लिखने का जिसमें है दम-हमेशा लिखता है वह बम- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Thursday, September 16, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
लेखन में दमदारी से लिखने वालों की वास्तव में कमी है। इसमें संदेह नहीं है कि अपने अनिल पुसदकर जी काफी दमदारी से लिखते हैं। हम इतना जानते हैं कि जिनके भी लेखन में होता है दम, वे हमेशा लिखते हैं तो ऐसा ही लगता है जैसे फूटा हो कहीं पर एटम बम...
छत्तीसगढ़ की मीडिया पर इस बात को लेकर बहस होने लगी है कि वह विकाऊ है या ईमानदार। अब यह सर्टिफिकेट कौन देगा किकौन बिकाऊ है और कौन ईमानदार?दिल्ली में बैठे कुछ लोग अचानक सक्रिय हो जाते हैं और जमे-जमाए आंदोलन प...
अभी अभी लौटा हूँ *मुन्नी बदनाम* अर्रर* दबंग* को देखकर -धर्मपत्नी की जिद पर और कुछ अपनी क्यूरियासिटी के चलते ..मुझे आज तक नहीं पता कि पत्नी जी ने कभी भी किसी फिल्म को देखने की इतनी इच्छा दिखायी हो -मुझे भी ...
जी हां , मुझे जानने वाले अच्छी तरह समझ चुके होंगे कि मेरा ईशारा किस तरफ़ है ............और फ़िर जहां झा जी हों, वहां ब्लॉग बैठक की बात न हो ये हो नहीं सकता ......फ़िर चाहे इसके बदले में मुझे गुटबाज , घर से
हिन्दी में अनेक आलोचक हैं जो अभी भी चेतना की आदिम अवस्था में जी रहे हैं. कुछ ऐसे हैं जो सचेत रूप से आदिम होने की चेष्टा कर रहे हैं। समाज जितना तेजी से आगे जा रहा है वे उतनी ही तेजी से पीछे जा रहे हैं। हमें...
प्रिय ब्लॉगर मित्रो,* ** *प्रणाम !* *आज का दिन श्री ललित शर्मा जी के लिए एक बेहद खास दिन है .......उनका बरसो का सपना आज पूरा होने जा रहा है | आज मुख्यमंत्री जी, ललित जी की, वेब पोर्टल ललित कला डाट इन का ...
उस दिन जब तूने छुवा था अधरों से और किये थे कुछ गुमनाम से वादे.. अनकहे से वादे.. चुपचाप से वादे.. कुछ वादियाँ सी घिर आयी थी तब, जिसकी धुंध में हम गुम हुए से थे.. कुछ समय कि हमारी चुप्पी, आदिकाल का सन्नाटा.....
हमर छत्तीसगढ़ : हरियर छत्तीसगढ़ पर्यावरण जागरूकता अभियान के अंतर्गत दिनांक 16-9-2010 को रायपुर जिले के ग्राम फिंगेश्वर एवं ग्राम जामगांव में आयोजित कार्यक्रम का उत्साह -जनक नजारा -------------- फो...
वर्ष 1954 से 1959 तक श्री क्षत्रिय युवक संघ के संघप्रमुख रहे स्व.श्री आयुवानसिंह जी शेखावत ,हुडील एक उच्च कोटि के लेखक, कवि व विचारक थे उन्होंने समाज को राह दिखाने के लिए राजपूत और भविष्य ,ममता और कर्तव्य ...
भगवान से प्रेम बहुत से लोग करते हैं। पहुंचे हुए संतों ने उनकी उपस्थिति भी महसूस की है, कहते हैं। हमने उसे सदा सर्वशक्तिमान ही माना है। उसके थकने की तो कोई कल्पना भी नहीं कर पाया है। पर विदेशी
संजय ग्रोवर- हिन्दुस्तान में हिन्दी जैसी उसकी हालत अपने घर में। जैसे शीशा देख रहा हो अपनी सूरत इक पत्थर में। अपने-अपने समय को देखो अपनी-अपनी घड़ी चलाओ, यारो धोखा खा जाओगे देखोगे गर घंटाघर में । अपने पुरखे...
सुना है नेताजी ने गुरु का अपमान कर दिया, अरे भाई! नेता तो स्वार्थ की प्रतिमूरत है, उसके लिए किसी का मान क्या और अपमान क्या। वैसे भी वे गुरु तो केवल गिने-चुने के..
छत्तीसगढ में जब विधानसभा का चुनाव हुआ था तब भाजपा ने 50 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की थी। डॉ. रमन सिंह की बढ़ाई में कसीदे गढ़े गए और इसके बाद वैशालीनगर में हुए उपचुनाव में भाजपा को 50 से 49 में ला पटका। जिस चाव...
किसी के ख्वाबों में पले होते किसी के दिल की धडकनों की आवाज़ होते किसी के सुरों की सरगम होते किसी के छंदों का अलंकार होते किसी के दिल के उदगार होते किसी के लिए ऊषा की पहली किरण होते किसी के अरमानों में स...
कल फिर मिलेंगे
6 comments:
वाह! बढ़िया ब्लोग्स की बढ़िया चौपाल!
बढ़िया ढंग से सजी चौपाल राजकुमार जी !
बहुत ही सुन्दर लिंक्स के साथ सुन्दर चौपाल सजाई है।
बहुत बढ़िया चौपाल
बढ़िया चौपाल.
बहुत सुन्दर .बधाई
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