Powered by Blogger.

विजय हमेशा पुरुषार्थी की ही होती है -शेर की खाल पहनने से कुत्ता शेरा नहीं हो जाता -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, December 13, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
एक कहावत है हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार। यह कहावत पूरी तरह से उन नामाकुलों पर खरी उतरती है जो बिना वजह दूसरों के फटे में टांगे अड़ाने का काम करते हैं। न जाने क्यों कर अच्छे खासे ब्लाग जगत को गंदा करन...
 
हंसी दिवस हो सबका जन्‍मदिवस*अब तक जिन्‍होंने दी है जन्‍मदिन पर मेरे शुभकामना, नहीं भी दी है पर लाईन में लगे हैं, बहुत सारे तो अपनी नींद में बेसुध सोये हैं, जागकर देंगे, यह निश्‍चय कर के सोये हैं, सबका नं...
 
दिल की मुश्किलें बढ़ जाती हैं जब तुम सामने होती हो ना तुम्हें छू सकता हूँ ना पा सकता हूँ तुम्हारे वजूद को आकार देना चाहता हूँ जिसे मैंने कभी देखा भी नहीं मगर फिर भी हर पल नज़रों में समायी रहती हो तुम्हारे...
 
एक और वर्ष बीत गया ? ऐसे ही न जाने कितने वर्ष और बीतते चले जायेंगें और हमारे नेता बेशर्मों की तरह अपने गलत कामों की सजा हमारे वीर जवानों को देते चले जायेंगें ? एक और १३ दिसम्बर निकल गया और एक दिन फिर से ह...
 
प्रिय ब्लॉगर मित्रो, प्रणाम ! *ब्लॉग 4 वार्ता* के इस मंच पर आज कोई बड़ी बड़ी बाते नहीं सिर्फ़ चंद लतीफे आप सब के लिए ... और फिर चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर ! ~~~~~~~~~ संता: हवलदार साहब मैं पिछले एक ...
 
 सात दिसम्बर की सुबह दिल्ली बहुत ठण्ड थी ...पारा ६ डिग्री नीचे तक उतर चुका था ....टीवी के जरिये .इस ठण्ड की खबर के बावजूद भी मैं ठंड नहीं रख सका और बाबत ब्लॉगर मीट के *सतीश सक्सेना जी* को फोन कर डाला ...उन...
 
प्यार तो जीवन है, हर रोज का जीना
एक ख़ास तरह का रौब, एक खास तरह की कशिश, एक ख़ास तरह की सादगी.और इस तरह ...उन्होंन कितने ही ख़ास गिनवा दिए और कहा कि इन सब का सुमेल नज़र आता है इस तस्वीर के नक्श में. ये कुमेंट किए गए थे एक जाने माने शायर ...
 
नाकाबिल प्रोफेसर करेंगे खेतों में काम!* इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल की बैठक में सोमवार सुबह 11 बजे शुरु हुई। इसमें नेट परीक्षा पास नहीं करने वाले 33 असिस्टेंट प्रोफेसरों को अध्यापन कार्...
 
भारत प्रश्न मंच भाग-२३ परिणाम शहंशाहों को भी ना मिली वतन की जमीन आख़िरी सांस के वक्त प्रिय मित्रों मैं आशीष मिश्रा हाजिर हूँ आप सभी लोगों के समक्ष भारत प्रश्न का परिणाम लेकर .पहले प्रश्न का सही उत्तर है ...
 
*घरेलू हिंसा एक ऐसी स्थिति जिसका शिकार महिलाओं को होना पड़ता है किन्तु जिसकी शिकायत करने के मामले में पढ़ी-लिखी हो या अनपढ़ एक सी ही हैं.अनपढ़ की तो समझ में आती है कि वह आज भी पुरानी रुढियों में जकड़ी है और अप...
 
ज़िंदा थे तो किसी ने पास भी नही बिठाया * *अब सब पास बैठे जा रहे थे * *पहले किसी ने रुमाल भी नही दिया * *अब कपडे ओढाये जा रहे थे * *सबको पता है अब उनके काम के नही हम * *फिर भी बेचारे दुनियादारी निभाये जा रहे...
 
नईदुनिया में दिनांक 13.12.2010 को प्रकाशित मेरा व्यंग्य चोरों का डाटा चोरी करने की तकनीक पढ़े व्यंग्य और व्यंग्यलोक पर। [image: www.blogvani.com] 
 
विभिन्न प्रकार की मम्मियाँ....... आलसी मम्मी ......... एक बात तुम्हे कितनी बार बतानी पड़ती है ? धमकाने वाली मम्मी ......... आने दो पापा को तुम्हारी शिकायत करूंगी इतिहास पसंद... visit my blog and comment...
 
दिखाई देता है जैसा , वह उन सब सा नहीं है , बना सवरा रहता है , पर धनवान नहीं है , दावा करता विद्वत्ता का , चतुर सुजान होने का , कुछ भी तो नहीं है , संतृप्त दिखाई देता है , पर हैं अपूर्ण आशाएं , हैं दबी हुई भा...
 
गीताश्री तो सुख-दुख, आकांक्षा और हार,उदासी और उत्साह,वर्तमान भविष्य के अनुभव को धीमा कर देना और हर दो तस्वीरों के बीच नई राहें और नए शार्टकट ढूंढना,मेरे जीवन में सिगरेटों का यही मुख्य उद्देश्य था,जब ये संभाव...
 
कहते हैं कि जो कर्म करता है उसे ही फल प्राप्त होता है ... एक बार तीन आदमी एक पहाड़ पर स्थित सड़क मार्ग पार कर रहे थे . पहाड़ पर बनी सड़क काफी उंचाई पर थी . इतने में उन तीनों व्यक्तियों को काफी जोरों की प्यास 
 
एपिसोड नंबर 7 बच्चे का 2 से 6 महीने तक का होना सूत्रधार 1 - रचना धारावाहिक में आगे क्या हुआ होगा तो चलो सुनते है रचना के परिवार में क्या हो रहा है। Get this widget | Track details | eSnips Social DNA सा.....
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 

 
 
 
 
 

4 comments:

Satish Saxena December 13, 2010 at 8:05 PM  

आज का शीर्षक देख दौड़ा आया ग्वालानी साहब ! बढ़िया लिंक के लिए आभार !

Asha Lata Saxena December 13, 2010 at 8:50 PM  

राज जी , नमस्कार |मुझे आपके ब्लॉग पर बहुतसी लिंक्स पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है |आज अपनी कविता ब्लॉग चौपाल में देखी |प्रोत्साहन के लिए आभार |
आशा

Sadhana Vaid December 14, 2010 at 8:20 AM  

बहुत सुन्दर चौपाल है राजकुमार जी ! इतने सारे बहुमूल्य लिंक्स के लिये आभार !

शिक्षामित्र December 14, 2010 at 9:12 AM  

कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट छूट जाते,गर आपने चर्चा न की होती। भाषा,शिक्षा और रोज़गार ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए भी आभार।

Post a Comment

About This Blog

Blog Archive

  © Blogger template Webnolia by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP