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एक मुलाक़ात - बुढापे के साथ -मौत! तुम्हारा स्वागत है -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, January 29, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद कांबली का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता तो भगवान हैं। मुझे ही बिना वजह एक बार नहीं बल्कि 9 बार टीम से बाहर किया गया और बाहर करने का कारण भी नहीं बताया गया। विश्व ...
 
गुरुदेव *समीर लाल समीर* जी की हाल ही में विमोचित हुई उपन्यासिका...*देख लूँ तो चलूँ...* 21 जनवरी को मेरे लखनऊ जाने से पहले ही डाक के ज़रिए मुझे मिल गई थी...उपन्यासिका को मुझे एक ही गो में पढ़ना था, इसलिए ऐ..

उम्र बढ़ने के साथ ही बुजुर्गों में बहुत से शारीरिक , मानसिक और क्रियात्मक बदलाव होने लगते हैं तथा शारीरिक क्रियाएं धीमी पड़ने लगती हैं। कोशिकाओं का क्षय होने लगता है तथा रोगग्रस्त कोशिकाएं बनने लगती हैं। सं...
 
मौत! तुम्हारा स्वागत है तुम ही तो जीवन का शाश्वत सत्य हो जीवन क्षणभंगुर अस्थिर है मगर तुम अटल हो जीवन दुश्वारियों दुश्चिंताओं उलझनों का समन्वय है मगर तुम मुक्तिबोध कराती हो हर चिंता से मुक्त कराती ...
 
महात्मा की पत्रकारिता और वर्तमान समय को लेकर विमर्श हो रहा है और यह कहा जा रहा है कि महात्मा की पत्रकारिता का लोप हो चुका है। बात शायद गलत नहीं है किन्तु पूरी तरह ठीक भी नहीं। महात्मा की पत्रकारिता को एक ...
 
प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,* *प्रणाम !* * * भारत.... दुनियां की दूसरी सबसे बडी आबादी... सबसे बड़ा लोकतंत्र... भारत की अर्थव्यवस्था मुद्रा स्थानांतरण की दर से विश्व में दसवें और क्रयशक्ति के अनुसार चौथी सबसे बडी...
 
आज़ दिनांक 29/01/2011 को जबलपुर के तरंग प्रेक्षागार में रेडक्रास सोसायटी जबलपुर द्वारा नि:शक्त जन सहायतार्थ आयोजित कार्यक्रम में खैयाम साहब ने जो कहा वो सुनिये
 
किसी को दो गाली तो वो बजा देगा आपके गाल पर ताली। पूरा पढ़ने और ताली बजाने के लिए क्लिक कीजिए
 
झारखंड के पांच विवि में लगभग एक हजार 08 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इन विवि में 3477 पद स्वीकृत हैं, जबकि 2469 शिक्षक कार्यरत हैं. दो लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए राज्य में 2471 शिक्षक हैं. दरअसल झारखंड ...
 
इन दिनों छत्तीसगढ़ी फिल्मों में प्रेम (मया) की बहार है। ये वही बहार है जो हिन्दी फिल्मों में बीते दिनों की बात हो गई है। सुबुक सुबुक वाली बहार। ग्लीसरीनी ऑंसू से भरे नायक नायिकाओं की ऑंखों का सुबुक सुबुक ...
 
मैं जबसे दिल्ली से लौटा हूँ इस विषय पर लिखने को उत्सुक हूँ लेकिन हर बार कोई न कोई नया विषय मेरी विचारवीणा के तारों को झंकृत कर जाता है और यह विषय लिखने को शेष रह जाता है.आज कहने को तो बिहार में सुशासन बाब...
 
दोस्तों कोटा में मेरे मित्र भाई अरविन्द सिसिदिया भाजपा मिडिया प्रकोष्ट से जुड़े हें और सुलझे हुए इंसान होने के साथ कई वर्षों से जनता की सेवा और लेखन कार्यों से जुड़े हें मेरी पत्रकारिता के काल से राजनीति म...
 
सरकारी योजनाओं पर भी महंगाई की मार पड़ने लगी है। आंगनबाड़ी में बच्चों को पूरक पोषाहार के लिए दिए जाने वाली चार से छह रुपये प्रतिदिन की राशि अब कम पड़ने लगी है और कई राज्यों ने हाथ खड़े करते हुए केंद्र से इ...
 
कहीं किसी की टिप्पणी में ऐसा कुछ पढा था………* 1, क्या यह रवैया दुरुस्त है ? 2, क्या हमारी सेना मांस नहीं खाती ? 3, क्या हमारे वीर सैनिकों को राक्षस कहा जाना उचित है ? 4, क्या सिक्ख गुरु बलि नहीं देते थे या म...
 
कुछ महीने पहले एक पत्रिका के लिए कुछ लिख कर देने के लिए कहा गया था...जब पहले पहल बोला गया कि लिखना है मीडिया पर...लगा मैं क्या लिखूंगा, क्या ढाई साल थोड़े कम नहीं है अनुभव के लिहाज़ से। लेकिन तुरंत ही अगल...
 
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से फरवरी और मार्च में तीन विभागों के रिक्त पदों के लिए परीक्षा आयोजित कर रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 12, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में 45 और पंचायत एव...
 
बठिंडा। पंजाब की बिहार से तुलना किसी भी स्तर पर हो ही नहीं सकती, वहां और यहां के हालातों में जमीं आसमान का फर्क है, यह शब्‍द बिहार के पूर्व राज्यपाल व एनसीएससी के चेयरमैन बूटा सिंह ने स्थानीय सर्किट हाउस म..

राजस्थान की ओध्ह्योगिक नगरी कोटा में इन दिनों देश के दूरदराज़ इलाकों से आरहे बच्चों में निराशावाद आने से आत्म हत्या का सिलसिला शुरू हो गया हे और विभिन्न अनावश्यक दबाव के चलते यह सिलसिला थमने का नाम नहीं लर...
 
तुम, मेरे अस्तित्व को खुदके अस्तित्व पर ओढ़े... समेटे अपनी इच्छाओ को मेरी इच्छाओ में... हिस्सा बन गयी हो मेरे जीवन का... सदा मुस्कुराती तुम, कभी-कभी इतराती भी हो, तुम्हे मेरे साथ का कुछ घमंड सा हो चला है......
 
सुभाषित शब्द "सु" और "भाषित" के मेल से बना है जिसका अर्थ है "सुन्दर भाषा में कहा गया"। संस्कृत के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं। यहाँ पर हम प्रस्तुत कर रहे है कुछ सुभाषित! *अयं निजः परो...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

विडम्बना-इंसानियत भी खो दी है पत्रकारिता ने-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, January 28, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
आज की गला काट प्रतिस्पर्धा के चलते लगता है कि अब पत्रकारिता ने इंसानित से भी नाता तोड़ दिया है। एक अखबार से जुड़े किसी इंसान का निधन हो जाता है तो दूसरे अखबार वाले उसकी खबर को भी प्रकाशित करना जरूरी नहीं स...
 
देश के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा कुम्भ के मेले, पकिस्तान जाने वाले सिक्ख श्रधालुओं पर किया जाने वाला खर्च और हज यात्रियों की सब्सिडी पर उठाया गया सवाल ख़ारिज कर दिया हे । सुप्रीम कोर्ट में एक कट्टर पंथी...
 
