स्त्री लेखन में देह घाव की तरह टभकती है..., शिक्षक ही बन गए भक्षक-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, September 3, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आज के शिक्षकों को न जाने क्या हो गया है जो अपनी हवस की आग मिटाने के लिए अपनी ही शिष्यों को शिकार बना रहे हैं। अरे देह की इतनी ही भूख है तो चले जाओ देह के बाजार में, क्यों शिक्षा जैसे पवित्र स्थल और शिक्षा जगत को बदनाम कर रहे हो.... चलिए देखे आज की चौपाल में कितने रंग हैं...
गीताश्रीविमर्शात्मक लेखन में देह बोलती है क्योंकि स्त्री संबंधी सारे अपराधो कीआधार भूमि उसका प्राइम साइट स्त्री देह ही है। स्त्री लेखन में देह टमकतीहै बस घाव की तरह।--अनामिकाआज जो आत्मकथाएं लिखी जा रही हैं उ...
सुबह को एक खबर पर नजरें पड़ीं कि अपने छत्तीसगढ़ के भिलाई में दो शिक्षक ही भक्षक बन गए। इन भक्षकों ने मासूम छात्राओं को अपना शिकार बनाया। भिलाई के ज्ञानदीप स्कूल के प्राचार्य अतुल मिश्रा एक सातवीं कक्षा में...
एक खेल जो भारत के क्रिकेट का अमेरिकन रूपांतरण है, आप देखो फिर थोडा टहल के आ जाओ, बीयर, जूस या चिप्स सामने से लाकर इधर उधर टहलो और फिर देखने लगो, गर्ल फ्रेंड को डेट के लिए बुलाना हो या फिर बच्चो को बाह...
आँसू दे सन्देश ह्रदय की व्यथा सुनायें, आहें दे आदेश प्रेम का पंथ दिखायें ! लख जीवन गति स्वयम् देव तुम जान सकोगे, मेरे उर के भाव प्राण पहचान सकोगे ! आस न देना मुझे कुटिल जग छलने वाली, मत देना विश्वासपूर्ण द...
क़दरदान!! कोलकाता ! *बारीश की नम फुहार .. पूरबइया,पछुआ बयार .. पसीनों से सराबोर तन ... परोपकार से भरा मन .. लोकल की भीड़-भाड़ .. ट्रामों की सुस्त रफ्...
दोस्तों!! चर्चा लिखने का ये मेरा पहला-पहला अनुभव है इसलिए आपसे अर्जी है कि मेरी मूर्खताओं को मुआफ करें..* ** ** *पुलिस की अधूरी जानकारी के विरूद्ध पत्रकार राजीव कुमार ने सीआईसी की शरण ली ये हाल है हमारी
आज, 4 सितम्बर को - तीसरा खंभा तथा अनवरत वाले दिनेशराय द्विवेदी - MERE SAPNE MERE APNE वाले नितीश राज - लाल और बवाल वाले बवाल का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी...
नहीं रह सकता ईर्ष्या, छल,छद्म, कपट,धोखा, अहम्, जिद स्वार्थ, रहते जहां, चलती घातें-प्रतिघातें नहीं रह सकता जिन्दा प्रेम वहां.
ब्लाग जगत की खबरें बनेंगीं अखबारों की सुर्खियाँ * ब्लाग के दीवानों के लिए यह खुशखबरी से कम नहीं कि आने वाले दिनों में ब्लाक जगत की गतिविधियों की खबरों को अखबारों में स्थान मिलने लगेगा .रायपुर की एक प्र...
आज के समय में यह भी एक बड़ा भारी काम है कि अपनी और दूसरों की रचनाशीलता को बचाने और बढ़ाने का प्रयास किया जाये। उसे आज के रचना-विरोधी माहौल में असंभव न होने दिया जाये। क्या इसके लिए कोई सकारात्मक पहल की जा ...
