांची कहे तोरे आवन से हमरे,* *अंगना में आई बहार भोजी...* नदिया के पार का बड़ा हिट गाना है ये...लेकिन आज मुझे क्यों याद आ गया...इसकी बात पोस्ट के आखिर में करूंगा... पहले बात *ब्लॉगवाणी *की...दरअसल, *मयखाना...
 
बखरी के तूमा नार बरोबर मन झुमरै डोंगरी के पाके चार ले जा लाने दे बे. मया के बोली भरोसा भारी रे कहूँ दगा देबे राजा लगा लेहूँ फॉंसी. बखरी के तूमा नार ..... हम तैं आघू जमाना पाछू रे कोने पावे नहीं बांध ले मया म...
 
 
(१) हे परमेश्वर! मृत्युलोक की अद्भुत हैं लीलाएं किस किस को कोई याद रखे, किस किस को भूलते जाएँ *मौत कहर बरपाती है किस कदर पेश है एक नमूना * बिजली के करंट ने छीनी तीन जिन्दगी, कर दिया घर आँगन- सूना 
 
 
एक जमाना था जब दूरदर्शन के अलावा कोई दूसरा टी.वी. चेनल नहीं था और कुछ थे भी तो वे आम आदमी की पहुँच से दूर थे |आम आदमी को तो टी.वी पर प्रोग्राम देखने के लिए दूरदर्शन पर ही निर्भर रहना पड़ता है | 1985 का वह ...
 
एक दिलचस्प सर्वे में यह खुलासा किया गया की पुरुषों के बारे में स्त्रियाँ के ख्याल अच्छे नहीं होते है ... सर्वे में स्त्रियों की राय कुछ इस तरह की थी . पुरुष" " जैसे चाकलेट बार, शुरू में मधुर, मसालेदार, बाद...
 
 
अरे आप तो बिल्कुल वैसे ही दिखते हैं जैसी फ़ोटो आपने अपनी प्रोफ़ाईल में लगाई हुई है "ये बात जब मैंने अपनी पहली ब्लोग्गर मीट एक साथी ब्लोग्गर के मुंह से सुनी थी तो बरबस ही मुस्कुरा उठा था । और...
 
 
रंगमंच की दुनिया इस दिखाई देने वाली दुनिया के भीतर होते हुए भी न दिखाई देने वाली एक अलग दुनिया होती है । अगर आपको रंगमंच के कलाकारों का जीवन देखना है तो किसी नाट्य संस्था से जुड़कर देखिये । 
 
जयपुर हिन्‍दी ब्‍लॉगर मिलन में तकनीक के एक नए पक्ष से परिचय हुआ। इसकी जानकारी व्‍यंग्‍यकार अनुराग वाजपेयी जी के माध्‍यम से मिली, जिनका यह आइडिया है। अनुराग वाजपेयी जयपुर के नामी व्‍यंग्‍यकार हैं। 
 
नवीन प्रकाश बता रहे हैं- विंडोज 7 के जैसा टास्कबार विंडोज एक्सपी में
 
विंडोज 7 की खूबियों में से एक है इसका आकर्षक और उपयोगी टास्कबार अगर आप अभी भी विंडोज एक्सपी का ही प्रयोग कर रहे हैं तो भी आप विंडोज 7 जैसा टास्कबार प्राप्त कर सकते हैं । एक छोटा मुफ्त टूल तो आपके टास्कबा...
 
लिख्खाड़ानन्द ने अपना पोस्ट प्रकाशित किया! पोस्ट को प्रकाशित करने के तत्काल बाद ही सौ मित्रों तथा परिचितों को मोबाइल, ईमेल और चैट मेसेन्जर के माध्यम से सूचना दी कि मेरी पोस्ट प्रकाशित हो गई है। अगले चौबीस 
 
 

अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 

Read more...

आते-जाते कहीं उसे कोई ठोकर न लग जाए , प्यार - देह से देह तक की कहानी -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Sunday, June 27, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
तबीयत कुछ खराब है पहले सोचा आज की चर्चा नहीं करते हैं, फिर सोचा कि यार ऐसा करना ठीक नहीं रहेगा। जो सिलसिला चल रहा है, उसे कायम रखना है। 
चलिए सीधे चर्चा की तरफ चलते हैं 
और ब्लागर मित्रों की पोस्ट से मिलते हैं.
 
 
चंदन सा बदन, चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना, मुझे दोष न देना जग वालो, हो जाऊँ अगर मैं दीवाना। इस गाने में प्यार का इजहार हो रहा है, लड़की के रूप रंग की बातें हैं परन्तु कहीं भी लडकी के गुणों की ...
 
 
एक कली आशा की इस बगिया में खिल जाए मन आँगन में प्रीत का पंछी जाने क्या क्या गाये यादों की बयार चली और यादें झूमतीं जाय इक साया सा नयनों में क्यों आये और लहराए लिखते-लिखते क्यों रूकती हूँ कोई तो बतलाये ...
 
 
मैं यादों के ख़ूबसूरत महल में तेरी तस्वीर सुंदर लगाऊंगा. इस दिल में मोहब्बत में सुंदर ख्वाव मै दिल से सजाऊंगा. तू अजमा कर एक बार मुझे तेरे दिल में बस जाऊंगा . प्रेम का प्याला हूँ तेरे प्यार का याद में तेरी त...
 
 
 
कहते हैं कि जिस किसी भी ब्लागर की 100 पोस्ट पूरी हो जाती है वह ढक्कन खोल लेता है। आज से तीन साल पहले जब लगातार ढक्कन खोलने की स्थिति कायम थी तब यदि 10 पोस्ट भी पूरी हो जाती तो शायद मैं जश्न मना लेता लेकिन ...
 
भगवान ने जब हवा बनाई होगी तब सोचा होगा की इस हवा का इस्तेमाल लोग सही दिशा में करेंगे. पर आजकल हवा का इस्तेमाल कुछ और हो रहा है. अब मुफ्त की शराबखोरी ने हैदराबाद से जुड़े एक रीजनल चैनल के ब्यूरो को मुश्किल म...
 
काव्यशास्त्र-२० :: आचार्य अरिसिंह और आचार्य अमरचन्द्र - आचार्य परशुराम राय [image: J0148757] आचार्य राम चन्द्र गुणचन्द्र की भाँति आचार्य युगल अरिसिंह - अमरचन्द्र का नाम प्रमुख है। ये दोनों एक ही ...
 