पृथ्‍वी की घूर्णन गति के फलस्‍वरूप आसमान के 360 डिग्री पश्चिम से पूरब की ओर जाती की चौडी पट्टी को 12 भागों में बांटकर एक राशि निकाली जाती है। आमलोग तो यही जानते हैं कि इन 12 राशियों में से दो का महत्‍व अधि...
 
महेश राठी * अरब जगत में नये युग की शुरुआत हो चुकी है। ट्यूनीशियाई क्रान्ति की सफलता वहां सत्ता को चुनौती देने वाले आंदोलनों की प्रेरणा बन चुकी है। ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति के सत्ता पतन के बाद अरब जगत में...
 
मैं रवि रहता व्यस्त पर हित में , कुछ तो नत मस्तक होते करते प्रणाम मुझको पर फिर भी लगती कहीं कमीं यही विचार आता मन में वह प्यार मुझे नहीं मिलता जो वह पा जाता है है अस्तित्व उसका जब कि मेरे ही प्रकाश से | होता...
 
इतना मुश्किल है क्या हँसी का अर्थ ढूंढना अभी तो सिर्फ एक ही अर्थ कहा है ढूँढने को गर रोने के अर्थ ढूँढने पड़ते तो शायद सदियाँ गुजर जातीं और तुम रीते हाथ वापस आ जाते एक मुस्कान चस्पा करके और उस हँसी का अ...
 
*प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,* *प्रणाम !* *एक खबर के मुताबिक ...* *राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग [एनएचआरसी] का कहना है कि जन्म लेने से पहले ही देश में हर साल सात लाख लड़कियों की हत्या कर दी जाती है। * *एनएचआरसी के सद...
 
गोइसैनिन होगे सुकारो अउ मैं होगेंव इतवारी* का बतावौं संगवारी हो. पहिली "उत्तम खेती माध्यम बान अधम नौकरी भीख निदान" कहैं. एमा दू मत नई ये के खेती बने असन नई होतीस त खातेन काला. जिए बर खाए ला त परबे करही....
 
रात्रिकालीन सत्संग में नये सदस्य अरूण काकू ने बहुत कम दिनों में अपनी जगह बना ली है।अब वो हर बहस मे सक्रियता से हिस्सा लेता है और कई बार बेवजह आदत अनुसार टांग भी अड़ाता है।उसकी बात पर कभी आम सहमति नही बन पात...
 
"क्यूँ कहते हो हमारे इंडिया का कुछ नही हो सकता "!
26 जनवरी आ गयी ....नॅशनल होलीडे है ...बच्चे ..कुछ अधिकारी ..स्कूल के अध्यपक ..लेक्चरर्स ...और कुछ और वर्ग के कार्यकर्ता ....खुश ही होते हैं..चलो..इक छुट्टी तो आई ...पर हाँ कुछ जन हैं जो दुखी होते ह...
 
री इठलाती क्यों बार-बार ! मदमस्त हुई चंचल कलिके, क्यों झूल रही तू डार-डार ! री इठलाती क्यों बार-बार ! टुक दे तो ध्यान अरी पगली क्या जीवन का है अर्थ अरे, क्यों व्यर्थ गर्व में दीवानी तू निज तन में सौंदर्...
 
किसी भी समाज और देश का भविष्य उसके बच्चे होते हैं। इस भविष्य को संवारने का औजार शिक्षा होती है। शिक्षा ज्ञान और संस्कार देती है। इसीलिए भारत में बच्चों को शिक्षा का अधिकार भी है। पिछले दो दशकों में शिक्षा ...
 
आप ब्लागर हैं..तो बन सकते हैं मंत्री-प्रधानमंत्री
यदि आप शौकिया तौर पर ब्लागिंग करते हैं तो अब गंभीर हो जाइये और चलताऊ विषयों की बजाय ज्वलंत मुद्दों पर लिखना शुरू कर दीजिए क्योंकि ब्लागिंग से अब आप न केवल भरपूर पैसा और नाम कमा सकते हैं बल्कि मंत्री तथा ...
 
एक और राष्ट्रीय दिवस निपटा घर लौट गये सब छुट्टी मनाने। जिस संस्था से जुडा हूं, वहां और किसी दिन जाओ न जाओ आज जाना बहुत जरूरी होता है। अपने को देश-भक्त सिद्ध करने के लिए। मन मार कर आए हुए लोगों का जमावड़ा, क...
 
छत्तीसगढ़ पद्म
2010 के लिए घोषणा के साथ, छत्तीसगढ़ के पद्म अलंकृत, अलंकरणों की संख्‍या क्रमशः 13 और 15 हो गई है। इस सूची के श्री हबीब तनवीर और श्रीमती तीजनबाई पद्मश्री फिर पद्मभूषण अलंकृत हो चुके हैं। संभवतः श्री सत्यदेव...
 
पूरे देश मै भ्रष्टाचार शिखर पर ...देश मै शायद इतने बडे घोटाले पहले कभी हुए हो जितने इन दिनों भारत मै हो रहे हैं .... हर दिन कोई न कोई घोटाला ....भ्रष्ट लोगों का विरोध करने वाले ज़िंदा जला...
 
नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की याचिका हाईकोर्ट ने स्वीकार कर राज्य शासन द्वारा उन्हें हटाने के आदेश को नियमों के अनुरूप नहीं पाया है। आदेश से प्रदेश की नगर-निगम, पालिका या नगर पंचा...
 
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 

 
 
 

एक विचार -ब्लागरों को कुछ नहीं आता- फर्जी आईडी वाले ही हैं बड़े ज्ञाता -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, January 27, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
मेरे ब्लॉग* "छोटी बात"* पर एक पोस्ट. एक विचार http://chhotibat.premras.com/2011/01/blog-post.html 
 
अपने ब्लाग जगत में लगता है फर्जी आईडी बनाकर टिप्पणी करने वाले अपने को सबसे बड़ा ज्ञाता और तोप की नाल समझते हैं। इनको लगता है कि इनका जन्म ही दूसरों को ज्ञान बांटने के लिए हुआ है। अरे भाई अगर आप इतने ही बड़...
 
देश में भ्रष्टाचार ने जिस तरह से अपनी जड़ें जमा ली हैं उनसे निपटने के लिए अभी तक कुछ ख़ास नहीं किया जा सका है. महाराष्ट्र में जिस तरह से तेल के माफियाओं ने जिले के उच्च अधिकारी को जि...
 
सोते रहिये ब्लॉगर भाईयों -...हम सैकड़ो साल ऐसे ही गुलाम नहीं रहे ...राष्ट्रीय मुद्दों की आकस्मिकता के बजाय लोग अपने आमोद प्रमोद घर परिवार और प्रेम प्रणय मनुहारों में लगे रहते आये हैं तो अगर हमारे ब्लॉगर भा...
 
उदास ना हो नील नाकाम ही तो हुआ हे ना उम्मीद तो नहीं यह गम की शाम लम्बी तो हे लेकिन शाम ही तो हे कल फिर सुबह होगी रौशनी होगी गम को इसी डर की हेरानी तो हे इसलियें ना उम्मीद रख उदास ना हो । अख्तर खान अकेला कोटा...
 
दीनानाथ, हमारा ड्राईवर. उसका बेटा चोरी के इल्जाम में,जेल में एक साल की सजा काट रहा है। . दीनानाथ का मानना है कि झूठा फँसाया है पुलिस ने उसे. पिछले ह्फ्ते दीनानाथ ने बताया कि उसकी बहु रात गये चुपचाप भ...
 
