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कितनी खुबसरत जिंदगानी है-गर्व है हम हिन्दुस्तानी हैं- ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, June 21, 2010

 
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
दुनिया में हर किसी को अपना देश ही प्यार लगता है। इसमें शक नहीं है कि सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा है। हर भारतीय को हिन्दुस्तानी होने पर गर्व होता है और होना भी चाहिए। आज की चर्चा में अदा की पोस्ट ने ज्यादा मन मोहा है। देखें कौन क्या कहता है- 
 
 
ख़्वाब मेरे उठे थे, तूने क्यूँ सुला दिया नाम के ताने बाने में क्यूँ उलझा दिया रुक्न की हद तक हम पहुंच ही गए थे क्यूँ बे-वक्त का ये मक्ता रचा दिया दिल है मेरा ये तू वज़न क्यों देखता है धड़कन को मेरी क्यूँ...
 
मैंने आँखों में एक नया सपना सजा लिया है मैंने उन्हें तहेदिल से फिर से अपना लिया है. फिर किसी की जुदाई में क्यों आंसू निकलते हैं ग़मों की छाया में रहकर हँसना सीख लिया है
 
 
यह पोस्‍ट डॉ. सुभाष राय जी द्वारा लिखी गई है परंतु इसे पोस्‍ट करने का कार्य मैंने किया है। अब यह रिपोर्ट आपके मनन के लिए पेश है। इस संबंध में इत्‍तेफाक रखते हुए मैं अपनी सभी पोस्‍टें दिल्‍ली पहुंचने के ...
 
 मकान बिकाऊ है बस यही विज्ञापन देखकर नहीं खरीदना है मकान मुझे तो घर चाहिए... घर। * *घर कि- जिसमें कुछ जोड़ी सुंदर आंखे करती हो मेरा इन्तजार * *घर कि- जिसके आंगन में हो रस्से का बना एक झूला पौधे हरे-हरे
 
 
इत्तेफ़ाक की बात है कि अभी कुछ दिनों पहले ही एक साथी ब्लोग्गर ने अपनी जिज्ञासा ज़ाहिर करते हुए पूछा था कि फ़ौलोवर बनने और बनाए जाने के पीछे का औचित्य क्या है ? और जैसा मुझे याद है कि मेरे द्वारा दी गई टिप...
 
मेरे छाता की यात्रा कथा और सौ जोड़ी घूरती आंखें!! --- --- मनोज कुमार (भाग-२) पिछले भाग में आपने मेरे छाता की यात्रा कथा के तहत उसके साथ बरसात का एक दिन बिताया। आपको याद दिला दूं आप मेरे साथ यहां थे  
 
 
पिछले आलेख में हमने जाना कि पृथ्‍वी की घूर्णन गति के फलस्‍वरूप सूर्य 24 घंटों में एक बार आसमान के चारो ओर घूमता नजर आता है। इस कारण सूर्य की स्थिति को देखते हुए किसी भी लग्‍नकुंडली के द्वारा बच्‍चे के जन्‍...
 
संजीव शर्मा कहते हैं- बच्चे ही रहें बाप के 'बाप' तो न बने..
शुरुआत हमेशा की तरह किसी पुरानी कहानी से:एक किसान का संपन्न और खुशहाल परिवार था.चार बेटे थे ,पिता के रहते उन्हें धन-दौलत और घर परिवार की कोई फ़िक्र नहीं थी. जब किसान बूढ़ा और बीमार हुआ तो उसने बेटों को 
 
दीया आस का विश्वास का प्रेरणा का प्रतीक बन आशाओं का संचार करता मगर टिमटिमाती लौ वक्त की आँधियों से थरथराती टूटे विश्वास की बिना किसी आस की गहन वेदना को समेटे हुए कंपकंपाते पलों को ओढ़कर अपने आगोश में...
 
