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अच्छे लेखन की नहीं होती कदर-विवादास्पद लिखो तो मच जाता है ब्लाग में गदर -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, November 11, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
अपने ब्लाग जगत में हर दूसरा ब्लागर एक ही नसीहत देने का काम करता है कि ब्लागरों को अच्छे लेखन की तरफ ध्यान देना चाहिए। हम जानते हैं कि अच्छा लेखन करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन अपने ब्लाग जगत में उनकी वही...
 
चौथी क्लास की कोई दोपहर रही होगी … लेकिन जेहन में अभी भी उतनी उजली है… रघुनाथ मुंशी जी ने पूरे क्लास को संबोधित किया … गाना वाना आवत है कौनो को ? सरकारी प्राइमरी और कान्वेंट की नर्सरी में फर्क के नाम पर बह...
 
हमने पिछले माह एक पोस्ट लगाई थी जिसमें हमने लिखा था कि ब्लाग के दीवानों के लिए यह खुशखबरी से कम नहीं कि आने वाले दिनों में ब्लाक जगत की गतिविधियों की खबरों को अखबारों में स्थान म...
 
मैं दिल्‍ली में हूं उड़नतश्‍तरी 
 
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कोलकाता में बैच 2010-12 के स्टूडेंट्स के समर प्लेसमेंट की शुरुआत शानदार रही। डे जीरो को ही यहां छात्रों को 100 से ज्यादा ऑफर मिले। स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट ऑफर देने वालों में...
 
न चाहने पर बहुत क्रूर होता है प्रेम मुस्कुरा के मांग लेता है, मुस्कुराहटें चकनाचूर कर देता है सपनीला भविष्य जहरीले शूल चुभोता है औ सिल देता है होठ छीन लेता है, उड़ान रोप देता है यथार्थ पैरों में न जानते 
 
साथियों पिछले माह से नोकिया 5233 मोबाईल सेट में एयरसेल के 98 रूपया में 30 दिन अनलिमिटेड पाकेट इंटरनेट उपयोग कर रहा हूं। इस मोबाईल सेट में हिन्‍दी सुविधा तो नहीं है, किन्‍तु ओपेरा मिनी की कृपा से हिन्‍द...
 
ब्लॉग पर लिखना शुरू किया तो अपनी कुछ पसंदीदा किताबों का जिक्र करने की सोची थी. उसमे से ही एक किताब थी "Eat , Pray, and Love " जो एक महिला पत्रकार के सच्चे अनुभवों पर आधारित है. इस किताब पर फिल्म बनने की घ...
 
*खबर इंडिया कुछ लोगों के लिए नया नाम हो सकता है, लेकिन ख़बरों को अपने अलग अंदाज़ में प्रस्तुत करने का हम लोगों का प्रयास लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। हमारी पूरी टीम खबर इंडिया के संस्थापक श्री पुष्पेंद्र आल...
 
कुछ अनजान लोगों को मैं अपने प्रोफेशन ज्‍योतिष के बारे में बताती हूं , तो एक महिला के ज्‍योतिषी होने पर उन्‍हें आश्‍चर्य होता है। क्‍यूंकि उनकी जानकारी में एक ज्‍योतिषी और गांव के पंडित में कोई अंतर नहीं है...
 
जाँच होगी, बृजमोहन पर संदेह ? रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना को लेकर केबिनेट  की बैठक में मंत्रियों की लड़ाई आखिर मिडिया तक कैसे पहुंची , इसे लेकर मुख्यमंत्री रमण सिंह न केवल नाराज है बल्कि भीतर ...
 
*कारणवाद (पंच समवाय)* किसी भी कार्य के पिछे कारण होता है, कारण के बिना कोई भी कार्य नहिं होता। जगत में हर घटना हर कार्य के निम्न पांच कारण ही आधारभुत होते है। काल (समय) स्वभाव (प्रकृति) नियति (होनहार) कर्...
 
ये बोझिल पलकें थका हुआ जिस्म ये पसीना जैसे झर जाती है पाँखुरियाँ जैसे राख हो जाती है धूपबत्ती देर तक खुशबू देकर देर तक महक कर ............................... कोई इसे जगाये क्यूँकर 

देश के चुनावी इतिहास में नया अध्याय जोड़ने वाला बिहार विधानसभा चुनाव-2010 (जो यह बतायेगा कि विकास और गुड गवर्नेंस के नाम पर इस देश में चुनाव जीते जा सकते हैं या नहीं) के परिणामों के बारे में तरह-तरह के विश...
 
