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दिमाग हिलाने वाला भ्रटाचार -पैसा ही अब सबका ईमान है-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Tuesday, November 30, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
अपने घरों और दफ्तरों में समाज से कोसों दूर एयर कंडीशन में रहने वाले जजों ने देश में निरंतर फेल रहे भ्रटाचार के रहस्योघाटन पर तिप्प्प्नी करते हुए चिंता जताई हे और अपने ही अंदाज़ में खुली अदालत में उनके मुख स...
 
जमाने में कहा वफा है हर कोई लगता बेवफा है।। हमने हसीनों को भी देखा है उनके चेहरे में भी फरेब छिपा है।। बेवफाई उनकी अदा है धोखा उनका काम है।। आशिकी का यही इनाम तभी तो प्यार बदनाम है।। आज के प्रेमी नाकाम सारे...
 
देश में होने वाले नित नए खुलासों ने आम आदमी को विस्मित कर दिया है, कल तो जो आदर्श थे वही आज भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार दिखाई दे रहे हैं, राजनेता, उद्योगपति, पत्रकार, अफसर सब कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में लि...
 
दिसंबर का महीना आ गया है ! सर्दी ने अपने रंग दिखाना आरम्भ कर दिया है ! माँ की डायरी में कुछ बहुत ही खूबसूरत कविताएं हैं ! प्रत्येक ॠतु में प्रकृति का प्रेयसी के रूप में मानवीकरण कर उसके साज श्रृंगार और भाव...
 
जब दुनिया की हर शय सिमटने लगे जब अपने ही तुझको झिड़कने लगें तेरा मयखाना खाली होने लगे हर रंग बदरंग होने लगे तू खुद से बेपरवाह होने लगे राहें सभी बंद होने लगें जब ज़िन्दगी भी दोज़ख लगने लगे कायनात का आखिरी...
 
" जलवायु परिवर्तन सम्मलेन " कानकुन बनाम कोपेनहेगन
क्रिस्टीना फिगरेस मेक्सिको के कानकुन शहर में संयुक्त राष्ट्र "जलवायु सम्मेलन " प्रभावी कदमों और समझौतों की अपीलों के साथ आज शुरू हुआ . पिछले साल इसी प्रकार का सम्मेलन कोपेनहेगन में हुआ था...
 
डा.कलाम से एक मुलाक़ात....मेरी नहीं ...मेरी ममता भाभी की
अपनी ममता भाभी का जिक्र मैं कई बार अपनी पोस्ट में कर चुकी हूँ...लेखन की दुनिया में वापसी उनके सतत प्रोत्साहन से ही संभव हुआ. अपने पहले ब्लॉग का नाम...उसका परिचय सब ,पहले उन्हें ही दिखाया...उनके आश्वासन पर...
 
(वर्ल्ड एड्स दिवस पर) मेरे शरीर में रहता है एक वायरस वैसे ही जैसे अपने शरीर में रहता हूँ मैं खुद... जैसे रहते हैं यहाँ खून,पानी,ऑक्सीजन,साँसें, फेफड़े,गुर्दे, चिंता , मुस्कुराहटें, ह्ताशाएँ,निराशाएँ,...
 
मीडिया में अद्भुत दृश्य चल रहा है। टाटा से लेकर अनिल अम्बानी तक ,देशी-विदेशी राजनयिकों से लेकर अमेरिका के महान ताकतवर लोगों तक सबको आप मीडिया में नंगा देख सकते हैं। अमीर इस तरह नंगे कभी नहीं हुए। 
 
चाहे हम लाख कहें पर सच्चाई यही है कि ब्लाग जगत एक परिवार ना हो कर एक मध्यम वर्गीय मोहल्ला है। जो तरह-तरह के स्वयंभू उस्तादों, गुरुओं, आलोचकों, छिद्रान्वेषियों का जमावड़ा होता जा रहा है। जहां एक दूसरे की टां...
 
हमारीवाणी.कॉम पर आप केवल अपना ब्लॉग ही पंजीकृत करा सकते है, ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि बहुत सरल हैं। इसके लिए सबसे पहले यहाँ चटका (click) लगा कर अपनी ID बनाई जाती है, उसके उपरान्त प्रष्ट में सबसे ऊपर, बाएँ...
 
अपने १४ मंजिले फ्लैट की बालकनी में खड़ा वह आदमी जो उड़ा रहा है सिगरेट के धुंए का छल्ला तेजी से चहलकदमी करते हुए किसी फिल्म के किरदार की तरह लगता है आकर्षक सड़क से भीतर उसके भी चल रहा होता है ऊपापोह ...
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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पर्दा जो उठा तो , इस मिट्टी में जनमा जो , आख़िर वो यहीं समाएगा !-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, November 29, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
आज छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग नगर में एक अद्भुत आयोजन हुआ जिसमें परम्‍पराओं को सहेजने की मिसाल कायम की गई, पारंपरिक छत्‍तीसगढ़ी संस्‍कृति से लुप्‍त होती विधा 'सुआ गीत व नाच' का प्रादेशिक आयोजन आज दुर्ग की धरती पर...
 
जुड़वा बच्चों में बड़ा कौन...*इस सवाल पर *पंडित राधेश्याम शर्मा* का मत बताने से पहले कुछ और अहम बात...मेरी कल की पोस्ट पर आई टिप्पणियों से एक बात साफ़ हुई कि माता-पिता के अंतिम संस्कार का अधिकार उसी संतान...
 
छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव के लिए सरकार ने तीन करोड़ का बजट मंजूर किया है। इतने बड़े बजट के बाद भी राज्य स्तर की स्पर्धाओं के लिए महज एक हजार रुपए की इनामी राशि पर खेल बिरादरी में चर्चा हो रही है कि आखिर ...
 
 पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम एप सितारों की तरह चमकें की चौथी पेशकश ...राजेन्द्र स्वर्णकार बीकानेर से कुछ इस तरह से "अमन का पैग़ाम दे रहे हैं….. [image: rajendra] सच में आज इंसान इंसानियत खो'कर कुछ 
 
सूचना तकनीकी की दुनिया लगातार आपका काम आसान बना रही है। आइटी ने ऐसा ही एक बड़ा कमाल किया है भाषा के क्षेत्र में। अब आप अपनी भाषा में बिना टाइप किए एसएमएस भेज सकेंगे। यानी,मोबाइल कीपैड पर निर्भरता खत्म होने...
 
पर्दा जब भी उठा हर शख्स मुझे बे लिबास दिखा हे जुबां पर अपनापन दिलों में ज़हरीला खंजर दिखा हे इलाही जिन्हें मेने अपना समझा उनका बेवफाई का यह अजीब मंजर मुझे क्यूँ दिखा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 
 
एक बहुत पुरानी रचना है आप भी आनंद लीजिए अवकलन समाकलन फलन हो या चलन-कलन हरेक ही समीकरन के हल में तू ही आ मिली घुली थी अम्ल क्षार में विलायकों के जार में हर इक लवण के सार में तु ही सदा घुली मिली घनत्व के मह...
 
वाणी की विशेषता व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहने को अच्छा बताया गया है.यह वाणी की प्रथम विशेषता है.सत्य बोलना वाणी की दूसरी विशेषता है.प्रिय बोलना वाणी की तीसरी विशेषता है.धार्मिक बोलना वाणी की चौथी...
 
अनंत यात्राओं की अंतहीन पगडंडियों पर चलते चलते जब कभी थक जाती हूँ तब कुछ पल जीना चाहती हूँ सिर्फ तुम्हारे साथ तुम्हारी आशाओं अपेक्षाओं और अपनी चाहतों के साथ जहाँ मेरी हर चाहत परवान चढ़ सके और तुम्हार...
 
हैमलेट शेक्सपीयर का लिखा एक प्रसिद्द नाटक है जो अक्सर या तो 10th या 12th में अक्सर कोर्स में होता है. इसी नाटक में हैमलेट का एक बहुधा उधृत हिस्सा है, हैमलेट का एकालाप....to be or not to be.... यह हैमलेट क...
 