“चूल्हा जलना” मुहावरा मानव सभ्यता के साथ जुड़ा है। कहावत है “घर-घर में माटी का चूल्हा” सहस्त्राब्दियां बीत गयी, चूल्हे को जलते, अब चूल्हा नहीं रहा। उसके अवशेष ही बाकी हैं, इस मुहावरे को बदलने की जरुरत है। ...
 
कल की पोस्ट के वादे के मुताबिक आपको दो सांडों के चूहा बनने का आंखों देखा हाल सुनाऊंगा...लेकिन पहले महागुरुदेव अनूप शुक्ल की पोस्ट से बिना अनुमति लेकिन साभार लिया हुआ एक छोटा सा किस्सा... *फ़िराक साहब मुंहफ़...
 
एक छोटे और कथित रूप से पिछ्ड़े प्रदेश से बेहद बड़ी ख़बर जो पता नही क्यों कथित राष्ट्रीय चैनलो की सुर्खियां नही बन पाई।यंहा राज्य की राजधानी से 110 कि मी दूर स्थित न्यायधानी बिलासपुर से ये ख़बर आई॥बिलासपुर के ...
 
वो हर इक लम्हा तो जैसे साल गुजरे जेहनो-दिल से जब तेरा ख्याल गुजरे तेरी यादों में जो कभी शाम हुआ करे फिर आँखों से रात भर शलाल गुजरे आईने में भी अपनी सूरत दिखी नहीं मेरे साथ ऐसे भी बहुत कमाल गुजरे म...
 
जिन्दगी क्या है ?
*जिन्दगी एक्सट्रीम है उनके लिए, जिन्होंने जीवन में बेहिसाब पा लिया, या फिर अनगिनत गवां लिया। जिन्दगी एक ड्रीम है उनके लिए, जो जीवन में सिर्फ है पाना ही पाना चाहते, कुछ भी नहीं गवाना चाहते। अगर यही सवाल ...
 
हे जितनी छोटी होती जा रही हो पर फिर भी बटी पड़ी है तरह-तरह की सीमाओं में। जगह-जगह तरह-तरह की वर्जनांऐं मौजूद हैं। ऐसा नहीं है कि कोई किसी भी देश में ऐसे ही मनमर्जी से चला जाए और लौट आए। ठीक भी... 
 
आज जिसे हम हवनकुण्ड या यज्ञकुण्ड कहते हैं वह वास्तव में यज्ञवेदी हैं। "तंत्रार्णव" में बताया गया है कि यज्ञ की वेदी समस्त ब्रह्माण्ड का एक छोटा रूप ही है। इस सृष्टि की रचना ब्रह्मा जी ने सृष्टियज्ञ करके ही..

उत्सव' एक बेहद ज़हीन और गोल्ड-मेडलिस्ट युवक है । पिता BHU में mechanical engineering के अध्यापक हैं तथा माता ' मनोविज्ञान' विषय की अध्यापिका हैं। इस युवक ने रुचिका काण्ड के अपराधी - " राठोड " तथा अरुशी काण...
 
 
 
 
  अच्छा तो हम चलते हैं 
 
 
 
 
 
 
 

सरकार की छवि बदलने की कौशिश -मैदान पर भिड़े गौरी-किरण -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, January 21, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
अखिल भारतीय हिन्द स्पोर्टिंग फुटबॉल के उद्घाटन में मैदान पर ही खनिज निगम के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और महापौर किरणमयी नायक फुटबॉल मैदान को लेकर भिड़ गए। दोनों के बीच चले शब्द भेदी बाणों से आयोजनों को भी लग...
 
महेश राठी काफी समय के इंतजार के बाद आखिरकार केंद्रीय मंत्रिमंडल में आंशिक बदलाव हो ही गया। प्रधानमंत्री और कांग्रेस की लगातार घोषणाओं के बावजूद इसमें मंहगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धताओं क...
 
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने भड़कते हुए कहा कि लगता है कि आप लोगों को देश की संस्थाओं से अधिक विदेशी संस्थाओं पर भरोसा है. गुजरात दंगों से जुड़े मुद्दों पर विचार करते स...
 
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण मड़ई मेलों का अपना अलग ही रोमांच होता हैं। जहाँ होता है सजे धजे लोग, उल्लास उमंग से भरे हंसते खिलखिलाते किलकारियों से गूंजता माहौल, सजी-धजी दुकानें, गुब्बारे, खेल-खिलौने व फिरकनियां, जले...
 
नयी फ़िल्में मैने गिनती की देखी हैं। दूरदर्शन पर आने वाली बिना टिकट की फ़िल्म प्रति रविवार श्रद्धा भाव से देखी थी। जब 1973-74 में टीवी आया गाँव के स्कूल में तो रविवार को शाम 4 बजे से ही अपना बोरा सामने में ...
 
मित्रों आज किसी ब्लाग पर कुछ पढ़ते हुए एक संदर्भित लाइन *"हम झूठै-मूठे गायित है, आपन जियरा बहलायित है| "* पढ़ने को मिली। हालाँकि पूरी रचना तक मै नही पहुँच पाया मगर यही एक लाईन सीधे दिल में उतार गयी......
 
भ्रष्टाचार के कारण भ्रष्टाचार के कारण इन्फ़ोसिस अपना प्रधान कार्यालय बैंगलोर से पूना ले जा रहा है, जी हाँ कर्नाटक सरकार के भ्रष्टाचार से परेशान होकर, यह पहली बार नहीं हो रहा है, कि कार्पोर...
 
आनेवाले सप्‍ताह की शेयर बाजार की भविष्‍यवाणी करते हुए मेरे आलेख प्रति सप्‍ताह मोल तोल में प्रकाशित होते ही हैं , पिछले माह तस्‍लीम के एक लेख में योगेश नाम के एक पाठक से हुई बहस में भी मैने कहा था कि 20 दिस...
 
जंगल बिक चुके हैं,पहाड़ बिक चुके हैं,अब नदी और बांध भी बिक रहें,आगे पता नही क्या बेचेंगे?जी हां मैं,सच कह रहा हूं।जंगलों मे तेंदूपत्ता और वनोपज से लेकर लकड़ी व्यापारियों के हाथ मे जा चुका है।अंधाधुंध अवैध कट...
 
बेहद कम समय में, हमारीवाणी की लोकप्रियता निश्चय ही चौंकाने वाली रही है ! लाखों इंडियन ब्लोग्स के बीच हमारीवाणी का भारत में अलेक्सा रैंक ७१२५ है, तुलना करने के लिए, मेरे अपने ब...
 
कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्कूलों में छात्र-छात्राओं पर शारीरिक अत्याचार रोकने के लिए उठाये गये कदम पर सरकार से दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। न्यायालय सूत्रों के मुताबिक अधिवक्ता तापस भंज ...
 

लो फिर हो गई लूट ........सोच रहे थे तीन चार दिन से कुछ क्राइम ही नही हो रहा है ............................पर गोली नही चली इसलिए नेशनल खबर नही ......छोड़ों रहने दो कवर मत करो .....कोई मरा हो तो कवर कर लेन...
 
