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लिंग समानता बनाम नारी-सशक्तीकरण, “कामुकता में वह छला गया-ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, June 18, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

 
आज नहीं करेंगे किसी के समय का खर्चा 
सीधे करेंगे हम ब्लाग चर्चा .....
 
क्या चीज है यह जबान भी? कभी बड़े भाई जैसे अपनत्व भरे शब्द को वैमनस्य भरा शब्द बना देती है *"जबान संभाल के बड़े भाय ... बहुत मंहगा पड़ेगा हमसे उलझना"* के रूप में। तो कभी लल्लू जैसे मखौल उड़ाने के लिये प्रयोग कि..
 
जब इन्फ़ोसिस के पूर्व सीईओ नन्दन नीलकेणि ने बहुप्रचारित और अनमोल टाइप की “यूनिक आईडेंटिफ़िकेशन नम्बर” योजना के प्रमुख के रूप में कार्यभार सम्भाला था, उस समय बहुत उम्मीद जागी थी, कि शायद अब कुछ ठोस काम होगा, लेकिन जिस तरह से भारत की सुस्त-मक्कार और भ्रष्ट
  
रो रहा क्यों व्यर्थ रे मनकौन अपना है यंहा पर .मिट गयी हस्ती बड़ों की है हमारी क्या यंहा पर . सबको अपनी ही पड़ी हैचल रहे सब भावना मेंस्वप्न सब बिखरे पड़े जबहै कान्हा कुछ कल्पना में . . स्वर्ग-सुख के मोह में आनरक में मैं बस गया हूँ . आज जग के जाल में कुछ
 
अग्नि को साक्षी मान कर॥ सात फेरे हम लिए॥ हम तुझे जाने न देगे॥ गम कभी आने न देगे॥ लड़ जाए उस बला से॥ जो तेरा अपमान करे॥ मांगना है मांग लो॥ हम आसमा के तारे देगे॥ हम तुझे जाने न देगे॥ गम कभी आने न देगे...
 
कोई इक खूबसूरत, गुनगुनाता गीत बन जाऊँ, मेरी किस्मत कहाँ ऐसी, कि तेरा मीत बन जाऊँ. तेरे न मुस्कुराने से, यहाँ खामोश है महफ़िल, मेरी वीरान है फितरत, मैं कैसे प्रीत बन जाऊँ. तेरे आने से आती है, ईद मेरी औ ...
 
1973 में रची हुई एक रचना” *जल में मयंक प्रतिविम्बित था, अरुणोदय होने वाला था। कली-कली पर झूम रहा, एक चंचरीक मतवाला था।। * *गुंजन कर रहा, प्रतीक्षा में, कब पुष्प बने कोई कलिका। मकरन्द-पान को मचल रहा, ...
 
ये पोस्ट मेरे शोध कार्य का अंश है. मैं इस विषय पर शोध कर रही हूँ कि किस प्रकार हमारे धर्मशास्त्रों ने नारी-सशक्तीकरण पर प्रभाव डाला है? क्या ये प्रभाव मात्र नकारात्मक है अथवा सकारात्मक भी है? जहाँ एक ओ...
 
दो-तीन दिनों से कम्प्यूटर हड़ताल पर था इसलिए मैं शांत बैठा रहा, खैर अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है। ब्लाग जगत में कौन वरिष्ठ है और कनिष्ठ है इसका कोई पैरामीटर मेरे पास तो है नहीं। मैं तो सिर्फ एक ही बात जानता हू...
 
हमारे क्युबिकल्स के बीच एक मौन खिंचा है। कीबोर्ड की किटकिटाहटें, ग्राहकों से की गई बातें और इंटरकॉम की सौम्य कुनमुनाहटें रूटीन हैं, 'मौन' में शामिल हैं। कितनी बार लगा कि मैं चुप तुमसे कुछ कह जाता हूँ। 
  
आफिस में जाकर पता चला कि नौकरी या तो पत्नी को मिलेगी या फिर बेटे को. अगर पत्नी न कर सके तो जगह सुरक्षित रखी जाएगी और बेटे को मिल जायेगी. रहने का मकान भी सुरक्षित रहेगा. पेंशन पत्नी को मिलेगी
  
बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता एवं जस्टिस सुनील सिन्हा की युगलपीठ ने एसईसीएल के खिलाफ कोयला उत्खनन के लिए ग्राम लाट में भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा नहीं देने संबंधी दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। शासन ने अपने जवाब में याचिका को जनहित के
  
फ़िरदौस ख़ानभारत विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का देश है। प्राचीन संस्कृति के इन्हीं रंगों को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बिखेरने में सपेरा जाति की अहम भूमिका रही है, लेकिन सांस्कृतिक दूत ये सपेरे सरकार, प्रशासन और समाज के उपेक्षित रवैये की
  
हिमालय की ऊँची बर्फीली चोटियाँ और कल कल बहती नदियाँ, सरसों के पीले फूलों में लहराते गेहूं के हरे भरे खेत,  ऊँचे ऊँचे देवदारों से झांक के सूर्य की किरणें रही हैं देख,  तुम कहोगे गाँव है मेरा मैं कहती हूँ बचपन था सुनहरा,  पर अफ़सोस न गाँव रहा
  
पंजाब में ऑनर किलिंग का एक और मामला जुड़ गया है। बिहार में प्रेम विवाह रचाकर पंजाब आए प्रेमी युगल की फगवाड़ा में 16 जून कि रात बुधवार को देर रात लड़की के परिजनों ने तेजधार हथियार से गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। फगवाड़ा के गांव महेड़ू में इस घटना को उस
  
फरजाना और मेरा वैवाहिक साथ आज पन्द्रहवें साल में दाखिल हो रहा है। धूप छाँव के खेल में जितना मैं पिसता हूँ उससे कहीं ज्यादा वो... ये तो आप भी जानते/ती हैं । आप की बधाइयां एक बार फिर हमें इस बुरे दौर में डट कर खड़े रहने की हिम्मत देंगी ..

अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
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2 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) June 18, 2010 at 10:28 PM  

उम्दा चर्चा....अच्छे लिंक्स मिले

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