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अखबार ही अखबार-एक पोस्ट के दस लाख से ज्यादा पाठक-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, December 6, 2010

  सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
अगर कोई कहे कि उनकी एक पोस्ट के दस लाख से ज्यादा पाठक हैं, तो आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है। हम ही नहीं और भी कई ऐसे ब्लागर हैं जिनकी एक पोस्ट के दस लाख से ज्यादा पाठक हैं। अब आप सोच...
 
कोटा में रसद अधिकारी की पूरी जाँच पड़ताल के दावे खोखले साबित हुए हें और हालात यह हें के यहाँ कल विशेष पुलिस अनुसन्धान शाखा के उप अधीक्षक सतपाल चोधरी ने अचानक स्टेशन इलाके में छापा मार कर ४३ गेस सिलेंडर जब्...
 
मनुष्य तब तक अपनी पूर्ण शक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता जब तक वह इस बात को मन, वचन और शरीर से न समझ ले कि मैं विश्व के महान तत्त्व का एक अंश हूँ -स्वेट मार्डेन 
 
इमाम हुसैन की शहादत** को नमन करते हुए हमारी ओर से श्रद्धांजलि…*एस एम् मासूम [image: moon] एक दिन बाद माह ए मुहर्रम का चाँद आसमान पे दिखने लगेगा. मुहर्रम इस्लामिक ...
 
उत्तर प्रदेश में २००३ से २००७ तक हुए देश के अभी तक के सबसे बड़े अनाज घोटाले के बारे में अब यह सामने आ रहा है कि यह पूरा मामला उतना हल्का नहीं है जितना इसे समझा जा रहा था. देश के एक गरीब राज्य में जिस तरह स...
 
ट्रेन शनै:-शनै: सरकती है चित्तौड़ की ओर, रास्ते में जलती हुई बत्तियाँ कह रही हैं कि आगे कोई इंतजार कर रहा है तुम्हारा, इसलिए आज राह-ए-रौशन की हुई हैं जिल्ले इलाही ने। लगभग चार घंटे का सफ़र और आँखों में नींद...
 
नमस्कार, आज गिरीश दादा ने आह्वान किया है भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई का ब्लागरों से। भ्रष्टाचार के खिलाफ़ ब्लागर ही लड़ाई लड़ सकते हैं। जब पत्रकारिता पीत हो गयी है और पत्रकारों के नाम दलाली में आने लगे हैं तो ...
 
नमस्कार , आज अचानक बहुत से अखबार दिखाई दे गए ….सब आपके लिए समेट लायी हूँ …वैसे भी कभी तो मन होता ही है कि हमारी कोई रचना अखबार में भी छपे , तो आज छप गयी न ….तो देर किस बात की अखबार पर क्लिक करें और रच...
 
आज बहुत फुर्सत में थे तो सोचा कुछ समय का खून किया जाए ,आखिर कितना भी सदुपयोग करे एक दिन तो टाइम पूरा होना ही है ..तो बस अपने हांथो में रिमोट थमा और शुरू हो गए ..बाप रे भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा, सारी दुनिय...
 
जंगल में सभी प्राणियों ने पंचायत की. इस बार प्रधानी में शेर को विजयी न होने दिया जाए..... क्या है कि ताकतवर है, जब चाहे किसी न किसी को तंग करता रहता है, किसी न किसी को उठा कर ले जाता है, अपनी मनमानी करता ...
 
राजदीप सरदेसाई से एम जे अकबर तक- सब पर्दा डालने में जुटे हैं
मीडिया इन्डस्ट्री में सबसे कमजोर,लाचार और निरीह कोई है तो वो हैं राजदीप सरदेसाई। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि सैलरी,शख्सीयत और शोहरत के लिहाज से जिस टेलीविजन पत्रकार को सबसे मजबूत माना जाता है,लोगों के बीच...
 
दिल की बात: जिंदगी: " जिंदगी चाहत भी नहीं है जिंदगी से ज्यादा, चाहती है न जाने वो मुझसे क्या वादा. ..." 
 
कोरियोग्राफी में करिअर
आज पेरेंट्स अपने बच्चों को मल्टी टेलेंटेड बनाना चाहते हैं लेकिन कॅरिअर की जब बात आती है तो सिर्फ इंजीनियरिंग या डांक्टरी जैसे बरसों से चले आ रहे रूढ़िवादि क्षेत्रों में ही आगे बढ़ने पर जोर दिया जाता है। स...
 
बस यह अंतिम लड़ाई और सुख की गोद फिर किंतु इस सुख के पहले त्रास कितना कितना दुख संघर्ष कितना जरा बताना जानता हूँ बस यही अंतिम लड़ाई और सुख की गोद फिर फिर जैसा भी बचूँ मैं तुम्हारा क्षत सही, विक्षत सही घायल ...
 
छोटी सी ये दुनिया...पहचाने रास्ते हैं...
शिल्पी(बीच में ) JNU के अपने गैंग के साथ *मेरी छोटी बहन 'शिल्पी' JNU से फिलॉसफी में पी.एच.डी कर रही है और 'जानकी देवी कॉलेज' में 'एड हॉक लेक्चरर' भी है...(मुझे तो समझ नहीं आता इतनी छोटी सी लड़की की बातें ...
 
हिमाचल.प्रदेश में संचालित निजी इंजीनियर कालेज एमबीए व एमसीए में मनमाफिक एडमिशन फीस नहीं ले सकेंगे। शासन ने निजी इंजीनियर कालेजों पर लगाम लगाते हुए सेमेस्टर के हिसाब से फीस तय कर दी है, जो तीन वर्ष तक सभी न...
 
नव कोपल से नर्म एहसास सी तुम प्रकृति की सबसे अनुपम उपहार हो मेरे लिए वो ऊषा की पहली किरण सा मखमली अहसास हो तुमजाने कौन देस से आयीं मेरे जीवन प्राण हो तुम ओस की पारदर्शी बूंद सी तुम श्रृंगार हो प्रकृति की मग...
 
हिंदी सिनेमा के नायक और दर्शकों को नहीं भातीं लडक़ों जैसी लड़कियांगीताश्रीइंटरनेट की दुनिया में सवालो की एक वेबसाइट है। उसमें अजीबो गरीब सवाल पूछे जाते हैं और जवाब उतने ही दिलचस्प। कई बार सोचने पर मजबूर कर दे...
 
लोग कहते हैं कि हथेली की लकीरों में किस्मत लिखी होती है . मेरी किस्मत भी स्याह स्याही से लिखी थी . फिर भी लकीरें धुंधली हो गयीं . और अब मेरी किस्मत कोई पढ़ नही पाता . धुंधली होती लकीरें एक जल...
 
 
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

6 comments:

vandana gupta December 6, 2010 at 10:20 PM  

सुन्दर लिंक्स के साथ बढिया चौपाल्।

संगीता स्वरुप ( गीत ) December 6, 2010 at 10:51 PM  

बहुत सुगढ़ चौपाल ....मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार ..

दीपक बाबा December 6, 2010 at 10:59 PM  

चौपाल पर बढिया गुफ्तगू की है.

shikha varshney December 7, 2010 at 12:26 AM  

बहुत अच्छी चौपाल सजी है.

आपका अख्तर खान अकेला December 7, 2010 at 3:18 AM  

shukriyaa or mubarkbad . akhtar khan akela kota rajsthan

ASHOK BAJAJ December 7, 2010 at 11:10 AM  

ब्लॉग-चौपाल ने तो कमाल कर दिया ,साधुवाद !

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