Good Bye...सबको राम-राम-अबे तेरा सम्मान नहीं हुआ क्या? -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Saturday, April 30, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
कल की बात है हम रास्ते में थे कि मोबाइल बज उठा। मोबाइल का बजना कोई अनोखा नहीं था, लेकिन कल मोबाइल उठाया तो उधर से आवाज आई अबे तेरा सम्मान नहीं हुआ क्या? एक बार हमें लगा कि यार ये तो अपने अनिल पुसदकर जी लगत...


हुजूर हमारे पहाड़ में है कीमती पत्थर जिससे चमकती हैं आपकी कोठियां आपके बंगले आपके बड़े बड़े दफ्तर परिसर जहाँ पहुँच नहीं सकते हम कभी ! हमारी धरती के गर्भ में है लोहा अभ्रक एल्युमिनियम कोयला जिस से चलती ह...
चरक की यायावरी वाले अंदाज़ में भ्रमण करते हुए एक अति रोचक ब्लॉग पर पहुंची तो पाया वहां लिखा था..."लोगों को आभासी दुनिया में रिश्ते नहीं बनाने चाहिए , और यदि दुर्भाग्यवश बन भी जाएँ तो उन पर आलेख नहीं लिखना च...
परम वीर चक्र सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े हुए लोगों को दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। यह पदक शत्रु के सामने अद्वितीय साहस तथा परम शूरता का परिचय देने पर दिया जाता है। 26 जनवरी 1950 से शुरू ...

मंदार पर्वत, वही जिसे मथानी बना कर समुद्र-मंथन किया गया था। कहां है वह ? क्या उसका अस्तित्व है ? यदि उस मूक साधक को देखना चाहते हैं तो आपको बिहार के बांका जिले के बौंसी गांव तक जाना पड़ेगा। यह करीब सात सौ ...
छम्मकछल्लो नाम नहीं, काम की बात कर रही है- चंदा रे, चंदा रे, कहीं से जमीं पर आ, बैठेंगे, बातें करेंगे...! गीत गाने के लिए नहीं और न ही किसी चंदा नाम की किसी लडकी पर मरने के लिए. भाई असांजे ने जब से यह कह...
वन्दे मातरम* *की कहानी * **ये वन्दे मातरम नाम का जो गान है जिसे हम राष्ट्रगान के रूप में जानते हैं उसे *बंकिम चन्द्र चटर्जी* ने 7 नवम्बर 1875 को लिखा था | बंकिम चन्द्र चटर्जी बहुत ही क्रन्तिकारी विचारधार...
'क्रांति' का जंतर मंतर : अरुंधति रॉय
अण्णा हज़ारे के आह्वान पर हज़ारों लोग जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए थे। बीस साल पहले जब उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का दौर हम पर थोपा गया तब हमें बताया गया था कि सार्वजनिक उद्योग और सार्वजनिक संपत्ति म...

बहुत दिनों पहले किसी पुरवे में एक आदमी रहता था। वह अपनी जाति पंचायत का मुखिया था। बहुत अनुशासनप्रिय था और निर्मम दंड देने के लिये जाना जाता था। एक दिन उसे कुलदेवी का सपना आया - तुम दंड देने में बहुत निर्मम...
कल फिर मिलेंगे
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