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हर शख्स आज है भूखा, बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, June 23, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
इस ब्लाग चौपाल में हमारी ऐसी कोशिश रहती हैं कि हम ज्यादा से ज्यादा नए ब्लागरों को भी मौका दें। हमें जितने नए ब्लाग नजर आते हैं उनको शामिल करने की कोशिश रहती हैं। आज भी कुछ नए ब्लाग चर्चा में शुमार हैं। इसी के साथ हम हर ब्लाग को लेने का भी काम करते हैं फिर चाहे वह किसी का भी ब्लाग हो। हमें हमारे इस काम से विचलित करने की कोशिश लगातार जारी है, पर हम विचलित होने वाले नहीं हैं। चलिए आज की चर्चा की तरफ चलते हैं- 

हर शख्स आज है भूखा* (१) दिन रात की मेहनत, नहीं मिलता मेहनताना इतना कि भर ले उदर अपना खा के रूखा सूखा गुजर रही है जिन्दगी, रह एक जून भूखा (२) पाके लक्ष्मी कृपा असीम, विलासिता ...
ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु कठिनाई यह है कि, आज के जमाने में, वे वस्तुएँ भी केवल रुपये अदा...
मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" यानि की *ताऊ का गधा *आप सबको रामराम करता हूं. पिछले दिनों आपने बेमौसम ताऊ को सुर्यग्रहण जैसा लगता देखा होगा. मुझे भी बडा आश्चर्य हुआ. पर ताऊ का बिगडा मूड और पास मे रखा लठ्ठ देख...
आज, 24 जून को Hindi Tech Blog - तकनीक हिंदी में वाले नवीन प्रकाश का जन्मदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ वैसे, आज एक ब्लॉगर साथी की वैवाहिक वर्षगांठ भी है, देखिएगा संध्या 4:30 की पोस्ट *आने वाले **जनमदिन 
कैसा ये इत्तेफाक़ है ....कश्मीर के पंडित और मुसलमान एक से ही तो लगते हैं....फिर भी ये घाटी हर दिन खून से नहाती है....क्यूँ ???? Publish Post 
संसार में सबसे खुशकिस्मत इनसान कौन है... सबसे खुशकिस्मत इनसान वो है जिसके बेटे की फोटो *बिज़नेस वर्ल्ड* के कवर पर छपती है... सबसे खुशकिस्मत इनसान वो है जिसकी बेटी की फोटो *इंडिया टुडे* के कवर पर छपती ...
अमेरिका में रहते हुए एक दिन library जाना हो गया। पुस्तकों की एक रेक में दो तीन पुस्तकें बच्चों की पोटी ट्रेनिंग पर ही थी। बड़ा अजीब सा लगा कि इस विषय पर भी पुस्तक लिखी जा सकती है क्या? अभी प्रपोत्र 3 वर्ष 
'ग्रुप कैप्टन' तेंदुलकर रिपोर्टिंग सर ! " भारतीय वायु सेना [आईएएफ] मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को 'ग्रुप कैप्टन' के पद से सम्मानित करेगी और इस महान बल्लेबाज ने कहा कि वह आईएएफ से जुड़कर खुद को गौरवांव...
मैंने 'राजनीति' देखी -*प्रकाश झा की राजनीति* -कहीं की इंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा...कुछ महाभारत के पात्रों के किरदार लेकर उन्हें मौजूदा हालातों पर आरोपित कर दिया तो कुछ दृश्य *सरकार* से ले मारा ...
करण समस्तीपुरी खखोरन चौधरी के बाबू-माय अकाल काल को प्यारे हो गए थे। फूस के घर में छोड़ गए एगो लड़का खखोरन, एगो भुल्ली भैंस, एगो नाद, एगो चूल्हा और दू-चार गो बर्तन। उनके जाए के बाद उहो चूल्हा बर्तन समझिय...
बेमौसम आँधीं चलें, दुनिया है बेहाल। गीतों के दिन लद गये,गायब सुर और ताल।। * *----* *नानक, सूर, कबीर के , छन्द हो गये दूर। कर्णबेध संगीत का , युग है अब भरपूर।। ----* *रामराज का स्वप्न अब, लगता है इतिहा...
1. यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता, तो उसे याद कर आज का दिन व्‍यर्थ न गँवाइए।राजभाषा हिन्दी 2. ई गोरकी सब्बे लोकनी के हरान कई देहलस.... अबहीं उपरे की सीट पर शकीरा का गाना सुन... 
मैं 24 जून को दोपहर तक सपरिवार जयपुर पहुंच रहा हूं और 27 की सुबह दिल्‍ली के लिए वापिस निकलूंगा। इस दौरान मैं चाहता हं कि किसी दिन जयपुर वालों की व्‍यस्‍त दिनचर्या को भंग करूं। पर वो दिन और समय कौन सा होगा...
मेरी छत से उसकी बालकनी दिखती है. मैंने उसे कई बार आसमान में जाने क्या ढूंढते देखा है. वो लड़की भी अजीब सी है...खुद में हँसती, सोचती, उदास होती...शाम को उसका चेहरा उदास दीखता है, मालूम नहीं ये शाम के रंगों का...
हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में पंचायतों के आतंक की जो दिल दहला देने वाली कथाएं अक्सर सुनने को मिलती रहती हैं, वैसी कहानी देश की राजधानी से सुनने को मिलेगी, कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। लेकिन यह सच है। 
"क्या रंगीं जमाल चेहरा आंखों को भा गया है आंखों के रास्ते वो दिल में समा गया है" "सखी पनघट पर जमुना के तट पर लेकर पहुंची मटकी भूल गई एक बार सब जब छवि देखी नटखट की" इस एल्बम का नाम है श्याम दी कमली इस प्यार...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 

6 comments:

Khushdeep Sehgal June 23, 2010 at 9:37 PM  

राजकुमार भाई,
आपकी ब्लॉगिंग की साधना बेजोड़ है...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार...

जय हिंद...

संगीता स्वरुप ( गीत ) June 23, 2010 at 11:07 PM  

बहुत अच्छी चर्चा...कई नए लिंक्स मिले...आभार

शिवम् मिश्रा June 24, 2010 at 3:17 AM  

इस उम्दा ब्लॉग वार्ता में मेरे लेख को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

विवेक रस्तोगी June 24, 2010 at 6:26 PM  

अच्छे लिंक मिल सके आप की चर्चा से.. धन्यवाद।

स्वप्न मञ्जूषा June 25, 2010 at 3:19 PM  

आपकी ब्लॉगिंग की साधना बेजोड़ है...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार...

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