बाल दिवस और जीवन संघर्ष का प्रथम पाठ, बाल दिवस – बच्चों की नज़र में -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Saturday, November 13, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
बच्चों का बहु प्रतीक्षित बाल दिवस फिर से आ पहुँचा है और बच्चे खुश हैं कि स्कूल में आज खूब मज़े आने वाले हैं उन्हें यूनीफ़ार्म नहीं पहननी होगी ! रंगीन कपडे पहन कर जा सकेंगे ! अपनी सबसे खूबसूरत ड्रेस पहनने का ...
"गरीब वह नहीं जो रूखी-सूखी रोटी खाकर सो रहा है गरीब वह है जिसके पास छप्पन- भोग तो हैं पर बीमारियों की वजह से खाए बगैर सो रहा है।" आचार्य उदय
जल संचयन मैं, जल पवित्र नदियों और सागर का, उड़ के अम्बुद बन इतराता अंबर में, देखता हूँ जब धरा पे सूखी माटी, प्यासे तन-मन. गिरता हूँ, टपकता हूँ, बिखरता हूँ, सरकता हूँ, तर करता हूँ, हर आंगन, अटा...
हरियाणा में लागू भूमि अधिग्रहण कानून के माध्यम से लगता है अगले विधान सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस ने माया सरकार को कटघरे में खड़ा करने का मन बना लिया है. अभी तक जिस तरह से उत्तर प्रदेश में ब...
आज 14 नवम्बर बाल दिवस का दिन है, साल में यह एक दिन बच्चों के नाम कर दिया गया। वैसे भी बाकी 364 दिन इन्ही के होते हैं।इस अवसर मैं कहना चाहता हूँ कि दुनिया की स्वनिर्मित (सेल्फ़ मेड) हस्तियों ने जीवन में संघर...
हम भारतीय उत्सव मनाने के बड़े शौक़ीन होते हैं, शादी का जश्न हो या फिर पुरुस्कार वितरण का मंच, हर जगह दो चीजें जरूर प्रभावी रहती हैं - एक तो जगमग रौशनी और हिन्दी फिल्मों के गाने और दूसरा अंग्रेजी में वार्त...
इसके पहले कि स्वामी जी के सूत्रों की प्रस्तुत हो उन्हीं के बताए अनुसार साधना-के भागों का चिंतन कर लिया जावे. जो जीवन को आध्यात्मिकता से सहजता से जोड़ सकती है. जीवन के सर्वोच्च सत्य की पहचान के लिए ज़रूरी है...
लगभग दो माह पूर्व समीरलाल जी की एक मेल प्राप्त हुई थी जिसमें सूचना थी कि 11 नवम्बर को दिल्ली आयेंगे. तारीख नोट कर ली गयी, फिर अगली सूचना का इंतज़ार रहा. दीवाली पर शुभकामना का आदान प्रदान हुआ ,परंतु समीर जी ...
जागेश्वर अपने ग्राहकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हो गए हैं छत्तीसगढ़ के एक गाँव में रहने वाले पनवाड़ी ( पान दूकानदार ) के शौंक की चर्चा इन दिनों बी.बी.सी. हिंदी के माध्यम से पूरी दुनिया में हो रही है ...
(बाल दिवस पर विशेष ) यह कविता घर के बर्तनों के नाम धोते हैं जिन्हें छोटे छोटे हाथ हर रोज हमारे घरों में गर्मी,बरसात या फिर कडकडाती ठंड में. उन झाडुओं के नाम जिन्हें मजबूती से पकड़ कर बुहारी जाती है स...
शरद कोकाश जी मेरे नगर में ही रहते हैं, गाहे-बगाहे मेल-मुलाकात होते रहती है एवं मोबाईल में बातें भी होती है, वे मुख्य रूप से कवितायें लिखते हैं, कहानी,व्यंग्य,लेख और समीक्षाएँ भी लिखते हैं। उनकी एक कविता स...