माँ जीती कम जागती ज़्यादा है...!
माँ ...! जीवन जीती कम जागती ज़्यादा है.....! माँ ...! खरीदती कम हिसाब लगाती ज़्यादा है....! माँ ...! हंसती-गाती कम मुस्कुराती ज़्यादा है....! माँ ...! बोलती कम मन में बुदबुदाती ज़्यादा है...! माँ ...! हिदाय...
 
बाँसुरी किसने फिर यमुना के तीर बजाई है ? -रंजना भाटिया
रंजना भाटिया- आज फिर से मेरी जान पर बन आई है । बाँसुरी किसने फिर यमुना के तीर पर बजाई है। खिलने लगा है फिर से मेरे चेहरे का नूर, फिर से कोई तस्वीर दिल के आईने में उतर आई है। पिघलने लगा है फिर से दिल का...
बचपन से आज तक बहुत बार सत्यनारायण भगवान् की कथा सुनी । पंडितों ने लीलावती, कलावती से ज्यादा कुछ नहीं बताया। पाँचों अध्याय कंठस्थ हो चुके थे। गत माह पुनः निमंत्रण मिला हरी कथा सुनने का। श्रद्दा से कथा पाठ प...
 
एक सार्थक पोस्ट * *पैसिव स्मोकिंग " के बारे में ग्राम-चौपाल प्रकाशित पोस्ट **" सावधान : सवा अरब तंबाकू पीने वाले पौने पांच अरब लोगों को " पैसिव स्मोकिंग " के लिए कर रहे मजबूर "** का असर यह हुआ कि एक ब्...
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
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एक उदास कविता...जैसे तुम -आखिर कहां जाएगा -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Sunday, November 28, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  
 
आदिवासी समस्या राष्ट्रीय समस्या है। भारत की राजनीति में आदिवासियों को दरकिनार करके कोई राजनीतिक दल नहीं रह सकता। एक जमाना था आदिवासी हाशिए पर थे लेकिन आज केन्द्र में हैं। आदिवासियों की राजनीति के के...
 
पेश ए खिदमत है इस्मत जैदी "शेफा कजगांवी " अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की तीसरी पेशकश……**[image: zaidi] **ये ग़ज़ल अम्न और शांति का संदेश देने के साथ साथ एक चेतावनी भी है देश के दुश्मनों ,फ़ि...
 
आख़िर कार देश के गाँवों की अहमियत को समझते हुए वर्तमान संप्रग सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में २०१२ तक पूरे देश के सभी गाँवों को पूरी तरह से तेज़ गति के इन्टरनेट से जोड़ने की दिशा में सही कदम उठा दिया है. इ...
 
चेहरे पर नकाब लगाए , या बार बार चेहरा बदले , है वह क्या ?जान नहीं पाता , पहचान नहीं पाता , विश्वास टूट जाती है , बार बार चेहरे पर चेहरा , हर बार अजनबी अहसास , अपना सा नहीं लगता , वादा करके मुकर जाना , हर बात...
 
पुलिस को खुफिया सूचनाएं एकत्रित करने के लिए राजधानी भोपाल में खोले जाने वाले जासूसी स्कूल को लेकर देरी हो रही है। इस योजना के तहत सिपाही से लेकर एएसपी स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की योजना तैया...
 
क्यूँ यह मसला उलझता जाता है?* *तेरा रहम वक़्त-बे-वक़्त कहाँ गुम हो आता है?* * * *जब झुलसते हैं आग में मकां,* *तब बरसता हुआ बादल क्यूँ नहीं आता है?* * * *ख़ाक में मिला दिया जाता है जब कोई मजबूर,* *काइनात...
 
लोक शिक्षण संचालक ने राजपत्र के खिलाफ नया आदेश जारी किया है, जिससे पदोन्नति परीक्षा उलझती नजर आ रही है। शिक्षाकर्मियों को हेडमास्टर के पद पदस्थ किए जाने की प्रक्रिया को राजपत्र में पदोन्नति कहा गया है, जबक...
 
गांव सिर्फ खेत-खलिहान या भोलापन नहीं हैं, गांव में एक उम्मीद भी है, गांव में है शहर का रास्ता और गांव में मां भी है... शहर सिर्फ खो जाने के लिए नहीं है.. धुएं में, भीड़ में... अपनी-अपनी खोह में... ...
 
सजा
मेरे दिल में शमा-ए-इश्क जला कर के चल दिए | मेरे इश्क को गलत वो बता कर के चल दिए | पहली नज़र में ही था हमें घायल कर दिया, क्या फायदा कि अब जो नज़र झुका कर के चल दिए | मेरे दिल में........ उन्हें हमसे नहीं है ...
 
अन्तरजाल पर हिन्दी विकिपिडिया, हिन्दी समय, कविता कोश, भारतकोश, ब्रज डिस्कवरी, हिन्दी विश्वकोश, भारत का डिजिटल पुस्तकालय और अनेकानेक उत्कृष्ट हिन्दी साइटे एवं चिट्ठाकार निरन्तर विविध विषयों पर हिन्दी सामग्र...
 
ये मेरे लिए गर्व कि बात है कि मैं अपने शहर (इंदौर) के बारे ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जिस पर मुझे अपने शहर पर गर्व है.....* *आई रिमोट* - कस्टमर कि सुविधा को ध्यान में रखते हुए 'सयाजी' (मेरे शहर का प्र...
 
शीर्षकहीन
राजा हसन के साथ एक और फोटोग्राफ। कल मैंने इसका इंटरव्‍यू लिया था। कई नई बातें सामने आई... [image: Posted by Picasa] 
 
लोग आते हैं अपनी कहते हैं चले जाते हैं हम सुनते हैं ध्यान से गुनते हैं दिल से लगा लेते हैं जब तक संभलते हैं वो किसी और मुकाम पर चले जाते हैं और हम वहीं उसी मोड़ पर खाली हाथ खड़े रह जाते हैं कभी क...
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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गुस्सा करो या प्यार -न भूलेंगे हार, न भूलेंगे प्यार-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, November 26, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
विश्व कप क्रिकेट में खेलने वाली कनाडा क्रिकेट टीम छत्तीसगढ़ से खट्टी-मीठी यादें लेकर शुक्रवार को लौट गई। टीम यहां से मुंबई गई है जहां उसे कुछ अभ्यास मैच खेलने हैं। टीम के कप्तान जुबीन सबकरी के साथ कनाडा क...
 
मद्धम- मद्धम सुलगती आँच और सीली लकड़ियाँ चटकेंगी तो आवाज़ तो होगी ही लकड़ियों का आँच की तपिश से एकीकृत होना और अपना स्वरुप खो देना आँच की सार्थकता का प्रमाण बन जाना हाँ , आँच का होना जीवंत बनाता ...
 
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों से सुरक्षा बलों को जल्द हटाया जाएगा। स्कूलों में नक्सली हमलों को देखते हुए राज्य शासन ने यह फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यहा...
 
है न विचित्र किन्तु सत्य कि हम सब जानते हैंकि गाली देना बुरीबात है लेकिन गाली है कि मुँह से निकल ही जाती है |हमारा अपनी जुबान पर नियंत्रण ही नहीं रहता |पहले भी ब्याह-बारातों में ज्योनार के समय गाली गई जाती...
 
*इस ब्लॉग में अब तक आप अन्य विषयों के अलावा पर्यावरण एवं नशामुक्ति से जुड़े तथ्यों का अवलोकन करते आ रहें है .आज हम ध्रूमपान से ध्रूमपान ना करने वालों पर कितना घातक असर हो रहा है इस पर आपका ध्यान आकृष्ट करें...
 
