आत्ममंथन की प्रक्रिया में-धूप का दर्द-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Monday, January 3, 2011
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
ओलंपियन तीरंदाजी मंगल सिंह चाम्पिया का कहना है कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार मुझे ज्यादा सुविधाएँ देती हैं तो मैं छत्तीसगढ़ के लिए खेल सकता हूं। मेरा पहला लक्ष्य लंदन ओलंपिक 2012 में पदक जीतना है। यहां अंतर रेलवे ...

डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे गांवों को इस साल नई सौगात मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय देश के लगभग 6 सौ जिलों एक मेडिकल स्कूल खोलने की तैयारी में है। यहां गांव के ही प्रतिभाशाली छात्रों को चुन कर डॉक्टरी सिख...
व्यक्ति के मन में एक जज़्बा होता है की हम भी समाज के लिए कुछ योगदान कर सकें। कुछ जागरूकता ला सकें । विसंगतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करके समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव ला सकें । कुछ वर्ष पहले तक ऐसी को...
दोस्तों जनवरी का महिना आ गया हे और इसी महीने के पहले सप्ताह में सडक सुरक्षा सप्ताह देश भर में मनाये जाने की परम्परा हे ,परम्परा इसलियें कहूँगा के हमारे देश में इसे मात्र परम्परा के बटर ही मनाया जाता हे और
आज अभी-अभी लौटा हूँ वहां से जहाँ जाकर आदमी का दिमाग परम शांति की अवस्था में पहुँच जाता है.मेरा मतलब है कि मैं शौचालय से आ रहा हूँ.वहीँ विश्रांति अवस्था में बैठे-बैठे मेरे दिमाग में एक आइडिया ने जन्म लिय...

(१) वह राज क्या , उसका अंदाज क्या , जिसे जानने की उत्सुकता न हो | (२) वह साज़ क्या , उसकी मधुरता क्या , जिसे सुनने की चाहत न हो | (३) वह रूप क्या , उसका सौंदर्य क्या , जिसे देखने की तमन्ना न हो | (४) वह प्रश्...
देश में राजनीति करने वाले किस तरह से हर मामले में अपने फायदे की बातें ही देखा करते हैं इसका ताज़ा उदाहरण कांग्रेस की १२५ वीं वर्षगाँठ पर प्रकाशित पुस्तक में संजय गाँधी के बारे में लिखे विचारों से पता चल जात...
आत्ममंथन की प्रक्रिया में कार्य प्रगति पर है कृपया दस्तक ना दें कहीं ऐसा ना हो दस्तक देते ही प्रहार आप पर हो जाये और रिश्ता जो कोई कहता है कि है हमारा कुछ वो टूट जाए बच कर चलें कहीं यूँ ना हो सारा गर...
BOBBY JINDAL 'पब्लिक पॉलिसी पोलिंग ' द्वारा किए गए एक जनमत संग्रह के मुताबिक भारतीय मूल के बॉबी जिंदल अमरीका के गवर्नरों में सबसे लोकप्रिय गवर्नर हैं. बॉबी जिंदल रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैं और वर...
आज-कल तो वो बड़ी ही शान में रहता है क्या बात हुयी है किस गुमान में रहता है जो चला है मेरे आँगन में पत्थर बरसाने अरे खुद भी तो कांच के मकान में रहता है हो शाम तो लौटना उसे भी शज़र पे ही है दिन भर जो ...
मुझको अर्घ्य में जल नहीं* ** *अग्नि रूचती है* *सूर्य, क्या तुम अपनी देय को* *पुनः स्वीकारोगे* *कष्ट, कष्ट, कष्ट* *ज्वालामुखी की भीतरी उबलन-सा* *मैं उबला हूँ* *लाख तपा हूँ* *जला, झुलसा, पिघला हूँ* *बाहर सदैव...
कल फिर मिलेंगे
7 comments:
ग्राम चौपाल से ब्लॉग चौपाल तक सुंदर चौपाल सजाई है मित्र
आभार
बहुत ही सुन्दर चौपाल सजाई है………काफ़ी लिंक्स मिले…………आभार्।
अच्छी लिंक्स के लिए बधाई |
मुझे आप के ब्लॉग पर शामिल करने के लिए आभार |
आशा
अच्छा चुनाव व प्रस्तुति...
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
कभी मौका मिले, तो हमारे ब्लॉगस पे भी आएं।
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मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
भाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए शुक्रिया। प्रवास में होने के कारण नियमित टिप्पणी नहीं कर पा रहा हूं। कृपया अन्यथा नहीं लेंगे। धन्यवाद।
बेहतरीन संकलन ,सुन्दर चौपाल ; बधाई !!!
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