वकीलों की टीम में छोटा राजन -क्यूँ उठने लगे हें सवाल - ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Sunday, January 2, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
वकीलों की राष्ट्रीय क्रिकेट स्पर्धा के एक मैच में छोटा राजन और चुलबुल पांडे भी खेले। दरअसल हुआ यह कि जिस दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में इंदौर और इलाहाबाद के बीच फाइनल मैच खेला गया, यह मैच पहले सत्र...
मेरे पात्र बैताल की तरह चढ़ जाते हैं सिर और कंधे पर, पूछते हैं हजार सवाल। मुझमें इतना कहाँ विक्रम जो दे सकूं जवाब *...रोज़ मेरा सिर हजार टुकड़े होता है।* *_______________...
क्यूँ उठने लगे हें सवाल , रोज होने लगे हें खुलासे , और होते भंडाफोड , कई दबे छिपे किस्सों के , पहले जब वह कुर्सी पर था , कोई कुछ नहीं बोला , हुए तो तभी थे कई कांड , पर तब था कुर्सी का प्रभाव , कहीं खुद के का...
कॉल बेल बजी, मैने उठकर दरवाजा खोला। सामने प्रतिहार था, करबद्ध स्वर्णखचित संदेश पेटिका लिए। उसने कहा-“भन्ते! आपके लिए आम्रपाली का विशेष संदेश है।“ ऐसा कहकर उसने रेशम के कोमल सुगंधित कपड़े में लिपटा हुआ पत्...


कम्प्यूटर सीखा, इंटरनेट सीखा हिंदी की-बोर्ड ‘इंस्क्रिप्ट’ सीखा ब्लॉग बनाया, माइक्रो ब्लॉगिंग भी की वेबसाइट भी कर ली डिजाइन स्केनिंग, फोटो एडिटिंग सीखी सब तकनीकी चीजें कर डाली मगर, सिंथसाइजर नहीं सीख पाया क...
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य शिवानंद तिवारी ने कुलपतियों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया है। मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही को पत्र लिखकर उन्होंने आगाह किय...
*(१)* *मैं कलम हूँ ज़िंदगी का सार लिखता हूँ* *देखता हूँ जो वही संसार लिखता हूँ* * * *फिक्र है मुझको मेरे किरदार की यारो* *इसलिये सच्चाइयाँ हर बार लिखता हूँ* *ज़िंदगी है जंग इसको जीत जाऊँगा * *हर सुबह खुद ...
प्राण तुम्हारे नयनों में मैं खोज रही कुछ सुख का स्त्रोत, दीन निर्धनों की आहों से करुणामय हो ओत-प्रोत ! आज हृदय में शक्ति न इतनी नयनों का अभिसार करूँ, प्रणय सिंधु के तीर खड़ी मैं कैसे तुमको प्यार करूँ ! ...
पतंग और दुनियादारी नील गगन के विस्तृत नभ पर, पंतग उडी है इधर उधर सर- सर- फर-फर-सर- सर-फर-फर -सर- सर-फर-फर -सर- सर-फर जब तक स्वांसों के माझें संग, इसकी यारों बनी रहे हरसाए हम देखो तब तक आकाशों मैं तानी रह...
छत्तीसगढ़ के पंचायत विभाग में नौकरी देने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें विभाग के पुराने संचालक के हस्ताक्षर कर 79 लोगों की नियुक्ति और पदस्थापना के आदेश जारी कर दिए गए। महत्वपूर्ण बात यह है ...
विदा करो मुझे अब अपनी रूह से अब नहीं रुक पायेगी रूह मेरी तेरे साथ रूह की चादर पर टंगे तेरे ख्वाब अब नयी ताबीर नहीं लिख पाएंगे मेरी ज़ख़्मी रूह के हर नासूर पर एक ठुकी कील ज़ख्मों को हरा भरा रखती है और रूह क...
बहर : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम ग़ज़ल पर ग़ज़ल क्या कहूँ मैं यही बेहतर चुप रहूँ मैं तेरे रूप की धूप गोरी तेरे गेसुओं से सहूँ मैं न तेजाब है ना अगन तू तुझे छूके फिर क्यूँ दहूँ मैं न चिंता ...
कल फिर मिलेंगे
6 comments:
मे्री पोस्ट का लिंक देने के लिए आभार
गाजियाबाद से एक यलो एक्सप्रेस चल रही है जो आपके ब्लाग को चौपट कर सकती है, जरा सावधान रहे।
अच्छी चौपाल सजात्त है |बधाई |मेरी कविता के लिए आभार |
आशा
बहुत सुन्दर लिंक्स लगाये हैं…………सुन्दर चौपाल्।
बढ़िया लिंक्स लगाये हैं आपने !
भाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए आभार।
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