*परिचय*** *डॉ सुधा गुप्ता *** *जन्म - **18-5-1934* *जन्म -स्थान- मेरठ ( उ.प्र.) भारत*** *शिक्षा- एम.ए.**, **पी-एच.डी.**, **डी.लिट्.*** *कार्यक्षेत्र- चौंतीस वर्ष वि.वि. के उत्तर-स्नातक महाविद्यालयों में आच...
संगठन में शक्ति है। मिलने से ही संगठन बनते हैं और मिलने से ही आपस में ठनती भी है। परंतु हिन्दी ब्लॉगरों का मिलना बनना होता है, ठनना नहीं। सारी ठनठनाहट खुशियों की आहट में बदल दिल लुभाती है। संगठन की शक्ति...
खामोश हम तुमबात ज़िन्दगी से आँखों ने कुछ कहा धड़कन सुन रही है धरती से अम्बर तक नि:शब्द संगीत है मौसम की शोखियाँ भी आज चुप-चुप सी है गीत भी दिल से होंठ तक न आ पाए बात दिल की दिल में ही रह... visit my blog ...
यह रहा प्रश्न आपके सामने आज एक चित्र आपके सामने है. यह एक भारतीय महापुरुष का है. आपको बताना है कि यह चित्र किस महापुरुष का है? मेरा सवाल १४४ का सही जवाब – चार्ली चैपलीन सर चार्ल्स चैपलीन का जन्म १८८९...
UNI TV के केमरामेन व संवाददाता समीर जी का साक्षात्कार लेते हुए |
अभी अभी दिल्ली ब्लॉगर संगोष्ठी एवं विमर्श से लौटा हूं ...मन और तन दोनों ही पुलकित हैं ..क्या क्या हुआ किसने क्या कहा ..किसने क्या सुना ...किसने क्या देखा .....अरे रे रे आप तो जल्दी मचाने लगे ...भाई ....
नेशनल साइंस ड्रामा फेस्टिवल के लिए एक बार फिर छ.ग. से मोना माडर्न स्कूल,सारंगढ़ का चयन.नेहरु साइंस सेंटर, मुबई में आयोजित इस कॉम्पिटिशन में पहले भी मोना स्कूल का चयन २००८-२००९ में हो चूका हे जिसमे राष्ट्रि...
कुछ ही दिन पहले फालोवर्स एक्सचेंज प्रोग्राम की नसीहतें देते , गुर सिखाते रजनीश जी की पोस्ट पढ़ी , इत्तफाक ऐसा कि एन उसी सुबह मैं , टीवी पर इस गाने को दीदा फाड़ अंदाज़ से फालो कर रहा था , लेकिन फालोवर्स क...
कहा कार्रवाई उनका संगठन करेगा... व्यक्तित्व निर्माण और संस्कारवान बनाने का दावा करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छत्तीसगढ़ प्रांत के संघचालक बिसराराम यादव की बोलती तब बंद हो गई जब पत्रकारों ने भाजपा नेताओं ...
नमस्कार, पंजाबी में एक कहावत है "मुड़, मुड़ खोती बोड़ हेंठा" यानि घूम फिर कर वहीं लौटना। (अब पूरा ट्रांसलेशन ना करवाएं :-) ) तो लब्बोलुआब यह है कि पूरे 26 दिनों बाद लौटना हुआ है। पूरे प्रवास के दौरान अपने अस...
कल फिर मिलेंगे
5 comments:
बहुत अच्छी सजाई है चौपाल
आज के चौपाल में तो सभी पठनीय हैं।
बहुत अच्छी सामग्री।
शुभकामनाएं।
बहुत अच्छी चौपाल.......
भाई राजकुमार जी आपने आज बहुत सुन्दर ढंग से चौपाल सजाई है .ग्राम-चौपाल का लिंक देने के लिए आभार .
बहुत बढ़िया !
Post a Comment