तुम मनको पढ़कर देखो तो! * *कुछ आगे बढ़कर देखो तो!! * * * *चन्दा है और चकोरी भी, * *रेशम की सुन्दर डोरी भी, * *सपनों में चढ़कर देखो तो- * *कुछ आगे बढ़कर देखो तो!! * * * *कुछ छन्द अधूरे से होंगे, * *अनुबन्ध...
 
व्यंग्य-पद * *कल कबीर जयन्ती थी. मुझे कल ही यह सामग्री दे देनी थी. लेकिन कबीर गोष्ठी में चला गया. एक दिनविलम्ब से हाज़िर हूँ. महीनो पहले मैंने ''साधो यह हिजड़ों का गाँव'' नामक श्रंखला शुरू की थी. रोज..
 
"भाव शून्य" वो बहुत खुश थी. बरसों से प्रतीक्षारत थी, जिस ख़ुशी के लिए वो उसे मिल जो गयी थी. जीवन में एक पूर्णता, एक सम्पूर्ण नारीत्व, एक अजीब सी हलचल, उत्साह और.. पूरी देह में सिहरन प..

पुलिसवाला - तुमने पपीते बेचने वाली को किस क्यूं किया सरदारजी - वो चिल्ला रही सी पपी ते लै लो, पपी ते लै लो -------------------------------------------------------------------------------- मुन्ना - अबे सर्कि...
 
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 
 

Read more...

ब्लॉगवाणी' विलुप्त हुई, पोर्नोग्राफी से औरत का सम्मान घटा-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, June 26, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
रविवार की छुट्टी में किस ब्लाग ने क्या परोसा है 
देखें सबको अपनी-अपनी पोस्ट पर भरोसा है
वैसे तो ये दुनिया ही एक धोखा है
फिर भी सबको किसी ने किसी पर भरोसा है

पोर्नोग्राफी के सवाल पर जब भी बहस होती है तो वह नैतिक-अनैतिक ,शुभ-अशुभ, पाप-पुण्य में वर्गीकृत करके होती है। पोर्नोग्राफी के सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभावों को हमें इन सब केटेगरी के पार जाकर पेशेवर व्...
 
कस्‍बे के पसराव* से बहुत दूर, जाने किस उजाड़ वीराने में ऊंचे तंबुओं के डेरे तने थे, ढलती सांझ के धुंधलके में नीली, पीली, लाल रौशनियों के लट्टू दिखते. देखनेवाली आंखों को भरम होता सपने में दिखी होंगी, नज़...
वो जश्न वो रतजगे वो रंगीनियाँ कहाँ आये निकल वतन से हम भी यहाँ कहाँ महबूब मेरा चाँद मेरा हमनवां कहाँ इस बेहुनर शहर में कोई कद्रदां कहाँ कोई बुतखाना,परीखाना कोई मैक़दा नहीं ढूँढें इन्हें कहाँ और अब जाए...
(1) *'ब्लॉगवाणी' विलुप्त हुई, लग नही रहा, हरा भरा सा* आज कलम(मेरी कलम) कुंठित हुई , लिख न पा रहा, जरा सा. (2 ) ड्राइंग रूम में बैठ कर देखने लगा दूर दर्शन कार्यक्रम चल रहा था जिसमे बच्चों का नृत्य प्रदर... 
अशोक बजाज की- माँ
माँ जो मस्ती आँखों में है मदिरालय में नहीं ; अमीरी दिल की कोई महालय में नहीं ; शीतलता पाने के लिए कहाँ भटकता है मानव ; जो माँ की गोद में है वह हिमालय में नहीं ; -(अज्ञात) 
साल-2018...जगह-लखनऊ से 58 किलोमीटर दूर हसनपुर में अमेरिकन न्युक्लियर पावर प्लांट। एक तेज़ धमाका। फिर कुछ और धमाके। उसके बाद क्या, कहां, कैसे, क्यूं जैसे कुछ बेमानी से सवाल...अमेरिकन कंपनी पर 500 करोड़ का 
स्वप्न किसके सच हुए हैं ! रो न पागल क्या क्षणिक सुख से अपरिमित दुःख मुए हैं ! स्वप्न किसके सच हुए हैं ! भाव उर के बूँद बनने को मचल सहसा पड़े हैं, नयन शाश्वत बरसने को मेघ बन करके अड़े हैं, जल उठी है आग उर में ...
कथा का एक खंड--परिकथा ! ---कोसी मैया की कथा ? जै कोसका महारानी की जै ! परिव्याप्त परती की और सजल दृष्टि से देखकर वह मन-ही-मन अपने गुरु को सुमरेगा, फिर कान पर हाथ रखकर शुरू करेगा मंगलाचरण जिसे वह बंदौनी कह...
मनोज कुमार* आप पढ चुके हैं गंगावतरण भाग –१ गंगावतरण भाग –२ गंगावतरण भाग –३ अब आगे … समापन किस्त भगीरथ घर छोड़कर हिमालय के क्षेत्र में आए। इन्‍द्र की स्‍तुति की। इन्‍द्र को अपना उद्देश्‍य बत...
 
रूआबांधा भिलाई की एक श्रमिक बस्ती में रहने वाली पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा से हर कला मर्मज्ञ भली-भांति परिचित है। मुफलिसी और अभाव का जीवन जीने के बाद भी ऋतु ने वेदमती शाखा की पंडवानी को एक नई ऊंचाई प्रदान क...
तितली रानी तितली रानी ॥ बड़ी सयानी लगती हो॥ मै तो तेरे पास हूँ आती॥ तुम तो दूर को भगती हो॥ पूर्व दिशा से आई हो॥ पश्चिम दिशा को जाओ गी॥ बहुत दिनों से भूखी लगती॥ लगता है कुछ खाओगी॥ तेरे पंख 
नवीन प्रकाश बता रहे हैं- विंडोज 7 की सभी सेटिंग्स एक ही जगह पर
 
एक टूल जो आपके विंडोज 7 की सेटिंग तक पहुँच को आसान बना देगा इस एक सॉफ्टवेयर से आप सभी जरुरी सेटिंग्स तक जा सकते है बस कुछ ही क्लिक से । इसे डेस्कटॉप पर रखिये और जिस भी विकल्प का प्रयोग करना चाहे इस एक ही ...
नींद उड़ जाती है जब जिक्र तेरा होता है। अकेला जब होता है दिल, बहुत रोता है। उदास रातों मे अक्सर नजर आता है तू, ये हादसा क्यूँ बार बार, मेरे संग होता है। कौन देगा जवाब अब ,मेरे सवालों का, तू अब चैन स..
हाँ!…मैंने भी ‘बलात्कार' किया है -राजीव तनेजा
हाँ!…मैंने भी *‘बलात्कार'* किया…किया है उसका …जो जगत जननी है …जीवन दायनी है…लाखों-करोड़ों की संगिनी है … खुद मेरी भी अपनी है … मैं ताकता हूँ हर उस ऊंचाई की तरफ…हर उस उपलब्धि की तरफ …जो मुझे खींच ले जाए ...
ताऊ पहेली - 80
प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 80 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं क..
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे

Read more...

