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यु न कहो पत्थर दिल ,सिर्फ तेरा इन्तिज़ार -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, November 20, 2010

 
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के खेल मैदान में जैसे की मुख्यअतिथि के कदम पड़े खिलाडिय़ों का काफिल मार्च पास्ट करने लगा। हर खेल के खिलाड़ी हाथ हिलाते हुए मंच के पास से गुजरते हुए मानो एक ही संदेश दे रहे थे कि अलविदा ...
 
अब मैं अर्जुन कि तरह सौभाग्यशाली तो नहीं कि स्वयं श्रीकृष्ण मेरे सारथी बनें। लेकिन इश्वर ने हम इंसानों को विवेक [ सदबुद्धि] के रूप में एक सारथी दिया है। जो हर समय हमारे साथ रहता है , तथा अति विकट परिस्थियो...
 
कल एक और आयोजन भाई राज भाटिया और अमित ( अंतर सोहिल ) द्वारा रोहतक में किया जा रहा है ! स्नेही अमित और राज...
 
कार्तिक पूर्णिमा दीप-दान करती महिला हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है.प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं होती हैं. जब अधिक मास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर १६ हो जाती है. क...
 
मुझसे तो नहीं छूट पाता ये बचपना आप चाहे कुछ भी कहते रहे मुझसे तो नहीं छूटता ये बचपना |अरे तो क्या ये जरूरी है कि ४० पार् कर लिया तो हमेशा चेहरे पर बुजर्गियत ही ओढ़े रहे ,बेबसी चिपकाए रहे ,सबकेआश्रित ही बने...
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 

2 comments:

ASHOK BAJAJ November 20, 2010 at 6:44 PM  

कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश उत्सव की आपको बहुत बहुत बधाई

Shah Nawaz November 21, 2010 at 6:15 PM  

आपकी मेहनत और जज्बे को सलाम!

प्रेमरस.कॉम

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