संक्रांति है संस्कार-क्रांति -लाल बत्ती मिलने पर भी नहीं बदले अशोक बजाज-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, January 14, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज

जब मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया था तो मेरे ब्लॉग पर मोडरेशन नहीं था। लेकिन मेरी पहली पोस्ट पर हीअमरेन्द्र त्रिपाठी नामक ब्लोगर ने आकर अभद्र टिप्पणियों की भरमार कर दी । फिर वो अपने समुदाय के श्रीशपाठक , गिरि...
पप्पू का अगले दिन राजनीति शास्त्र का पेपर था...अपने पापा से बोला, *मुझे राजनीति सिखाओ...* अब पूरे साल पप्पू पढ़ा नहीं...पापा परेशान...ऐन टाइम पर इसे कैसे सिखाऊं...तब भी पापा ने कोशिश की...सोचा घर के सदस्...

हर बार मकर संक्रांति पर जयपुर वाले जमकर पतंगें उड़ातें हैं और बीकानेर वाले आखातीज को याद करते हैं। आपको क्या लगता है, इस बार कुछ नया हुआ होगा, नहीं बिल्कुल नहीं। इस बार भी वही हुआ। लेकिन मैंने कुछ अलग क...
जब हम सड़क पर चलते थे, तो चलते थे बाएं होकर.... सख्त हिदायत थी किताबों में... फिर थोड़ी समझ बढ़ी, देखने का मन हुआ... कि अगर बाईं ओर सारे पैदल हैं, तो दाईं ओर कौन है... बीच में इतनी गाड़ियां, इतने ...
कितने किस्से गढ़े गए गूलर के फूल पर कितने लोगों ने भगवान से प्रार्थना की कि काश उन्हें गूलर का फूल मिल जाए और उनका धन कभी खत्म ना हो चाहे वो कितना भी खर्च करें। पर वो बेचारा फूल फल के अन्दर बन्द खुली हवा में...
उत्तर प्रदेश सरकार इन दिनों महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले विधायकों व कानून के संरक्षकों से निपटने का ढोंग बहुत अच्छी तरह कर रही है।विषय बांदा के विधायक के पुरूषोत्तम द्धिवेदी को जेल भेजने,पार्टी से...
सरकार की तरफ से लगातार आने वाले निर्देशों ने अभिभावक ही नहीं स्कूल प्रबंधन भी दुविधा में है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल सिस्टम तैयार कर सकता है लेकिन पहले सरकार को स्थिर होना प़ड़ेगा। स्कूलवालों का ...
मानव की महत्वाकांक्षा को आसमान की ऊँचाईयों तक ले जाने वाली पतंग कहीं शगुन और अपशकुन से जुड़ी है तो कहीं ईश्वर तक अपना संदेश पहुंचाने के माध्यम के रूप में प्रतिष्ठित है। मकर संक्रांति को 'पतंग पर्व' भी मान...
पिछले वर्ष अनायास ही इतने पारिवारिक हादसे हुए कि तमाम योजनाएँ धरी की धरी रह गईं। अब पुन: स्फूर्ति आई है तो हिन्दी ब्लॉगिंग को केन्द्र में रख कर किए जाने वाले कार्यों से अवगत करवाना चाहता हूँ आपको। जैसी यो...
कुरसी पर जब खड़े हुए हैं * *बौने भी तब बड़े हुए हैं* *चमकीले फल जैसा दिखते * *भीतर से पर सड़े हुए **हैं * * * *कोस रहे है दुनिया भर को* *चार किताबें पढ़े हुए हैं * * * *मूरख की पहचान यही **हैं * *भले गलत है...
हर सुबह जब हम तंदरुस्ती के साथ उठते हें वही हमारी नई जिंदगी होती हे जब रोज़ सुबह खुशनुमा जिंदगी हे हमारी तो फिर कल की कडुवाहट को क्यूँ याद कर आज खराब करें हम इसलियें उठो जी लो एक बार फिर तुम भी नई जिंदगी । अ...
उत्सव और त्योहार किसी भी देश और जाति के रहन-सहन, चरित्र, मूल्य, मान्यता, धर्म, दर्शन आदि का परिचय कराते हैं। कुछ त्योहार परमात्मा से, कुछ धर्मस्थापकों से, कुछ देवी-देवताओं से, कुछ विजय के अवसरों से और कुछ...
ऐ औरत !!अब तुझे रूपम पाठक ही बनना होगा.....!!
ऐ औरत !!अब तुझे रूपम पाठक ही बनना होगा.....* *ऐ औरत !!अब अगर तूझे सचमुच एक औरत ही होना है * *तो अब तू किसी भी व्यभिचारी का साथ मत दे....* *जैसा कि तेरी आदत है बरसों से * *घर में या बाहर भी......* *कि ...

तुमने आ मेरे जीवन में रचा नया संसार अनोखा स्वप्नों का संसार , निराला स्वप्नों का संसार ! यहाँ मचलती इठलाती सरिता में बहती आहें, यहाँ बीन की झंकारों में खोती कसक कराहें, यहाँ प्यार के प्यासे तट रह जाते फैला ...
कल फिर मिलेंगे
8 comments:
gvaalani ji jay ho . akhtar khan akela kota rajsthan
इस चौपाल में आकर बहुत से लोगों से मिलना-जुलना हुआ।
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राजकुमार जी ,
बेहतरीन लिनक्स दिए हैं आपने। कुछ नए लेखक एवं लेखिकाओं से परिचय हुआ।
आभार आपका।
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अशोक बजाज जी से पिछले दिनों मिलना हुआ था। बिल्कुल अहसास नहीं हुआ कि लाल बत्ती से उनके व्यवहार में कोई फर्क आया है।
राज जी
आप् लिंक्स का चयन बहुत अच्छे ढंग से करते हैं बधाई आज की लिंक्स के लिये |
आशा
बहुत सुन्दर चौपाल है राज जी ! आज बहुत दिनों के बाद इस चौपाल पर आना संभव हुआ ! 'अनोखा संसार' को इसमें स्थान देने के लिये आपका बहुत बहुत आभार !
बेहतरीन लिनक्स
जरा ये भी पढ़िए
पैसे की नयी परिभाषा.
आप के कल के चर्चा के लिए बढ़िया हैं
भाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग का आभार स्वीकार किया जाए।
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