हो गाड़ी वाला रे., .इस भारत भूमि पर पुनः पधारो- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी ..

>> Friday, June 25, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

 
आज चलते हैं सीधे चर्चा की तरफ- 
 
हो गाड़ी वाला रे .... पता ले जा रे, पता दे जा रे, गाड़ी वाला पता ले जा, दे जा, गाड़ी वाला रे .... तोर गॉंव के, तोर नाव के, तोर काम के, पता दे जा प
 
अब अनुज से क्या डाह मगर कभी कभी *गिरिजेश जी के* आलस्य से जबरदस्त ईर्ष्या हो उठती है ...सारा आलस्य अपने में स्थित और स्थिर किये वे बाकी हम निरीह संसारियों को लास्य (ता) के नर्तन में झोक दिए हैं ...अब दे...
 
 
ख़यालों का आना-जाना था, किसी से किसी का सिला नहीं ख़ुद पर ही कभी रंज हुए और कभी किसी से गिला नहीं पत्तों का जब आग़ोश मिला, शबनम का नूर बस दमक उठा बदली में चाँद वो छुपा रहा, रौशन अब कोई काफ़िला नहीं त...
 
पंछी, नदिया, पवन के झोंके,* *कोई सरहद न इनको रोके,* *सरहदें इनसानों के लिए है,* *सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इनसां होके...* *ये खूबसूरत गीत* *जावेद अख्तर* साहब ने फिल्म *रिफ्यूज़ी* के लिए लिखा था...सरहद...
 
खुशी मनाने के कुछ बिन्दु 1- आपके परिवार के बेटे-बेटी मानने लगें कि उनका जन्म आपके परिवार की अभिलाषा नहीं वरन् उन बच्चों के माता-पिता के शारीरिक सुखों की परिणति है। 2- आपके बच्चे मानते हों कि आपने उनके ...
 
आज माइकल की मौत को एक साल हो गया है और इस एक साल में मीडिया में उसकी मौत के बारे में जितनी भी अफवाहें उड़ायी थीं वे गायब हैं और मीडिया के महासमुद्र में उसका संगीत बचा रह गया है। ...
 
 आजकल चारों तरफ़ ही काईट्स, राजनीति .के रिव्यू , और आम पाठकों /दर्शकों की प्यारी प्यारी राय जानकर उन फ़िल्मों के प्रति ऐसा वैराग्य जाग गया कि टीवी पर उनके प्रोमो देख कर मन में यही बात उठ रही 
 
अमेरिका के बारे में हमारे समाज में भ्रम फैलाने में मीडिया सबसे आगे है। अमेरिका में औरत और पोर्न का जो रिश्ता सामने आया है उसने औरत को असहाय बनाने में बड़ी भूमिका अदा की है। 10 अप्रैल 2010 को 
 
देश में पंथी नृत्य को खास पहचान दिलाने वाले देवदास बंजारे भले ही अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन आज भी जब लोग किसी पंथी दल का कार्यक्रम देखते हैं तो उन्हें बरबस ही देवदास बंजारे की याद आ जाती है। 1 जनवरी 1...
 
शानू शुक्ला कहते हैं- इस भारत भूमि पर पुनः पधारो
दूर तक फैला घना कुहासा है, देता कुछ नहीं दिखाई है, फिर आज तेरे बच्चों ने ही, ऐ भारत माँ तेरी हंसी उड़ाई है, संस्कृतियाँ हो रही शून्य है, पश्चिमी झंझावातों में पड़कर, जो चले आ रहे मानव मूल्य सदियों से, बिक रहे...
 
आज आप सुनिये मेरे पसन्दीदा भक्ति संगीत कलैक्शन में से एक भजन "Nabi Nabi" आप इसे नात या कव्वाली भी कह सकते हैं इस पोस्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किस...
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 
 

Read more...

समलैंगिकता, शादी और ऑनर किलिंग , अमरीका के पोर्न तूफान से उजडे़ लोग-ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, June 24, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
खंगाल के हम सारे पर्चें
लाए हैं कुछ चुनिंदा  पर्चें
देखे किसने किए हैं 
किस विषय पर चर्चें
 
अभी समलैंगिकता पर बहस चल रही है. कानूनी मान्यता के बावज़ूद हमारा मन इसे स्वीकार नहीं कर पा रहा है. देश के लडके अब क्या करें? ऐसे ही गर्भ में या जनमते ही बेटियों को मार दिए जाने के कारण बेटियों की संख्या हज़ा...
  
सामान्य तौर पर पोर्न के सामाजिक प्रभाव के बारे में भारतीय नेट यूजरों में कोई सजगता नजर नहीं आती। हाल ही में एक यूजर ने ईमेल भेजकर मेरे ब्लॉग पर पोर्न के बारे में लिखे लेखों के बारे में अपनी ..
 
बहुत दिनों बाद कुछ मूड हुआ कि कुछ लिखा जाये * *और आप सब को भी कुछ रचनाओ से रु-ब-रु करा दूं ..* *उम्मीद करती हूँ आप इन्हें पसंद करेंगे..* अनामिका की सदाये...... ------------- आज सबसे पहला सन्देश और निमंत...
 
ज़मीर का एक सलीब ढोए चल रहा है आदमी ताबूत में हैवानियत के पल रहा है आदमी मौत से पीछा छुड़ाना कब कभी मुमकिन हुआ उसको सीने से लगाये जल रहा है आदमी हुस्न से यारी कभी, दौलत पर कभी है फ़िदा और कभी ठोकर में...
 
