व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन-नौकरी की भेंट चढ़ा एक कुनबा- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Tuesday, April 12, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी भिलाई में एक पूरा कुनबा नौकरी की भेंट चढ़ गया। इस कुनबे के पांच सदस्यों ने अपने को पिछले चार दिनों से कमरे में बंद कर रखा था और भिलाई स्टील प्लांट से अनुकंपा नियुक्ति की मांग की जा
जब आप किसी संस्था में काम करते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। ऐसे में आपका पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों प्रकार की लाइफ में बैलेंस बना पाना मुश्किल हो जाता है। यदि जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं,...
'पानी-बिजली की कीमतें बढ़ें' जयपुर। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया का मानना है कि बिजली-पानी के दोहन को नियंत्रित करने के लिए इनकी दरें बढ़ानी चाहिए व कुछ वैधानिक...
मनमोहन को भ्रष्टाचार छिपाने की आदत Wednesday, 13 Apr 2011 1:15:34 hrs IST [image: india news] नई दिल्ली। दुनिया भर में भ्रष्ट सरकारों और राजनीतिक नेताओं का भंडाफोड़ करने वाली खोजी इंटरनेट साइट 'विकीली...
(१) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्तियह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित...
२६/११ मामले में आरोपी हेडली और राणा ने अमेरिका में ग्रैंड ज्यूरी के सामने अपने को बेकसूर बताते हुए कहा है कि उन्होंने यह हमले पाकिस्तान के कहने पर किये थे और इसमें पाकिस्तानी की गुप्तचर संस्था आईएसआई और प...
छपास का रोग बड़ा बुरा, बड़ा बुरा, * *माका नाका गा भाई माका नाका,* *ऐसा मेरे को मेरी मां ने कहा,* *माका नाका नाका भाई माका नाका...* ब्लॉगिंग में हम पोस्ट चेप चेप कर कितने भी तुर्रम खान बन जाए लेकिन जो मज़...
करण समस्तीपुरी* “सबहि मन बसै सरजू तीर चैत के महीना। सबहि गांव अयोध्या नगरी। 'घर-घर बाजे बधैय्या हो रामा लिहले रामजी जनमवाँ।’ रामजी के जनम हुआ है... घर-घर बधैया बजेगा। रामनवमी खाली चिकनपुर का बपौती ...
दिल्ली के जंतर मंतर पर 5 से 9 अप्रैल 2011 तक जो लोकतंत्र का यज्ञ हुआ, उस ने हम सब देशवासियों में नई आशा का संचार किया है. लोग भविष्य के प्रति आशांवित हैं और एक नये प्रकार का आत्मविश्वास उपजा है. इस समूची...
फूलों भरी अंजली लेकर तुम पथ भटक, यहाँ क्यों आयीं ?* *लगता है , मंदिर के भ्रम में , रास्ता भूल , चली आई हो !* * * *खड़ी , भव्य दीवारें मेरी * ***कलश **कंगूरे ध्वज और तोरण* *घंट ध्वनि, मंत्रोच्चारण से * *ल...
हड़ताल का अचूक हथियार
जिन्होंने मेरी फिल्म सारांश देखी होगी, उन्हें अनुपम खेर अभिनीत वह दृश्य जरूर याद होगा, जिसमें वह विदेश में मारे गए अपने इकलौते बेटे का अस्थि कलश लेने कस्टम के दफ्तर आता है और उससे घूस मांगी जाती है। 1983-...
बोरिवली वेस्ट में होती और होती लखनपुर में भी। बात थोड़ी पुरानी लेकिन ये तो है हर शहर की कहानी ।
व्यक्ति जैसे जैसे ऊंचाई की तरफ अग्रसर होता है , वैसे वैसे संतुलन बिगड़ने लगता है , इसलिए बहुत आवश्यक है की इस संतुलन को बनाए रखें । अन्ना हजारे , बाबा रामदेव , किरण बेदी आदि जिस ऊँचाई पर पहुँच चुके हैं , व...
सभी जानते हैं कि रसोई गैस का गलत तरीकों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। जिससे त्योहारों जैसे मौकों पर इसकी किल्लत हो जाती है। वैसे यह भी हो सकता है कि यह किल्लत कालाबाजारी के कारण कृत्रिम रूप से बनाई जाती रह...
जलियांवाला बाग और शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह
जलियांवाला बाग *अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास का एक बगीचा है जहाँ *13 अप्रैल 1919 *को ब्रिगेडियर *जनरल रेजीनॉल्ड डायर* के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच...
बदनाम मु्न्नी से ज्यादा बदनाम हुई बरखा दत्त: "न्यूज चैनल के सबसे चमकते चेहरे के तौर पर बरखा दत्त की सोशल इमेज पूरी तरह करप्ट हो चुकी है। डॉ. प्रणय राय ने एनडीटीवी की व्यावसायिक मजबूरी के तहत उनकी बदनामी को..
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
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