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हमेशा की तरह., अधूरी लगी महंगाई डायन- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, September 20, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
सोनी टीवी के एक में कल रात को हमें एक कलाकार की बेइज्जती अच्छी नहीं लगी तो हमने अपने ब्लाग में अन्नु मलिक साहब के बारे में कुछ लिख दिया है। हमारा मानना है कि किसी भी कलाकार को अपनी कला दिखाने का पूरा मौका मिलना चाहिए, पूरा मौका मिलने से ही कलाकार की कला परखी जाती है.... 
 
 
ज़ख्मो की लम्बी फेहरिस्त लिए फिरता था मैं अपने दिल में..., ज़िन्दगी मिली और हँस के बोली, वाह रे इंसान..!! मुझ से भी ये दोमुहापन..!! मैं बोला.. दुःख ये नहीं की कोई सुख नहीं, सुख ये नहीं की कोई दुःख नहीं, आनं...
 
हमें" पिपली लाइव" फिल्म देखनें का अवसर मिला ,शायद आप भी देख चुके होंगें.मै नहीं जानता कि यह फिल्म आपको कैसी लगी लेकिन मुझे तो यह अधूरी अधूरी सी लगी .लगता है इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड की डबल कैची चली है ,...
 
सोनी टीवी में कल रात को इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा नामक एक कार्यक्रम में एक कलाकार अपनी कला पेश कर रहे थे, कि निर्णायकों की कुर्सी पर बैठे अन्नु मलिक ने उन्हें रोक दिया। इन कलाकार की कला वास्तव में ला...
 
रचना बाँच सुवासित मन हो! पागलपन में भोलापन हो! ऐसा पागलपन अच्छा है!! घर के जैसा बना भवन हो! महका-चहका हुआ वतन हो! ऐसा पागलपन अच्छा है!! निर्मल सारा नील-गगन हो! खुशियाँ बरसाता सा घन हो! ऐसा पागलपन अच्छा है...
 
बिल्‍कुल सच लिख रहा हूं मैं। आपकी हमारी सबकी प्‍यारी प्‍यारी सी उड़नतश्‍तरी जल्‍दी ही दिल्‍ली में दिखलाई देगी और वो भी आसमान पर नहीं, सड़कों पर 
 
व्‍यस्‍तता की वजह पिछले दो तीन सप्‍ताह इस मंच पर नए चिट्ठे और चिट्ठाकारों का स्‍वागत नहीं हो सका , आज इस सप्‍ताह के चिट्ठों के साथ प्रस्‍तुत हूं .... * * दुनिया रंग बिरंगी ... *लेकर आए हैं कमल शुक्‍ला जी
 
 
नमस्कार , हाज़िर हूँ एक बार फिर आज पूरे सप्ताह की बेहतरीन कविताओं से भरे कलश को लेकर ..इसमें कुछ नए ब्लोगर्स भी हैं तो कुछ ब्लोगिंग की दुनिया में बुलंदी को छूते सितारे भी हैं ..मेरा अपना प्रयास रहा है कि
 
 
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र और ताई महारानी गांधारी के बारे में आप अथ: श्री ताऊभारत कथा और महाराज ताऊ धृतराष्ट्र द्वारा गधा सम्मेलन 2010 आहूत पढ चुके हैं. अब आगे पढिये... महाराज ताऊ और महारानी ताई राज दरबार ...
 
मुँह में पानी ने जो आना शुरू किया तो फिर रुकने का नाम नहीं लिया…कभी पेट पकड़ कर मन मसोसते हुए..कलैंडर को ताक खुद ही…खुद को थोड़ा सब्र रखने की दकियानूसी सलाह देता तो कभी मनभावन मिठाईयों...
 
गीताश्रीपर्वत राग का नया अंक पढ रही थी,,,इस अंक में कई सामग्री पठनीय है। मगर मेरा ध्यान खींचा निर्मला पुतुल की कविता ने. मैं अब नयी चीज शुरु करने जा रही हूं...अपने इस ब्लाग पर अपना लिखा बहुत हुआ. अब स्त्री द...
 
अग्निवेश! क्या स्वामी होकर झूठ बोलते समय शर्म नही आई?क्या कभी ये नही सोचा था कि झूठ ज्यादा दिनो तक छुपता नही है?क्या ये नही जानते थे कि सच सामने आ ही जाता है?क्या ये नही पता था आपको कि झूठ बोलना पाप है? खै...
 
दुनिया के हर देश मे तरह-तरह के संग्रहालय हैं। जिनमें कोशिश की गयी है अपने-अपने देश के इतिहास, विज्ञान, कला-संस्कृति को सहेज कर रखने की। पर कभी आपने किसी ऐसी चीज के म्यूजियम के बारे में सुना है जो जिंदगी...
जब कोई कहता है रुकना ज़रा एक मिनट ! आह - सी निकल जाती है ये एक मिनट कितने सितम ढाता है ज़रा पूछो उससे जो इंतजार के पल बिताता है इस एक मिनट में वो कितने जन्म जी जाता है ये एक मिनट किसी के लिए ...
 
बहुत दिनों से कोई कविता पोस्‍ट नहीं की थी, बस गद्य ही लिखती रही। संगीता स्‍वरूपजी ने कहा कि कोई कविता पोस्‍ट करें तो सोचने लगी कि कौन सी कविता पोस्‍ट करी जाए? पेज-मेकर खोला गया और सबसे पहले ही एक कविता प...
 
पिछले दिनों बिलासपुर में 6 पुलिस वालों ने टाकिज के सुरक्षा कर्मी को इतनी बेदर्दी से पीटा कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के लिए यह खबर भीतर तक झिझोंर देने वाली खबर है। क्या किसी भी सभ...
 
चंद्रमोहन प्रधान से राजू रंजन प्रसाद की लिखित बातचीत की दूसरी और अंतिम किस्त * *प्रश्न: नई कहानी से साठोत्तरी कहानी का मूल विचारधारात्मक विरोध क्या था ?* *च. प्र.:* यह विरोध वस्तुतः व्यक्ति और समष्टि के...
 
मेरे अंदर का पत्रकार जन्म ले रहा था और देश में चार धाराएं एक साथ ऐसी चल रही थीं। अयोध्या का आंदोलन उफान पर था। चारों दिशाओं में राम के नाम की गूंज थी। मेरे घर में मेरा छोटा भाई मेरे खिलाफ खड़ा था। यूनिवर...
 
.पुलिस के हत्थे चढ़े सुपारी किलर ने खुलासा किया कि उसे हिंदी के एक जाने-माने अखबार के बिजनेस-पार्टनर को जान से मारने का काम सौंपा गया है...इस लोकप्रिय अखबार के मालिकों में जंग छिड़ी हुई थी... लेकिन य...
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

5 comments:

ASHOK BAJAJ September 20, 2010 at 8:22 PM  

बहुत ही सुन्दरता से ब्लॉग चौपाल की आज प्रस्तुती हुई है !

Unknown September 20, 2010 at 8:27 PM  

लगन से लगी है चौपाल

अजित गुप्ता का कोना September 20, 2010 at 8:41 PM  

चौपाल पर सारे ही रंग मौजूद है। परिश्रम से तैयार की गयी पोस्‍ट के लिए आभार।

संगीता स्वरुप ( गीत ) September 20, 2010 at 11:02 PM  

बहुत अच्छी लगी आज कि चौपाल ..

ताऊ रामपुरिया September 22, 2010 at 7:45 AM  

बहुत सुंदर और विस्तृत चर्चा के लिये आभार.

रामराम

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