तुलने लगे कुबेर भी अनुदान के लिए, ये साले अफसर ही बनाते हैं बेईमान-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, November 12, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
हम लड़ रहे हैं मित्र दोना पान के लिए भाड़े में भीड़ जुटती है सम्मान के लिए क्या नहीं होता अब पूजा के नाम पर बिक जाते हैं फ़रिश्ते अनुष्ठान के लिए है खेल सियासत का कुर्सी के वास्ते तुलने लगे कुबेर भी अनुदान के ...
आज का जमाना पूरी तरह से बेईमानी का है। अपने देश में अब ईमानदारी की कदर नहीं होती है। यदा-कदा कोई ईमानदारी दिखाते हुए किसी का सामान वापस छोड़ जाए तो कहा जाता है कि ईमानदारी आज भी जिंदा है। लेकिन हम पूछते है...
यह एक नया चिटठा है जिसमे सिर्फ और सिर्फ हिंदी में ही लिखा जायेगा |
बच्चे नि:शक्त हैं तो क्या? वे भी पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे। इस सोच के साथ शारीरिक व मानसिक रूप से नि:शक्त बच्चों को पढ़ाने की योजना शुरू की जा रही है। सर्व शिक्षा अभियान के समावेशित शिक्षा कार्यक्रम के तहत यह...
ख़ता
दिल नहीं मानता कि हैं वो बेवफा हो गए कोई ख़ता हुई है जिससे हैं वो ख़फ़ा हो गए दिल नहीं मानता कि........ जो थे जीने का मकसद, मेरे मुस्कुराने कि वजह आज वो दर्द-ओ-ग़म कि वजह हो गए मेरे दर्द को सुन कर रो पड़ते...
बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में एक सनकी ने शुक्रवार शाम ब्लेड से हमला कर पांच लडकियों को घायल कर दिया ..पाँचों लडकियों पर मंगोलपुरी में अलग अलग जगह पर निशाना बनाया गया ...घायल लडकियों को संजय गांधी अस्...
Cartoon © T.C. Chander 2010
कल रात एक बालक ने बड़ा प्रभावित किया। यही तीन-चार वर्ष का रहा होगा। पिता बड़े ओहदेदार, माताजी सलीकेदार। माता-पिता की नजरों में यह उसकी उद्दण्डता अथवा जिद कही जा सकती है, लेकिन किनारे खड़े स्वतंत्र समीक...
वो मेरा होकर भी मुझसे जुदा रहा जब भी मिला बस खफा खफा रहा क्या मौसम आये क्या बादल बरसे कहाँ ख्याल सर्द आहों के सिवा रहा वक़्त ने यूँ मिटा तो दी तहरीरें कई सीने का मगर, हर ज़ख़्म हरा रहा रात भर शमा ...
बेटियां अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कितनी प्यारी होती हैं बेटियां हर घर को रोशन बनाती हैं बेटियां पापा की भी दुलारी होती हैं बेटियां ओस की बूंदों सी नम होती हैं बेटियां कली से भी नाजुक होती हैं बेटियां सपर्श मै अपनापन ना हो तो रो देती बे...
पिछली पोस्ट में आप पढ चुके हैं कि कैसे हमने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की सैर और कुछ खरीददारी वैगेरह के बाद , वहीं पास में ही स्थित , जालियांवाला बाग की ओर बढ चले । जालियांवाला बाग के लिए मेरी धुंधली स्...
पहले ही भाजपा के आगे अपनी गत पिटवा चुकी छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस को ऐसे अध्यक्ष की तलाश है जो यश बास की भूमिका बखूबी निभाता हो। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस बार भी अध्यक्ष चयन में मोतीलाल वोरा की चलेगी और...
करण समस्तीपुरी नमस्कार मित्रों! अभी-अभी लौटे हैं छठ घाट से। भगवान भाष्कर का संध्या पूजन कर। [image: 114]आज तो दिन भर चहल पहल रही। हालाकि इन्द्र देवता नाराज़ थे इस बार सो पोखर ...
सारी दुनिया में बेरोजगारी अपने पैर फैला रही है और दूसरी तरफ अत्यधिक काम का दवाब लोगों को तनाव ग्रस्त कर रहा है। परिवार संस्था बिखर गयी है और विवाह संस्था भी दरक रही है। अमेरिका से चलकर ओबामा भारत नौकरि...
"पाप कर्मों से कमाई गई दौलत के हिस्से को दान-पुण्य में लगाने से हम दिखावे के लिए धर्मात्मा बन सकते है किन्तु सत्य तो यही रहेगा की हम ईश्वर की नज़रों में गुनहगार हैं।" आचार्य उदय
क्या देवियों को माहवारी नहीं आती?
छम्मकछल्लो परेशान रहती है. तन की परेशानी तो वह झेल लेती है, मगर मन अहमक बडा बेहूदा है. जब-तब, जिस तिस रूप में उसे परेशान करता रहता है. सबसे बडी परेशानी तो यही है कि वह लडकी बनकर क्यों जन्मी? लडकी नहीं ..
मै तो धूल का कण हूँ मत बना माथे का तिलक मिटना मेरी किस्मत है मै तो एक पल हूँ मत बना ज़िन्दगी का सबब आकर गुजरना मेरी फितरत है ये सिर्फ़ किस्से किताबों की बातें हैं क्यूँ फ़ेर मे पडते हो सबकी किस्मत मे ...
कल फिर मिलेंगे
6 comments:
सुंदर ब्लाग चौपाल सजाई
छठ पर की ढेर सारी बधाई।
is blog chobaal ko dekh kr gnga jmuna snskrti ki khaavt yad aagyi behtrin kaamyaab koshish ke liyen mubarkbaad. akhtar khan akela kota rajsthan
सुंदर चौपाल
बहुत बढ़िया चौपाल ..आभार
काफ़ी लिंक्स मिले……………सुन्दर चौपाल ……………आभार्।
बहुत अच्छी चौपाल सजी है।
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