आज खबरों में पढा कि वयोवृद्ध सिनेकर्मी, पूर्व स्वतंत्रता सैनानी 95 वर्षीय श्री अवतार कृष्ण हंगल जो, ए.के. हंगल के नाम से ज्यादा जाने जाते हैं, बहुत बिमार हैं और काफी दिनों से बिस्तर पर हैं। वे अपने पुत्र व...
 
यह देश का दुर्भाग्य ही है कि हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए जब भी केंद्र सरकार कोई योजना बनाती है अथवा कोई अन्य पहल करती है तो उसे राजनीतिक दांव-पेंच में उलझा दिया जाता है। पिछले दिनों विश्वविद्यालय अन...
 
सागर में सीपी सीपी में मोती , वह गहरे जल में जा बैठी आचमन किया सागर जल से स्नान किया खारे जल से फिर भी कभी नहीं हिचकी गहरे जल में रहने में क्योंकि वह जान गई थी एक मोती पल रहा था तिल-तिल कर बढ़ रहा था उसके तन ...
 
प्रथम अश्वेत गणतंत्र नए विश्व के समीकरण में नहीं उतरता कहीं खरा क्योंकि उसे चुकाना है अभी अपने स्वतंत्र होने का मूल्य दो शताब्दी के बाद भी. विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था समृद्धि और आधुनिकता के राष्ट...
 
उलझन: इन्हें परिवार में सभी की चिंता है, पर मेरी नहीं
इस बार उलझन में हम बात कर रहे है विनीता जी की,यह एक संयुक्त परिवार से है जहा एक लम्बा अरसा गुजार देने के बाद भी वो समस्यों से दो चार हो रही है उन्होंने अपनी समस्या को रखा है जहा कुछ दोस्तों ने अपने सुझाब...
 
मेरी आँखों को तेरी नज़र दे दे , अय दोस्त मुझ पर रहमत कर दे ... मेरे भीतरसे ये दुनियाकी और का रास्ता आँख की खिड़कीसे होकर गुजरता है .... मेरा भीतर मेरे लब्ज़ मेरी आँखमें सजते है , बस ये पढनेकी जरासी जेहमत कर द...
 
जो गति तोरा सो गति मोरा रामा हो रामा-ब्रज की दुनिया
कई बार हम जो सोंच रहे होते हैं और आशंकित रहते हैं कि कहीं ऐसा-वैसा न हो;नियति ने हमारे लिए उसके बिलकुल उलट इंतजाम करके रखा होता है.मुझे ७ जनवरी को भोपाल के लिए ट्रेन पकडनी थी.टेलीविजन पर लगातार आक्रामक ..

किसी भी इमारत के बनने में बहुत सी ईंटें लगी होती हैं। जिसमें से कुछ नीव में लगी होती हैं , जो कहीं से दिखती ही नहीं और उनको पहचान नहीं मिलती। ब्लॉग जगत में मेरे इस छोटे से सफ़र में बहुत से लोगों का महत्वप...
 
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए आयोजित प्री-बोर्ड की परीक्षा जिले में 1 से 7 फरवरी के बीच पूरी होगी। डीईओ कार्यालय ने माशिमं से जुड़े सभी स्कूलों को तय समय में प्रक्रिया पूर...
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

संक्रांति है संस्कार-क्रांति -लाल बत्ती मिलने पर भी नहीं बदले अशोक बजाज-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, January 14, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
अपने ब्लागर मित्र अशोक बजाज को छत्तीसगढ़ सरकार में लाल बत्ती मिल गई है। वे वेयर हाउसिंग के अध्यक्ष हैं। लेकिन इसके बाद भी वे नहीं बदले हैं और उनका व्यवहार आज भी पहले की तरह सामान्य है। एक कार्यक्रम में उन..
 
जब मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया था तो मेरे ब्लॉग पर मोडरेशन नहीं था। लेकिन मेरी पहली पोस्ट पर हीअमरेन्द्र त्रिपाठी नामक ब्लोगर ने आकर अभद्र टिप्पणियों की भरमार कर दी । फिर वो अपने समुदाय के श्रीशपाठक , गिरि...
 
पप्पू का अगले दिन राजनीति शास्त्र का पेपर था...अपने पापा से बोला, *मुझे राजनीति सिखाओ...* अब पूरे साल पप्पू पढ़ा नहीं...पापा परेशान...ऐन टाइम पर इसे कैसे सिखाऊं...तब भी पापा ने कोशिश की...सोचा घर के सदस्...
 
इस बार इंग्लैंड से भारत आते वक़्त मुझे वाया दुबई आना पड़ा...दुबई का हवाई अड्डा दुनिया के सबसे खूबसूरत हवाई अड्डों में से है...उस पर आपके पास जितना समय हो कम ही पड़ता है..पर इस बार मैं थोड़ी जल्दी में थी और...
 
हर बार मकर संक्रांति पर जयपुर वाले जमकर पतंगें उड़ातें हैं और बीकानेर वाले आखातीज को याद करते हैं। आपको क्‍या लगता है, इस बार कुछ नया हुआ होगा, नहीं बिल्‍कुल नहीं। इस बार भी वही हुआ। लेकिन मैंने कुछ अलग क...
 
जब हम सड़क पर चलते थे, तो चलते थे बाएं होकर.... सख्त हिदायत थी किताबों में... फिर थोड़ी समझ बढ़ी, देखने का मन हुआ... कि अगर बाईं ओर सारे पैदल हैं, तो दाईं ओर कौन है... बीच में इतनी गाड़ियां, इतने ...
 
कितने किस्से गढ़े गए गूलर के फूल पर कितने लोगों ने भगवान से प्रार्थना की कि काश उन्हें गूलर का फूल मिल जाए और उनका धन कभी खत्म ना हो चाहे वो कितना भी खर्च करें। पर वो बेचारा फूल फल के अन्दर बन्द खुली हवा में...
 
उत्‍तर प्रदेश सरकार इन दिनों महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले विधायकों व कानून के संरक्षकों से निपटने का ढोंग बहुत अच्‍छी तरह कर रही है।विषय बांदा के विधायक के पुरूषोत्‍तम द्धिवेदी को जेल भेजने,पार्टी से...
 
सरकार की तरफ से लगातार आने वाले निर्देशों ने अभिभावक ही नहीं स्कूल प्रबंधन भी दुविधा में है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल सिस्टम तैयार कर सकता है लेकिन पहले सरकार को स्थिर होना प़ड़ेगा। स्कूलवालों का ...
 
मानव की महत्वाकांक्षा को आसमान की ऊँचाईयों तक ले जाने वाली पतंग कहीं शगुन और अपशकुन से जुड़ी है तो कहीं ईश्वर तक अपना संदेश पहुंचाने के माध्यम के रूप में प्रतिष्ठित है। मकर संक्रांति को 'पतंग पर्व' भी मान...
 
पिछले वर्ष अनायास ही इतने पारिवारिक हादसे हुए कि तमाम योजनाएँ धरी की धरी रह गईं। अब पुन: स्फूर्ति आई है तो हिन्दी ब्लॉगिंग को केन्द्र में रख कर किए जाने वाले कार्यों से अवगत करवाना चाहता हूँ आपको। जैसी यो...
 
कुरसी पर जब खड़े हुए हैं * *बौने भी तब बड़े हुए हैं* *चमकीले फल जैसा दिखते * *भीतर से पर सड़े हुए **हैं * * * *कोस रहे है दुनिया भर को* *चार किताबें पढ़े हुए हैं * * * *मूरख की पहचान यही **हैं * *भले गलत है...
 