लेखन मेरे लिये अभियान है. छवि चमकने की मैंने कभी नहीं सोची. मुझे यही लगता है, कि कुछ ऐसा लिखूं कि लोकमंगल हो. मेरे लेखन से किसी की सोच बदले. किसी का मन आनंदित हो. बहरहाल,क्या होता है, इसका पता नहीं. पर ल...
तन्हा बादलों की गोद से निकल, एक बूंद धरती लोक को चली ... प्रेम, दया, श्रद्धा, कोमलता और मासूमियत अपने वज़ूद में सुशोभित किये सौंदर्य - सुषमा से तिरोहित, मूर्तिमंत वो हो चली ... हैरान हुई वो द...
जादू-टोने का चलन हमारे ही देश में नहीं विश्व के बहुतेरे देशों में व्याप्त है। इसकी परंपरा दुनिया की प्राय: सभी आदिम जातियों में पायी जाती रही है। आज भी जहां-जहां ऐसी जातियों का अस्तित्व है वहां-वहां टोने
तब हर्षमोहन ने कहा ,"मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है इसलिए अभी तुम नहीं जा सकते. बस शाम को आकर तुमसे बात करता हूँ . अभी आज एक जरूरी मीटिंग है वो निपटाकर आ जाऊं ". माधव के पास रुकने के अलावा और कोई विकल्प ही न...
महेन्द्र मिश्र कहते हैं- सखी सैयां ब्लॉग खूबई लिखत जात हैं ... उखो ब्लागिंग खाय जात है ..
आज सुबह सुबह ठीक चार बजे पीपली लाइव का गाना स्पीकर में बज रहा था ... बड़े जोरों से उस गाने की आवाज गूँज रही थी ... गाना अच्छा भी लग रहा था .... प्यारी प्यारी नींद भी खराब हो रही थी ... तब ही मन में आया की ...
चावल योजना से मध्यम वर्ग त्रस्त शराब से महिलाएं त्रस्त मंत्रियों पर लूट-खसोट का आरोप अधिकारी किसी की नहीं सुनते चौतरफा अपराध से आम लोग त्रस्त गरीबों का चावल अमीरों की दुकान पर किसानों को वादा कर 270 रूपये बो...
नरक में डिस्काउंट ऑफर सेल की दुकान देखते-देखते एक आदमी नरक के दरवाजे तक चला आया। जैसे ही यमराज पर उसकी नजर पड़ी, वह घबराकर चिल्लाया, हे महाराज! अभी तो मेरा टाइम ही नहीं आया। न मैं बीमार हुआ, न सीने में ...
एक छोटी मगर मज़ेदार पोस्ट।सारे डाक्टरों से एडवांस मे माफ़ी मांगते हुये इसे पोस्ट कर रहा हूं।कल बहुत समय बाद मिले एक मित्र ने हाल-चाल पूछने के बाद पूछा आजकल तेरी डाक्टरों से खूब छन रही है।मैने कहा ऐसी कोई बात...
आपने पाकिस्तान के इंग्लैंड में हाई कमिशनर को देखा कल टीवी पर? कह रहे थे मैं तो क्रिकेटरों को निर्दोष मानता हूं! कमाल है भाईस्साब, शक़्ल ऐसी जैसी वो सिक्सटीज़ की हिंदी फ़िल्मों में हीरो के बाप की होती थी। ज...
कल फिर मिलेंगे
5 comments:
अच्छी चर्चा!
कल फिर मिलते हैं!
सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।
फ़ुरसत में .. कुल्हड़ की चाय, “मनोज” पर, ... आमंत्रित हैं!
आज तो तकरीबन सारे ही लिंक मिल गये………………सुन्दर चौपाल सजाई है…………आभार्॥
उम्दा चौपाल ..
प्रिय राजकुमार जी
ब्लॉग चौपाल अच्छा लगा .बेशक आपने इसके लिए खूब मेहनत की है . अच्छे लिंक है , ग्राम चौपाल को शामिल करने के लिए धन्यवाद .
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