छेड़छाड़ से एक छात्रा की जान चली गई और मंत्री कहते हैं छेड़छाड़ मामूली बात है-अरे यार सब चलता है-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, December 10, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
हमारे शहर रायपुर में एक छात्रा की छेड़छाड़ के कारण जान चली गई। इस छात्रा नेहा भाटिया को इतना ज्यादा परेशान किया गया कि अंत में उसको अपनी जान देनी पड़ी। जब अपने शहर में यह हादसा हुआ तो हमें अपने राज्य के उन...
पूजा या नमाज़ कायम करो ..... जिसकी पूजा या नमाज़ सच्ची तो उसकी जिंदगी अच्छी , जिसकी जिंदगी अच्छी उसकी म़ोत अच्छी जिसकी म़ोत अच्छी उसकी आखेरत अच्छी जिसकी आखेरत अच्छी उसकी जन्नत पक्की तो जनाब इसके लियें करो...
ॠतु वर्णन की इस श्रंखला में आज पस्तुत है अंतिम कड़ी 'वर्षा' ! वर्षा हुई कष्ट से बावली सी अवनि तब उमड़ कर हृदय स्त्रोत बन भाप आया, लगाने को मरहम दुखिनी के व्रणों पर सुघर वैद्य का रूप भर मेघ आया ! बही आह की...
२६ नवम्बर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका डाली थी कि इस तरह की टिप्पणी से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की छवि को धक्का लगता है. इस माम...
ज्ञान दर्पण पर पिछली पोस्ट में बताया गया था कि कैसे आईडिया नेट सेटर यूएसबी मोडेम में आईडिया सेलुलर द्वारा लगाया ताला तोड़कर दूसरी सिम का प्रयोग किया जा सकता है | पर मोडेम को अनलोक कर सीधे नहीं चलाया जा सकता...
प्रिय ब्लॉगर मित्रो * *प्रणाम !* आप लोगो ने कभी ना कभी कॉमिकस तो पढ़ी ही होंगी ... तो क्या आप लोगो को* बहादुर* याद है ?? शायद आपका जवाब होगा .... *नहीं* .... क्यों कि वे दिन गए जब बहादुर और उसकी प्रेमिक...
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को धूम्रपान की लत छोड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है .इसी का परिणाम है कि उन्होंने पिछले नौ महीने में एक बार भी धूम्रपान नहीं किया है .व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव रॉबर्ट ...
आज तक कभी कोई दिखा नहीं है उस घर में.. कभी उसके बरामदे में टहलते हुये भी नहीं.. नहीं-नहीं! कभी-कभी कोई दिख जाता है.. शायद गर्मियों कि शाम जब बिजली आंख-मिचौली खेल रही हो.. सर्दियों में तो शायद कभी नहीं.. गर...
इन दिनों व्यस्तता कुछ ऐसी चल रही है कि कहानी के इतने प्लॉट्स दिमाग में होते हुए भी...उन्हें विस्तार देने का मौका नहीं मिल पा रहा...और ख्याल आया...कहानी सुनवाई तो जा ही सकती है. ये कहानी भी आकशवाणी से प्र...
संस्मरण आखिर लिखे ही क्यों जायं?लिखने वाले के लिए तो मान सकते हैं यह *बिना लिखे रहा न जाय *किस्म की एक कशिश है मगर पढने सुनने वाले का इससे कोई भला न हो तो फिर ऐसे संस्मरण से फायदा ही क्या ? दूसरी ओर कोई...
*जो सच्चे पर हँसता है** * *पाप ह्रदय में रखता है* * * *पाप-पुण्य के अंतर को ज्ञानी सदा समझता है* * रिश्ता टूट न जाय कहीं ज़ुल्म तेरे वो सहता है* * तू वीरों का है वंशज क्यों धारे में बहता है* * उसको मंजिल म...
समाजविज्ञानी गुलशन सचदेवा ने ‘डिमिस्टाफाइ नॉर्थ-ईस्ट’ (डायलॉग,जनवरी-मार्च 2006) लेख में विस्तार के साथ उत्तर-पूर्व के बारे में प्रचारित मिथों का तथ्यों के आधार पर खंडन किया है। उत्तर-पूर्व के बारे ..
छत्तीसगढ़ की जनता का दर्द कुछ अनोखा ही है । जिस-जिस को और जब-जब यहाँ लोगों ने सर आँखों पे बिठाया, उसने चार दिन बाद उसी जनता से बड़ी ही ढ़िठाई से पूछा है - कि तू क्या है … ? और ठगी सी रह गई जनार्दन कही जान...
भ्रस्टाचार का नाम आते ही अब जेहन में तूफान नही मचता क्यूँ ? क्यूंकि हम उसे जेहनी तौर पर स्वविकार चुके है दरअसल हर उस मुद्दे को भोथरा बना धार बिहीन करने की साजिश लम्बे समय से चल रही है वरन यह कहा जाये की सा...
कल फिर मिलेंगे
5 comments:
अच्छी चौपाल
बधाई अच्छी चौपाल सजाने के लिए
आशा
सुन्दर चौपाल्।
सुन्दर चौपाल् , बधाई !
बहुत सुन्दर चौपाल ! आभार एवं शुभकामनाएं !
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