हर सुबह जब हम तंदरुस्ती के साथ उठते हें वही हमारी नई जिंदगी होती हे जब रोज़ सुबह खुशनुमा जिंदगी हे हमारी तो फिर कल की कडुवाहट को क्यूँ याद कर आज खराब करें हम इसलियें उठो जी लो एक बार फिर तुम भी नई जिंदगी । अ...
 
उत्सव और त्योहार किसी भी देश और जाति के रहन-सहन, चरित्र, मूल्य, मान्यता, धर्म, दर्शन आदि का परिचय कराते हैं। कुछ त्योहार परमात्मा से, कुछ धर्मस्थापकों से, कुछ देवी-देवताओं से, कुछ विजय के अवसरों से और कुछ...
 
ऐ औरत !!अब तुझे रूपम पाठक ही बनना होगा.....!!
ऐ औरत !!अब तुझे रूपम पाठक ही बनना होगा.....* *ऐ औरत !!अब अगर तूझे सचमुच एक औरत ही होना है * *तो अब तू किसी भी व्यभिचारी का साथ मत दे....* *जैसा कि तेरी आदत है बरसों से * *घर में या बाहर भी......* *कि ...
 
तुमने आ मेरे जीवन में रचा नया संसार अनोखा स्वप्नों का संसार , निराला स्वप्नों का संसार ! यहाँ मचलती इठलाती सरिता में बहती आहें, यहाँ बीन की झंकारों में खोती कसक कराहें, यहाँ प्यार के प्यासे तट रह जाते फैला ...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

मै नारी हूँ-मिलिए,जेआरएफ में चयनित नेत्रहीन इमराना से-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, January 12, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  
 
कल एक बार फिर से हमारे अखबार के पते पर एक पत्र आया जिसमें फर्जी आईडी वाले किसी बंदे की टिप्पणियां थीं। इन टिप्पणियों के साथ साफ लिखा था कि हमारा मकसद आपको परेशान करना और टेंशन देना है। अगर आप टिप्पणियों का...
 
कहते हैं, यदि आप यह नहीं जानते कि जाना कहां है, तब फिर हर रास्ता गलत होता है। किसी भी क्षेत्र के किसी भी सफल व्यक्ति का उदाहरण ले लें। आप पाएंगे कि हर सफल व्यक्ति एक विशेष दिशा पकड़ कर अपनी सारी ऊर्जा उसी ...
 
दिल्ली के पॉश इलाके खान मार्केट में कारों की मामूली भिड़ंत के चक्कर में मंगलवार को एक होटल के युवा मैनेजर की जान चली गई...कारों को मामूली खरोच जैसा ही नुकसान हुआ था...लेकिन कड़ाके की सर्दी में भी पारा ऐसा...
 
हमारे टी.वी. के सारे के सारे रियलिटी शोज़ किसी ना किसी विदेशी चैनल के शोज़ की नक़ल होते हैं...चाहे वो 'कौन बनेगा करोडपति' हो, 'बिग बॉस' हो, या फिर,'इंडियन आइडल', 'रोडीज', 'मास्टर शेफ', 'जंगल में मंगल' या 'फ...
 
अर्थ संबंधी चिंताओं की बातचीत दिलचस्‍प भी हो आमतौर पर ऐसा होता नहीं. मास्‍को के सामाजिक आंदोलन व वैश्‍वीकरण अध्‍ययन केंद्र के डायरेक्‍टर बोरिस कागारलित्‍स्‍ की मगर एक दिलचस्‍प बातचीत किये ले जा रहे हैं. ...
 
ऐसी ही स्थिति को देखते हुए अभी हाल में ५ अगस्त २०१० को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि दहेज़ हत्या के मामले में आरोप ठोस और पक्के होने चाहिए ,महज अनुमान और अंदाजों के आधार पर ये आरोप नहीं ...
 
ना समझ हें हम क्यूंकि हम किसी की नहीं सुनते हम तो प्यार के नशे में चूर हें बस अब सब कुछ लुटाने के बाद समझ में आया हे जिन पर लुटाते रहे हम अपनी जान वोह तो यूँ ही लोगों का दिल तोड़ने के लियें मशहूर हें देख लो आ...
 
मिलिए,जेआरएफ में चयनित नेत्रहीन इमराना से
यूजीसी के जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) में चयनित दृष्टिहीन छात्रा इमराना को अब दुनिया को न देख पाने का कोई खास दुख नहीं होता। अब तक मिली कामयाबी ने सब कमियां पूरी कर दी हैं। खलिश तो इस बात की रहती है कि ...
 
अपने अस्तित्व को ढूँढती हुई* *दूर चली जाती हूँ * *मै नारी हूँ ....* *अस्मिता को बचाते हुए * *धरती में समा जाती हूँ * *माँ- बहन इन शब्दों में * *ये कैसा कटुता * *है भर गया * *इन शब्दों में अपशब्दों के * *ब...
 
 उडती हुई दो पतंगें आपस में उलझ पड़ी गुथम गुत्था ! दोनों ही कट कर एक छत पर जा पड़ी ! नीली नें लाल से पुछा ! क्या मिला मुझे काट कर ? लाल वाली बोली मैं कब तुमसे लड़ना चाहती थी पर मेरी डोर पर मेरा बस ही कहाँ था...
 
अलगाव
Share खाबों की निद्रा में सोया था प्रेम पुष्प महक में खोया था मखमली चांदनी सी चादर ओढ़े कितनी यादों से अंतस भिगोया था. वो हर पल मेरे साथ रहे ज्यूँ निशि संग तारों की बरात रहे हो...
 
छम्मकछल्लो बहुत दिन से लिख नहीं पा रही है. क्यों के बहुत से बहाने हैं. इस बहाने को तोडने के लिए कल रात उसके सपने में शास्त्री जी आ गए. लीजिए, आप भी पूछ रहे हैं, कौन शास्त्री जी? कभी आपने पूछा, कौन गांधी जी...
 
कवर ड्राइव का भगवान अपने बेहतरीन झन्नाटेदार शॉट की तरह ही सीमा रेखा के पार हुआ। यह क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत और समाज में एक बड़े व निर्णायक बदलाव का पड़ाव है। अवशेष हो रहे भावनात्मक सामंती मूल्यों क...
 
ल के बजाय 13 महीने रहेगी। पंचायत मंत्रालय ने वैधता तिथि में संशोधन किया है, जिसका प्रकाशन राजपत्र में भी हुआ है। इस बदलाव के बाद ..
 
ऐ मेरे वहशत-ए-दिल, मुझको बता, तू इतना नादाँ क्यों है, एहसास-ए-जिगर गैरों को बताके ,फिर होता परेशाँ क्यों है। छुपा न अब, जमाने पर यकीं करके तूने फरेब खाया है, गर जख्म खाए नहीं, तो चहरे पे उभरते ये निशाँ क्य...
 
---------फेड इन------ अक्स दर अक्स स्याह होते अँधेरे में घुल जाओ...जैसे मौत के पहले वाले पहर धीमे से पलकें बंद कर रही हूँ और तुम्हारी आँखों का जीवंत भूरा रंग गहराते जा रहा है, जैसे तुमने अभी माथे को चूमा .
 
