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एक मुलाक़ात - बुढापे के साथ -मौत! तुम्हारा स्वागत है -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, January 29, 2011

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद कांबली का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता तो भगवान हैं। मुझे ही बिना वजह एक बार नहीं बल्कि 9 बार टीम से बाहर किया गया और बाहर करने का कारण भी नहीं बताया गया। विश्व ...
 
गुरुदेव *समीर लाल समीर* जी की हाल ही में विमोचित हुई उपन्यासिका...*देख लूँ तो चलूँ...* 21 जनवरी को मेरे लखनऊ जाने से पहले ही डाक के ज़रिए मुझे मिल गई थी...उपन्यासिका को मुझे एक ही गो में पढ़ना था, इसलिए ऐ..

उम्र बढ़ने के साथ ही बुजुर्गों में बहुत से शारीरिक , मानसिक और क्रियात्मक बदलाव होने लगते हैं तथा शारीरिक क्रियाएं धीमी पड़ने लगती हैं। कोशिकाओं का क्षय होने लगता है तथा रोगग्रस्त कोशिकाएं बनने लगती हैं। सं...
 
मौत! तुम्हारा स्वागत है तुम ही तो जीवन का शाश्वत सत्य हो जीवन क्षणभंगुर अस्थिर है मगर तुम अटल हो जीवन दुश्वारियों दुश्चिंताओं उलझनों का समन्वय है मगर तुम मुक्तिबोध कराती हो हर चिंता से मुक्त कराती ...
 
महात्मा की पत्रकारिता और वर्तमान समय को लेकर विमर्श हो रहा है और यह कहा जा रहा है कि महात्मा की पत्रकारिता का लोप हो चुका है। बात शायद गलत नहीं है किन्तु पूरी तरह ठीक भी नहीं। महात्मा की पत्रकारिता को एक ...
 
प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,* *प्रणाम !* * * भारत.... दुनियां की दूसरी सबसे बडी आबादी... सबसे बड़ा लोकतंत्र... भारत की अर्थव्यवस्था मुद्रा स्थानांतरण की दर से विश्व में दसवें और क्रयशक्ति के अनुसार चौथी सबसे बडी...
 
आज़ दिनांक 29/01/2011 को जबलपुर के तरंग प्रेक्षागार में रेडक्रास सोसायटी जबलपुर द्वारा नि:शक्त जन सहायतार्थ आयोजित कार्यक्रम में खैयाम साहब ने जो कहा वो सुनिये
 
किसी को दो गाली तो वो बजा देगा आपके गाल पर ताली। पूरा पढ़ने और ताली बजाने के लिए क्लिक कीजिए
 
झारखंड के पांच विवि में लगभग एक हजार 08 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इन विवि में 3477 पद स्वीकृत हैं, जबकि 2469 शिक्षक कार्यरत हैं. दो लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए राज्य में 2471 शिक्षक हैं. दरअसल झारखंड ...
 
इन दिनों छत्तीसगढ़ी फिल्मों में प्रेम (मया) की बहार है। ये वही बहार है जो हिन्दी फिल्मों में बीते दिनों की बात हो गई है। सुबुक सुबुक वाली बहार। ग्लीसरीनी ऑंसू से भरे नायक नायिकाओं की ऑंखों का सुबुक सुबुक ...
 
मैं जबसे दिल्ली से लौटा हूँ इस विषय पर लिखने को उत्सुक हूँ लेकिन हर बार कोई न कोई नया विषय मेरी विचारवीणा के तारों को झंकृत कर जाता है और यह विषय लिखने को शेष रह जाता है.आज कहने को तो बिहार में सुशासन बाब...
 
दोस्तों कोटा में मेरे मित्र भाई अरविन्द सिसिदिया भाजपा मिडिया प्रकोष्ट से जुड़े हें और सुलझे हुए इंसान होने के साथ कई वर्षों से जनता की सेवा और लेखन कार्यों से जुड़े हें मेरी पत्रकारिता के काल से राजनीति म...
 
सरकारी योजनाओं पर भी महंगाई की मार पड़ने लगी है। आंगनबाड़ी में बच्चों को पूरक पोषाहार के लिए दिए जाने वाली चार से छह रुपये प्रतिदिन की राशि अब कम पड़ने लगी है और कई राज्यों ने हाथ खड़े करते हुए केंद्र से इ...
 
कहीं किसी की टिप्पणी में ऐसा कुछ पढा था………* 1, क्या यह रवैया दुरुस्त है ? 2, क्या हमारी सेना मांस नहीं खाती ? 3, क्या हमारे वीर सैनिकों को राक्षस कहा जाना उचित है ? 4, क्या सिक्ख गुरु बलि नहीं देते थे या म...
 
कुछ महीने पहले एक पत्रिका के लिए कुछ लिख कर देने के लिए कहा गया था...जब पहले पहल बोला गया कि लिखना है मीडिया पर...लगा मैं क्या लिखूंगा, क्या ढाई साल थोड़े कम नहीं है अनुभव के लिहाज़ से। लेकिन तुरंत ही अगल...
 
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से फरवरी और मार्च में तीन विभागों के रिक्त पदों के लिए परीक्षा आयोजित कर रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 12, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में 45 और पंचायत एव...
 
बठिंडा। पंजाब की बिहार से तुलना किसी भी स्तर पर हो ही नहीं सकती, वहां और यहां के हालातों में जमीं आसमान का फर्क है, यह शब्‍द बिहार के पूर्व राज्यपाल व एनसीएससी के चेयरमैन बूटा सिंह ने स्थानीय सर्किट हाउस म..

राजस्थान की ओध्ह्योगिक नगरी कोटा में इन दिनों देश के दूरदराज़ इलाकों से आरहे बच्चों में निराशावाद आने से आत्म हत्या का सिलसिला शुरू हो गया हे और विभिन्न अनावश्यक दबाव के चलते यह सिलसिला थमने का नाम नहीं लर...
 
तुम, मेरे अस्तित्व को खुदके अस्तित्व पर ओढ़े... समेटे अपनी इच्छाओ को मेरी इच्छाओ में... हिस्सा बन गयी हो मेरे जीवन का... सदा मुस्कुराती तुम, कभी-कभी इतराती भी हो, तुम्हे मेरे साथ का कुछ घमंड सा हो चला है......
 
सुभाषित शब्द "सु" और "भाषित" के मेल से बना है जिसका अर्थ है "सुन्दर भाषा में कहा गया"। संस्कृत के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं। यहाँ पर हम प्रस्तुत कर रहे है कुछ सुभाषित! *अयं निजः परो...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

4 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा January 29, 2011 at 6:21 PM  

वाह बहुत उम्दा लिंक समेटे हैं जी।

आभार

Satish Saxena January 29, 2011 at 7:17 PM  

पहले तीन लिंक पढ़ लिए हैं ...आनंद आ गया ! आपका चुनाव वाकई अच्छा है !
शुभकामनायें !

Asha Lata Saxena January 29, 2011 at 10:51 PM  

अच्छी और सारगर्भित लिंक्स |बधाई
आशा

शिक्षामित्र January 31, 2011 at 7:42 AM  

आभार स्वीकार कीजिए।

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