शब्द नहीं,चरित्र बोलता है! -सम्मान भी है बिकाऊ-अंटी में पैसा है तो आप भी करा ले भाऊ-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, April 29, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आप ब्लागर हैं, या पत्रकार हैं, या फिर कोई कलाकार या फिर सामाजिक या किसी भी क्षेत्र से जुड़े हैं। हम आपका सम्मान करवा सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको हमारी एक बात माननी पड़ेगी, आपको हमें कुछ डोनेशन देना होगा...
बहुत से लोगों की यह आम शिकायत होती है कि उन्हें कोई ठीक से समझ ही नहीं पा रहा ...आखिर अगले को कैसे किन शब्दों में समझाया जाय कि वह मुझे और मेरे दुःख दर्द को समझ जाय ...कई बार तो बात इतनी बिगडती जाती है कि ...
तस्वीर एक बनाई थी मोहब्बत की कभी , हर इक नक्श को पलकों से तब सँवारा था ! वफ़ा के रंग भर दिए थे हर एक गुंचे में , हर इक पंखुड़ी पे नाम बस तुम्हारा था ! चाँद से नूर चाँदनी से माँग ली थी हँसी , ज़मीं पे ...
समय गतिमान है , उसके साथ ही व्यक्ति और परिस्थिति दोनों बदलती रहती है। जो समय के साथ नहीं बदलता , वो बहुत पीछे छूट जाता है। प्रतिदिन और हर पल हम हज़ारों अनुभवों से दो-चार होते हैं । यदि हम में उन अनुभवों और ...
घंटी का स्वर पहचानी आवाज सड़क के उस पार करती आकृष्ट उसे | स्वर कान में पड़ते ही उठते कदम उस ओर रँग बिरंगे झम्मक लड्डू लगते गुणों क़ी खान | जल्दी से कदम बढाए अगर
राष्ट्र-गान आये ना जिनको, वो संसद के पहरेदार। भारतवासी अब तो चेतो, लोकतंत्र सचमुच बीमार।। कहने को जनता का शासन, लेकिन जनता दूर बहुत। रोटी - पानी खातिर तन को, बेच रहे मजबूर बहुत। फिर कैसे उस गोत्र - मूल के, ...
अपनी ही महफ़िल में खड़ा मेहमान सा हूँ मैं, अपने इन हबीबों से भी तो हुआ अनजान सा हूँ मैं, अरे लोगों न करो गलती मुझे जिंदा समझने की, इस सीने के भीतर ज़रा बेजान सा हूँ मैं | मेरे फ़न ने दीं जब से मुझे बदनामिया...
आज की ये रात गुज़र जाने दे ..
Share आज की ये रात गुज़र जाने दे जितने भी आंसू दफ़न हैं सीने में सब इस गम पर बह जाने दे. तू न रोया तो, सकूँ ना मिलेगा तुझे कतरा - कतरा मन के लावे को आँखों से निकल जाने दे. ना टू...
शर्मा जी आधुनिकता का मजाक उड़ा रहे थे. आँखे गोल-गोल नचा रहे थे तभी फोन घनघना गया भरी मीटिंग को एक कॉल खा गया फोन उठते हीं मिसेज शर्मा ने नमस्कार किया अनमने ढंग से शर्मा जी ने नमस्कार सिव्कार किया पत...
कहने को तो पूर्णिमा बाजपेई इस कहानी की नायिका है, पर र्मैं उसे नायिका कैसे मान सकती हूं।मुझे तो हर दो की गिनती के बाद तीसरी लड़्की पूर्णिमाही नजर हीआती है।पूर्णिमा पूर्णिमा न होकर अनुराधा,योगदा,सलेमा,भाग्य...
विगत दिनों से भ्रष्टाचार पर खूब हमला हो रहा है, अन्ना हजारे जी का आंदोलन भी हुआ, मीडिया ने भी आंदोलन को खूब हवा दी. 4 दिनों बाद अन्ना की माँगे मान ली गयी, जैसे लगा जनता की कितनी बडी जीत हुई, चैनलों पर 9 अप...
चैनल और अखबार वाले ‘धौनी’ का नाम भी सही नहीं लिखते?: "देश के गिनती के अखबारों को छोड़कर लगभग सभी समाचार पत्र-पत्रिकाएं और और चौबीसो घंटे चलने वाले समाचार चैनल टीम इंडिया के कप्तान महेंद्रसिंह धौनी का नाम ग...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
0 comments:
Post a Comment