आख़िर कार लखनऊ में बैठकर योजनायें बनाने वाले बाबुओं की समझ में यह बात आ ही गयी कि पूरे प्रदेश में जो कुछ भी चल रहा है उससे केवल वहीं पर बैठकर पार नहीं पाया जा सकता है. इस क्रम में सरका...
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

कैसे पाएं शराब से छुटकारा -क्या धन सक्षमता का पर्याय है ?- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, January 10, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
प्रदेश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग के दरवाजे भी अब बंद हो गए। विभाग ने सेटअप के मंजूर न होने का हवाला देते हुए विभाग में आवेदन करने वाले खिलाड़ियों को सूचित किया है कि वे अपनी नौकरी के लिए सामान्...
 
स्वामी विवेकानन्द उन्नीसवीं शती के महान विभूतियों में से एक थे। इनका नाम इनके गुणों के कारण इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर रहेगा। सच्चे अर्थों में स्वामी जी संपूर्ण एवं अखंड राष्ट्रीयता के समर्थक थे। ...
 
vivek shauqहास्य अभिनेता विवेक शौक का सोमवार को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह लगभग 47 वर्ष के थे। प्रसिद्ध हास्य अभिनेता जसपाल भट्टी के करीबी रहे और उनके धारावाहिकों 'उल्टा-पुल्टा', 'फ्...
 
** ** देखना चाहता हूँ इस एक कविता से कितने अर्थ निकालते हैं आप ????? सितारे अन्धेरी रातों में दिशा ज्ञान के लिये सितारों का मोहताज़ होना अब ज़रूरी नहीं चमकते सितारे रोशनी का भ्रम लिये सत्ता के आलोक ...
 
आज़ एक दु:खद घटना हुई इन्दु पुरी गोस्वामी जी की भतीजी के साथ लूट तथा हत्या की कोशिश का मामला प्रकाश में आया. " इंदौर के पॉश इलाके में सोमवार को दिनदहाड़े बदमाश एक घर से 20 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए" प्रदेश ...
 
राब बहुत बुरी चीज है ,अगर एक बार किसी को इसकी लत लग जाय तो इससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल है। इस ब्लॉग में हम नशामुक्ति से सम्बंधित लेख लगातार लिखते रहें है, लेकिन प्रस्तुत लेख श्री दिलीप लाल ने ...
 
भगवान भाग्य बाँट रहे थे, सारे कवि घूमने चले गए, लौटने पर भगवान ने बताया, अरे तुम्हारा भाग्य तो मैंने दूसरों में बाँट दिया . कवियों ने विरोध किया तो भगवान ने सांत्वना दी, देखो है तो तुम्हारे ही भाग्य का ....
 
 कुँवरानी निशा कँवर नरुका धनवान होना या निर्धन होना अपने आप में कोई बुराई नहीं है|किन्तु चूँकि यह युग अर्थ युग है और इसमें प्रत्येक गणना अर्थ से शुरू होती है और अर्थ पर ही समाप्त होजाती है |इसलिए इस युग म...
 
है कश्मीर हमारा सुंदर... इसको नहीं गवाएंगे लालचौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे* *किसी भी राष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक है उसका ध्वज, उसकी भाषा, उसका राष्ट्र-गान. दुनिया में भ...
 
नर्सरी दाखिलों में फॉर्म देने में जहां स्कूल अपनी मनमानी चला रहे हैं तो फॉर्म जमा करने में भी वह नियमों को ताक रख रहे हैं। कई स्कूलों में फॉर्म जमा करते समय अतिरिक्त धनराशि ली जा रही है तो स्कूल प्रोस्पैक्...
 
आंसू , प्रकृति का एक उपहार.आंसू, दुख के, पीड़ा के, ग्लानी के, परेशानी के या फिर खुशी के। मन की विभिन्न अवस्थाओं पर शरीर की प्रतिक्रिया के फलस्वरुप आंखों से बहने वाला जल। जब भावनाएं बेकाबू हो जाती हैं तो मन को संभालने, उसको हल्का करने...
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

प्रणय निवेदन -...डार्लिंग 786 -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Sunday, January 9, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज a>
 
दोस्तों राजस्थान में एक सरपंच के पति अपनी सरपंच पत्नी की उदारता के कारण कुछ दिनों में ही लखपति बन सकते हें इसका उदाहरण सिरोही जिले में शिवगंज ग्राम पंचायत के ग्राम जेतपुरा में देखने को मिला हे यहाँ सरपंच प...
दोस्तों यह मेरा महान देश त्योहारों ,जाती,धर्मों का संगम देश यहाँ सभी लोग हजारो जुबानें बोल कर भी एक जुबां भारत मामता की जय बोलते हें मेरे इस त्योहारों के देश में आगामी १३ जनवरी को मेरे सिन्धी भाइयों का पर्व ...
वर्ष २०१० में एक ब्लोगर युवक मोहन [परिवर्तित नाम ] से परिचय हुआ। उसने अपनी उम्र २८ बतायी थी। इतनी कम उम्र में उसने घर में बहुत कलह-क्लेश देखे , जिसने उसके व्यक्तित्व को बहुत कमज़ोर बना दिया। उसके अन्दर एक आ...
पाठकों के दिल में अक्सर अपने मन पसंदीदा लेखक की एक इमेज बन जाती है ! उस इमेज से हटकर लिखना, अपने व्यक्तित्व के प्रति खासा जोखिम लेना होता है ! पिछली पोस्ट पर यह देखा गया कि कुछ खास मित्रों ने भी आकर कमेन्...
आज प्रस्तुत है, ‘टी सीरीज’ म्यूजिक कंपनी द्वारा सन् 1993 में रिलीज रेखादेवी जलक्षत्री द्वारा प्रस्तुत भरथरी गायन श्रृंखला का तीसरा प्रसंग… 1. राजा का जोगी वेष में आना 2. चम्पा दासी का जोगी को भिक्षा देना 3...
नमस्कार, सर्दी बढ गयी है, मौसम कहर बरपा रहा है, और इसी समय में सब तरफ़ कुछ न कुछ आयोजन हो रहे हैं। इन आयोजनों में उपस्थित होना पड़ता है। घर पहुंचते रात हो जाती हो जाती है, फ़िर सर्द माहौल में कम्प्युटर पर बैठ...
लालगढ़ में स्वजनहाराओं का क्रंदन और बर्बरता चरम पर पहुँच गए हैं। राज्य में स्वजनहाराओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। लगता है इसबार का चुनाव स्वजनहाराओं के क्रंदन के प्रतिवाद में लड़ा जाएगा। खबर...
चिट्ठाचर्चा के सातवें साल की शुरुआत हम नये प्लेटफ़ार्म से कर रहे हैं। चर्चा देखने के लिये क्लिक करिये इस पोस्ट पर: चिट्ठाचर्चा के सातवें साल की शुरुआत- *चर्चा पढने के लिए कृपया यहाँ क्लिक करे * 
पहचानो .... अपनी लहुलुहान होती आत्मा की आवाज़ ....…हरकीरत ' हीर' पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की बत्तीसवीं वी पेशकश …हरकीरत ' हीर' जी. अमन के पैगाम' को मेरा सलाम ...... इस पैग...
यहां जमीन पर मीलों दूर तक फैले हरे भरे दरख्तों और उनके दरम्यान से गुज़रती कच्ची पक्की सड़कों... बलखाती पगडंडियों और छुटपुट बसी हुई इंसानी बस्तियों में रच बस चुकी बारूद की गंध ...वहां ऊपर आकाश में मंडराते ह...
हूँ मैं सूखी सी डाली, खिज़ां ने भी सताया है जाने क्यूँ फिर भी तुमने, नज़रों में बसाया है हैं आँखें मेरी बेनूरी, चेहरा भी है सादा सा पर ठोढ़ी पे मेरी तुमने, काला तिल लगाया है ख़ुदा ने मुझको तो अपना, इ...
संवाद से सत्य की प्राप्ति अभीष्ट है* आप सार्थक साहित्य का सृजन कर सकें इसी कामना से यह संवाद आपके लिए क्रिएट किया गया है। जो ग़लती ग़ालिब कर चुके हैं उसे दोहराना नहीं है बल्कि उसे सुधारना है। अपने और मान...
राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़ अधिकतर यह बातें सामने आती रहती हैं कि भारत में पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है और हम पश्चिमी देशों की संस्कृति को आधुनिकता के नाम पर अपना रहे हैं। साथ ही यह भी कहा ज...
आजकल जबरदस्त सर्दी का मौसम चल रहा है, कुछ नेता जिन्हें अपनी राजनीति चमकानी होती है वो शहर के आसपास की झुग्गियों में कम्बल बाँटते हैं. उनका यह कदम बेहद सराहनीय है. वास्तव में सच भी है इस ठण्ड में अगर कम्बल ...
न बदले अधिकार में प्यार मेरा बस तुम्हें देखता, सुनता, महसूसता रहूँ कभी न सोचूँ तुम देखो, सुनो, महसूसो मुझे चाहता मन देना ही आता रहे मुझे कभी न सोचूँ मुझे मिला नहीं क्यों बसी रहे समर्पण की चाह मन में बनी र...
 अच्छा तो हम > चलते हैं
कल फिर मिलेंगे