रवीन्द्र प्रभात बता रहे हैं- दीपक शर्मा की एक ग़ज़ल और एक नज़्म
ग़ज़ल लो राज़ की बात आज एक बताते हैं हम हँस-हँसकर अपने ग़म छुपाते हैं, तन्हा होते हैं तो रो लेते जी भर कर सर-ए-महफ़िल आदतन मुस्कुराते हैं. कोई और होंगे रुतबे के आगे झुकने वाले हम सिर बस खुदा के दर पर झुकाते...
 
नवीन प्रकाश बता रहे हैं- इंटरनेट कनेक्शन को लगाइए ताला
अपने इंटरनेट कनेक्शन को औरों की पहुँच से दूर रखिये इस औजार के उपयोग से । इसके प्रयोग से आप किसी कंप्यूटर पर इंटरनेट का प्रयोग रोक पायेंगे । आपका इंटरनेट चाहे डायल अप् हो या लैन कनेक्ट तो होगा पर कोई वेबपेज ...
 
समाचार4मीडिया.कॉम के माध्यम से यह खबर मिली है कि सरोजिनी नायडू पुरस्कार 2010 के लिए ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ ने प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ पंचायतों में महिला नेत्रियों के संघर्ष और सफलता की...
 
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 
 
 
 
 

12 comments:

Unknown June 21, 2010 at 7:47 PM  

आप चर्चा करने में कितनी मेहनत करते हैं,
ब्लागजगत आपका मूरीद हो गया है। बहुत ही अच्छे लिंक देते हैं। आपको नमन करने को दिल करता है।
लेकिन इससे आपके लेखन पर प्रभाव पड़ रहा है।
मै अभी राजतंत्र पर गया था वहां पर पढने लायक अच्छी पोस्ट नहीं मिली। पहले आप बहुत ही अच्छा लिखते थे।
कृपया राजतंत्र पर भी कुछ अच्छा लिखें। आप जैसे उर्जावान ब्लागर को लिखना ही चाहिए।
ब्लाग जगत के इतिहास में आपका नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा।

Udan Tashtari June 21, 2010 at 7:52 PM  

बहुत बढिया!

राजकुमार ग्वालानी June 21, 2010 at 7:53 PM  

अंजोर दास जी
हमें अंजोरा दिखाने के लिए धन्यवाद। हम राजतंत्र पर भी जरूर अच्छा लिखेंगे आप की चिंता जायज है. आप जैसे अनाम मित्रों के कारण ही तो अच्छे ब्लागर जिंदा है, ऐसे ही नए-नए नामों से आते रहे आपका स्वागत है।

राजकुमार ग्वालानी June 21, 2010 at 7:55 PM  

अंजोर जी
वैसे हमारी सलाह है कि आप दूसरे ब्लागों में भी अपना अंजोरा फैलाने का काम जरूर करें, सब आपके आभारी रहेंगे और सब पर भारी रहेंगे

rajesh patel June 21, 2010 at 7:59 PM  

हमेशा की तरह चर्चा अच्छी है

anu June 21, 2010 at 8:01 PM  

उम्दा चर्चा

संगीता स्वरुप ( गीत ) June 21, 2010 at 9:35 PM  

बहुत उम्दा चर्चा.....अच्छे लिंक्स मिले...आभार

Unknown June 22, 2010 at 1:54 AM  

चिन्ता न कोरू भाया
हमने अंजोरदास को ठीक कर दियो है
कोई अपने समाज का ही नी
जरा ध्यान रखो नी
ऐसे लोगों के मुंह काहे लगना है रे भाया
जै-जै साँई राम

Unknown June 22, 2010 at 2:00 AM  

बारम्बर-बारम्मबर
कब तक सहेगा अत्याचार
संत कंवरराम
संत कंवरराम
अब होके रहेगा फैसला
अंजोरदास का पता लग गया है
पुलिस रपट की तैयारी करो नी

राम त्यागी June 22, 2010 at 4:31 PM  

बहुत बढ़िया चर्चा रही फिर से जनाब !!

स्वप्न मञ्जूषा June 24, 2010 at 8:42 AM  

हमेशा की तरह चर्चा अच्छी है...

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