Powered by Blogger.

हिन्दी दिवस पर हमारी शतकीय चौपाल में आपका स्वागत है-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, September 13, 2010


सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
यह वास्तव में हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है कि आज ही हिन्दी दिवस है और आज ही हमारी चौपाल की शतकीय पोस्ट आपके सामने है। हमारे लिए आज दोहरी खुशी की बात है। हम उम्मीद करते हैं कि जिस तरह का प्यार और स्नेह अब तक हमारी चौपाल को मिलता रहा है, आगे भी मिलते रहेगा तो हमारी चौपाल सचिन तेंदुलकर के शतकों का रिकार्ड भी तोड़ देगी....अंत में सभी ब्लाग मित्रों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं ..... 

कम्प्यूटर युग में भाषायी असंतुष्ट हाशिए पर हैं। अब हम भाषा बोलते नहीं हैं बल्कि भाषा में खेलते हैं। ‘बोलने’ से ‘खेलने’ की अवस्था में प्रस्थान कब और कैसे हो गया हम समझ ही नहीं पाए। यह हिन्दी में पैर...
 
नमस्कार , पिछला सप्ताह बहुत से तीज - त्योहारों के साथ बीता ..लोगों की ज़िंदगी में उल्लास आया , खुशियाँ आयीं ..कुछ ने गणपति से प्रार्थना की तो कुछ ने अल्लाह से …स्त्रियों ने तीज पर व्रत रखा तो कहीं पुरुषों...
 
प्रतिबिम्ब हरीश प्रकाश गुप्त सहसा उसके कपोलों पर रंगत उभर आई। सन्तोष की सिहरन तन-बदन में भीतर तक उतरती चली गई। कल्पनाओं में खोई स्मृति की आँखें शब्द-सी व्यक्त करती चमक उठीं। हाँ, अब कल्पना.

मात सुणावै बालगां, खौफ़नाक रण-गाथ | काबुल भूली नह अजै, ओ खांडो, ऎ हाथ || काबुल की भूमि अभी तक यहाँ के वीरों द्वारा किये गए प्रचंड खड्ग प्रहारों को नहीं भूल सकी है | उन प्रहारों की भयोत्पादक गाथाओं को सुनाकर
 
हर माँ अपनी बेटी को कहती है की यह बात माँ बनोगी तो समझोगी..... वो बात माँ बनोगी तो समझोगी...... बातें तो बहुत हैं जो माँ बनकर समझ आती हैं पर सबसे खास बात यह हर बेटी माँ बनकर अपनी माँ को समझने लगती है........
 
सबसे पहले हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई---जलवायु में होता हुआ परिवर्तन अब दृष्टिगोचर होने लगा है और स्पष्ट रुप से भी दिखने लगा है। गर्मी बढ रही है, जल का स्तर लगातार कम होता जा रहा है। होली के बाद प...
 
आज, 14 सितम्बर को प्रकाश बादल का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएं आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। अपने मोबाईल फोन पर SMS के द्वारा जनमदिनों की जानकारी प्र...
 
राजभाषा हिन्दी पर कुछ नोट्स * *- सुधा अरोड़ा* आपने बहुत से संस्थानों के लिफ़ाफ़ों पर छपा देखा होगा कि हिंदी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है जबकि हक़ीक़त यह है कि अंग्रेज़ी के बाद हिंदी ही विश्व की दूसरे...
 
गिन रहा हूँ क्षत चिह्न जो तुमने दिए - मन था जब चरम प्रसन्न और थी आस हुलास । तुमने फुफकार दिए अवसाद श्वास। थमता गया ज्वार पानी पड़े ज्यों दूध उबाल। क्या नेह का यही है प्रतिदान? या मोद की नियति यही? उफने क्ष... 
 
इस गीत को सुनिए-* *अर्चना चावजी के मधुर स्वर में!* ** ** * * *तन से, मन से, धन से हमको, माँ का कर्ज चुकाना है। * *फिर से अपने भारत को, जग का आचार्य बनाना है।।** * *राम-कृष्ण, गौतम, गांधी की हम ही तो सन्तान... 
 
दोस्ती का गणित-* *अच्छा दोस्त मैथ्स के ज़ीरो की तरह होता है, जिसकी अपनी कोई वैल्यू नहीं होती लेकिन जिस के साथ जुड़ जाए उसकी कीमत दस गुना बढ़ा देता है...* *दोस्ती का बिज़नेस- * *जिंदगी सेल्स है,* *र...
 
पिछले दिनों इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मानव संग्रहालय द्वारा इंटरनेशनल इंडीजिनस डे के अवसर पर कर्नाटक के शहर मैसूर में स्थित देश के प्रख्‍यात प्रेक्षागृह एवं आर्ट गैलरी जगमोहन पैलेस में 10 व 11 अगस्‍त को आय...
 
१४ सितम्बर...हिंदी दिवस...हिंदी का उत्सव... इस पर वर्षों से कुछ न कुछ लिखता ही रहा हूँ. लिखे बिना मन भी तो नहीं मानता. कुछ लिखना शुरू करूंगा तो बात लम्बी हो जायेगी इसलिए अपनी बात कहने के लिये दो कविताएँ प...
 
आप 16 बरस के हैं या इससे कम उम्र के आपका हिन्‍दी ब्‍लॉग है आप खुद पोस्‍ट करते हैं आप खुद लिखना तय करते हैं आप टिप्‍पणी भी करते हैं तो भारत दे रहा है मौका इसे चूकना मत इनाम मिलेगा मुझे मालूम है आपकी ...
 
झींक के, गाल बजाके, नज़र चुरा के, महटिया के, मान लें कि सामाजिक सौजन्‍यता की दूकान से हम हाथ झुलाये टहलकर लौट आने वाले हुए. सो सिगरेट खरीदने और गोड़ ढीला करने बेहया, बे-हवा की गुड़गांवी सांझ की धूप में ब...
 
होती है वारदात मारा जाता है गरीब इक सोने के चाकू से मौका-ए-वारदात पर आती है पुलिस मिलते हैं सबूत कुछ कुछ मिटाए जाते हैं नहीं मिलते कुछ कुछ बनाये जाते हैं लगती है अदालत जिरह चलती है सृजित होते हैं अड़ंगे ...
 
बिखरे मोती में दीपक तले अँधेरा ..
ज़िंदगी के चाक पर भावनाओं की मिट्टी गूँथ छोटी छोटी ख्वाहिशों के दिए बना चढा दिया था यथार्थ के ताप पर जिम्मेदारियों के तेल में भिगो अरमानो की बाती जला दी थी आज उजाला है चारों ओर बस ...
 
शनिवार का दिन था। मैं कुछ सामान लेने ‘बिग बाजार’ गया हुआ था। वहीं एक खिलौने की दुकान पर दुकानदार और एक 6-7 साल के बच्चे की बातचीत सुन कर ठिठक गया। दुकानदार बच्चे से कह रहा था कि बेटा तुम्हारे पास इस गुड़िया ...
 
ब्लोगोत्सव-२०१० की अपार सफलता के बाद समूचे परिदृश्य के दस्तावेजीकरण हेतु इसके प्रकाशन का कार्य प्रगति पर है । ऐसे में इस पर लगातार हो रहे रचनाओं के प्रकाशन से ब्लोगोत्सव से संवंधित प्रकाशन कार्य में अवरोध ...
 

इन खुबसूरत जीवों को भी थोड़ी जगह दें अपने कंप्यूटर पर आगे और भी हैं .............. 
 
प्रिय बन्‍धु संस्‍कृतलेखनप्रशिक्षणकक्ष्‍या का शब्‍दरूप प्रकरण प्रस्‍तुत कर रहा हूँ । संस्‍कृतलेखनप्रशिक्षणकक्ष्‍या - शब्‍दरूप प्रकरणम् । सहयोग के लिये धन्‍यवाद भवदीय:-आनन्‍द: 
 
क्या लिखू क्या न लिखू , कलम ये ख़ामोश हे ! गिर गया आंख से आंसू सलवटे हे फिर कागज़ पे ! क्या लिखू क्या न लिखू ........... लिखने बेठा जो में हाल मेरे दिल का ! रुका न अश्क पलकों से गिरा वो दिल की कब्र पे ! सुल...
 
कभी मर्यादा का हनन किया होता दोस्त बन कर दिल का दर्द पी लिया होता तो कुछ लम्हों के लिए ही सही मुझे मुझसे छीन लिया होता रूह पर गिरते अश्कों पर लब अपने रख दिए होते अश्को का ज़हर सारा पी लिया होता तो मेर...
 
महेन्द्र मिश्र बता रहे हैं- ब्लागर मिलन - भाई यूनुस खान और जादू से मुलाकात ...
विगत दिनों जानकारी प्राप्त हुई की *विविध भारती* मुंबई के लोकप्रिय उदघोषक भाई *यूनुस खान* सपरिवार *जबलपुर* आये हुए हैं . भाई यूनुस खान ऑरकुट में मेरे मित्र भी हैं और ब्लॉग भी लिखते हैं . भाई युनूस खान जी को...
 
संदीप 'साहिल'- * * * खवाब की तरह हमें भुला गए । अश्क बन के आँख में समा गए। रंजिशें दैर-ओ-हरम की थी मगर, लोग मेरा मैकदा जला गए । खुद को भूल कर, खुदा तलाशने, लोग जाने सब कहाँ-कहाँ गए। ख़ुदकुशी से डर रहा थ...
 