बाबूजी जब भी देखता हूँ आपकी तस्वीर ** अगले ही पल ** अपने दाहिने कंधे पर ** एक स्पर्श-सा महसूस होता है ** पीछे मुड़ता हूँ अचानक ** आंखों में कोई साया नहीं सुगबुगाता ** मगर आप ** तस्वीर से गायब हो जाते हैं ...
 
दोस्तों आज मुझे आपको देख कर शेख्सपीयर याद आया हे उसने कहा था तुम मुझ से नफरत करो या प्यार करो दोनों ही सुरत में तुम मुझे फेवर करोगे प्यार किया तो मुझे दिल में नफरत की तो मुझे दिमाग में रखोगे जो भी मुझे और मे...
 
महक जी, आपके बिना ब्लोग संसद में दिल नहिं लगता, कहाँ है आप? यदि व्यस्त भी है तो एक बार दर्शन दिजिये……… आपके बिना ब्लोग संसद की कार्यवाही ठंडी पडी है। सभी सदस्यों से अनुरोध सभी उनका पु्नरागमन आह्वान करे।...
 
मंत्र - तंत्र - यंत्र
नए कार्य के गणपति जी का ध्यान - * नया कार्य शुरू करने से पहले गणेश जी को लड्डू व दूब अर्पित करे | सफलता की मनोकामना के साथ सबसे पहले गणपति देव की आरती करें | ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नए कार्य में...
 
सुबह सुबह जब घरेलू काम वाली बाइयों के साथ उनकी छोटी-छोटी लडकियों को सर्दी से बचने के लिये बगल में हाथ दबाये अपनी माँओं के साथ काम पर जाता हुआ देखती हूँ तो मन में दर्द की लकीर सी खिंच जाती है ! जिन छोटे-छोट...
 
मैंने जब ब्लॉग लिखना शुरू किया था तो ये पता भी नहीं था की मेरे ब्लॉग की कभी चर्चा भी होगी.अभी तो ब्लॉग जगत की मुझे आदत भी नहीं पड़ी..काफी नयी ब्लॉगर हूँ.बस पांच पोस्ट अभी तक मेरे प्रकाशित हुए हैं.पोस्ट नही...
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 

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जिंदा हूँ मैं-प्रेम की पीड़ा-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, November 25, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
मुक्तिका: सच्चा नेह संजीव 'सलिल' * तुमने मुझसे सच्चा नेह लगाया था. पीट...
 
मैंने तो बस सच कहा है , लाग लपेट उसमे ना कोइ , इस पर भी यदि बुरा मानो , सोच लो कुछ कहा ही नहीं | आशा 
 
पढ़ी-लिखी हो बीबी काम कुछ करती नहीं सास-ससुर की बात क्या पति से भी डरती नहीं।। सुबह दस बजे तक आराम से सोती रहती हैं उठते साथ पति को बेड-टी का आर्डर देती हैं।। फिर पति को हो चाहे दफ्तर के लिए देर बनाने पड़...
 
साइकिल पर रखकर सामना सुबह सुबह निकल पड़ते हैं किस्मत से लड़ने गली गली आवाज़ लगाते "फोल्डिंग बनवा लो " और फिर कभी कभार ही कोई मेहरबान होता है बुलाता है मोल भाव करता है और बड़ा अहसान- सा करके काम देता ह...
 
साहित्‍य शिल्‍पी में भाई राजीव रंजन प्रसाद नें बस्तर के वरिष्ठतम साहित्यकार लाला जगदलपुरी से बातचीत [बस्तर शिल्पी अंक-2] प्रकाशित की है लाला जी के संबंध में राजीव जी की दृष्टि और साक्षात्‍कार को पढ़ना अच्...
 
मित्रों जरूरी नहीं कि आपका हमराह सदा आपके साथ ही चले, कुछ शिकवे हो सकते हैं, कुछ शिकायते भी.. और बीच मजधार में जब यही शिकवे और शिकायते .... कसमे वायदों पर भारी पड़ती हैं तो मुहं से आह निकलती हैं : प्रस्तुत...
 
कई दिनों से बस सोचता ही रह गया कि आज लिखूं या कल ...? मौक़ा मिला भी नहीं और प्रविष्टि मन में ही बनी रही ! घटना को अब तक लगभग एक हफ्ता गुज़र चुका है लेकिन मुद्दा अनुत्तरित सवाल सा यथावत ! वो दोनों एक नि...
 
प्रेम की पीड़ा और इश्क की सियासत मिल कर जब चिन्तन करते हें यह चिन्तन और इसका रस रंग जब संगीत में ढला करते हें तब इन सब के मिलन को हम गजल और कविता कहा करते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 
 
समय जो ना कराये कम है. मुझे आदेश मिला सबसे दूर रहने का और मैंने स्वीकार कर लिया. इस बीच कई तरह के चुतियापों और ज़िंदगी की सीख से रूबरू होने का मौका मिला मुझे. इस बीच कहाँ रहा और क्या क्या किया. इसकी झलक इन ..

पणजी, गोवा, 25 नवम्‍बर भारत के 41वें अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह में विश्‍व सिनेमा खंड में दिखाई जा रही अधिकतर फिल्‍मों में स्त्रियों का नया अवतार चकित कर देने वाला है। यह संयोग नहीं है कि ईरान, जापा...
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 

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दावा -कनाडा जैसा लगा छत्तीसगढ़-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, November 24, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
"ये माना कि यह दावा सच्चा हो कि हमारे देश में कोई भ्रष्टाचारी नहीं है! कोई बताये फिर भ्रष्टाचार कौन व कैसे कर रहा है जिससे देश की व्यवस्था दिन-व्-दिन खोखली हो रही है।" आचार्य उदय 
 
छत्तीसगढ़ आकर हम लोगों को लग ही नहीं रहा है कि हम लोग कनाडा से बाहर आए हैं। यहां पर हमारी टीम को जैसा प्यार और सम्मान मिला है, उससे हमारी पूरी टीम उत्साहित है और हमारा ऐसा सोचना है कि हम यहां बार-बार आए औ...
 
पंचम एपिसोड प्रसव सूत्रधार 1- पिछले अंको में केयर इंडिया छत्तीसगढ़ से प्रसारित इस प्रयोजित धारावाहिक रचना में आपने सुना, रचना अपनी किशोरावस्था में थी मात्र 15 वर्ष की आयु में उसकी माँ ने उसकी शादी कराने की ...
 
वो कहता है कि मैं दुनिया के लिये लिखती हूँ, कभी उसके लिये नही। जाने कितनी बार कहा है और मैं फिर भी नही लिखती। क्योंकि मैं अब भी नही समझ पाती कि उसके लिये कैसे लिखा जा सकता है, जिससे आपके २४ घंटे चलते हों।...
 
चल उठ, ज़िन्दगी, चलते हैं! सिर्फ अपने लिए जीना अधूरा सा लगता है आ, तुझे जी भर के जीने, चलते हैं चाचा जी को अब दिखता नहीं, चल, उन्हें अखबार सुनाने, चलते हैं कामवाली की लड़की फटे कपडे पहने है, चल, उसे नई फ्...
 
आज की जनता जागरूक हो गयी है । उसे नेताओं के झूठे वादों पर ऐतबार नहीं रह गया है वो विकास चाहती है। और बिहार के चुनाव परिणामों ने ये साबित कर दिया है की आम जनता को अपना नेता परखने की शक्ति है। बिहार में जिस ...
 
यह चित्र भारतीय जनता पार्टी के उस व्यक्ति का है जो मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने बेटों को लाभ देने के लिए अपने राज्य में बडा जमीन घोटाले का आरोपी है । राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुडा है और संघ के ...
 
तेरी बातों की रुखाई ने ला दी थी नमी मेरी आँखों में और तुमने बो दिए थे बीज कुछ उदासी के , अब अंकुरित हो सज गए हैं वो खामोशी के पत्तों से . आज जब बन गया है वो वट वृक्ष और आ गया है दोनों की राह...
 
