गांधी की विदेश में भी आंधी-बता रहे हैं अपने समीर पाजी-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Monday, October 4, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आज ब्लाग चौपाल संजाने बैठे तो देखा कि समीर लाल जी बता रहे हैं कि अपने गांधी की कैसे आज भी विदेश में धूम मची हुई है। चलिए देखे कि आज किस ब्लागर ने कौन से रंग में रंगा है अपना ब्लाग....
योगदान * - सत्येन्द्र झा पुरुष नाम-यश के लिए परेशान था और स्त्री घर के आर्थिक संकट के निवारण के लिए बेहाल। रचनाएं मष्तिष्क में ही दम तोड़ देती थी। घर में कागज़ का भी घोर अभाव था। स्त्री सड़क और गलियों से...
प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 94 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Gandhi Smriti/ Gandhi Smriti Museum, New Delhi और इसके
जन संस्कृति मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (2 अक्टूबर 2010, नई दिल्ली) में अयोध्या मसले पर हाल के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर पारित प्रस्ताव जन संस्कृति मंच विवादित अयोध्या मुद्दे पर इलाहाबा...

देव सुन कर क्या करोगे दुखी जीवन की कहानी ! यह अभावों की लपट में जल चुका जो वह नगर है, बेकसी ने जिसे घेरा, हाय यह वह भग्न घर है, लुट चुका विश्वास जिसका, तड़पती आशा बेचारी, नयन के श्रृंगार मुक्ता बन चु...
साधना वैद्य का-* अंतर्व्यथा *
मेरी सपनीली आँखों के बेहद सुन्दर उपवन में अचानक सूने मरुथल पसर गए हैं जिनमें ढेर सारे ज़हरीले कटीले कैक्टस उग आये हैं , ह्रदय की गहरी घाटी में उमंगती छलकती अमृतधारा वेदना के ताप से जल कर बिल्क...
मेरी सपनीली आँखों के बेहद सुन्दर उपवन में अचानक सूने मरुथल पसर गए हैं जिनमें ढेर सारे ज़हरीले कटीले कैक्टस उग आये हैं , ह्रदय की गहरी घाटी में उमंगती छलकती अमृतधारा वेदना के ताप से जल कर बिल्क...
श्यामल सुमन बता रहे हैं- कितना मुश्किल काम
रहते हैं खुश लोग कम, खुश दिखने पर जोर। कोशिश है मुस्कान में, छुपा ले मन का चोर।। बदल रहा इन्सान का, अपना मूल स्वभाव। दुखियों को अब देखकर, उठे न कोमल भाव।। शंका में प्रायः सभी, टूट रहा विश्वास। रिश्तों में ...
रहते हैं खुश लोग कम, खुश दिखने पर जोर। कोशिश है मुस्कान में, छुपा ले मन का चोर।। बदल रहा इन्सान का, अपना मूल स्वभाव। दुखियों को अब देखकर, उठे न कोमल भाव।। शंका में प्रायः सभी, टूट रहा विश्वास। रिश्तों में ...
तमाम आरोपों, प्रत्यारोपों, शंकाओं के बावजूद कामनवेल्थ खेल समय पर शुरु हो गये। *और क्या खूब शुरू हुए। *इतना भव्य, सुंदर, दिल मोह लेने वाला नजारा बहुत कम देखने को मिलता है। दूरदर्शन पर प्रसारित सारे मंजर को ...
२ सितम्बर को सोनीपत में कवि सम्मलेन कम मुशायरा था. रियासत अली ताबिश(कैराना), तरुण सागर व् मेघा कसक (सहारनपुर), विनोद पाण्डेय (नोएडा), मैं याने योगेन्द्र मौदगिल पानीपत से व आदिक भारती, विकास शर्मा राज व देस...
करीब 22 साल बाद दिल्ली जाने का एक मौका हाथ लगा था, पर वह भी हाथ से निकल गया और दिल्ली जाना स्थगित हो गया। कुछ दिनों से ख्याली पुलाव पक्का रहे थे कि दिल्ली जाएंगे तो ये करेंगे, वो करेंगे। लेकिन सभी अरमानों ...

इसे कोई उपदेशात्मक पोस्ट ना समझ लीजियेगा....बस एक अच्छा आलेख पढ़ा तो हमेशा की तरह शेयर करने की इच्छा हो आई...और यह मौजूं भी था क्यूंकि विषय मेरी पिछली पोस्ट से मिलता-जुलता है. पिछली पोस्ट में मैने घरे...
२ अक्टूबर २००८ को गाँधी जयंती के अवसर पर बहु प्रचारित लागू धूम्रपान निषेध क़ानून का वास्तविकता के धरातल पर आमजनों व प्रशासकीय गैर जिम्मेदारी की भेंट चढ़ जाना बेहद शर्मनाक स्थिति प्रदर्शित करता है. सार्वजनि...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
3 comments:
बहुत उम्दा चौपाल ..अच्छे लिंक्स के लिए आभार
achhi rahi yeh choupal..... kafi achhe blogs ke baare me pata chala....
बहुत खूबसूरत चौपाल सजाई है आज आपने ! 'उन्मना' एवं 'सुधीनामा' को इसमें सम्मिलित करने के लिये आपकी आभारी हूँ ! बहुत बहुत धन्यवाद !
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