प्यार और मजनू , रिश्तों का सौंदर्य -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Sunday, November 7, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
प्रदुषण के डर से ,* *ना निकला घर से ;* पटाखों की लड़ियाँ , और फुलझड़ियाँ , सुहाने गगन में , कहर बन के बरसे ;* * *प्रदुषण के डर से ,* *ना निकला घर से ;* हर मोड़ पर है मधुशाला , हर हाथ में मस्ती का प्याला...
श्री प्रमोद ताम्बट मूलत: लेखक और व्यंग्यकार हैं। इनके व्यंग्य व व्यंग्यलोक नामक दो व्यक्तिगत ब्लॉग है। इन ब्लॉगों के अलावा भोपाल एवं देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनके आलेख व व्यंग्य प्रकाशित होत...
"छल, कपट, बेईमानी जैसे कठिन मार्ग पर चलकर इंसान को जीतने का प्रयास करने से बेहतर है प्रेम व समर्पण रूपी मार्ग पर चलकर इंसान को जीतना सरल व सहज है।" आचार्य उदय
क्यों जकड़ लिया जाता हूँ मैं एक पगलाए अहम में नहीं छू पाती तब मुझे जीवन की सहज बातें प्यार का औदात्य तुम्हारी देह गंध बस मैं होकर रह जाता हूँ एक दिमाग स्वचालित और आत्मकेंद्रीत तर्क, तर्क, तर्क पगलाए पर बुद्...
प्यार हो या हो मजनू दोनों नाम हम एक दुसरे के पर्यायवाची को कहते हें मजनू भी अजीब दीवाना था लेला का दीवाना था इसीलियें आँखों का अँधा और दिमाग का दिवालिया उसे कहते हें बस आप लोग इस बीमारी से बचो .
राजू भाग रहा था और गुड्डी उसके पीछे -पीछे उसे पकड़ने के लिए, साथ ही चीखती जा रही थी आज नहीं छोडूंगी तुझे देखती हूँ कब तक भागता है और जैसे ही राजू का पैर अटका तकिये में और वो पलंग पर गिर पड़ा और साथ ही गुड्ड...
रिश्तों को भी चाहिए खाद -पानी | ऐसे ही नहीं पनपते रिश्ते ।हम जिस समाज और घर परिवार के मध्य रहते हैं तो हमें उन रिश्तों का मान करना भी आना चाहिए। पर हम तो धीरे -धीरे अपने लोगों से ही कटते जा रहे हैं।हमने अ...
मेरी यादों में तू भी, कभी रोया होगा , मेरी तसवीर को, आंसुओं से भिगोया होगा , पुरानी बातों का जिक्र , हरबार हुआ करता था , दिल की बातों का इज़हार , हो कैसे मालूम न था , यूं बिछुड जाएंगे , यह सोचा न था , कभी ना...
वो आती तो हवाओं को हलके से छू कर खिलखिला देती, पलकें झपकतीं और हवा मुस्कुराती उसकी मासूमियत पर और अपनी मुट्ठी में उसकी उँगलियों की थिरकन को भर लेती. फिर वहां से चल देती और घंटों एक लड़के के एसी ऑफिस के साम...
नसों में बहता ख़ून जम रहा था आहिस्ता आहिस्ता और थरथराते होठों से जब तब आधे अधूरे कुछ लफ़्ज़ गिरते थे ज़मीं पर छनाके के साथ टुकडा टुकड़ा हो जाते थे सब हाथों ने हिलना बंद कर दिया था हां, आंखों की पुतलियां ज़...
वे सचमुच खुश हैं, आजाद है और बिंदास है...गीताश्रीहमारे लिए ये चौंका देने वाली खबर थी। भूटान के 30 वर्षीय वत्तर्मान राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक कुंवारी मां के बेटे थे। उनके पिता ने बाद में उनकी मां से श...
है रहस्य सारा ही जग यह सब संसृति मतवाली है, पार वही हो जाता इससे जिसने पथ गति पा ली है ! जीवन है वरदान या कि अभिशाप न जाना जाता है, है दुर्गम इसकी गली-गली पथ कोई खोज न पाता है ! सुख सामग्री भी बन जाती ...
कल फिर मिलेंगे
5 comments:
सुन्दर लिंक्स के साथ बढिया चौपाल सजाई है।
बहुत बढ़िया चौपाल है ! अति सुन्दर !
बढ़िया चौपाल .....सुन्दर लिंक्स
बहुत अच्छा , धन्यवाद .
ब्लॉग चौपाल पर आने का अवसर पहली बार मिला |बहुत अच्छी लिंक्स |
बहुत बहुत आभार मेरी रचना शामिल करने के लिए |
आशा
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