क्या कहे.....
है दिल जैसे कोई मुसीबत क्या कहें कैसे कटती है शबे फुरकत क्या कहें देखकर शरमाये, ना देखे तो भटके नहीं माह को कहीं है राहत क्या कहें और तेरी याद तो दर्द भी है सुकून भी बड़ी अजब सी है ये गफलत क्या कहे...
 
माँ की डायरी से परम श्रद्धेय गुरू तेग बहादुर जी को यह विनम्र एवं भावभीनी श्रद्धांजलि ! तेरे ऐसे रत्न हुए माँ जिनकी शोभा अनियारी, तेरे ऐसे दीप जले माँ जिनकी शाश्वत उजियारी ! तव बगिया के वृक्ष निराले, अमिट...
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 

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अरुंधती रॉय पर बहस -अब और नहीं -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Tuesday, November 23, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
कोटा के कोचिंग छात्रों से सी बी एस ई को हर साल तीन करोड़ रूपये की आमदनी होने के बाद भी कोटा को ऐ.आई.ट्रिपल ई का सेंटर नहीं दिया हे कुल ७० हजार परीक्षार्थियों में से करीब साठ हजार छात्र कोटा से आवेदन करते ह...
 
मेजबान छत्तीसगढ़ ने हरप्रीत सिंह के शतक के साथ टी. सुधीन्द्रा की घातक गेंदबाजी की मदद से कनाडा को दूसरे वनडे में ३४ रनों से मात देकर तीन मैचों की शृंखला में २-० की अपराजेय बढ़त ले ली है। छत्तीसगढ़ ने पहले...
 
पिछली बार की बहस *‘**क्या सिर्फ अरुंधती रॉय ही देशद्रोही हैं ?**’* से कुछ सवाल उठे थे जिनका जिक्र करना जरूरी था. बाकी सब लोग तो एक सुर में बोल रहे थे पर हमारे एक मित्र है भवदीप सिंह, वो अभिव्यक्ति...
 
(उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 'क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सन्दर्भों में भारत की जीवन शक्ति' में हबीब तनवीर ने यह व्याख्यान अंग्रेज़ी में दिया था जो 'नुक्कड़ जनम संवा...
 
ब्लागिंग में पी.एच.डी. सहित विभिन्न कोर्स उपलब्ध! सभी लोगों के लिये आज का दिन महान और खुशखबर वाला है. काफ़ी समय से ब्लागजगत में लोग आते हैं और चले जाते हैं. कुछ चंद लोग जो बच जाते हैं वो महान मठाधीशों क...
 
की-बोर्ड नज़र आ रहा है – मोनिटर नहीं, हाथ मोनिटर को सूझ रहे हैं...... जूझ रहे हैं.... खोज रहे हैं..... उस धडधड़ाती न्यूज़ के लिए.... जो पेज १ पर कम्पोज हो रही है.... रात्रि के अंतिम पहर में यह पहला...
 
कंकरीट के जंगल में 
 
भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहरा दिया है.शून्य से भी कई डिग्री नीचे तापमान और हड्डियों को कंपकपा देने वाली सर्दी की परवाह किये बगैर भारतीय वैज्ञानिकों ने यह कमाल दिखाया है . प...
 
वक्त --------- अब वक्त ऐसे गुज़र रहा है , मानों हम कई सदियों से जी रहें हैं । याद ------- समय का एक -एक पल मेरी जिन्दगी को इस तरह मिटा रही है , जैसे उसकी यादों में , मै अपने आप को हर -पल मिटा ...
 
शहर से कोई पचास किलोमीटर होगा मेरा गाँव जहाँ तक पहुँचने में यो तो लगेंगे कोई तीन ही घंटे लेकिन यकीन मानिये यह दूरी है कम से कम ६० बरस . ६० बरस क्योंकि शहर से जब बढ़ेंगे मेरे गाँव की ओर दिखेंगे आपक...
 
एक छंद और लोकतंत्र हो गया है अब तो मारपीट तंत्र, देश को घिनौने इस रूप से बचाओ रे. आज़ादी की छाहँ में ये देश खेलता ही रहे, इसे मल्टीनेशनल धूप से बचाओ रे. वर्ना ये गुलामी हमें फिर से जकड लेगी, आँख वालों हमे...
 
अपने अंतर महल की रसोई में हर आम भारतीय नारी ने अपने सपनों की आँच को सुलगा कर चूल्हा जलाया है, और कर्तव्यों की कढ़ाही में अपनी खुशियों और अरमानों का छौंक लगा कर अपनी सम्पूर्ण निष्ठा और लगन, प्रतिभा और स...
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 

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चिट्ठा जगत स्वचलित या हाथ चलित, उखाड़ लो, जो उखाड़ सकते हो !!!-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, November 22, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  
 
हम नहीं चाहते थे कि चिट्ठा जगत के बारे में हम फिर से लिखें, लेकिन क्या करें जब कोई इंसान मेहनत करता है और उसकी मेहनत पर लगातार पानी फेरने का काम किया जाता है तो उस इंसान का खफा होना लाजिमी होता है। हमारे ब...
 
मैं भ्रष्ट हूँ, भ्रष्टाचारी हूँ जाओ, चले जाओ तुम मेरा, क्या उखाड़ लोगे ! चले आये, डराने, डरता हूँ क्या ! आ गए, डराने, उनका क्या कर लिया जो पहले सबकी मार मार कर धनिया बो-और-काट कर चले गए ! चले आये मुंह उठाकर...
 
अज्ञानमानमिह नाक्षमतीन्द्रियं हि ज्ञानं निरूपकममुष्य तथानुभूतेः । अज्ञापयच्च तदिदं न तु(ननु) तन्निरूप्य- भावेन तत्प्रथयितुं न भवेत्समर्थम् ॥८१॥ नाप्यन्यदस्ति किमपि प्रकटानुभूता- वस्येति तन्निजमते प...
 
एक सुनहरा नगमा 1 नैन मिले चैन कहां - बसंत बहार जमाना था 1956 का जब एक फिल्म आई थी बसंत बहार, जिसने हर गली मोहल्ले में अपनी पैठ बनाई। संगीत के पंडितों से लेकर आम आदमी तक समान लोकप्रियता अर्जित की कारण था

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मजदूरों के कल्याण के लिए गठित किये जाने वाले बोर्डों के बारे में लापरवाही करने के मामले में केंद्र सरकार को सख्ती से कहा है कि यदि वह अपना दायित्व पूरा कर पाने में असफल रहती है ...
 
*आज की युवापीढ़ी एक खास तरह की मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक समस्या से ग्रसित नज़र आ रही है.... वो है उग्रता । ऊँची आवाज़ में बात करना ...... किसी भी इंसान का किसी भी बात पर मजाक बनाना...दूसरों को नीचा दिखाना...
 
सत्येन्द्र झा कार्यालय के सभी कर्मचारी-अधिकारी विलम्ब से कार्यालय आते थे। लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। एक दिन जब आक्रोश बहुत बढ़ गया तो लोगों ने उस कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी से भें...
 
कभी-कभी ज़िन्दगी थम सी जाती है, ऐसी जगह ले आ जाती है जहाँ हम रोज़मर्रा के कामों इतना मशगूल हो जातें हैं की आगे बढ़ना भूल सा जाते हैं. वही रोज़ खाना पकाना, बच्चों को पढ़ाना, या दफ्तर का काम, बस यही रह जाता ...
 
भारत आने की तैयारी से बच्चों में उत्साह और उत्सुकता पूरे सबाब पर है, इधर हमारी तैयारियाँ जोरो पर हैं तो उधर भारत में घरवाले भी हर पल इन्तजार में पलक पांवड़े बिठाकर बैठे हैं ! भारत आने का दुःख भी होता है क्...
 
हम सभी सामाजिक प्राणी है और हमें समाज के सहयोग की आवश्यकता हर पल पडती है |हमारा सबसे पहला साबका अपने पडौसी से ही पडता है|हमारे सुख-दुःख का सबसे पहला गवाह पडौसी ही हुआ करता है | हमने तो यह भी देखा है पडौसी ...
 