नौ बजे की घंटी के साथ नींद हलकी खुली, उसे स्नूज पर डाल दिया.. दो-चार मिनट पर फिर से बजने लगा.. ऐसे ही दो-चार, दो-चार करते-करते नौ-पन्द्रह पर आँखें मींच कर उठ ही गया.. रात कब आँख लगी थी कुछ पता ही नहीं चला ...
  
 
नई पीढ़ी को नशाखोरी से बचाएं * समाज में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति के अनेक घातक परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे समाज में अनुशासनहीनता बढ़ रही है, गांव की न्याय व्यवस्था चरमरा रही है तथा परिवार उजड़ रहे हैं। नश...
 
यह अस्थायी पोस्ट है जो डिलीट नहीं गई. कृपया इसे मैन्युअली डिलीट करें. (305b23bb-9fa6-4b45-a8c4-52b68408ec15 - 3bfe001a-32de-4114-a6b4-4005b770f6d7) 
 
संगीता पुरी कहती हैं- आध्‍यात्मिक सुख की ओर बढने का पहला कदम
मित्रता’ जैसा पवित्र शब्‍द कुछ नहीं। सच्‍चे मित्र एक दूसरे के लिए जान देने को तैयार होते हैं। पर मित्रता को इस स्‍तर तक ले जाने के लिए वर्षों तक एक दूसरे के प्रति विश्‍वास की आवश्‍यकता होती है। जहां एक के...
 
राजकुमार सोनी मिलवा रहे हैं -तीजन बाई
पंडवानी गायिका तीजन बाई का बचपन बेहद कठिन संघर्षों में बीता है। तीजन को उसके नाना बृजलाल पारधी ने पाला है। चिड़िया, खरगोश, गिलहरी और अन्य जीव जन्तुओं के शिकार से ही अपने जीवन को चलाने वाले बृजलाल स्वयं भी ...
 
क्या आपको जानते हैं कि वर्तमान में कितने भारतीय इंटरनेट का प्रयोग करते हैं? *आईटीयू (ITU)*, जो कि संयुक्त राष्ट्र United Nations की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के मुद्दों पर जानकारी एकत्रित करने वाली संस्थ...
 
नवीन प्रकाश कहते हैं- आज छुट्टी है !! पर बधाईयाँ स्वीकार की जाएँगी
आज हिंदी टेक ब्लॉग छुट्टी पर है शायद कल तक छुट्टी से लौट आये पर आप चाहे तो बधाई दे सकते वो जरुर स्वीकारी जाएँगी । 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Read more...

हर शख्स आज है भूखा, बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, June 23, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
इस ब्लाग चौपाल में हमारी ऐसी कोशिश रहती हैं कि हम ज्यादा से ज्यादा नए ब्लागरों को भी मौका दें। हमें जितने नए ब्लाग नजर आते हैं उनको शामिल करने की कोशिश रहती हैं। आज भी कुछ नए ब्लाग चर्चा में शुमार हैं। इसी के साथ हम हर ब्लाग को लेने का भी काम करते हैं फिर चाहे वह किसी का भी ब्लाग हो। हमें हमारे इस काम से विचलित करने की कोशिश लगातार जारी है, पर हम विचलित होने वाले नहीं हैं। चलिए आज की चर्चा की तरफ चलते हैं- 

हर शख्स आज है भूखा* (१) दिन रात की मेहनत, नहीं मिलता मेहनताना इतना कि भर ले उदर अपना खा के रूखा सूखा गुजर रही है जिन्दगी, रह एक जून भूखा (२) पाके लक्ष्मी कृपा असीम, विलासिता ...
ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु कठिनाई यह है कि, आज के जमाने में, वे वस्तुएँ भी केवल रुपये अदा...
मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" यानि की *ताऊ का गधा *आप सबको रामराम करता हूं. पिछले दिनों आपने बेमौसम ताऊ को सुर्यग्रहण जैसा लगता देखा होगा. मुझे भी बडा आश्चर्य हुआ. पर ताऊ का बिगडा मूड और पास मे रखा लठ्ठ देख...
आज, 24 जून को Hindi Tech Blog - तकनीक हिंदी में वाले नवीन प्रकाश का जन्मदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ वैसे, आज एक ब्लॉगर साथी की वैवाहिक वर्षगांठ भी है, देखिएगा संध्या 4:30 की पोस्ट *आने वाले **जनमदिन 
कैसा ये इत्तेफाक़ है ....कश्मीर के पंडित और मुसलमान एक से ही तो लगते हैं....फिर भी ये घाटी हर दिन खून से नहाती है....क्यूँ ???? Publish Post 
संसार में सबसे खुशकिस्मत इनसान कौन है... सबसे खुशकिस्मत इनसान वो है जिसके बेटे की फोटो *बिज़नेस वर्ल्ड* के कवर पर छपती है... सबसे खुशकिस्मत इनसान वो है जिसकी बेटी की फोटो *इंडिया टुडे* के कवर पर छपती ...
अमेरिका में रहते हुए एक दिन library जाना हो गया। पुस्तकों की एक रेक में दो तीन पुस्तकें बच्चों की पोटी ट्रेनिंग पर ही थी। बड़ा अजीब सा लगा कि इस विषय पर भी पुस्तक लिखी जा सकती है क्या? अभी प्रपोत्र 3 वर्ष 
'ग्रुप कैप्टन' तेंदुलकर रिपोर्टिंग सर ! " भारतीय वायु सेना [आईएएफ] मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को 'ग्रुप कैप्टन' के पद से सम्मानित करेगी और इस महान बल्लेबाज ने कहा कि वह आईएएफ से जुड़कर खुद को गौरवांव...
मैंने 'राजनीति' देखी -*प्रकाश झा की राजनीति* -कहीं की इंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा...कुछ महाभारत के पात्रों के किरदार लेकर उन्हें मौजूदा हालातों पर आरोपित कर दिया तो कुछ दृश्य *सरकार* से ले मारा ...
करण समस्तीपुरी खखोरन चौधरी के बाबू-माय अकाल काल को प्यारे हो गए थे। फूस के घर में छोड़ गए एगो लड़का खखोरन, एगो भुल्ली भैंस, एगो नाद, एगो चूल्हा और दू-चार गो बर्तन। उनके जाए के बाद उहो चूल्हा बर्तन समझिय...
बेमौसम आँधीं चलें, दुनिया है बेहाल। गीतों के दिन लद गये,गायब सुर और ताल।। * *----* *नानक, सूर, कबीर के , छन्द हो गये दूर। कर्णबेध संगीत का , युग है अब भरपूर।। ----* *रामराज का स्वप्न अब, लगता है इतिहा...
1. यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता, तो उसे याद कर आज का दिन व्‍यर्थ न गँवाइए।राजभाषा हिन्दी 2. ई गोरकी सब्बे लोकनी के हरान कई देहलस.... अबहीं उपरे की सीट पर शकीरा का गाना सुन... 
मैं 24 जून को दोपहर तक सपरिवार जयपुर पहुंच रहा हूं और 27 की सुबह दिल्‍ली के लिए वापिस निकलूंगा। इस दौरान मैं चाहता हं कि किसी दिन जयपुर वालों की व्‍यस्‍त दिनचर्या को भंग करूं। पर वो दिन और समय कौन सा होगा...
मेरी छत से उसकी बालकनी दिखती है. मैंने उसे कई बार आसमान में जाने क्या ढूंढते देखा है. वो लड़की भी अजीब सी है...खुद में हँसती, सोचती, उदास होती...शाम को उसका चेहरा उदास दीखता है, मालूम नहीं ये शाम के रंगों का...
हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में पंचायतों के आतंक की जो दिल दहला देने वाली कथाएं अक्सर सुनने को मिलती रहती हैं, वैसी कहानी देश की राजधानी से सुनने को मिलेगी, कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। लेकिन यह सच है। 
"क्या रंगीं जमाल चेहरा आंखों को भा गया है आंखों के रास्ते वो दिल में समा गया है" "सखी पनघट पर जमुना के तट पर लेकर पहुंची मटकी भूल गई एक बार सब जब छवि देखी नटखट की" इस एल्बम का नाम है श्याम दी कमली इस प्यार...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 