पूरा देश कहीं हिजड़ा तो नहीं हो गया -11 करोड़ का गंभीर बनाम 50 रुपये किलो का प्याज़-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, January 8, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
छत्तीसगढ़ में तीरंदाजी के अर्जुन माने जाने वाले 85 वर्षीय गोदूराम वर्मा को इस बात का मलाल है कि उनको 50 साल में कोई ऐसा शिष्य नहीं मिला जो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता। शब्द भेदी बाण चलाने वाले इस धनुधर ने य...
 
करीब दो वर्षों से आन्दोलन रत कोटा के वकीलों की हडताल कल सोमवार को साधारण सभा में खत्म हो जायेगी , कोटा के वकील कोटा में हाईकोर्ट की मांग को लेकर हडताल पर गये थे बाद में हाईकोर्ट की मांग डेफर कर वकीलों की क...
 
ख्यालों में आपका आना जाना रात भर फिर चश्मे--तर का मुस्कुराना रात भर हर इक आहट पे है आपकी आमद लगे मेरा दरवाजे तक नज़रें उठाना रात भर आपके पैरहन को छूके जब चली ये सबा हरसू खुला जैसे कोई मयखाना रात भर ...
 
धागे बाखबर से बेखबर होती रही, समय की गठरी पलटती रही. रातों को उठकर जाने क्यों, मैं अपनी ही चादर सीती रही. संस्कारों की कतरनें जोड़ी बहुत थीं, फिर भी सीवन दिखती रही. अपनों की झालर बनाई सही थी, ...
 
कश्मीर मसला हो या इजराइल-फिलिस्तीन की खुनी जंग या फिर इराक और अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे युद्ध या फिर अफ्रीका में नरसंहार, हर तरफ दर्द ही दर्द है. क्यूँ कोई इनका हल नहीं ढूंढ पाता? या फिर हम ढूंढना ही नहीं...
 
अब ना कोई चाहत ना कोई खोज शायद यही होता है खुद को पाना जहाँ पहुच कर हर चाह मिट जाये जहाँ "मैं "का भास हो जाये हर चिन्ह , हर परछायीं फिर चाहे वो खुद की ही क्यूँ ना हो कोई ना डरा पाए जहाँ "तू" और "मैं"...
 
भारी ट्रैफिक के बीच भी कार चलेगी बिना ड्राइवर के, सेलफोन में होगी ऐसी आंख जो देखेगी इंसान की तरह, फेसबुक खुद ही दोस्तों से हालचाल पूछेगा और उनके सवालों के जवाब भी देगा. ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कमा...
 
नए वर्ष पर बेरोजगारों के घर खुशियों ने दस्तक दी है। एक अदद नौकरी की तलाश में उन्हें अब भटकना नहीं होगा। प्राइवेट सेक्टर से इतर सरकारी नौकरियों के कई विकल्प उनके सामने हैं। जरूरत अपनी योग्यता के हिसाब से इन...
 
देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में अध्ययन की चाहत रखने वाले विदेशी छात्रों को अब हिंदी का अध्ययन करना होगा। इसके लिए सभी विवि स्वयं पाठ्यक्रम बनाएंगे। छात्रों को अनिवार्य रूप से देश की मातृभाषा का अ...
 
छिद्रान्वेषण ---- अब बताइये दिन रात संस्कृति , भारतीयता, सदाचरण की बात करने वाले समाचार पत्रों ---राजस्थान पत्रिका व अन्य सभी हिन्दी अंग्रेज़ी पत्र-पत्रिकाएं ---..का यह चारित्रिक दोहरापन, कथनी करनी में फर्...
 
अजीब विडंबना है...
हज़ारों हज़ार बरस से चमक रहा है सूर्य तुम्हारी संवेदना की ओजोन परत अब भेद पाया है अब तुम्हें सूरज की रोशनी तेज से तेजतर लगने लगी है अब नोटिस किया है तुमने सूर्य को जबकि बेचारा सूर्य अब मद्धम हो चला है ठंडी ...
 
11 करोड़ का गंभीर बनाम 50 रुपये किलो का प्याज़
सुबह के करीब ग्यारह बजे होंगे। अपने क्षेत्रीय चैनल की डेस्क पर साढ़े बारह बजे महंगाई पर होने वाले शो की रूपरेखा बनाई जा रही थी। सरकार के तमाम दावे कैसे महंगाई डायन को रोकने में नाकाम हो रहे हैं, कैसे प्य...
 
फ़ैज़ पर कुछ नोट्स : असद ज़ैदी
*इज़हारे-अक़ीदत और वक़्त की कैफ़ियत* 1941 में प्रकाशित अपने पहले संकलन का नाम फ़ैज़ ने 'नक्शे फ़रियादी' रखा. ये ' दीवाने ग़ालिब' के पहले दो शब्द हैं. क़रीब एक चौथाई सदी बाद सन 1965 में अपने चौथे संकलन का ...
 
घाघरे वाली * वो झंझावात की रात, जब पहुँची बारात, दुल्हन के द्वार | जब द्वाराचार की बेला आई, तो एक सुन्दर सी बाला , सबसे आगे आगे नज़र आई, जब स्वागत और कारज व्यवहार में , उसे बढ़ चढ़ कर भाग लेते देखा, तो म...
 
कभी नहीं सोचा था, 'अवैध ' या 'विवाहेतर सम्बन्ध ' जैसे विषय पर कभी कुछ लिखूंगी...इसलिए भी कि यह एक रोग मध्यम वर्ग से कुछ दूर ही रहता है. मध्यम वर्गीय पुरुष, कैरियर बनाने ...
 
