किस्मत , 15 साल बाद हम उतरे खेल के मैदान में- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Saturday, October 2, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
रविवार हैय यानी छुट्टी का दिन है। तो हमारा भी कुछ मजे लेने का मन है, इसलिए सीधे चौपाल में चलते हैं...
उनकी किस्मत का सितारा इस तरह बुलंद था ! क्युकी जो पड़े लिखे थे वे संतरी बने , और जो अंगूठा छाप थे वो मंत्री बने !
अचानक कल जब हम रविशंकर विवि के मैदान में साफ्टबॉल के चयन ट्रायल में गए तो वहां पर इस खेल को छत्तीसगढ़ में प्रारंभ करवाने वाले हमारे मित्र उपसंचालक (खेल) ओपी शर्मा के आग्रह पर हमें खेल के मैदान में उतरना प...
लंदन, 28 जुलाई 1857 कल रात 'मृत भवन' में मिस्टर डिजरायली ने तीन घंटे का जो भाषण दिया था, उसे सुनने की जगह पढ़ा जाता तो उसका असर कम होने की जगह और ...
भोर के आसपास हूँ। ऊर्मि और मनु की कथा लिखने को जगा हूँ और अन्धेरे को बहुत घना पा रहा हूँ। कल इंडियन एक्सप्रेस में एक विद्वान का लेख पढ़ा जिसमें दूसरे देशों में हुए वृहद आयोजनों के दौरान घटित भ्रष्टाचारों...
जनकविता व जनकवि के निर्माण में लोक सहभागी होता है”* ** *:* *केदारनाथ अग्रवाल पर एकाग्र* * - डॉ. कविता वाचक्नवी* * * ...
मुस्लिम यूथ ऑर्गनाइजेशन लखनऊ ने राममंदिर के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश कर सांप्रदायिक सौहार्द की अदभुत मिसाल पेश की है.इतना ही नहीं उसने अयोध्या विवाद पर आए इलाहाबाद हाई कोर्ट...
इस कार्यक्रम की लाइव रिपोर्टिंग यहाँ हो रही है।* *महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय** वर्धा -*
उन दिनों गांधीजी तथा सरदार पटेल नरवदा जेल में थे। दोनों सुबह-सुबह नीम की दातुन किया करते थे। इसके लिए पटेल वहीं के पेड़ से रोज दातुन बना लिया करते थे। यह देख गांधीजी ने कहा, रोज-रोज दातुन लाने की जरूरत नहीं...
मुक्तिका : संजीव 'सलिल' * काम रहजन का करे नाम से रहबर क्यों है? मौला इस देश का नेता हुआ कायर क्यों है?? खोल अखबार- खबर सच से बेखबर क्यों है? फिर जमीं पर कहीं मस्जिद, कहीं मंदर क्यों है? जो है खूनी उकाब ...
अपने साये से भी घबरा जाते हैं अब भीड बर्दाश्त नही होती मौसमी बुखार सा तेरी मोहब्बत गुबार छोड जाती है और हम ...उस गुबार मे अपने अस्तित्व को ढूँढते रह जाते हैं उफ़ ये खामोशी तडपा गयी रैन बीती भी ना थी कि तेर...
लगता है छत्तीसगढ सरकार सिर्फ अमीरों की सरकार बन कर रह गई है। मंत्री से लेकर अफसर तक केवल जेब गरम करने का काम कर रहे हैं और भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती। यही वजह है कि आर्थिक अपराध ब्...
गाँधी जी आज सुबह सुबह जब बिस्तर से उठे तो वे बड़े परेशान थे की ६० सालों से उन्होंने अपने प्रिय सपनों के भारत को नहीं देखा है और तत्काल गांधीजी ने अपने सपनों के देश का भ्रमण करने का मन बना लिया और वे लाठी ट...
कल फिर मिलेंगे
6 comments:
बहुत उत्तम चर्चा.
रामराम.
बहुत सुन्दर ब्लॉग चौपाल के लिए भाई राजकुमार जी आपको कोटिशः बधाई एवं शुभकामनाएं .
बहुत सुन्दर चौपाल सजी है।
संक्षिप्त पर सुन्दर चौपाल के लिये आपको बधाई !
सुन्दर चौपाल
sundar...
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
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