एक उदास कविता...जैसे तुम -आखिर कहां जाएगा -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Sunday, November 28, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आदिवासी समस्या राष्ट्रीय समस्या है। भारत की राजनीति में आदिवासियों को दरकिनार करके कोई राजनीतिक दल नहीं रह सकता। एक जमाना था आदिवासी हाशिए पर थे लेकिन आज केन्द्र में हैं। आदिवासियों की राजनीति के के...
पेश ए खिदमत है इस्मत जैदी "शेफा कजगांवी " अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की तीसरी पेशकश……**[image: zaidi] **ये ग़ज़ल अम्न और शांति का संदेश देने के साथ साथ एक चेतावनी भी है देश के दुश्मनों ,फ़ि...
आख़िर कार देश के गाँवों की अहमियत को समझते हुए वर्तमान संप्रग सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में २०१२ तक पूरे देश के सभी गाँवों को पूरी तरह से तेज़ गति के इन्टरनेट से जोड़ने की दिशा में सही कदम उठा दिया है. इ...
चेहरे पर नकाब लगाए , या बार बार चेहरा बदले , है वह क्या ?जान नहीं पाता , पहचान नहीं पाता , विश्वास टूट जाती है , बार बार चेहरे पर चेहरा , हर बार अजनबी अहसास , अपना सा नहीं लगता , वादा करके मुकर जाना , हर बात...
पुलिस को खुफिया सूचनाएं एकत्रित करने के लिए राजधानी भोपाल में खोले जाने वाले जासूसी स्कूल को लेकर देरी हो रही है। इस योजना के तहत सिपाही से लेकर एएसपी स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की योजना तैया...
क्यूँ यह मसला उलझता जाता है?* *तेरा रहम वक़्त-बे-वक़्त कहाँ गुम हो आता है?* * * *जब झुलसते हैं आग में मकां,* *तब बरसता हुआ बादल क्यूँ नहीं आता है?* * * *ख़ाक में मिला दिया जाता है जब कोई मजबूर,* *काइनात...
लोक शिक्षण संचालक ने राजपत्र के खिलाफ नया आदेश जारी किया है, जिससे पदोन्नति परीक्षा उलझती नजर आ रही है। शिक्षाकर्मियों को हेडमास्टर के पद पदस्थ किए जाने की प्रक्रिया को राजपत्र में पदोन्नति कहा गया है, जबक...
गांव सिर्फ खेत-खलिहान या भोलापन नहीं हैं, गांव में एक उम्मीद भी है, गांव में है शहर का रास्ता और गांव में मां भी है... शहर सिर्फ खो जाने के लिए नहीं है.. धुएं में, भीड़ में... अपनी-अपनी खोह में... ...
सजा
मेरे दिल में शमा-ए-इश्क जला कर के चल दिए | मेरे इश्क को गलत वो बता कर के चल दिए | पहली नज़र में ही था हमें घायल कर दिया, क्या फायदा कि अब जो नज़र झुका कर के चल दिए | मेरे दिल में........ उन्हें हमसे नहीं है ...
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ये मेरे लिए गर्व कि बात है कि मैं अपने शहर (इंदौर) के बारे ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जिस पर मुझे अपने शहर पर गर्व है.....* *आई रिमोट* - कस्टमर कि सुविधा को ध्यान में रखते हुए 'सयाजी' (मेरे शहर का प्र...
शीर्षकहीन
कल फिर मिलेंगे
राजा हसन के साथ एक और फोटोग्राफ। कल मैंने इसका इंटरव्यू लिया था। कई नई बातें सामने आई... [image: Posted by Picasa]
लोग आते हैं अपनी कहते हैं चले जाते हैं हम सुनते हैं ध्यान से गुनते हैं दिल से लगा लेते हैं जब तक संभलते हैं वो किसी और मुकाम पर चले जाते हैं और हम वहीं उसी मोड़ पर खाली हाथ खड़े रह जाते हैं कभी क...
अच्छा तो हम चलते हैंकल फिर मिलेंगे
5 comments:
उदासी दूर भाग जाएगी , केवल हमारा नाम देख लीजिए .
बढ़िया चर्चा की ग्वालानी साहब , धन्यवाद !!
Achhe links ki chaupal..... dhanywad
आज तो काफ़ी बढिया लिंक्स लगाये हैं……………सुन्दर चौपाल्…………आभार्।
भाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए आभार। उससे भी ज्यादा आभार अन्य महत्वपूर्ण लिंक उपलब्ध कराने के लिए ।
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