दावा -कनाडा जैसा लगा छत्तीसगढ़-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Wednesday, November 24, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
"ये माना कि यह दावा सच्चा हो कि हमारे देश में कोई भ्रष्टाचारी नहीं है! कोई बताये फिर भ्रष्टाचार कौन व कैसे कर रहा है जिससे देश की व्यवस्था दिन-व्-दिन खोखली हो रही है।" आचार्य उदय
छत्तीसगढ़ आकर हम लोगों को लग ही नहीं रहा है कि हम लोग कनाडा से बाहर आए हैं। यहां पर हमारी टीम को जैसा प्यार और सम्मान मिला है, उससे हमारी पूरी टीम उत्साहित है और हमारा ऐसा सोचना है कि हम यहां बार-बार आए औ...
पंचम एपिसोड प्रसव सूत्रधार 1- पिछले अंको में केयर इंडिया छत्तीसगढ़ से प्रसारित इस प्रयोजित धारावाहिक रचना में आपने सुना, रचना अपनी किशोरावस्था में थी मात्र 15 वर्ष की आयु में उसकी माँ ने उसकी शादी कराने की ...
वो कहता है कि मैं दुनिया के लिये लिखती हूँ, कभी उसके लिये नही। जाने कितनी बार कहा है और मैं फिर भी नही लिखती। क्योंकि मैं अब भी नही समझ पाती कि उसके लिये कैसे लिखा जा सकता है, जिससे आपके २४ घंटे चलते हों।...
चल उठ, ज़िन्दगी, चलते हैं! सिर्फ अपने लिए जीना अधूरा सा लगता है आ, तुझे जी भर के जीने, चलते हैं चाचा जी को अब दिखता नहीं, चल, उन्हें अखबार सुनाने, चलते हैं कामवाली की लड़की फटे कपडे पहने है, चल, उसे नई फ्...
आज की जनता जागरूक हो गयी है । उसे नेताओं के झूठे वादों पर ऐतबार नहीं रह गया है वो विकास चाहती है। और बिहार के चुनाव परिणामों ने ये साबित कर दिया है की आम जनता को अपना नेता परखने की शक्ति है। बिहार में जिस ...
यह चित्र भारतीय जनता पार्टी के उस व्यक्ति का है जो मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने बेटों को लाभ देने के लिए अपने राज्य में बडा जमीन घोटाले का आरोपी है । राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुडा है और संघ के ...
तेरी बातों की रुखाई ने ला दी थी नमी मेरी आँखों में और तुमने बो दिए थे बीज कुछ उदासी के , अब अंकुरित हो सज गए हैं वो खामोशी के पत्तों से . आज जब बन गया है वो वट वृक्ष और आ गया है दोनों की राह...
क्या कहे.....
अच्छा तो हम चलते हैंहै दिल जैसे कोई मुसीबत क्या कहें कैसे कटती है शबे फुरकत क्या कहें देखकर शरमाये, ना देखे तो भटके नहीं माह को कहीं है राहत क्या कहें और तेरी याद तो दर्द भी है सुकून भी बड़ी अजब सी है ये गफलत क्या कहे...
माँ की डायरी से परम श्रद्धेय गुरू तेग बहादुर जी को यह विनम्र एवं भावभीनी श्रद्धांजलि ! तेरे ऐसे रत्न हुए माँ जिनकी शोभा अनियारी, तेरे ऐसे दीप जले माँ जिनकी शाश्वत उजियारी ! तव बगिया के वृक्ष निराले, अमिट...
कल फिर मिलेंगे
7 comments:
सही चौपाल रही...आते हैं जल्दी हम भी अहसासने..
बहुत उम्दा चौपाल ...आभार
Achhi chaupal.... Badhiya links hain sabhi....
सुन्दर चौपाल्……………आभार्।
badhiya chaupal.
chaupal mein jagah dene ki liye shukriya... saadar!
dhanyavad bhai ji . achchhe link mile .
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