ब्लॉगिंग में गर्व करने लायक कुछ है भी?-हमें कभी नहीं रही टिप्पणियों की भूख- टिप्पणियों के बिना हमारे ब्लाग नहीं जाएंगे सूख- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Thursday, April 14, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
हमें कभी नहीं रही टिप्पणियों की भूख- टिप्पणियों के बिना हमारे ब्लाग नहीं जाएंगे सूख
एक फोन आया भाई ब्लाग चौपाल**** में खोल दें टिप्पणी के रास्ते हमने कहा- कैसे खोल दें हम इसके रास्ते इंसानी कुत्ते तो इंसानियत की भाषा भी नहीं जानते जो लोग इंसानियत को नहीं मानते वे ही हैं सबको परेशान करने क...
एक फोन आया भाई ब्लाग चौपाल**** में खोल दें टिप्पणी के रास्ते हमने कहा- कैसे खोल दें हम इसके रास्ते इंसानी कुत्ते तो इंसानियत की भाषा भी नहीं जानते जो लोग इंसानियत को नहीं मानते वे ही हैं सबको परेशान करने क...
हम कैसे समाज में जी रहे हैं?यह इन्सानों की बस्ती है या फिर हाड़-मांस की बनी मशीनों का संसार! यदि समाज में मानवीय सरोकार न हों,मतलबपरस्ती बैखोफ पसरी हो और एक-दूसरे के प्रति संवेदनाएं दम तोड़ चुकी हों तो फिर उ...
गुजरात का बादशाह महमूद शाह अपने अहमदाबाद के किले में मारवाड़ से आई जवाहर पातुर की बेटी कंवल को समझा रहा था , " मेरी बात मान ले,मेरी रखैल बन जा | मैं तुझे दो लाख रूपये सालाना की जागीर दे दूंगा और तेरे सा...
प्रकृती के आँचल में जहाँ कई प्राणी आश्रय लिये थे था एक सुरम्य सरोवर रहता था जिस के समीप श्याम वर्ण सारस का जोड़ा | लंबा कद लालिमा लिये सर ओर लम्बी सुन्दर ग्रीवा सदा साथ रहते थे कभी जुदा ना होते थे | नैसर्गिक...
प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लांसेट ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया है कि विश्व में हर रोज़ ७३०० बच्चे मृत पैदा होते हैं और इसमें शामिल १० शीर्ष देशों में भारत का भी नाम शामिल है. पाकिस्तान आदि देशों में यह दर ४...
आज मुझे ई-मेल से मिली ये अद्भुत फोटो देखिए...बस पोस्ट में आज इतना ही...इसके बारे में कल जो आपको बताऊंगा, वो वाकई चौंकाने वाला होगा...
ये कैसी कठिन परीक्षा मेरे प्रभु मैं तो पुकार- पुकार कर थक चुकी पर तुम न आये | मेरा विश्वास अभी भी जस का तस है कि प्रभु सच्चे मन की पुकार सुनते तो जरुर होंगे| पर अब तो गले से बोल भी नहीं फूटते मैं शां...
एक है भिलाई के स्टील पुरुष जिन्होंने ब्लोगिंग को प्यार करना सिखाया है
एक है भिलाई के स्टील पुरुष जिन्होंने ब्लोगिंग को प्यार करना सिखाया है भिलाई स्टील फेक्ट्री का एक नोजवान जिसकी बोडी फोलाद की और दिल मोम का बना हे, चेहरे पर मुस्कुराहट है ,और दिल दिमाग में ब्लोगिंग को प...
उत्तर प्रदेश में कचेहरी बम ब्लास्ट केस में उत्तर प्रदेश पुलिस व एस.टी.ऍफ़ ने पांच नवजवानों को फर्जी तरीके से पकड़ कर्र बंद कर दिया था। जिसमें तारिक काशमी आजमगढ़, खालिद मुजाहिद जौनपुर २२ दिसम्बर 2007, सज...
ब्लॉगिंग में गर्व करने लायक कुछ है भी?
हिंदी ब्लॉगिंग में पांच वर्ष का समय बिताने के दौरान मेरा सामना ऐसे कई बयानों से हुआ कि यहाँ कुछ नहीं रखा हुआ, ऐरे गैरे आते हैं गाली गलौज बकवास कर चले जाते हैं, अपनी ढपली अपना राग है सबका, भाषा की समझ नहीं,...
नए दौर में खाना बनाना महज घरों या विशेष अवसरों तक ही सीमित नहीं रह गया है। आज बाजार में खाना हर स्वाद व वैरायटी में उपलब्ध है, जैसे मुगलई, चाइनीज, कॉन्टिनेंटल, इटैलियन आदि। यह कला के स्तर तक जा पहुंचा है। ...
कीड़े-मकोड़े ही नहीं पक्षी भी जहरीले होते हैं.
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जनविश्वास है कि कीडे-मकोडे ही जहरीले होते हैं। पर खोजों से पता चला है कि कुछ पक्षी भी जहरीले होते हैं। उन्हीं मे से एक है “पिटोहुई”। आस्ट्रेलिया के न्यूगिनी के जंगलों मे पाया जाने वाला लाल-काले रंग का
सरकारी मुलाजिमों की मौत पर उनके बेसहारा परिवार को आसरा देने के लिए अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है, पर सरकारी रिकार्ड बताते हैं कि यह अनुकंपा सिर्फ ‘खास’ लोगों पर ही हो पाती है। लो प्रोफाइल, मिडिल क्लास कर्म...
शासकीय छुट्टियों की जानकारी देने वाली वेबसाइट
अगर आपके पास शासकीय कैलेण्डर नहीं है तो भी आप ऑनलाइन भारत सरकार द्वारा घोषित किये गए अवकाश के दिनों को इस ऑनलाइन कैलेण्डर पर देख सकते हैं । इस वेबपेज पर आप बीते वर्षों की छुट्टियाँ भी देख सकते हैं और आ...
आज एक परिपाटी बड़ी तेजी से सर उठती चली जा रही है और वह है किसी के मुहं से कुछ इधर उधर निकला नहीं कि लगे उसकी गर्दन पकड़ने.अभी हाल में ही अमर उजाला ने एक समाचार प्रमुखता से प्रकशित किया कि ''. *शहीदों की जात...
जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दैनिक भास्कर समूह द्वारा स्थापित पहला जलस्टार अवॉर्ड बीना के शिक्षक चंद्रप्रकाश तिवारी को दिया गया। बुधवार शाम भोपाल स्थित भास्कर कार्यालय में आयोजित गरिमामय समारोह में ...
जापान के सन्दर्भ में आज यह रचना प्रस्तुत कर रही हूँ ! मेरी यह रचना उन विपदाग्रस्त लोगों को समर्पित है जो दुर्भाग्य से जानलेवा एटोमिक रेडियेशन का शिकार हुए हैं पूर्व में भी एवं वर्तमान में भी ! मानव का रचा...
कब तक यह वैषम्य पलेगा
वर्षों पूर्व रचित माँ की इस अद्भुत रचना को पढ़िए और स्वयं देखिये कि यह रचना आज के सन्दर्भों में भी आश्चर्य जनक रूप से कितनी प्रासंगिक है ! कब तक यह वैषम्य पलेगा ! जहाँ गगनचुम्बी प्रासाद हैं वही...
गुलमर्ग टॉप
बर्फ पिघलने से उपजी दलदली जमीन किनारे उगा है जीवन पीले-बैंजनी नन्हें-से फूल जीवन कहाँ-कहाँ कैसे-कैसे पनपता है
जन लोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे के अनशन और फिर इस मामले की जीत ने भले ही एक नए बहस को जनम दिया हो लेकिन वास्तव में इस तरीके ने भ्रष्ट नौकरशाह और भ्रष्ट अफसरों की नींद उड़ा दी है। भले ही कर्नाटक के पूर्व मुख...
रवीन्द्रनाथ टैगोर को जब नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था, तो उस समय अंग्रेजी में उनकी संक्षिप्त जीवनी लिखी गई थी जिसे कि Les Prix Nobel पुस्तक श्रंखला में प्रथम बार प्रकाशित किया गया था। अंग्रेजी में लिखा गय...
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