पूरा देश कहीं हिजड़ा तो नहीं हो गया -11 करोड़ का गंभीर बनाम 50 रुपये किलो का प्याज़-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Saturday, January 8, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
छत्तीसगढ़ में तीरंदाजी के अर्जुन माने जाने वाले 85 वर्षीय गोदूराम वर्मा को इस बात का मलाल है कि उनको 50 साल में कोई ऐसा शिष्य नहीं मिला जो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता। शब्द भेदी बाण चलाने वाले इस धनुधर ने य...
करीब दो वर्षों से आन्दोलन रत कोटा के वकीलों की हडताल कल सोमवार को साधारण सभा में खत्म हो जायेगी , कोटा के वकील कोटा में हाईकोर्ट की मांग को लेकर हडताल पर गये थे बाद में हाईकोर्ट की मांग डेफर कर वकीलों की क...
ख्यालों में आपका आना जाना रात भर फिर चश्मे--तर का मुस्कुराना रात भर हर इक आहट पे है आपकी आमद लगे मेरा दरवाजे तक नज़रें उठाना रात भर आपके पैरहन को छूके जब चली ये सबा हरसू खुला जैसे कोई मयखाना रात भर ...
धागे बाखबर से बेखबर होती रही, समय की गठरी पलटती रही. रातों को उठकर जाने क्यों, मैं अपनी ही चादर सीती रही. संस्कारों की कतरनें जोड़ी बहुत थीं, फिर भी सीवन दिखती रही. अपनों की झालर बनाई सही थी, ...
कश्मीर मसला हो या इजराइल-फिलिस्तीन की खुनी जंग या फिर इराक और अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे युद्ध या फिर अफ्रीका में नरसंहार, हर तरफ दर्द ही दर्द है. क्यूँ कोई इनका हल नहीं ढूंढ पाता? या फिर हम ढूंढना ही नहीं...
अब ना कोई चाहत ना कोई खोज शायद यही होता है खुद को पाना जहाँ पहुच कर हर चाह मिट जाये जहाँ "मैं "का भास हो जाये हर चिन्ह , हर परछायीं फिर चाहे वो खुद की ही क्यूँ ना हो कोई ना डरा पाए जहाँ "तू" और "मैं"...
भारी ट्रैफिक के बीच भी कार चलेगी बिना ड्राइवर के, सेलफोन में होगी ऐसी आंख जो देखेगी इंसान की तरह, फेसबुक खुद ही दोस्तों से हालचाल पूछेगा और उनके सवालों के जवाब भी देगा. ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कमा...
नए वर्ष पर बेरोजगारों के घर खुशियों ने दस्तक दी है। एक अदद नौकरी की तलाश में उन्हें अब भटकना नहीं होगा। प्राइवेट सेक्टर से इतर सरकारी नौकरियों के कई विकल्प उनके सामने हैं। जरूरत अपनी योग्यता के हिसाब से इन...
देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में अध्ययन की चाहत रखने वाले विदेशी छात्रों को अब हिंदी का अध्ययन करना होगा। इसके लिए सभी विवि स्वयं पाठ्यक्रम बनाएंगे। छात्रों को अनिवार्य रूप से देश की मातृभाषा का अ...
छिद्रान्वेषण ---- अब बताइये दिन रात संस्कृति , भारतीयता, सदाचरण की बात करने वाले समाचार पत्रों ---राजस्थान पत्रिका व अन्य सभी हिन्दी अंग्रेज़ी पत्र-पत्रिकाएं ---..का यह चारित्रिक दोहरापन, कथनी करनी में फर्...
अजीब विडंबना है...
हज़ारों हज़ार बरस से चमक रहा है सूर्य तुम्हारी संवेदना की ओजोन परत अब भेद पाया है अब तुम्हें सूरज की रोशनी तेज से तेजतर लगने लगी है अब नोटिस किया है तुमने सूर्य को जबकि बेचारा सूर्य अब मद्धम हो चला है ठंडी ...
11 करोड़ का गंभीर बनाम 50 रुपये किलो का प्याज़
सुबह के करीब ग्यारह बजे होंगे। अपने क्षेत्रीय चैनल की डेस्क पर साढ़े बारह बजे महंगाई पर होने वाले शो की रूपरेखा बनाई जा रही थी। सरकार के तमाम दावे कैसे महंगाई डायन को रोकने में नाकाम हो रहे हैं, कैसे प्य...
फ़ैज़ पर कुछ नोट्स : असद ज़ैदी
*इज़हारे-अक़ीदत और वक़्त की कैफ़ियत* 1941 में प्रकाशित अपने पहले संकलन का नाम फ़ैज़ ने 'नक्शे फ़रियादी' रखा. ये ' दीवाने ग़ालिब' के पहले दो शब्द हैं. क़रीब एक चौथाई सदी बाद सन 1965 में अपने चौथे संकलन का ...
घाघरे वाली * वो झंझावात की रात, जब पहुँची बारात, दुल्हन के द्वार | जब द्वाराचार की बेला आई, तो एक सुन्दर सी बाला , सबसे आगे आगे नज़र आई, जब स्वागत और कारज व्यवहार में , उसे बढ़ चढ़ कर भाग लेते देखा, तो म...
कभी नहीं सोचा था, 'अवैध ' या 'विवाहेतर सम्बन्ध ' जैसे विषय पर कभी कुछ लिखूंगी...इसलिए भी कि यह एक रोग मध्यम वर्ग से कुछ दूर ही रहता है. मध्यम वर्गीय पुरुष, कैरियर बनाने ...
सपने अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
हर मन में बसे होते हैं सपने, हर रात में हमारी आँखों में बसते हैं सपने। लेकिन आज चलिये सब कुछ भूलकर आपको हम ऐसी रूमानी दुनिया में जाएँ जिसे हम सपनों की दुनिया कहते हैं....ख्वाबों की दुनिया कहते हैं... जह...
आज सुबह सुबह ये गाना *बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम ... कसम चाहे ले लो* .... बड़ा अच्छा लगा इस जाड़े के सीजन में .... बड़ी जोरदार शीत लहर चल रही है और दिनरात का तापमान नित नए रंग दिखा रहा है ... भाई कहीं आ...
बवाना कि कार निगलने वाली खुनी नहर ने आज दोपहर को भी एक कार व बाइक को निगला आज के हादसे किसी कि मोत तो नही पर तीन लोगों को घायल जरूर कर दिया जिनमें बाइक पर सवार दो लडकों कि हालत गंभीर जरूर है .....घायलों...
राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़ देश में अभी महंगाई चरम पर है और प्याज है कि लोगों के साथ-साथ सरकार को भी खून के आंसू रूला रहा है। जब से प्याज की दर में इजाफा हुआ है, तब से उसका दर्शन दुर्लभ हो गया है। पिछ...
कल्पना की कान्त कोकिल कुहुकना नित रैन बासर ! जब सुभावों से हृदय हो शून्य रो-रो प्राण खोये, नयन निर्झरिणी उमड़ कर स्मृति पट को नित भिगोये, तब सुनाना सुखद, मंगल मधुर आश्वासन दिलाना, दूर कर नैराश्य तम को, आश का...
दोस्तों मेने आभी अभी ब्लोगर कवि योगेन्द्र मोदगिल जी की एक रचना जिसका शीर्षक क्या सारा देश हिजड़ा हो गया हे पढ़ी इस रचना में उन्होंने अख़बार और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सेक्स विज्ञापनों की भरमार की तरफ ऊँगली ...
प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रोनिक मीडिया ख़बरों का संसार टीवी या अखबार कुछ भी देख लो मेरे यार विज्ञापनों ने बदल दी देश की हवा एनलार्ज, ब्रेस्ट टोनर, उभार और उभारने की दवा विज्ञापनों कि रेल-पेल एनर्जिक ३१, स...
कल फिर मिलेंगे
3 comments:
सुन्दर व विभिन्न विषयों के अच्छे चयन के लिये बधाई, राजकुमार जी....
बहुत सुन्दर चौपाल्……………बढिया लिंक्स्।
बहुत सुंदर चौपाल राज जी ! बेहतरीन लिंक्स के लिये आभार !
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