सुन्दर ब्लोगिंग करते ईंट-भट्टों के मजदूर बच्चें, राजू याद आ गया आज बाल दिवस पर-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Sunday, November 14, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
कम्प्यूटर में आ खराबी के बाद ब्लाग चौपाल में भूमिका लिखने में थोड़ी सी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, यही वजह है कि हम आज कल सीधे चौपाल संजाने बैठ जाते हैं। वैसे हमें आज कल ज्यादा कुछ लिखने की बजाए सीधे चौपाल में चलना ज्यादा पसंद है। खैर बहुत दिन हो गए थे तो सोचा ब्लागर मित्रों से कुछ बात कर ली जाए। बहरहाल हम चलते हैं आज की चौपाल की तरफ
दिल टूटता तो है,* *पर टूट के और बड़ा हो जाता है, * * * *हर ठोकर पर आह तो निकलती है ,* *पर अगला कदम कुछ और होशिआर हो जाता है * * * *हमले का मकसद कुछ भी क्यूँ न हो,* *हर हमले से हौसला कुछ और जवाँ हो जाता है *...
कश्मीर में रुक रुक कर जारी हिंसा में अब तक सीआरपीएफ को बहुत नुकसान झेलना पड़ा है और जिस तरह से घाटी से पूरी तरह इस सुरक्षा बल को हटाने की मांग अलगाव वादियों के माध्यम से हताश आतंकी कर रहे हैं वह चिंता जनक ...
ना जाने क्यूँ अतिक्रमण करते हैं हम कभी ज़मीन का कभी अधिकारों का कभी भावनाओं का तो कभी मर्यादाओं का शायद हमारे लहू में ही कोई जीन अतिक्रमणता का काबिज़ हो गया है जो अपनी सीमाओं में रहने को अपना अपमान सम...
सीबीएसई ने मान्यता से जुड़ी समस्याओं को दूर करने और स्कूल प्रबंधन की संबद्धता संबंधी शंकाओं के निराकरण के लिए संबद्धता अदालत आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि स्कूल प्रबंधन अपनी समस्याओं को इस अदालत में ...
सबसे महत्वपूर्ण दिन उनके नाम जो कल के नायक हैं, जो आज पौधे हैं और कल वृक्ष बन हमें छाया, नेतृत्व और नया जीवन देंगे एक नयी सोच देंगें ! कल मैंने संयोगवस अपने कविता संग्रह ब्लॉग पर एक कविता बालक की उर...
आपने ज्ञान दर्पण पिछली पोस्ट "पहेली से परेशान राजा और बुद्धिमान ताऊ" में पढ़ा कि कैसे रामपुर के राजा को ताऊ ने पडौसी राजा की पहेलियों से बचाया | ताऊ द्वारा रामपुर के पडौसी राजा द्वारा भेजी सभी कठिन पहेलियों...
मैं सोचता था कविता में सिर्फ़ भाव होते हैं जो अंतरमन से उतरते हुए कागज पर अपना रुप लेते है लेकिन जब कविता तुम्हारे पास पहुंचती है तो उसमें क्या-क्या नहीं ढूंढ लेते तुम गांधारी आंखो से विदुर दृष्टिकोण तुम्हारा...
ताम्रकार समाज ने भगवान सहस्त्रबाहु जयंती का कार्यक्रम रखा था जगन्नाथ मंदिर रायपुर में। धीरज ताम्रकार ने मुझे फ़ोन आमंत्रित किया कि शाम 5 बजे के मिलन कार्यक्रम में आपको आना है। मैं 5 बजे जगन्नाथ मंदिर में प...
बचपन यानी ठहाके,शरारतें, बेफिक्री और एक प्यारी-सी मुस्कान। लेकिन क्या नसीब है हर बच्चे को खुशियों के खिलखिलाते मोती, उमंगों का उजाला और नए युग के नए सपने? इस देश की विडंबना है कि यहाँ गरीबी और लाचारी के स...
हिन्दी कविता के विशिष्ट केदार सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित * © डॉ.कविता वाचक्नवी/Dr. Kavita Vachaknavee & author
एक इंसान अपने जिस्म के हजारों टुकड़े करके , अनुभव करने की कोशिश कर रहा है , दर्द को । खोज रहा है , ईमानदारी को - आखिर कहाँ छिपी है , इंसानियत ! हैरान है खोजते - खोजते दर्द गया कहाँ ? सोचने में मजबूर , क्...
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के मंच से मुन्नी बदनाम हुई। दर्शकों पर पुलिस की लाठी बरसी। सारा नज़ारा कुछ अटपटा सा लगा। ऐसा लगा कि हम बिहार पहुँच गए जहां अक्सर ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। सारा उत्सव सलमान खान के आ...
नेशनल साइंस ड्रामा फेस्टिवल के लिए एक बार फिर छ.ग. से मोना माडर्न स्कूल,सारंगढ़ का चयन.नेहरु साइंस सेंटर, मुबई में आयोजित इस कॉम्पिटिशन में पहले भी मोना स्कूल का चयन २००८-२००९ में हो चूका हे जिसमे राष्ट्रि...
किसे आत्म-कल्याण से अरुचि होगी सभी जो आये थे अपनी मर्ज़ी से स्वामी जी के पास. उनने (गुरु ने) बांधा तो न था किसी को गुरु तो जन कल्याण के लिये निकलता है "प्रापंचिक-दुनियां" से उसे इस ...
दिल्ली ब्लॉगर्स संगोष्ठी एवं कार्यशाला : लीजीए सिलसिलेवार रपट नं एक .. झाजी रिपोर्टिंग सर
(मेरे ख्याल से सबसे बाएं से श्री सुरेश यादव जी के साथ श्री अरुण सी रॉय जी , चाय की टेबल के पास , श्री पद्म सिंह , श्री शाहनवाज सिद्दकी , श्री प्रेम जनमेजय जी , एम वर्मा जी , श्री राजीव तनेज...
बेटा- प्रदेश के दमदार मंत्री ने दीपावली में खूब लिफाफे और एलईडी बांटी है? पिताजी- हां बेटा! पत्रकारों को नहीं मिला है वे काफी नाराज है। बेटा- तो क्या सिर्फ संपादकों को ही बांटा गया है। पिताजी- पता नहीं बेटा!...
सारे जहां का दर्द......!
शरद भाई बैंक की नौकरी छोड़कर, चाय ठेला चला रहे हैं "मुख्य रूप से कविता लिखता हूँ । कभी कभी कहानी,व्यंग्य,लेख और समीक्षाएँ भी । एक कविता संग्रह "गुनगुनी धूप में बैठकर " और "पहल" में प्रकाशित लम्बी कविता "प...
आज हम खूब नाचेंगे गायेंगे । आज चाचा का जन्म दिन है इसे बाल दिवस भी कहते है तो यह हमारा जनदिन हुआ ना ।दीदी तो कह रही थी कि आज तुम्हे कोई नही डांटेगा ,आज तुम केवल मस्ती करोगे ,आज केवल प्यार ही प्यार मिलेगा ...
अच्छा तो हम चलते हैं
4 comments:
इतने अच्छे लिँक प्रदान करने के लिए धन्यवाद
अच्छे लिनक्स को समेटे है चौपाल ...धन्यवाद
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाऍं।
बहुत अच्छे लिंक्स के साथ सुन्दर चौपाल्।
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