नयनो से बड़ा होता कोई शिल्पकार नहीं, उदास आँखों में छुपी झुर्रियों की दास्तान-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Tuesday, June 22, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
चलिए आज की ब्लाग चौपाल सजाते हैं
आपको तरह-तरह के ब्लागों से मिलाते हैं
बहुत पहले रायपुर में मेरे शायर मित्रों ने एक मिसरा दिया था-''वो कहीं पर भी कामयाब नहीं'' तरही मिसरा के बारे में सुधी पाठक जानते ही है, कि एक लाइन दे दी जाती है, फिर उसको शामिल करके कुछ शेर कहने पड़ते है.
नयनो से बड़ा होता कोई शिल्पकार नहीं गढ़ लेते हैं स्वप्न जिनका कोई आधार नहीं एक ख्याल की बंदिश पर कई राग सजाते है, यूँ ही बैठे बैठे, न जाने किंतने आलाप लगाते हैं वो सरगम गाते हैं जिसका कोई रचनाकार नहीं
एक मंत्री जी ने मंच से अपनी सरकार की, सौ दिन की उपलब्धियां यथाशक्ति गिनायीं तब नीचे खड़ी जनता ने भी, अपनी आदत के अनुसार ही पुरजोर तालियाँ बजायीं मंत्री जी जब थक कर नीचे उतरे तभी एक बूढी माँ किसी तरह ...
सन्तुष्टता और खुशी साथ-साथ रहते हैं। हम जो हमें मिला है उससे कितने संतुष्ट रहते हैं? यह बात निर्विवाद सत्य है कि संतुष्टि ही हमें सच्ची प्रसन्नता देती है।...
ख्वाब हैं कि एक जिद्दी बच्चा , जितना मना करो उतने ही आ जाते हैं इन्हें नींद की भी दरकार नहीं खुली आँखों में ही समा जाते हैं.
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से वे जग जाती हैं,और पुराना जीवन याद करने लगती हैं कि कैसे वे चौदह बरस **की** उम्र में शादी कर इस घर में आई थीं,पति कॉलेज में थे.बाद में वही स्कूल में शिक्षक बन गए. दादी सास...
मोहब्बत के सफर पर चलने वाले राही सुनो, मोहब्बत तो हमेशा जज्बातों से की जाती है, महज़ शादी ही, मोहब्बत का साहिल नहीं, मंजिल तो इससे भी दूर, बहुत दूर जाती है । जिन निगाहों में मुकाम- इश्क शादी है उन निगाहों ...
आओ ज्ञान बढ़ाएँ: पहेली-38 का सही उत्तर है- *झूठे का चढ़ाया हुआ मन्दिर, इन्द्र-भवन, टुन्यास, पूर्णागिरि, * *जिला चम्पावत (उत्तराखण्ड)* [image: IMG_1347] *झूठे मन्दिर की कथा- * *** प्राचीन समय में एक सेठ जी ...
जबसे ब्लागिंग से जुड़ा हूँ तबसे ब्लागर भाई बहिनों से मुलाकात के अवसर प्राप्त होते रहते हैं . दो दिन पहले समीर जी द्वारा इस आशय का मुझे मेल प्रेषित किया गया की जी का दिनांक २२-६-२०१० शाम को जबलपुर आगमन हो र...
बहुत दिन से जद्दोजहद चल रही थी की कैसे हिंदी लेखन के लिए एक ओफलाइन टूल को लैपटॉप पर डाला जाए. अभी तक करीब कुल मिलाकर लगभग १०० से ऊपर पोस्ट हो गयी होंगी मेरे तीनों ब्लोग्स पर, सारी ब्लोग..
आजकल कोई किसी को रिश्ता नहीं बताता...संयुक्त परिवार रहे नहीं, न्यूक्लियर फैमिलीज़ का चलन है...ऐसे में शादी लायक बेटे-बेटियों के लिए ज़्यादातर अखबार-पत्रिकाओं में मेट्रीमोनियल एड्स, मेट्रीमोनियल वेबसाइट्स...
धनपतियों का संसद में क्या काम!* *राजनीति जनसेवा है, पूंजीपति चाहें तो वैसे ही कर सकते हैं* *चार सौ चोदह फीसदी बढी है युवराज की संपत्ति पांच सालों में* *करोडपति सांसदों की तादाद बढी राज्य सभा में* *रा...
एक टीवी चैनल स्थापित करने में करोडों रुपए लगते हैं और उसे चलाने में और करोड़ों रुपए हर साल। दिल्ली में एक ऐसा टीवी चैनल है जिनके मालिक कश्मीरी गेट के एक अपेक्षाकृत गरीब परिवार में पैदा हुए थे. वे जिस...
कल फिर मिलेंगे
8 comments:
अच्छी चर्चा!
उम्दा चर्चा...बहुत से अच्छे ब्लोग्स के लिंक मिले...आभार
बहुत बढ़िया चर्चा, शुभकामनाएं !
बहुत ही उम्दा एवं सार्थक चर्चा की है आपने। यूं ही लगे रहिए...आपको शुभकामनाएं
बहुत विविधता लिए हुए है ये चर्चा अच्छे लिंक मिले शुभकामनाएं !
गिरीश पंकज से लेकर दूरदर्शन तक के दर्शन करा दिए प्रभु ...
लिमटी खरे ने सच कहा है आज के जनता के खून के प्यासों के बारे में !
कुछ सहायता चाहिए तो याद कर लेना जनाब ...
शानदार और मनमोहक।
बहुत बहुत धन्यवाद भाईसाहब...!!
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