सपने
हर मन में बसे होते हैं सपने, हर रात में हमारी आँखों में बसते हैं सपने। लेकिन आज चलिये सब कुछ भूलकर आपको हम ऐसी रूमानी दुनिया में जाएँ जिसे हम सपनों की दुनिया कहते हैं....ख्वाबों की दुनिया कहते हैं... जह...
 
आज सुबह सुबह ये गाना *बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम ... कसम चाहे ले लो* .... बड़ा अच्छा लगा इस जाड़े के सीजन में .... बड़ी जोरदार शीत लहर चल रही है और दिनरात का तापमान नित नए रंग दिखा रहा है ... भाई कहीं आ...
 
बवाना कि कार निगलने वाली खुनी नहर ने आज दोपहर को भी एक कार व बाइक को निगला आज के हादसे किसी कि मोत तो नही पर तीन लोगों को घायल जरूर कर दिया जिनमें बाइक पर सवार दो लडकों कि हालत गंभीर जरूर है .....घायलों...
 
राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़ देश में अभी महंगाई चरम पर है और प्याज है कि लोगों के साथ-साथ सरकार को भी खून के आंसू रूला रहा है। जब से प्याज की दर में इजाफा हुआ है, तब से उसका दर्शन दुर्लभ हो गया है। पिछ...
 
कल्पना की कान्त कोकिल कुहुकना नित रैन बासर ! जब सुभावों से हृदय हो शून्य रो-रो प्राण खोये, नयन निर्झरिणी उमड़ कर स्मृति पट को नित भिगोये, तब सुनाना सुखद, मंगल मधुर आश्वासन दिलाना, दूर कर नैराश्य तम को, आश का...
 
दोस्तों मेने आभी अभी ब्लोगर कवि योगेन्द्र मोदगिल जी की एक रचना जिसका शीर्षक क्या सारा देश हिजड़ा हो गया हे पढ़ी इस रचना में उन्होंने अख़बार और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सेक्स विज्ञापनों की भरमार की तरफ ऊँगली ...
 
प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रोनिक मीडिया ख़बरों का संसार टीवी या अखबार कुछ भी देख लो मेरे यार विज्ञापनों ने बदल दी देश की हवा एनलार्ज, ब्रेस्ट टोनर, उभार और उभारने की दवा विज्ञापनों कि रेल-पेल एनर्जिक ३१, स...
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

अब तेरा क्या होगा रे पीलिया -दे घुमा के-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, January 7, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
हूं... कितने ब्लागर थे? सरदार एक ब्लागर एक ब्लागर ... और तुम साले इतनी बार फर्जी आईडी बनाने के बाद भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सके। इसकी सजा मिलेगी.. बराबर मिलेगी बोलो कितनी गोली है इसके अंदर सरदार छह गोली......
 
प्रथम प्यार का, प्रथम पत्र है * *लिखता, निज मृगनयनी को * *उमड़ रहे, जो भाव ह्रदय में * *अर्पित , प्रणय संगिनी को ,* *इस आशा के साथ, कि समझें भाषा प्रेमालाप की ! * ***प्रेयसि पहली बारलिख रहा,चिट्ठी तुमक...
 
आईना देखते डरने लगा हूँ, कहीं नीचे मासूमियत झाँकती है। उतारने को बड़प्पन का मुलम्मा उसे घिसता हूँ साफ तौलिये से। मुँह नहीं धोता मेरे भीतर पानी मर गया है। 
 
 नया शहर अनजान डगर , उस पर यह अंधरी रात , कहां जाएं कैसे ढूड़ें , एक छोटी सी छत , सर छुपाने के लिए , फुटपाथ पर कुछ लोग , और जलता अलाव , थे व्यस्त किसी बहस में , वहां पहुंच मैं ठिठक गया , खड़े क्यूँ हो रास्ता ना...
 
नहीं नहीं, मेरा किसी से झगड़ा नहीं हुआ है...जो मुझे कहना पड़ रहा है, *दे घुमा के....*अरे भाई ये तो इंडिया का थीम सॉन्ग हैं आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के लिए...जिसका खुमार छाने में अब सिर्फ 50 दिन बचे है...
 
एक बीज बड़ते हुए कभी आवाज़ नहीं करता , मगर एक पेड़ जब गिरता है तो ............. जबरदस्त शोर और प्रचार के साथ ..........! इसलिए विनाश मै शोर है परन्...
 
युवा कहानीकार (और मेरे साथी) गौरव सोलंकी को राजस्थान पत्रिका ने इस कहानी के लिए **विशेष सम्मान** दिया है....क्या इत्तेफाक है कि कुछ दिन पहले ही उनकी कहानियों को मेरे ब्लॉग पर डालने के लिए हम दोनों ने समीक...
 
छत्तीसगढ सरकार ने राज्य में चिकित्सकों की भारी कमी के मद्देनजर उनके भर्ती नियमों को शिथिल कर दिया है। मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की कल रात यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ता...
 
पीलिया
जनवरी के वे खास दिन चल रहे थे जब सुबह, दुपहर, शाम,रात सब ठंढ के मोमजामें में लिपटे ठिठुर रहे होते हैं और जगह जगह अलाव पीलिया जैसी बीमार सूरत लिये बुझे बुझे से नज़र आते हैं जिन्हें तापते ऐसा लगता है जैसे स...
 
एक अरब से ऊपर लोग...... अरुणोदय से ले कर कन्याकुंवारी......... तिरंगे का वजूद बढता रहे... संसद में ‘निरीह’ सांसदों को बचाते.... बन्दूक ताने वो ..... बचाते रहे इनको ...... गोली दागते रहे उनपर - मरते दम तक ज...
 
रक्त, खून, लहू, रुधिर कितने नाम हैं इस जीवनदायी तरल के, जो जन्म से लेकर मृत्यु प्रयंत हमारे शरीर में अनवरत दौड़ता रहकर हमें जिन्दगी प्रदान करता रहता है। फिर भी हम इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते {डाक्टरों क...
 
हमें जीने मे क्यूँ होती है आसानी, बताते हैं... हम अपने घर मे, अब कुछ और, वीरानी सजाते हैं... खुदा, जिस दिन से तेरे नाम पर, जलते शहर देखे... जलाते अब नही बाती, तुम्हे पानी चढ़ाते हैं... हमें डर है की वो मिट...
 
The best time to awaken both body and spirit is in the early morning. We are fresh, in solitude, and the vibrations of the world are at their calmest. It is not surprising that you will find all exper...
 
आह! दर्द आज बहुत रुला रहा है ..........क्यूँ? क्या कारण है नहीं जान पा रही मगर कुछ तो है जो कहीं तो घटित हो रहा है मगर ह्रदय इतना व्याकुल क्यूँ हो रहा है ? कौन सा इसका सामान छीन रहा है जो इसका आसमां इसे 
 
ओ री !! बता ना तू नया साल कैसे मनाएगी ?* *आदमी के संग पिकनिक मनाएगी.....* *कि बच्चों को कुछ अच्छी बातें सिखाएगी...!!* *ऐ री !! बता ना कैसे तू नया साल मनाएगी ?* *पता भी है तुझे कि ये धरती ऐसी क्यों हो ग... 
 
 
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कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 

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