रवीन्द्र प्रभात कहते हैं- अच्छे ब्लॉग लेखन के लिए जरूरी है......
पिछले दो पोस्ट में मैंने ब्लॉग लेखन से संवंधित कुछ महत्वपूर्ण पहलूओं पर प्रकाश डाला, किन्तु जब अनुशासन की बात आई तो एक ब्लोगर जिनके नाम का उल्लेख उचित नहीं है, ने बेनामी टिपण्णी करके तर्कहीन बातें की
 
यहाँ पर हम चर्चा कर रहे हैं मुस्लिम कवियों की हिन्दी रचनाओं की। अनेक मुस्लिम कवियों का हिन्दी के सा था अटूट प्रेम रहा है जिसने बहुत सी रसमय काव्यों को जन्म दिया। पहले हम जिक्र करेंगे मुस्लिम कवियों की भक्...
 
छत्तीसगढ क़ी राजधानी रायपुर ही नहीं देश के विभिन्न क्षेत्रों में यह आम बात है कि नगर निगम के द्वारा जल कर मल टैक्स लिया जाता है। सफाई-बिजली टैक्स भी निगम द्वारा लिया जाता है। यह टैक्स उन तमाम लोगों से भी वसूल...
 
पिछला हफ्ते के अंतिम दिन जिसे अंग्रेज लोग वीक एंड कहते है जबरदस्त गुजरा : मेरी पसंदीदा फिल्म जिसे मैं तक़रीबन आठ बार देख चुकी हूँ दूर दर्शन पर दिखाई गयी और मैंने वो फिर एक नयी फिल्म की तरह देखी ....गीत का डा...
 
लिया इक हर्फ़ हाथों में, फ़साना ही बना डाला थे पत्थर से इन्सां वो, दीवाना ही बना डाला निभाई दुश्मनी हमने, बड़ी शिद्दत से दुनिया में संजोया दुश्मनों को भी, खज़ाना ही बना डाला रखा था इक दीया हमने, हमारे...
 
डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए देने के लिए प्रदेश भारोत्तोलन संघ ने अपनी गलती मानते हुए खेल विभाग से पत्र लिख कर क्षमा मांगी है। यह पत्र संघ ने खेल विभाग द्वा...
 
 
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

13 comments:

Anonymous,  September 13, 2010 at 7:01 PM  

गजब की क्षमता दिखायी है मित्र

Unknown September 13, 2010 at 7:04 PM  

आपकी चौपाल लगातार शतक लगाए यही कामना है...

ब्लॉ.ललित शर्मा September 13, 2010 at 7:06 PM  

वाह आज तो चर्चा की भी चर्चा हो गयी।

हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं

rajesh patel September 13, 2010 at 7:11 PM  

बहुत-बहुत बधाई

anita gwalani September 13, 2010 at 7:14 PM  

इतनी व्यस्तता के बाद इतना ज्यादा लिखने के लिए समय निकलना आपके बस में ही है, मैं तो घर के काम के बाद कभी चौपाल के लिए समय ही नहीं निकाल सकी। चौपाल को तो आपने ही जिंदा रखा है।

anita gwalani September 13, 2010 at 7:15 PM  

इतनी व्यस्तता के बाद इतना ज्यादा लिखने के लिए समय निकालना आपके बस में ही है, मैं तो घर के काम के बाद कभी चौपाल के लिए समय ही नहीं निकाल सकी। चौपाल को तो आपने ही जिंदा रखा है।

समय चक्र September 13, 2010 at 8:01 PM  

राजकुमार जी,
बहुत बढ़िया चर्चा की है बहुत बढ़िया ढेरों लिंक मिले .... मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए शुक्रिया ...
हिंदी दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं ....

समय चक्र September 13, 2010 at 8:05 PM  

राजकुमार ग्वालानी जी,
नेट पर हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से आपके द्वारा निरंतर जो चिट्ठा चर्चा की जा रही है इस हेतु आप बधाई के पात्र हैं इस मामले में आपकी जितनी प्रशंसा की जाए कम ही होगी .
हिंदी दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं ....

महेंद्र मिश्र , जबलपुर.

संगीता स्वरुप ( गीत ) September 13, 2010 at 8:14 PM  

शतकीय पारी के लिए बधाई ...बहुत अच्छी चौपाल सजाई है ...आभार

vandana gupta September 13, 2010 at 10:57 PM  

सबसे पहले 100 वीं पोस्ट की बधाई।
आज तो काफ़ी लिंक्स मिले ………………सार्थक चर्चा।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा September 14, 2010 at 6:54 AM  

शतक, शतकों मे बदले यही कामना करता हूं।
मुबारक हो।

दीपक 'मशाल' September 14, 2010 at 4:38 PM  

सच कहूं तो आपकी चर्चा इतनी व्यवस्थित रहती है कि बार-बार पढ़ने को जी करता है..

Post a Comment

About This Blog

Blog Archive

  © Blogger template Webnolia by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP