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चली गई ब्लाग चौपाल में भी गोली-क्योंकि आज है होली - ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, March 19, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  
 
काफी दिनों बाद आज होली के दिन अचानक मन में होली के कारण चौपाल सजाने का मन हुआ तो हमने चौपाल सजा दी है। लेकिन इसको हम आगे जारी रख पाएंगे इसका वादा नहीं करते हैं। आज हमने ब्लाग चौपाल में टिप्पणी के रास्ते खोल दिए हैं ताकि हम देख सकें कि क्या कोई आज के दिन भी दुश्मन हो सकता है। आज का दिन तो हर तरह की दुश्मनी भुलाने का होता है। हमने तो वैसे भी कभी किसी से दुश्मनी नहीं की है, लेकिन न जाने कौन ऐसा है जो ब्लाग जगत में हमें दुश्मन समझता है। खैर अपनी-अपनी सोच है।
हम अपने सभी मित्रों के साथ अपने उन अनचाहे दुश्मनों को भी होली पर रंगों से सरोबर कर रहे हैं जो हमें न जाने किस कारण से अपना दुश्मन समझते हैं। हमारी इस होली में एक ही तमन्ना है कि अपना ब्लागजगत हर तरह की गुटबाजी से हटकर एक हो जाए और सभी होली के रंग में एक जैसे हो जाए। इसी उम्मीद के साथ विदा चाहते हैं।
 
 
रंगों की सतरंगी फुहार है आज होली का त्यौहार है क्या आपको किसी से प्यार फिर करते क्यों नहीं इजहार है होली से अच्छा मौका कब मिलेगा जब हर तरफ से रंग बरसेगा क्या आपका मन अपनी महबूबा के लिए नहीं तरसेगा गर ...
 
दोस्तों घर की बात हे घर में ही रहना चाहिए किसी को पता नहीं चलना चाहिए थोड़ा कान इधर लाओ एक ख़ास खबर ब्ताताता हूँ वोह अपने घुमक्कड़ हर दिल अज़ीज़ ब्लोगर हें ना अरे वाही भाई ललित शर्मा जो बंदूक ताने कभी रंग बि...
 
नेता जी की होली !* * * *तन के गोरे मन के काले * *हम होली खूब मनायेगें,* *घोटालो की पिचकारी से * *जनता को नहलायेंगें ,* *करी खिलाफत हमरी * *तो फिर धमकी रंग लगायेंगे ,* *हैं चुनाव अब पास तो * *वा...
 
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि होली के अवसर पर प्रति वर्ष काशी के अस्सी घाट पर होने वाले कवि सम्मेलन में श्रोतारूप में अगले साल जाने के लिए ब्लॉग जगत के कुछ लंठो ने प्रोग्राम बनाया है। एडवांस बुकिंग के...
 
एक औरत पक्षियों की दुकान में गयी। उसे एक तोता पसन्द आया। दुकानदार ने बताया कि यह तोता इन्सानी भाषा में बोलता भी है। औरत ने तोते से पूछा - मैं कौन हूँ। तोता - कॉलगर्ल। औरत ने कहा यह तो बहुत बदतमीज तोता है।...
 
मै तो हर मोड पर उनको ढूँढा सदा् होली के बहाने रंगो को लगाने ना जाने कौन गली छुपे हैं सांवरिया किस बैरन ने छुपाय लीन्हो सजनवा हमार हरण कर लीन्हो कोई तो पता बताय दीन्हो होली म्हारी सरस कर दीन्हो टेसू के फ़ू...
 
मार दी तुझे पिचकारी, कौन री,रँगी छबि येरी ? फूल -सी देह,-द्युति सारी, हल्की तूल-सी सँवारी, रेणुओं -मली सुकुमारी, कौन री, रँगी छबि वारी ? मुसका दी,आभा ला दी, उर-उर में गूँज उठा दी, फिर ...
 
नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे,खेली होली ! जागी रात सेज प्रिय पति सँग रति सनेह-रँग घोली, दीपित दीप ,कंज छवि मंजु-मंजु हँस खोली- मली मुख-चुम्बन-रोली। प्रिय-कर-कठिन-उरोज-परस कस कसक मसक गयी च...
 
नवगीत: तुमने खेली हमसे होली संजीव 'सलिल' * तुमने खेली हमसे होली अब हम खेलें. अब तक झेला बहुत न अब आगे हम झेलें... * सौ सुनार की होती रही .

होली- एक विश्लेषण
प्रति वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली पूजन- दहन तथा इससे अगले दिन गुलाल आदि रंगों से उल्लासपूर्ण उत्सव का चित्र भारत भर में कहीं भी देखा जा सकता है। होली दहनके पश्चात् तथा रंग खेलने में सभी परिचितों- अप...
 
है : मालामाल होने वाले हैं हिन्‍दी ब्‍लॉगर
होली की हंगामेदार शुभ रंग कामनाएं सभी हिन्‍दी ब्‍लॉगरों को, नॉन-हिन्‍दी ब्‍लॉगरों को और जो ब्‍लॉगिंग नहीं करते हैं उनको भी (क्‍योंकि कल से वे भी ब्‍लॉगिंग शुरू कर रहे हैं) तथा उनको भी जो ब्‍लॉगिंग कर रहे ...
 
होली के दिन उल्लास, खुशियां, रंगों के सैलाब से दुनिया ही सराबोर नहीं होती है वरन प्रकृति भी इस उल्लास में उसकी बराबर की साझेदार होती है। इसीलिए होली को वसंतोत्सव भी कहते है। जिधर भी नजर जाती है प्रकृति अपन...
 
कहते हें रंगों की इस होली पर लोग खुशियाँ और रंग बाटते हें लेकिन यह सरकार हमारी हे यह इस सरकार के हाथ देखो कितने निर्दोषों के खून से सने हें पोर्वों तक जिनकी उंगलिया डूबी हो खून में बताओ वोह केसे करें...
 
*आओ कि ज़रा कमाल करें.* *काला-काला यह जीवन है,* *इसको होली में लाल करें.* *आओ कि ज़रा कमाल करें * *हरदम ही रोनी सूरत है,* *अब मुस्काना भी याद नहीं?* *मानव-शरीर में आये हैं,* *पर ...
 
*होली** **पर** **आप** **को** **परिवार** **के** **साथ** **शुभ** **काम**नाएं** **।** **ये** **त्यौहार** **सबके** **जी**वन** **में** **कमसे**कम** **सौ** **बार** * *आये** **॥** ** **औ**र** **स**भी** **इसे**

रंगों से भरा मौसम आया गुलशन खुशबू से महकाया बच्चे बूढ़े नर नारी सब होली के रंग में है नहाया हम तो बस ये चाहे रब से झोली भर जाए खुशियों से आओ मिलकर खेले होली कटुता... visit my blog and comment 
 
*ब्लॉग जगत के सभी साथियों तथा समस्त देशवासियों को होली पर हार्दिकशुभकामनाएं! * वैसे होली का दिन हर वर्ष ही मेरे लिए ख़ास होता है, क्योंकि मेरा जन्म चैत्र माह में होली के दिन ही हुआ था... अंग्रेजी कैलेण्डर...
 
चित्र http://blogs.sacbee.कॉम के साभार आ बाबा के अंगना में खेले होली.... रंग ले आज ये सफ़ेद चादर मैली ... जहाँ हरे गुलाबी नीले पीले को न नाज़ हो बस अंदर के रंगों का आगाज़ हो.. बेरंग रह कर करें खुदी स...
 
आज होली का पर्व है और बुराई पर अच्छाई की विजय होगी .आज प्रेम की पींगे आपस में भाईचारा का इजहार करेगी और एक दूसरे पर रंग गुलाल की बौछार करेगी . रंगों के पर्व पर रंग भी सर चढ़कर बोलते हैं . लाल पीले हरे गुलाब...
 
मिस गुझिया वर्सेज़ मिस्टर गुलाल
होली के मौके पर देखो कैसा मचा धमाल मिस गुझिया तो होस्ट बनी है घोस्ट बने मिस्टर गुलाल. मिस गुझिया के लॉन में भीड़ मची है भारी ड्रम और टब रंगो से भरे हैं पूरी है तैयारी. पापड़,चिप्स,सेव,कचरियाँ मि...
 
चिरिया बनके उर जाइये..
होली की गर्म हवाओं* के चलते ही मनोज घर से लापता हो जाता. बाज़ार में या लंबी ढलान वाली सड़क पर कभी दिखता तो हमेशा तीन लड़कों की संगत में साईकिल में टंगा, ठंसा हुड़दंगी शोर मचाता दिखता. दौड़ता कभी घर आता ...
 
जो कम मैँ सालों से नही कर पाया इस साल वो करने की ख़बर शहर मेँ फैली.सुबह-सुबह मुझे फोन आया और सीधे सवाल किया गया कँहा है बे.मैंने कहा घर पर तो उधार से जवाब आया कि तो न्यूज चैनल मेँ क्या दिखा रहे हैँ कि दिखा...
 