सुन्दरता और सोलह सिंगारों का सम्बन्ध यूं तो बहुत पुराना है लेकिन ज़माने के साथ साथ फैशन ने कई रंग रूप बदले हैं. इसकी एक छोटी सी झलक दिखाई दी लुधियाना के निर्वाण क्लब में जहां फैशन शो में भाग लेने को आयी...
 
कल नारी जीवन की एक कहानी सुनी ! उसी की कहानी उसी की जुबानी सुनी ! ३० साल जिसने उस घर को संजोने मै लगाया ! आज उसी घर को छोड़ने का उसने मन बनाया ! खटी- मीठी यादे उसे इतने लम्बे समय तक रोके तो रही पर उसे बेइं...
 
बादल....और आसमां से आगे की कड़ी ..... सबने कहा था कि- बादल बरस ही जायेंगे देर - सबेर, कल हुयी थी बारिश मूसलाधार, आज हल्की सी धूप निखर आई है, बस ज़रा आँखों में सुर्खी उतर आई है 

दस्तूर तो दुनिया सही निभाती है कमी हम में ही है जो ना समझ पाते हैं सब अपने आप के साथी हैं पल भर के मुसाफिर मिलते हैं फिर अपनी राह को बढ़ जाते हैं कौन किसी का मीत यहाँ कौन किसी का साथी रे कुछ पल के ल...
 

प्रीति रस वो पिलादे ए साकी, रह न जाये कोई प्यास बाकी। कल रहें ना रहें क्या पता, कब नजाने हो कल क्या पता। जाने क्या लेके आये सहर, है अभी तो बहुत रात बाकी। ...प्रीति रस....॥ कल कहां होंगे जीवन के मेले, जाने ...
 
 
बिहार विधान सभा के लिए होनेवाले चुनाव (९.११.२०१०) में मुझे भी ड्यूटी पर तैनात किया गया. मेरा निर्वाचन- क्षेत्र १८८, फुलवारी था. यह पटना से महज १२ किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. मैं मन ही मन खुश हुआ कि च...
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 

9 comments:

संजय कुमार चौरसिया November 11, 2010 at 7:10 PM  

aap se sahmat hoon,

bahut badiya link diye aapne,

dhnyvaad

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

PARAM ARYA November 11, 2010 at 7:35 PM  

ग्वाला जी ! मेरे लेखन को देखिए किस स्तर का लगता है ?

अजय कुमार झा November 11, 2010 at 8:12 PM  

राज भाई ,
पहली बात कि चर्चा अच्छी लगी , सभी लिंक्स संग्रहणीप पोस्टों के हैं

दूसरी बात : विवादास्पद लेखन से गदर मच जाता है : बिल्कुल सहमत

तीसरी बात : अच्छे लेखन की कद्र नहीं होती : बिल्कुल असहमत

कारण बहुत सारे हैं , अभी सिर्फ़ एक कि , ब्लोगपोस्टों का न पढा जाना या उन पर टिप्पणी नहीं आना ..इसे पैमाना नहीं माना जा सकता ..वर्ना जानते सब हैं कि ..अच्छा लेखन अच्छा ही लेखन माना जाएगा ।

शुभकामनाएं ..चर्चा जारी रहे

डॉ. मोनिका शर्मा November 11, 2010 at 10:39 PM  

अजय कुमार झा जी की बातों से पूरी तरह सहमत...... अच्छी रही चौपाल

vandana gupta November 11, 2010 at 11:36 PM  

वाह! आज तो काफ़ी खूबसूरत लिंक्स लगाये हैं……………आभार्।

ज़मीर November 12, 2010 at 7:37 AM  

सुन्दर लिंक्स देने के लिए आभार.

शिक्षामित्र November 12, 2010 at 9:25 AM  

भाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए आभार। इस ब्लॉग पर पहली बार आया हूं। प्रतिदिन कम से कम एक बार विजिट करने का वादा रहा।

ASHOK BAJAJ November 12, 2010 at 9:49 AM  

सुन्दर प्रस्तुति .सुन्दर लिंक्स देने के लिए आभार

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