स्‍वागत करें छत्‍तीसगढ़ से नई हिन्‍दी ब्‍लॉगर डॉ.ऋतु दुबे जी का
मैंने एम.पी.एड., एम. ए. (हिंदी), किया है, राज्‍य प्रशासनिक सेवा से चयनित होकर महाविद्यालय मे कार्यरत हूं, मैने शारीरिक शिक्षा विषय मे अपना शोध प्रबंध पूरा कर पं. रविशंकर शुक्‍ल विश्वाविद्यालय से डॉक्टरेट 
 
तुम कैसे हो? दिल्ली में ठंड कैसी है? ....? ये सवाल तुम डेली रूटीन की तरह करती हो, मेरा मन होता है कह दूं- कोई अखबार पढ लो.. शहर का मौसम वहां छपता है और राशिफल भी.... मुझे तुम पर हंसी आती है, खुद पर ...
 
समय, काल, परिस्थितियों के साथ-साथ पत्रकारिता की परिभाषा भी बदली है। उसका रूप, रंग और उद्देश्य ने भी करवट ली है। जिस पत्रकारिता का जन्म कभी 'मिशन' के तौर पर हुआ माना जाता था और जिसने अपनी महत्ता समाज़ की बुर...
 
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
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अपने लिए जीए तो क्या जिए-चलिए दूसरों के लिए ही जिए -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Sunday, November 21, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  

पिछले कुछ समय में हमारे साथ और कई ब्लागर मित्रों को इस बात की शिकायत है कि ब्लाग चौपाल में उनकी पोस्ट की चर्चा होने के बाद भी चिट्ठा जगत उनके हवाले में प्रविष्ठियों को शामिल नहीं करता है। हम भी पिछले काफी समय से देख रहे हैं कि ऐसा लगातार हो रहा है। पहले लगा था कि महज हमारे साथ तो कोई खेल नहीं हो रहा है, लेकिन ऐसा खेल न जाने कितनों के साथ हो रहा है। एक बार सोचा कि क्या मतलब यार बिनावजह मेहनत करने का, इस ब्लाग चौपाल पर विराम ही लगा दिया जाए। फिर हमने सोचा कि यह तो स्वार्थ वाली बात होगी। हमने सोचा कि अपने लिए जीए तो क्या जिए, चलिए दूसरों के लिए जिए। यही सोचकर हमने इस ब्लाग चौपाल को जारी रखने का फैसला किया है। भले चिट्ठा जगत हमारे साथ और कुछ लोगों के साथ खेल खेले लेकिन कुछ लोगों का भला तो हो रहा है। अब जबकि किसी का भला हो रहा है तो हम उनके भले को कैसे रोक सकते हैं।
देश में सभी थनों का क्राइम रिकोर्ड ओन लाइन होने जा रहा हे इस मामले में देश में सभी थानों को कम्प्युत्राइज़ कर ओन लाइन करने के लियें दो हजार करोड़ का बजट स्वीक्रत हुआ हे , देश के सभी थानों के ओन लाइन क्राइम ...
"ग्राम पंचायतें, नगर पंचायतें, नगर पालिकाएं, नगर पालिका निगम व एन.जी.ओ. संस्थाओं के तनिक तनिक प्रयास से पर्यावरण का स्वच्छ व स्वस्थ्य रहना संभव है किन्तु इन संस्थाओं को क्रियाशील रहना आवश्यक है।" आचार्य उदय 
 
कप्तान रोहित ध्रुव के साथ सलामी बल्लेबाज एम. हसन के अर्धशतकों की मदद से छत्तीसगढ़ ने विश्व कप में खेलने वाली कनाडा की टीम को पहले अभ्यास मैच में ४ विकेट से परास्त कर दिया। कनाडा के लिए शतक बनाने वाले रवीन...
 
देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था आजकल एक अजीब सी समस्या जूझ रही है. पिछले ५ वर्षों में आईआईटी कानपुर के ८ छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. अभी तक इसकी कोई खास वजह तो दिखाई नहीं देती पर जिस तरह से प्रबंधन ने इस प...
 
कहते हैं, मुसीबत कैसी भी हो, जब आनी होती है-आती है और टल जाती है-लेकिन जाते जाते अपने निशान छोड़ जाती है. इन निशानियों को बचपन से देखता आ रहा हूँ और खास तौर पर तब से-जब से गेस्ट हाऊसेस(विश्राम गॄहों और...
 
आज बी.बी. सी. हिन्दी के वेबसाईट पर हाथी और मगरमच्छ की एक अदभूत , रोमांचक और जीवंत फोटो देख कर बचपन में सुनी एक बन्दर और मगरमच्छ की कहानी की याद ताजा हो गई . पहले तो हम आपको वह रोमांचक तस्वीर दिखाते है...
 
आज लाए है आपके लिए ‘घर द्वार’ फिल्म का तीसरा गीत… छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के दस वर्ष पूरे होने के अवसर पर दूसरी छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘घर द्वार’ के निर्माता ‘स्व.विजय कुमार पाण्डेय’ के सुपुत्र और ‘घर द्वार कला ...
 
 
राही राह बताता जा रे राही ! बीहड़ पंथ डगर अनजानी, बिजली कड़के बरसे पानी, नदी भयानक उमड़ रही है, नाव डलाता जा रे राही ! राह बताता जा रे राही ! मेरी मंजिल बहुत दूर है, अन्धकार से राह पूर है, स्नेह चुका जर...
 
 
(1) समझना वस्तु है, शब्द नहीं है। अंततोगत्वा शब्दों से इंगित वस्तु को पहचानना है, या शब्द को पहचानना है? यह तय करना होगा। शब्दों को शब्दों से जोड़ते हुए शब्दों में ही हम फैलते जाते हैं। वस्तु पर ध्यान देते ...
 
 
पिछले लेख का आगे का भाग................................................. यहाँ तक कि उन्होंने अपना घर भी नहीं बसाया | उडीसा के कटक में 19 अप्रैल 1965 को को इनका जन्म हुआ था | सामने थी भूख और गरीबी | चार सा...
 
 
  अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 

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यु न कहो पत्थर दिल ,सिर्फ तेरा इन्तिज़ार -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, November 20, 2010

 
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के खेल मैदान में जैसे की मुख्यअतिथि के कदम पड़े खिलाडिय़ों का काफिल मार्च पास्ट करने लगा। हर खेल के खिलाड़ी हाथ हिलाते हुए मंच के पास से गुजरते हुए मानो एक ही संदेश दे रहे थे कि अलविदा ...
 
अब मैं अर्जुन कि तरह सौभाग्यशाली तो नहीं कि स्वयं श्रीकृष्ण मेरे सारथी बनें। लेकिन इश्वर ने हम इंसानों को विवेक [ सदबुद्धि] के रूप में एक सारथी दिया है। जो हर समय हमारे साथ रहता है , तथा अति विकट परिस्थियो...
 
कल एक और आयोजन भाई राज भाटिया और अमित ( अंतर सोहिल ) द्वारा रोहतक में किया जा रहा है ! स्नेही अमित और राज...
 
कार्तिक पूर्णिमा दीप-दान करती महिला हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है.प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं होती हैं. जब अधिक मास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर १६ हो जाती है. क...
 
मुझसे तो नहीं छूट पाता ये बचपना आप चाहे कुछ भी कहते रहे मुझसे तो नहीं छूटता ये बचपना |अरे तो क्या ये जरूरी है कि ४० पार् कर लिया तो हमेशा चेहरे पर बुजर्गियत ही ओढ़े रहे ,बेबसी चिपकाए रहे ,सबकेआश्रित ही बने...
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 

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अचरज , स्विस बेंक को मालामाल करने वाला भारतीय गरीब है -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, November 19, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
विपत्ति सह लेने में अचरज नहीं, अचरज है वैसी हालत में भी शान्त रहने में - जुन्नुन प्रस्तुति : अलबेला खत्री 
 
दोस्तों भारतीय गरीब हे लेकिन भारत गरीब नहीं हे स्विस बेंक के एक डायरेक्टर का कहना हे के स्विस बेंक में भारत वासियों की २८० लाख करोड़ की राशि जमा हे यह राशी स्विस में तीस वर्षों के लिय्ने कर रहित बजट के काम म...
 
प्रदेश के ७० उत्कृष्ट खिलाडिय़ों में घोर निराश आ गई है। इन खिलाडिय़ों को एक साल होने के बाद भी अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। अब तो इनकी आश टूट सी गई है। खिलाड़ी जब भी अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह...
 
(मूलम्) त्रैगुण्याद्ब्रह्मणः पूर्वं सच्चिदानन्दरूपिणः । सदसत्कर्मणः सङ्गाज्जीवत्वं न निवर्त्तते ॥३॥ (विवृत्तिः) त्रिगुणमायामृगीनर्त्तकत्वेन गुणाभिमानित्वं गतस्य पूर्वस्वरूपास्मृत्याऽत्मनो जीवत्वव्...
 
भारी घाटे से जूझ रही एयर इंडिया की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। अब इसकी सहयोगी सस्ती एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस के सीओओ पवन अरोड़ा की नियुक्ति में हुई अनियमितताओं पर बोर्ड के निदेशक मंडल ने सवालिया निशान...
 
केसर निपजै न अठै, नह हीरा निकलन्त | सिर कटिया खग झालणा, इण धरती उपजंत || यहाँ केसर नहीं निपजती,और न ही यहाँ हीरे निकलते है | वरन यहाँ तो सिर कटने के बाद भी तलवार चलाने वाले वीर उत्पन्न होते है | धोरां घ...
 
शुष्क तपते रेगिस्तान के अनंत अपरिमित विस्तार में ना जाने क्यों मुझे अब भी कहीं न कहीं एक नन्हे से नखलिस्तान के मिल जाने की आस है जहां स्वर्गिक सौंदर्य से ओत प्रोत सुरभित सुवासित रंग-बिरंगे फूलों का ए...
 
जब भी मुझसे कोई क्रूरता की शिनाख्त करने को कहता है तो मैं अपने को बेहद उलझा हुआ महसूस करता हूं। विचार थिर होने का नाम ही नहीं लेते। समझ में नहीं आता कि किसे क्रूरता की श्रेणी में रखूं और किसे बख्श दूं। दिम...
 
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से देश में सही समय पर बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा देने की ज़रुरत पर बल देते हुए कहा है कि जल्दी ही सीबीएसई ८ वीं कक्षा के बाद से से ही बच्चों को ...
 
उस बयाबाँ के पीछे एक बगीचा था, ये नहीं पता था दरख्तों के उस झुण्ड के पीछे गुलों का गलीचा था, ये नहीं पता था डर के मुड़ जाया करती थी जंगल से घबराया करती थी, डर को भी डराने एक तरीका था ये नहीं पता था फिर छो...
 
चाहे शोषित करे कोई चाहे उपेक्षित भी होती हूँ मगर मन के धरातल पर डटकर खडी रहती हूँ संस्कारों की वेणी में जकड़ी मन से तो मैं आज भी वही पुरातन भारतीय नारी हूँ चाहे मानक रोज नए बनाती हूँ अपनी सत्ता का आभास...
 
हां मैंने देखा एक बच्‍चा वह किसी को खुश करने या किसी लालच में नहीं बल्कि अपनी धुन में गा रहा था। रेगिस्‍तान की मिट्टी न केवल जीवटता देती है बल्कि राग का भी वरदान बिना मांगे दे देती है। मैं इस बच्‍चे का नाम...
 
उनके होठों पे फिर इक नया बहाना रहता है जब भी किये वादे पे उन्हें ना आना रहता है और हम नहीं के उनपे तोहमते लगाया करें हमे तो हर लम्हा इंतज़ार में बिताना रहता है नाम कुछ भी रख लो, रांझा, मजनू या महिवा...
 
‘जूता’ इव्नेबतुता – बगल में जूता ....... वाला नहीं रिंग रोड मायापुरी फ्लाई ओवर से उतारते वक्त बेदर्द वाहन चालकों से सताया हुआ .. कुचला हुआ ... सड़क के बीचो-बीच पड़ा मिला ....... वही वाला. सड़क पर पड...
 
इस मौसम में हरदम मेरा दिल जलता रहता है। पाँव तुम्हारा चूम चूम कर धान मुँआँ पकता है छूकर तेरी कमर बाजरा लहराता फिरता है तेरे बालों से मक्का रेशम चोरी करता है तेरा अधर चूमने को, गन्ना रस से भरता है; सरपत पकड़ ...
 
आश्चर्य है कि हफ्तों निकल जाने के बाद भी "कौन बनेगा करोड़पति" में चली आ रही एक गल्ती पर अयोजकों, संचालकों, उपस्थित दर्शकों, प्रतिभागियों यहां तक कि अमिताभ बच्चन जी का भी ध्यान नहीं गया है। जबकि ऐसे प्रोग्रा...
 
बेटे के विवाह के मायने क्‍या हैं? किसी भी माँ से पूछकर देखिए वह यही कहेगी कि जीवन का सबसे अनमोल क्षण है। शायद पिता के लिए भी ऐसा ही होता हो, लेकिन चूंकि मैं एक माँ हूँ तो पिता की अनुभूति का मुझे मालूम नहीं...
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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एक अच्छी खबर के बाद मिली बुरी खबर:- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, November 18, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

हम तो सोच रहे थे कि उडऩ तश्तरी यानी समीर लाल जी के छत्तीसगढ़ आने की खबर आज की सबसे अच्छी खबर है। यह खबर अच्छी तो है, ही अपने छत्तीसगढ़ के ब्लागरों के साथ पूरे ब्लाग जगत के लिए। लेकिन अचानक इसी के साथ एक बुरी खबर यह भी है कि अपने बीएस पाबला जी की माता का कल निधन हो गया है। हमें कल ही ललित शर्मा जी ने बताया था कि पाबला जी की माता का स्वास्थ्य बहुत खराब है, यह दुखद समाचार हमें आज गिरीश बिल्लोरे की के ब्लाग से मालूम हुआ। हम भगवान से दुआ करते हैं कि उनकी मृत आत्मा को शांति दे और पाबला जी को हिम्मत दें। इस संकट की घड़ी में पूरा ब्लाग जगत उनके साथ है

उडऩ तश्तरी की टीम के छत्तीसगढ़ की जमीं पर कदम पडऩे से पहले ही अपने उडऩ तश्तरी यानी समीर लाल का पैगाम आ गया है कि उन्होंने वादा किया है तो छत्तीसगढ़ जल्द आएंगे। कल शाम को हम प्रेस में थे, कि मोबाइल की घंट...
 
प्रिय साथियों आजकल गोवा में हूं और 4 दिसम्‍बर को दिल्‍ली लौटना होगा और तभी ब्‍लॉगिंग के कार्यों में गति आएगी। तब तक आपको मानस के मोती की मेल इत्‍यादि यदा-कदा ही प्राप्‍त होंगी। मेरे पास अब तक बीसियों फोन आ...
 
लूट और दमन की संस्कृति के खिलाफ सृजन और संघर्ष को समर्पित जसम का बारहवां राष्ट्रीय सम्मेलन 13-14 नवंबर को दुर्ग (छत्तीसगढ़) में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ...
 
नया जमाना ब्लॉग की वेब कंपनियां किस तरह रैंकिंग कर रही हैं और उसकी गति में किस तरह के बदलाव आ रहे हैं,इन सारी चीजों को जानने के लिए निम्नलिखित ठिकानों पर जा सकते हैं और पढ़ सकते हैं। इससे यह अंदाजा ल...
 