बनी रहे रंगों के पर्व की गरिमा.......डॉ मोनिका शर्मा
रंगों का त्योंहार होली एक अनूठा पर्व है। इसकी पौराणिक मान्यता तो है ही सामाजिक महत्व भी बङा अर्थपूर्ण है। शांति और सदभाव का संदेश देने वाला यह त्योंहार भेदभाव और ऊंच नीच को भुलाकर एक हो जाने का दिन है। यह...
 
टेसू के पेड़ों ने अपने पत्र-पल्लव के वस्त्रों को त्याग कर रक्तवर्ण पुष्प-गुच्छों से अपना श्रृंगार कर लिया है। सेमल के गगनचुम्बी वृक्षों पर भी पत्तों के स्थान पर केवल लाल-लाल फूल ही दृष्टिगत होने लगे हैं। खे...
 
अब आपसे लेते हैं हम विदा
लेकिन दिलों से नहीं होंगे जुदा 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

9 comments:

rajesh patel March 19, 2011 at 8:31 PM  

होली की बधाई

Unknown March 19, 2011 at 8:43 PM  

होली की बधाई

ब्लॉ.ललित शर्मा March 19, 2011 at 9:17 PM  

बधाईयाँ जी बधाईयाँ।

आपका अख्तर खान अकेला March 19, 2011 at 10:26 PM  

bhtrin sji he chopaal holi ki mubarak ho mere baal gopaal . akhtar khan akela kota rajsthan

Unknown March 19, 2011 at 10:34 PM  

(बुरा ना मानो होली....)

बजा फरमाया..आज होली का त्यौहार है
लगता है जिया ज़्यादा ही बेकरार है
लेकिन भैये..ये इज़हार नहीं रंगो का त्यौहार है
इसे वेलेनटाइन डे समझना बेकार है

होली को जो भी मौका समझेगा
बाकी ज़िंदगी उनकी तरह तरसेगा
होली तो प्यारे एक दिन की है
कल से तेल पिला लट्ठ बरसेगा।

महबूबा अब डीएसपी बन चुकी है
शहर के मजनुओं से उसकी ठन चुकी है
किसी की बातों में आकर कर दिया इज़हार
फिर हमसे मदद को मत कहना यार
क्योंकि रात को टीवी आपकी फिल्म चलाएगा
मजनू शिरोमणि को कुटते हुए दिखायेगा।

इसलिये किसी की बातों में मत आना
होली पर कर लो बस खाना-गाना-बजाना
इनकी अपनी तो जैसे तैसे कट गई
उकसाकर आपकी वाट लगवाएंगे
प्यार के नाम पर पहले महबूबा से पूजा करवाएंगे
फिर पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगवाएंगे।
(बुरा ना मानो होली है)

Unknown March 19, 2011 at 11:19 PM  

(बुरा ना मानो होली है...हम दुश्मन नहीं दोस्त हैं)


मुझको भी तो लिफ्ट करा दे...

होली आई है और चली जाएगी
लेकिन मेरी लॉटरी कब खुल पाएगी।
यार, ज़िंदगी भर कलम घिसवाओगे
कब तक लोकल प्रेस में खटवाओगे।
बड़ी-बड़ी बातों पर कब दोगे ध्यान
क्या ऐसे ही बेकार जाएगा मेरा ज्ञान।
कब कृपा करेगा हम पर भगवान,
ब्लॉग जगत में कब बनेगी हमारी पहचान।
मेरी बारी भी आएगी या तुम ही छाओगे
ब्लॉग जगत का मसीहा कब बनाओगे।
हम तो गुटबाज़ी हटाने के लिए आये हैं
कालिया, गोरिया, पीलिया के सताये हैं।
मेरी गांधीगीरी कब काम आएगी
क्या ज़िंदगी ऐसे ही गुज़र जाएगी।
यार एक बार तो दुनिया हिलवा दो,
बहुत हुआ, इस बार ब्लॉगिंग का नोबेल दिलवा दो।
(बुरा ना मानो होली है...हम दुश्मन नहीं दोस्त हैं)

गगन शर्मा, कुछ अलग सा March 19, 2011 at 11:49 PM  

यह तो बहुत ही अच्छा किया राज भाई। बतियाने को ही तरस जाते थे।
आपको और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं। आने वाला समय अपने साथ इस पर्व की ही तरह खुशियां लाए, रंगों के साथ।

Meenu Khare March 20, 2011 at 3:06 AM  

आपको होली की हार्दिक शुभकामनाये .

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