Read more...

नयनो से बड़ा होता कोई शिल्पकार नहीं, उदास आँखों में छुपी झुर्रियों की दास्तान-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Tuesday, June 22, 2010

  सभी को नमस्कार करता है आपका राज
चलिए आज की ब्लाग चौपाल सजाते हैं 
आपको तरह-तरह के ब्लागों से मिलाते हैं
बहुत पहले रायपुर में मेरे शायर मित्रों ने एक मिसरा दिया था-''वो कहीं पर भी कामयाब नहीं'' तरही मिसरा के बारे में सुधी पाठक जानते ही है, कि एक लाइन दे दी जाती है, फिर उसको शामिल करके कुछ शेर कहने पड़ते है. 
नयनो से बड़ा होता कोई शिल्पकार नहीं गढ़ लेते हैं स्वप्न जिनका कोई आधार नहीं एक ख्याल की बंदिश पर कई राग सजाते है, यूँ ही बैठे बैठे, न जाने किंतने आलाप लगाते हैं वो सरगम गाते हैं जिसका कोई रचनाकार नहीं 
एक मंत्री जी ने मंच से अपनी सरकार की, सौ दिन की उपलब्धियां यथाशक्ति गिनायीं तब नीचे खड़ी जनता ने भी, अपनी आदत के अनुसार ही पुरजोर तालियाँ बजायीं मंत्री जी जब थक कर नीचे उतरे तभी एक बूढी माँ किसी तरह ...
सन्‍तुष्‍टता और खुशी साथ-साथ रहते हैं। हम जो हमें मिला है उससे कितने संतुष्ट रहते हैं? यह बात निर्विवाद सत्य है कि संतुष्टि ही हमें सच्ची प्रसन्नता देती है।...
 
ख्वाब हैं कि एक जिद्दी बच्चा , जितना मना करो उतने ही आ जाते हैं इन्हें नींद की भी दरकार नहीं खुली आँखों में ही समा जाते हैं. 
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से वे जग जाती हैं,और पुराना जीवन याद करने लगती हैं कि कैसे वे चौदह बरस **की** उम्र में शादी कर इस घर में आई थीं,पति कॉलेज में थे.बाद में वही स्कूल में शिक्षक बन गए. दादी सास...
मोहब्बत के सफर पर चलने वाले राही सुनो, मोहब्बत तो हमेशा जज्बातों से की जाती है, महज़ शादी ही, मोहब्बत का साहिल नहीं, मंजिल तो इससे भी दूर, बहुत दूर जाती है । जिन निगाहों में मुकाम- इश्क शादी है उन निगाहों ...
आओ ज्ञान बढ़ाएँ: पहेली-38 का सही उत्तर है- *झूठे का चढ़ाया हुआ मन्दिर, इन्द्र-भवन, टुन्यास, पूर्णागिरि, * *जिला चम्पावत (उत्तराखण्ड)* [image: IMG_1347] *झूठे मन्दिर की कथा- * *** प्राचीन समय में एक सेठ जी ...
जबसे ब्लागिंग से जुड़ा हूँ तबसे ब्लागर भाई बहिनों से मुलाकात के अवसर प्राप्त होते रहते हैं . दो दिन पहले समीर जी द्वारा इस आशय का मुझे मेल प्रेषित किया गया की जी का दिनांक २२-६-२०१० शाम को जबलपुर आगमन हो र...
बहुत दिन से जद्दोजहद चल रही थी की कैसे हिंदी लेखन के लिए एक ओफलाइन टूल को लैपटॉप पर डाला जाए. अभी तक करीब कुल मिलाकर लगभग १०० से ऊपर पोस्ट हो गयी होंगी मेरे तीनों ब्लोग्स पर, सारी ब्लोग..

आजकल कोई किसी को रिश्ता नहीं बताता...संयुक्त परिवार रहे नहीं, न्यूक्लियर फैमिलीज़ का चलन है...ऐसे में शादी लायक बेटे-बेटियों के लिए ज़्यादातर अखबार-पत्रिकाओं में मेट्रीमोनियल एड्स, मेट्रीमोनियल वेबसाइट्स...
धनपतियों का संसद में क्या काम!* *राजनीति जनसेवा है, पूंजीपति चाहें तो वैसे ही कर सकते हैं* *चार सौ चोदह फीसदी बढी है युवराज की संपत्ति पांच सालों में* *करोडपति सांसदों की तादाद बढी राज्य सभा में* *रा...
एक टीवी चैनल स्थापित करने में करोडों रुपए लगते हैं और उसे चलाने में और करोड़ों रुपए हर साल। दिल्ली में एक ऐसा टीवी चैनल है जिनके मालिक कश्मीरी गेट के एक अपेक्षाकृत गरीब परिवार में पैदा हुए थे. वे जिस...
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे

Read more...

कितनी खुबसरत जिंदगानी है-गर्व है हम हिन्दुस्तानी हैं- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, June 21, 2010

 
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
दुनिया में हर किसी को अपना देश ही प्यार लगता है। इसमें शक नहीं है कि सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा है। हर भारतीय को हिन्दुस्तानी होने पर गर्व होता है और होना भी चाहिए। आज की चर्चा में अदा की पोस्ट ने ज्यादा मन मोहा है। देखें कौन क्या कहता है- 
 
 
ख़्वाब मेरे उठे थे, तूने क्यूँ सुला दिया नाम के ताने बाने में क्यूँ उलझा दिया रुक्न की हद तक हम पहुंच ही गए थे क्यूँ बे-वक्त का ये मक्ता रचा दिया दिल है मेरा ये तू वज़न क्यों देखता है धड़कन को मेरी क्यूँ...
 
मैंने आँखों में एक नया सपना सजा लिया है मैंने उन्हें तहेदिल से फिर से अपना लिया है. फिर किसी की जुदाई में क्यों आंसू निकलते हैं ग़मों की छाया में रहकर हँसना सीख लिया है
 
 
यह पोस्‍ट डॉ. सुभाष राय जी द्वारा लिखी गई है परंतु इसे पोस्‍ट करने का कार्य मैंने किया है। अब यह रिपोर्ट आपके मनन के लिए पेश है। इस संबंध में इत्‍तेफाक रखते हुए मैं अपनी सभी पोस्‍टें दिल्‍ली पहुंचने के ...
 
 मकान बिकाऊ है बस यही विज्ञापन देखकर नहीं खरीदना है मकान मुझे तो घर चाहिए... घर। * *घर कि- जिसमें कुछ जोड़ी सुंदर आंखे करती हो मेरा इन्तजार * *घर कि- जिसके आंगन में हो रस्से का बना एक झूला पौधे हरे-हरे
 
 
इत्तेफ़ाक की बात है कि अभी कुछ दिनों पहले ही एक साथी ब्लोग्गर ने अपनी जिज्ञासा ज़ाहिर करते हुए पूछा था कि फ़ौलोवर बनने और बनाए जाने के पीछे का औचित्य क्या है ? और जैसा मुझे याद है कि मेरे द्वारा दी गई टिप...
 
मेरे छाता की यात्रा कथा और सौ जोड़ी घूरती आंखें!! --- --- मनोज कुमार (भाग-२) पिछले भाग में आपने मेरे छाता की यात्रा कथा के तहत उसके साथ बरसात का एक दिन बिताया। आपको याद दिला दूं आप मेरे साथ यहां थे  
 
 
पिछले आलेख में हमने जाना कि पृथ्‍वी की घूर्णन गति के फलस्‍वरूप सूर्य 24 घंटों में एक बार आसमान के चारो ओर घूमता नजर आता है। इस कारण सूर्य की स्थिति को देखते हुए किसी भी लग्‍नकुंडली के द्वारा बच्‍चे के जन्‍...
 
संजीव शर्मा कहते हैं- बच्चे ही रहें बाप के 'बाप' तो न बने..
शुरुआत हमेशा की तरह किसी पुरानी कहानी से:एक किसान का संपन्न और खुशहाल परिवार था.चार बेटे थे ,पिता के रहते उन्हें धन-दौलत और घर परिवार की कोई फ़िक्र नहीं थी. जब किसान बूढ़ा और बीमार हुआ तो उसने बेटों को 
 
दीया आस का विश्वास का प्रेरणा का प्रतीक बन आशाओं का संचार करता मगर टिमटिमाती लौ वक्त की आँधियों से थरथराती टूटे विश्वास की बिना किसी आस की गहन वेदना को समेटे हुए कंपकंपाते पलों को ओढ़कर अपने आगोश में...
 
रवीन्द्र प्रभात बता रहे हैं- दीपक शर्मा की एक ग़ज़ल और एक नज़्म
ग़ज़ल लो राज़ की बात आज एक बताते हैं हम हँस-हँसकर अपने ग़म छुपाते हैं, तन्हा होते हैं तो रो लेते जी भर कर सर-ए-महफ़िल आदतन मुस्कुराते हैं. कोई और होंगे रुतबे के आगे झुकने वाले हम सिर बस खुदा के दर पर झुकाते...
 
नवीन प्रकाश बता रहे हैं- इंटरनेट कनेक्शन को लगाइए ताला
अपने इंटरनेट कनेक्शन को औरों की पहुँच से दूर रखिये इस औजार के उपयोग से । इसके प्रयोग से आप किसी कंप्यूटर पर इंटरनेट का प्रयोग रोक पायेंगे । आपका इंटरनेट चाहे डायल अप् हो या लैन कनेक्ट तो होगा पर कोई वेबपेज ...
 
समाचार4मीडिया.कॉम के माध्यम से यह खबर मिली है कि सरोजिनी नायडू पुरस्कार 2010 के लिए ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ ने प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ पंचायतों में महिला नेत्रियों के संघर्ष और सफलता की...
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 
 
 
 
 

Read more...

यह कैसी गुस्ताखी ...? , पोर्नोग्राफी पर महिला संगठनों की चुप्पी क्यों ?- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Sunday, June 20, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

 बात-बात पर हल्ला मचाने वाला महिल संगठन वास्तव में एक महिला के अपने पति के खिलाफ पुलिस में जबर्दस्ती ग्रुप सेक्स की शिकायत करने के बाद चुप कैसे है यह विचारणीय सवाल है। महिला संगठनों को आगे आना चाहिए। आज की ब्लाग चर्चा में जगदीश्वर की एक पोस्ट अच्छी लगी जिस हमने अहम बनाया है। चलिए देखे कौन क्या कह रहा है- 
 
हाल ही में दिल्ली में एक महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में जबर्दस्ती ग्रुप सेक्स की शिकायत की और बताया कि उसके साथ यह नारकीय काण्ड 4 साल से चल रहा था। ग्रुप सेक्स का यह पहला सार्वजनिक ...
 
दहाये हुए देश का दर्द-66 यह जैविक सच है कि अगर आदमी जिंदा है, तो इसका मतलब है कि उसके अंदर दिल धड़क रहा है। शायद यह सिद्धांत राजनेताओं पर लागू नहीं होता। अगर लागू होता, तो त्रासदी पर भी राजनीति करते वक्त उन... 
 
रचना को चोरी करते तो सुना था लेकिन कोई रचना को अपने ढंग से सुधारकर यह कहे कि भाइयों वैसा नहीं ऐसा लिखा जाना चाहिए तो इसे आप क्या कहेंगे। देश के प्रसिद्ध कवि एवं ब्लागजगत के हरदिल अजीज रूपचंद शास्त्री के स...
 
काव्यशास्त्र-19 *आचार्य वाग्भट्ट* आचार्य परशुराम राय कुछ काल तक गुजरात का अनहिलपट्टन राच्य जैन विद्वनों का केन्द्र था। आचार्य हेमचन्द्र, रामचन्द्र, गुणचन्द्र आदि काव्यशास्त्र के अनेक आचार्यों ने ...
 
उन्मुक्तता बढ़ती गयी, उल्लास तो जाता रहा. बेचारगी के दौर में विश्वास तो जाता रहा. खोखलापन हो गया हावी बदन पर दोस्तों, जिन्दगी की ज़ंग का अभ्यास तो जाता रहा. दोस्ती के बोल, रिश्तेदारियों के फलसफे, ...
 
आज दिनांक 21 जून 2010 की दोपहरीली सुबह साढ़े नौ बजे डॉ. बीना शर्मा के आवास पर लखनऊ और दिल्‍ली से आए हुए ब्‍लॉगर जुट रहे हैं। देखिए हिन्‍दी ब्‍लॉगर कैसे जुड़ रहे हैं। जुड़ती है जैसे अच्‍छाई, परवान चढ़ती 
 
 
घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा "घुरुवा" के आय अउ एक ठन हा बस्ती के, जेन ला "घुरुवा" च केहे जा सकथे. हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा "घुरुवा" के का महत्त्व 
 

हे पिता, तुम्हें शत-शत प्रणाम. तुमने मुझे इस दुनिया में मनुष्य के रूप में आने का अवसर दिया, अपने रक्त से मेरे मष्तिष्क को, ह्रदय को सींचा, इसके लिए मैं तुम्हारा जन्म-जन्मान्तर ऋणी रहूँगा. यह जीवन एक ऐसा सु..
 
 प्रायः हिन्दी पर अंग्रेजी का अंकुश दिखाई ही देता रहता है। एक दीवार पर विज्ञापन में लिखा था "अंदर स्ट्रांग, चले सबसे लांग"। फिल्म का नाम रखा जाता है "जब वी मेट"। बच्चों को हिन्दी की गिनती नहीं आती, वे अक्सर...
 
 
  अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 

Read more...

ब्लागवाणी को क्या हो गया-क्या उसका सरवर सो गया- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, June 19, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
ब्लागवाणी पर कल से तालाबंदी है। पता नहीं क्या हो गया है, हमें तो लगता है उसका सरवर सो गया है। अब यह तो उसके संचालक ही बता सकते हैं कि क्या हुआ है। खैर हम चलते हैं आज की चर्चा की तरफ। रविवार की छुट्टी में देखें किसने क्या गुल खिलाए हैं अपने ब्लाग में। 
 
ब्लॉगवाणी को क्या हो गया भाइयों। कोई बता सकता है कि इसे सॉप क्यों सूंघ गया है कल से ??????? 18 तारीख को 3.19 PM से ख्वाहिशें ऐसी वाले रामकुमार सिंह जी की पोस्ट पर अटका हुआ है। सबेरा होकर पूरा 19 निकल गया क...
 
कल सायं 03:19 के बाद से ब्लोगवाणी में हिन्दी ब्लोग्स के पोस्टों का अद्यतनीकरण (updation) नहीं हो रहा है। ब्लोगवाणी के प्रशंसक निराश हैं। हमने तो यही अनुमान लगाया था कि शायद ब्लोगवाणी का रख-रखाव (maintenanc...
 
अदा' कहती हैं- इन्डली .....ब्लॉग वाणी ....
 
कल से ब्लॉग वाणी को बंद देख कर राहत भी हुई है और चिंता भी ...लेकिन एक बार मन ने ज़रूर कहा बहुत अच्छा हुआ ब्लॉग वाणी बंद है...ब्लॉग का माहौल ख...
 
 
मंगलवार से गले में खरास और उससे उपजे विकारों ने घेर रखा था, तेज बुखार और एक पर एक पार्टियाँ टोरोंटो में...सब कुछ बढ ही रहा था, जब तक शिकागो घर कैब वाले ने पटका. उसके बाद गरारे और पानी की पिलाई करी जमकर. ...
 
हमारे मित्र डॉ0 वीरेन्द्र सिंह यादव को लेकर एकदम ही नौसिखिये होने के कारण.. कल कुछ गलती हो गई थी वही पोस्ट आज फिर क्षमा करियेगा आया। करियेगा पॉडकास्ट का मन किया, इस चक्कर में अपनी पहली PODCASTING POST आपके...
 
मत छेड़ो तंत्री के तार ! बिखर जायेंगे छूते ही ये, गले विरह में बन कर छार ! मत छेड़ो तंत्री के तार ! उर में अब उल्लास न आता, नहीं आज है कुछ भी भाता, सजनि प्रेम की मधुर रागिनी को अब कौन यहाँ है गाता, रे गायक 
 
 
"अरे!...गांधी जी...आप?...आप यहाँ कैसे?...प्रणाम स्वीकार करें"... "इधर-उधर क्या देख रहे हैं जनाब?..मैं आप ही से...हाँ-हाँ ...आप ही से बात कर रहा हूँ".... "तो फिर ये *‘गां...
 

Source: गोपालकृष्ण गांधी | *इससे पहले* - मोहल्‍ला लाइव, यात्रा बुक्‍स और जनतंत्र का आयोजन - ऐसी क्यों है जिंदगी चेन्नई में वह टैक्सी मुझे सेंट्रल स्टेशन की ओर लिए जा रही थी। सुबह के पांच बज...
 
दलित उत्पीडन की ख़बरें अक्सर अख़बारों में सुर्खियाँ बनती है फिल्मो में भी अक्सर दिखाया जाता रहा है कि एक गांव का ठाकुर कैसे गांव के दलितों का उत्पीडन कर शोषण करता है | राजनेता भी अपने चुनावी भाषणों में दलितो...
 