देश में इस समय सबसे ज्यादा चर्चित दूरसंचार घोटाले के कारण ही हर तरफ से रोज़ ही नए खुलासे हो रहे हैं. अभी तक यह समझा जा रहा था कि इस सारे मामले में कुछ कंपनियों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से ही अनियमितताएं...
 
तरूणाई में रेडियो श्रोता संघ से जुडे अरूण कुमार निगम जी एक मजेदार वाकया बतलाते हैं, हुआ यूं कि रेडियो फरमाईसी में विभिन्‍न स्‍थानों के श्रोताओं के नियमित नाम आने के चलते नियमित रेडियो श्रोताओं के बीच एक अं...
 
जिस इंसान की जैसी प्रवृति होती है उसका मन ध्यान सब उसी में रमा रहता है. वो स्वर्ग छोडकर भी नरक की इच्छा करता है. जैसा कि आप जानते हैं कि ताऊ ने सारी उम्र चोर उठाईगिरी, चोरी, डकैती की और उसका मन भी इन्ही सब...
 
आज लाए है आपके लिए ‘घर द्वार’ फिल्म का दूसरा गीत… छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के दस वर्ष पूरे होने के अवसर पर दूसरी छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘घर द्वार’ के निर्माता ‘स्व.विजय कुमार पाण्डेय’ के सुपुत्र और ‘घर द्वार कला ...
 
अक्सर एक व्यथा अक्सर एक गन्ध मेरे पास से गुज़र जाती है, अक्सर एक नदी मेरे सामने भर जाती है, अक्सर एक नाव आकर तट से टकराती है, अक्सर एक लीक दूर पार से बुलाती है । मैं जहाँ होता हूँ वहीं पर बैठ जाता हूँ, अक्...
 
आपको याद होगा कि पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने मई और जुलाई 1999 के मध्य भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी । पाकिस्तान ने ...
 
*मेरे बचपन के साथी हेम चंद्र पांडे की हत्या को सरकार सही ठहराने की कोशिश कर रही है। खुफिया एजेंसियों की तरफ से भाड़े पर लगाये गये पत्रकार अपने काम में जुटे हैं। इसलिए हेम की पत्नी बबीता के बयानों को ज्यादा...
 
स्काटिश लोगों की कंजूसी पर बहुत सारे चुटकुले प्रचलित हैं। उनमें से एक :- एक स्काटिश व्यक्ति जिसकी दाढी-मूंछ साफ थी बहुत दिनों बाद अमेरिका से जब अपने घर लौटा तो बड़ी मुश्किल से अपने बेतरतीब बढी हुई दाढियों व...
 
१-दुनिया की उम्रदराज बाघिन शंकरी की आज दोपहर मौत हो गई.वह काफी दिनों से बीमार थी.उसे मैनपुर के जंगल से लाया गया था. २-छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय का चुनाव  की घोसना कर दी गई है. २१ दिसंबर को मतदान और २४ दिसंबर...
 
आज एक ग़ज़ल * *खामोशी भी कह देती हैं सारी बातें* तनहाई में जिनको सुकून सा मिलता है, आईना भी उनको दुश्मन सा लगता है। किसको आखि़र हम अपनी फरियाद सुनाएं, हर चेहरा फरियादी जैसा ही दिखता है। दिल में उसके च...
 
मेज़ पर बिखरी पड़ी हमारी बातो को सहेज कर रख दिया था तुमने और चाहा था कि मैं कर दूँ सारे अल्फाजों को फिर से बेतरतीब गिरह खोल कर . अपने लबों की, पर बांच ली हैं मैंने सारी तहरीरें तेरी आँखों म...
 
(यूं तो पूरे देश में देवोत्थान एकादशी का पर्व मनाया जाता है लेकिन बिहार के मिथिला अंचल में इसे खास तरह से मनाया जाता है. आँगन में अरिह्पन (अल्पना- एक तरह की रंगोली) बनाया जाता है जिसमे औरतें घर की जरूरतो...
 
श्याम दोहा-दशक.. परम्पराओं में निहित ,सदा तार्किक अर्थ। गहराई से परखिये, तज़कर व्यर्थ कुतर्क। समसामयिक अर्थ में, परखें विधि प्राचीन। दोष जानिये बदलिए,रखिये सदा नवीन । वैज्ञानिक आधार पर, जन हितकारी कर्म। र...
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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बस इतना अधिकार मुझे दो , बैठूँ या कि जाऊँ मैं हार ! - ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, November 17, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
अपने ब्लाग जगत के बादशाह उडऩ तश्तरी यानी समीर लाल ने तो छत्तीसगढ़ आने का अपना वादा पूरा नहीं किया है, लेकिन उनकी टीम जरूर आसमान से छत्तीसगढ़ की जमीं पर कल उतने वाली है। यह टीम छत्तीसगढ़ में एक सप्ताह तक रह...
देश में हर एक से आगे निकलने की होड़ में व्यवसायिक कम्पनियाँ आम तौर पर यह भूल जाती हैं की वे किस तरह से अनजाने में ही देश के कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं. इस कड़ी में सबसे ताज़ा मामला दूर संचार कंपनियों के म...
मन की आंखें
मन ने सोचा खोली आंखें , देखा अपने आस पास , था कुछ विशिष्ट इन आंखों में , कल्पना ने उड़ान भरी लेअनुमति इन आंखों से , दूर जाती एक पगडंडी तक , जो खो जाती घने जंगल में | हें अनगिनत निशान उस पर , है दस्तावेज उन क़द...
आज तुम बहुत याद आये क्युं ? नहीं जानती शायद तुमने पुकारा मुझे तेरी हर सदा पहुँच रही है मन के आँगन तक और मैं भीग रही हूँ अपने ही खींचे दायरे की लक्ष्मण रेखा में जानती हूँ तड़प उधर भी कम नहीं कितना त...
बैठूँ या कि जाऊँ मैं हार ! ले समस्त अंतर का प्यार आई हूँ मैं तेरे द्वार, सुन्दर भाव कुसुम सुकुमार करने भेंट अश्रु का हार, खोल खोल ओ रे करुणामय अपनी करुण कुटी का द्वार ! बैठूँ या कि जाऊँ मैं हार ! इस जीवन...
"धूल, धुआं, कचरा, गन्दगी, बदबू मिलकर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं पर्यावरण का साफ़-सुथरा रहना मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।" आचार्य उदय 
दिल्ली का लक्ष्मी नगर, श्मशान बन गया * (1) ढह गई पांच मंजिलों की इमारत सैकडों घायल हैं, दर्जनों ने दे डाली अपनी शहादत या अल्लाह, या ख़ुदा ! क्या कमी रह गई थी? क्या कर न पाए थे ये पूरी तेरी इबादत ? (२)...
सत्ताधीशो की लूट का पुराना सिद्धांत बाँटो और राज करो अब पुराना पड़ चुका है, आज की लूट के सत्ताधीशो और सिद्धान्तकारों का नया नियम है एकजूट हो और बाँटो, unite and devide ! यह देश , संसाधनों और आम आदमी की लूट...
नहीं चाहता साथ तुम्हारे नाचूँ, गाऊँ, झूमूँ, घूमूँ नहीं चाहता तुमको देखूँ, छूँलूँ, कसलूँ या फिर चूमूँ नहीं चाहता तुम अपना जीवन दो या फिर प्यार मुझे दो अंत समय चंदन बन जाऊँ बस इतना अधिकार मुझे दो 
एक दिलरुबा शहर ने कांच की बोतल में भर के सदाएं भेजी हैं गुनगुनी ठंढ है, जानां चले आओ इश्क के मौसम ने खुशबुओं में डुबो के आने की अदाएं भेजी हैं वादा है बारिश का, जानां चले आओ रूठे हुए स्वेटर ने कट्टी भी त...
मुझको तो ना जाने कैसा गुमान रहता है उसके इंतज़ार में भी, इत्मिनान रहता है और उसने छत पे टहलना छोड़ा है जबसे उसके शहर का हर शख्स परेशान रहता है खलिश किसी रिश्ते में आ गयी जब यारों ज़ख्म भर भी जाए म...
मित्रों, कई बार कहीं ऐसी कविता या कुछ पंक्तियाँ मिल जाती है कि आपके दिल को छू जाती है. आप उसको इग्नोर नहीं कर सकते..... कुछ सोचने पर मजबूर करती है : *कित्ता आसान है – किसी के एड्रेस बुक में स्थान पाना, पर...
जिंदगी जीना भी एक कला
इक दिन जिंदगी से................ मैने शिकायत जो ये की ........ तो उसने भी हंसके हमसे ये कह दिया ? कोंन कहता है जिंदगी हंसी नहीं होती एक बार आजमा के तो देखो तुम हो न जाये हमसे मोहबत तो कहना एक बार हमारी गल...
आभासी खिडकी बचपन में एक चुटकला सुना था, लोग रेल यात्रा कर रहे थे। एक व्यक्ति खडा हुआ और खिडकी खोलदी, थोडी ही देर में दूसरा उठा और उसने खिडकी बंद कर दी। पहले को यह बंद करना नागवार गुजरा और उठ कर पुनः खोलदी।...
खेलभांठा स्कूल मे ओपन स्कूल प्रभारी द्वारा 125 का फार्म 800 मे बेचे जाने की शिकायत के बाद प्रशासन व्दारा नायब तहसीलदार आफिस मे फार्म वितरण करने व्यवस्था की गई । जहा पर 300 फार्म के लिए 2हजार आवेदकों की लाइ...
मै तो हर समय खूबसूरत समय मे जीती हूँ ख्वाब मे नही जीती हूँ हकीकत के धरातल पर समय से लड्ती हूँ और समय को अपने पल्लू मे बाँध लेती हूँ
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे

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सुन सुन मोर मया पीरा के संगवारी- देवउठनी यानी छोटी दिवाली- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Tuesday, November 16, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज


विश्व कप क्रिकेट में खेलने वाली कनाडा की जो टीम छत्तीसगढ़ की टीम से मैच खेलने के लिए रायपुर आ रही है उस टीम के कप्तान भारतीय मूल के आशीष बगई हैं। कनाडा की टीम में आशीष के साथ तीन और खिलाड़ी भारतीय मूल के ...
 
लगता है कि राजा का मामला केवल द्रमुक पर छोड़े जाने के कारण अब प्रधानमंत्री को बहुत कुछ ऐसा भी सुनना पड़ेगा जो उन्हें असहज कर सकता है. देश में बहुत सारे कानून हैं और कुछ स्थानों पर कानूनों की व्याख्या को सीम...
 
"प्रदुषण धीमे जहर की भांति शनै शनै पर्यावरण को दूषित कर रहा है जो मानव प्रजाति व पृथ्वी के लिए सदा सदा के लिए अहितकर है।" आचार्य उदय 
 
मैं अपनी पिछली कई पोस्ट में लिख चुका हूँ कि भारत में शोध पर बहुत कम पैसा खर्च किया जाता है और उसका असर इस बात से ही दिखता है कि हम उच्च तकनीक की प्रणाली के लिए, रक्षा उपकरणों के लिए और बड़ी परियोजनाओं के ...
 
अभिज्ञात: वापसी वापसी नहीं होती..: "साभारः सखी, नवम्बर 2010 कहानी उन्हें वापसी का इन्तज़ार था। हालांकि वे बहुत गहरे अर्थों में इतनी ज़ल्दी वापसी भी नहीं चाहते थे। वे चाहते थे अ..." सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आ...
 
आज कार्तिक शुक्ल एकादशी है यानी देवउठनी एकादशी है. ऎसी मान्यता है कि आषाढ शुक्ल एकादशी से सोये हुये देवताओं के जागने का यह दिन है . देवताओं के जागते ही समस्त प्रकार के शुभ कार्य करने का सिलसिला शुर...
 
ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है आह तेरे नाम से जब भी निकल आती है दौर-ए-उल्फत में बहके होंगे कदम हमारे अब तो तेरी हर बात संजीदा नज़र आती है कैसे रखते हैं लोग दिल में हसरतें हज़ार इक आरज़ू में तेरी ये उ...
 
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के दस वर्ष पूरे होने के अवसर पर दूसरी छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘घर द्वार’ के निर्माता ‘स्व.विजय कुमार पाण्डेय’ के सुपुत्र और ‘घर द्वार कला संघ’ के निर्देशक श्री जयप्रकाश पाण्डेय से हमें आप ...
 
दोस्तों कल इदुज्ज़ुहा यानि बकराईद हे आज बोहरा समाज की बकराईद थी , कुर्बानी का यह त्यौहार विश्व में खुदा की राह यानी अमन चेन और सेवा कार्यों के लियें सब कुछ कुर्बान कर देने की सीख देता हे , इस त्यौहार के एक...
 
ज्ञानार्थयोग इति चेन्न हि तत्प्रवृत्तेः प्रागेव तस्य पुरुषे परिकल्पितत्वात् । अन्योऽपि योग इह कश्चन दुर्निरूपो मानेन यो भवति चिज्जडयोर्मते वः ॥७१॥ अज्ञातताभिभवनं फलमित्यपीदं रिक्तं वचश्चि...
 
वह बादल हूं मैं*** *जो आसमान में अकेला, अवारा है.*** *मेरे कोई पंख नहीं है *** *फ़िर भी मैं भटकता रहता हूं,*** *जरुरतमंदो की तलाश में.*** *कहीं कहीं भू ऐसे है*** *जहां है पर्याप्त जल*** *नही...
 
बहुत दिनों के बाद फिर हाज़िर हूँ: एक नई ग़ज़ल के साथ. वैसे ग़ज़ल तो ग़ज़ल होती है. जो पुरानी पड़ जाये वो ग़ज़ल नहीं हो सकती. ग़ज़ल सदाबहार होनी चाहिए. मेरी कोशिश इसी तरह का कुछ लिखने की होती है. इस प्रयास में सफल न...
 
दिल करता है अब हम रो दें, बाँध तोड़ दें, जंहाँ डुबो दें | चीख चीख कर सबसे कह दें, बस बहुत हुआ, अब और नहीं | रिश्ते इंसानों के और नहीं | ये वो इंसान हैं, जो लड़ते हैं, जाति धरम पर, क्रिया करम पर, सच्चे झूठे म...
 
आम लोगों में तीखी प्रतिक्रिया...  वैसे तो भाजपा पर व्यापारियों की सरकार का आरोप हमेशा लगता रहा है और भाजपा के नेता हमेशा ही इसका खंडन करते रहे हैं लेकिन पिछले दिनों राजनांदगांव के दीपावली मिलन कार्यक्रम में ...
 
 
बार- बार उसे खींच कर उसी ओर ले जाता था और आँखें खुद को रोक ही नहीं पाती थीं उसे निहारने से ..........ना जाने कैसे वो पूजा के मोहपाश में बंधता जा रहा था............ अब आगे ................ यूँ तो पूजा एक...
 
प्यार..................... केसा होता है प्यार ? जो हमेशा दिल की ही सुनता हो क्या वो करता है प्यार ? वो तो कभी ठहरता ही नहीं वो किसी एक से केसे कर सकता है प्यार ? किसी की खूबसूरती तो देखा ...... तो उसके ...
 
हार कर नहीं स्वेच्छा से चेहरे पर हंसी लिए मरना चाहता हूँ मैं आत्महत्या नहीं होगी यह पता है मुझे मेरे जाने के बाद सब कुछ ठीक हो जायेगा बेटियाँ चली जाएँगी ससुराल बेटे व्यस्त हो जायेंगे अपने में पत्..

अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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