हो गाड़ी वाला रे., .इस भारत भूमि पर पुनः पधारो- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी ..
>> Friday, June 25, 2010
आज चलते हैं सीधे चर्चा की तरफ-
हो गाड़ी वाला रे .... पता ले जा रे, पता दे जा रे, गाड़ी वाला पता ले जा, दे जा, गाड़ी वाला रे .... तोर गॉंव के, तोर नाव के, तोर काम के, पता दे जा प
अब अनुज से क्या डाह मगर कभी कभी *गिरिजेश जी के* आलस्य से जबरदस्त ईर्ष्या हो उठती है ...सारा आलस्य अपने में स्थित और स्थिर किये वे बाकी हम निरीह संसारियों को लास्य (ता) के नर्तन में झोक दिए हैं ...अब दे...
ख़यालों का आना-जाना था, किसी से किसी का सिला नहीं ख़ुद पर ही कभी रंज हुए और कभी किसी से गिला नहीं पत्तों का जब आग़ोश मिला, शबनम का नूर बस दमक उठा बदली में चाँद वो छुपा रहा, रौशन अब कोई काफ़िला नहीं त...
पंछी, नदिया, पवन के झोंके,* *कोई सरहद न इनको रोके,* *सरहदें इनसानों के लिए है,* *सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इनसां होके...* *ये खूबसूरत गीत* *जावेद अख्तर* साहब ने फिल्म *रिफ्यूज़ी* के लिए लिखा था...सरहद...
खुशी मनाने के कुछ बिन्दु 1- आपके परिवार के बेटे-बेटी मानने लगें कि उनका जन्म आपके परिवार की अभिलाषा नहीं वरन् उन बच्चों के माता-पिता के शारीरिक सुखों की परिणति है। 2- आपके बच्चे मानते हों कि आपने उनके ...
आज माइकल की मौत को एक साल हो गया है और इस एक साल में मीडिया में उसकी मौत के बारे में जितनी भी अफवाहें उड़ायी थीं वे गायब हैं और मीडिया के महासमुद्र में उसका संगीत बचा रह गया है। ...
आजकल चारों तरफ़ ही काईट्स, राजनीति .के रिव्यू , और आम पाठकों /दर्शकों की प्यारी प्यारी राय जानकर उन फ़िल्मों के प्रति ऐसा वैराग्य जाग गया कि टीवी पर उनके प्रोमो देख कर मन में यही बात उठ रही
अमेरिका के बारे में हमारे समाज में भ्रम फैलाने में मीडिया सबसे आगे है। अमेरिका में औरत और पोर्न का जो रिश्ता सामने आया है उसने औरत को असहाय बनाने में बड़ी भूमिका अदा की है। 10 अप्रैल 2010 को
देश में पंथी नृत्य को खास पहचान दिलाने वाले देवदास बंजारे भले ही अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन आज भी जब लोग किसी पंथी दल का कार्यक्रम देखते हैं तो उन्हें बरबस ही देवदास बंजारे की याद आ जाती है। 1 जनवरी 1...
शानू शुक्ला कहते हैं- इस भारत भूमि पर पुनः पधारो
दूर तक फैला घना कुहासा है, देता कुछ नहीं दिखाई है, फिर आज तेरे बच्चों ने ही, ऐ भारत माँ तेरी हंसी उड़ाई है, संस्कृतियाँ हो रही शून्य है, पश्चिमी झंझावातों में पड़कर, जो चले आ रहे मानव मूल्य सदियों से, बिक रहे...
आज आप सुनिये मेरे पसन्दीदा भक्ति संगीत कलैक्शन में से एक भजन "Nabi Nabi" आप इसे नात या कव्वाली भी कह सकते हैं इस पोस्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किस...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
6 comments:
बहुत उम्दा !
फिर से मुझे मिलीं बहुत सी जानकारी एक ही जगह ...आपके प्रयास कि वजह से ...जारी रहे ये प्रयास जनाब ....
बढ़िया चर्चा..
बढ़िया चौपाल....
आपके ब्लाग चौपाल की निष्पक्षता ही इसे ऊंचाईयों पर ले जाएंगी। मेरी शुभकामनाएं।
बहुत ही सुंदर चर्चा राजकुमार भाई । शुभकामनाएं
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