अलविदा दोस्तों अब मैं वापस नहीं आऊंगा.. -मैं कैसे कहूँ कि तू ठहर जा"-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Thursday, December 30, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
अलविदा दोस्तों अब मैं वापस जा रहा हूं अब मैं कभी भी आपकी जिंदगी में लौटकर नहीं आऊंगा मैं हमेशा-हमेशा के लिए आप सबसे विदा चाहता हूं अब मेरे पास सिर्फ और सिर्फ एक दिन का समय है इसके बाद मैं आपसे जुदा हो जाऊं...
माँ की डायरी में एक बहुत सुन्दर रचना पढ़ने के लिये मिली जो आज के समय में भी उतनी ही सामयिक है ! उन्होंने किसी विशिष्ट अष्टमी के दिन शायद इसे लिखा होगा ! यद्यपि आज अष्टमी तो नहीं है लेकिन फिर भी इसे आपसे शेय...
साल ग्यारह आ गया है! खुशियों की सौग़ात लेकर,* *आइये स्वागत करें हम जोश के जज़्बात लेकर.* *मुस्कुराते बीते पल की याद बस मन में रहे* *उम्र भर रोना नहीं, बिगड़े हुए हालात ...
अलविदा 2010 : समय मैं क्या कहूँ तेरे बारे में तू आता है और चला जाता है , या यूँ कहूँ तू अनवरत गाति से चलता रहता है और मेरी सांसों का सफ़र भी तेरे साथ लगातार चलता रहता है । पर अब तुझे जाना ही है तो मेरा कोई...
ब्लॉग जगत में आने के बाद महीने में 20 - 25 पोस्ट ठेल देने वाली मैं अचानक कुछ दिनों से कुछ भी नहीं लिख पा रही हूं। 2011 में होनेवाली इस प्रकार की व्यस्तता का कुछ अंदाजा तो मझे पहले से था , पर एकाएक लिखन...
वापसी की यात्रा पहाड़ से उतरने वाली थी। सभी धड़ल्ले से उतर रहे थे। सुमीत भी एक झटके में ही नीचे उतर आया। रास्ते में मुझे एक कोटपुतली राजस्थान के श्रद्धालु मिले। उनकी चुंदड़ी वाली पगड़ी देख कर उनसे कुछ बात चीत...
अमरीका में दो बहनें ग्लेडिस और जेमी उम्र क़ैद की सज़ा काट रही हैं. उन्हें अनिश्चितकाल के लिए रिहाई मिल सकती है लेकिन इसके लिए प्रशासन की एक अजीबो-ग़रीब शर्त है. शर्त ये है कि अगर ग्लेडिस स्कॉट बड़ी बहन ज...
मेरा नाम मत लेना सिर्फ उस एक हिन्दी ब्लॉगर का नाम बतलायें, जो आपको बिल्कुल पसंद नहीं है और आप उसका नाम लेने का साहस रखते हैं। बहादुर हिन्दी ब्लॉगरों को एक जनवरी दो हजार ग्यारह के दिन प्रशस्ति पत्र स...
Everyday is a celebration because instead of waiting for happy endings, we open our eyes to the wonder of life, to see the humour and magic in each moment. Delighted in the way things turn out, amaz...
क्रिकेट एक बल्ले और गेंद का दलीय खेल है जिसकी शुरुआत दक्षिणी इंग्लैंड में हुई थी। इसका सबसे प्राचीन निश्चित संदर्भ १५९८ में मिलता है, और अब यह १०० से अधिक देशों में खेला जाता है।क्रिकेट के कई रूप हैं;
इसका...
बैचलर ऑफ एजूकेशन बीएड की फीस सत्र 2010-11 में भी 25 हजार रुपए ही रहेगी। प्रदेश के मूल निवासियों के साथ ही बाहरी राज्यों के लिए भी यही फीस रहेगी। कोई भी कालेज छात्रों से 25 हजार से अधिक फीस नहीं ले सकता। शि...
जाते हुए वर्ष २०१० को , एक मधुर स्मृति के साथ विदाई देता यह लेख , जो देश के बच्चों को समर्पित है। कितना भी व्यस्त रहे लेकिन बच्चों का स्मरण करना मत भूलिए। ये ही तो देश का भविष्य हैं और इनका बचपन ही हमारे...
राजधानी के शोधार्थियों को अब शोध के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। राजधानी में ही उन्हें शोध के सारे दस्तावेज और अभिलेख उपलब्ध हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ पुरातात्विक विभाग के प्रयास से सप्ताह के अंत तक इन दस्तावेजों...
Share मन की ज्वाला रोक सखी अश्रु की धारा रोक सखी क्यों शोक भार से चूर्ण सखी ? धैर्य की डोर ना छोड़ सखी ! कटु बोल सब भूल सखी मरहम की कोई ले ओट सखी विकार न जला डालें तुझको तम-वर्षा को ब...
लाइव ट्रेलर को भी आप सब प्यार दें.
हिन्दुस्तान का दर्द मंच का निर्माण लगभग 2 साल पहले किया गया था,इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी के लेखकों एवं पाठकों को एक ऐसा मंच उपलब्ध करना था जो की रचनात्मकता से भरा हो जो देश की समस्याओं एवं दर्द की बात कर..
हिन्दुस्तान का दर्द मंच का निर्माण लगभग 2 साल पहले किया गया था,इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी के लेखकों एवं पाठकों को एक ऐसा मंच उपलब्ध करना था जो की रचनात्मकता से भरा हो जो देश की समस्याओं एवं दर्द की बात कर..
नया साल बस दो कदम की दूरी पर है. अरे, २०१० कैसे बीत गया पता ही नहीं चला. यही हमारी नियति है. हम अक्सर जीतने का दंभ पाले रहते हैं, पर समय हर बार पटकनी देते रहता है. हम समय से नहीं जीत सकते. उसे नहीं रोक पा...
एक वर्ष और बीत गया , कुछ भी नया नहीं हुआ , हर बार की तरह इस वर्ष भी , नया साल मनाया था , रंगारंग कार्यक्रमों से सजाया था , खुशियाँ बांटी थीं सब को , कठिन स्थितियों से जूझने की , बीती बातें भुलाने की , कसमें ...
राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण को दस साल हो गए हैं और प्रदेश ने विकास के कई आयाम गढ़े हैं, लेकिन पुलिस की चुनौती कहीं से कम नहीं हुई हो, नजर नहीं आती। प्रदेश के हालात को देखें त...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
7 comments:
काफी लिक मिले। जाता हूं बारी-बारी। नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ।
बहुत सुन्दर लिंक्स एवं जानकारी के लिए धन्यवाद ,नए वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .
bahut acchhe links se susajjit charcha. meri rachna ko sthan dene ke liye dhanywad.
nav varsh ki hardik shubhkaamnaayen.
बहुत बहुत बधाई लिंक्स के लिए |नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
आशा
काफ़ी अच्छे लिंक्स मिले…………आभार्।
नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं .
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं
चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई
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