शशि कहती हैं- बोल्ड फिल्म है ”मिस्टर सिंह मिसेज मेहता ” -- प्रशांत नारायण
केरल में जन्मे व दिल्ली में बढे हुए प्रशांत बैडमिंटन के चैंपियन रह चुके हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में पढाई की है. १९९१ में प्रशांत दिल्ली से मुंबई आ गये अपने अभिनय सफ़र को मं...
 
 
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 
 
 
 

Read more...

लिंग समानता बनाम नारी-सशक्तीकरण, “कामुकता में वह छला गया-ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, June 18, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

 
आज नहीं करेंगे किसी के समय का खर्चा 
सीधे करेंगे हम ब्लाग चर्चा .....
 
क्या चीज है यह जबान भी? कभी बड़े भाई जैसे अपनत्व भरे शब्द को वैमनस्य भरा शब्द बना देती है *"जबान संभाल के बड़े भाय ... बहुत मंहगा पड़ेगा हमसे उलझना"* के रूप में। तो कभी लल्लू जैसे मखौल उड़ाने के लिये प्रयोग कि..
 
जब इन्फ़ोसिस के पूर्व सीईओ नन्दन नीलकेणि ने बहुप्रचारित और अनमोल टाइप की “यूनिक आईडेंटिफ़िकेशन नम्बर” योजना के प्रमुख के रूप में कार्यभार सम्भाला था, उस समय बहुत उम्मीद जागी थी, कि शायद अब कुछ ठोस काम होगा, लेकिन जिस तरह से भारत की सुस्त-मक्कार और भ्रष्ट
  
रो रहा क्यों व्यर्थ रे मनकौन अपना है यंहा पर .मिट गयी हस्ती बड़ों की है हमारी क्या यंहा पर . सबको अपनी ही पड़ी हैचल रहे सब भावना मेंस्वप्न सब बिखरे पड़े जबहै कान्हा कुछ कल्पना में . . स्वर्ग-सुख के मोह में आनरक में मैं बस गया हूँ . आज जग के जाल में कुछ
 
अग्नि को साक्षी मान कर॥ सात फेरे हम लिए॥ हम तुझे जाने न देगे॥ गम कभी आने न देगे॥ लड़ जाए उस बला से॥ जो तेरा अपमान करे॥ मांगना है मांग लो॥ हम आसमा के तारे देगे॥ हम तुझे जाने न देगे॥ गम कभी आने न देगे...
 
कोई इक खूबसूरत, गुनगुनाता गीत बन जाऊँ, मेरी किस्मत कहाँ ऐसी, कि तेरा मीत बन जाऊँ. तेरे न मुस्कुराने से, यहाँ खामोश है महफ़िल, मेरी वीरान है फितरत, मैं कैसे प्रीत बन जाऊँ. तेरे आने से आती है, ईद मेरी औ ...
 
1973 में रची हुई एक रचना” *जल में मयंक प्रतिविम्बित था, अरुणोदय होने वाला था। कली-कली पर झूम रहा, एक चंचरीक मतवाला था।। * *गुंजन कर रहा, प्रतीक्षा में, कब पुष्प बने कोई कलिका। मकरन्द-पान को मचल रहा, ...
 
ये पोस्ट मेरे शोध कार्य का अंश है. मैं इस विषय पर शोध कर रही हूँ कि किस प्रकार हमारे धर्मशास्त्रों ने नारी-सशक्तीकरण पर प्रभाव डाला है? क्या ये प्रभाव मात्र नकारात्मक है अथवा सकारात्मक भी है? जहाँ एक ओ...
 
दो-तीन दिनों से कम्प्यूटर हड़ताल पर था इसलिए मैं शांत बैठा रहा, खैर अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है। ब्लाग जगत में कौन वरिष्ठ है और कनिष्ठ है इसका कोई पैरामीटर मेरे पास तो है नहीं। मैं तो सिर्फ एक ही बात जानता हू...
 
हमारे क्युबिकल्स के बीच एक मौन खिंचा है। कीबोर्ड की किटकिटाहटें, ग्राहकों से की गई बातें और इंटरकॉम की सौम्य कुनमुनाहटें रूटीन हैं, 'मौन' में शामिल हैं। कितनी बार लगा कि मैं चुप तुमसे कुछ कह जाता हूँ। 
  
आफिस में जाकर पता चला कि नौकरी या तो पत्नी को मिलेगी या फिर बेटे को. अगर पत्नी न कर सके तो जगह सुरक्षित रखी जाएगी और बेटे को मिल जायेगी. रहने का मकान भी सुरक्षित रहेगा. पेंशन पत्नी को मिलेगी
  
बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता एवं जस्टिस सुनील सिन्हा की युगलपीठ ने एसईसीएल के खिलाफ कोयला उत्खनन के लिए ग्राम लाट में भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा नहीं देने संबंधी दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। शासन ने अपने जवाब में याचिका को जनहित के
  
फ़िरदौस ख़ानभारत विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का देश है। प्राचीन संस्कृति के इन्हीं रंगों को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बिखेरने में सपेरा जाति की अहम भूमिका रही है, लेकिन सांस्कृतिक दूत ये सपेरे सरकार, प्रशासन और समाज के उपेक्षित रवैये की
  
हिमालय की ऊँची बर्फीली चोटियाँ और कल कल बहती नदियाँ, सरसों के पीले फूलों में लहराते गेहूं के हरे भरे खेत,  ऊँचे ऊँचे देवदारों से झांक के सूर्य की किरणें रही हैं देख,  तुम कहोगे गाँव है मेरा मैं कहती हूँ बचपन था सुनहरा,  पर अफ़सोस न गाँव रहा
  
पंजाब में ऑनर किलिंग का एक और मामला जुड़ गया है। बिहार में प्रेम विवाह रचाकर पंजाब आए प्रेमी युगल की फगवाड़ा में 16 जून कि रात बुधवार को देर रात लड़की के परिजनों ने तेजधार हथियार से गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। फगवाड़ा के गांव महेड़ू में इस घटना को उस
  
फरजाना और मेरा वैवाहिक साथ आज पन्द्रहवें साल में दाखिल हो रहा है। धूप छाँव के खेल में जितना मैं पिसता हूँ उससे कहीं ज्यादा वो... ये तो आप भी जानते/ती हैं । आप की बधाइयां एक बार फिर हमें इस बुरे दौर में डट कर खड़े रहने की हिम्मत देंगी ..

अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
.
 
 
 
 
 
 
 
 

Read more...

About This Blog

Blog Archive

  © Blogger template Webnolia by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP