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"भौं भौं खों खों का गेम-कांग्रेस का काला चेहरा-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Tuesday, October 19, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
नमस्कार मित्रों! आज बुधवार है और हर बुधवार को चर्चा मंच पर चर्चा करने की जिम्मेदारी मेरी है! इसलिए मैं लेकर आया हूँ कुछ ब्लॉग-पोस्टों के शीर्षकों को! शायद आप इसके लिए तैयार होंगें। आपके अन्तर्मन से मुझे सु...
 
कांग्रेसियों का काला चहेरा एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजधानी में तब सामने आया जब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने ही केन्द्रीय मंत्री नारायण सामी के चेहरे पर कालिख लगाने का काम किया। इस मामले के बाद आरोप-प्र...
 
भाजपा नेताओं से संबंध, गुटबाजी चरम पर, पैसा कमाना उद्देश्य  कमजोर नेतृत्व गुटबाजी और पार्टी में दलालों की सक्रियता ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बदतर स्थिति में ला खड़ा किया है। हालत यह है कि कांग्रेस के नेत...
 
 
यह तो लय है जी लय की जय है जी तुक अच्‍छी लगती है बेतुकों के शहर में बातें होती हैं बेतुकी तुक मिल जाती है यह तो लय है जी लय की जय है जी मन को भाती है तुक देती है अच्‍छा लुक रूक जल्‍दी से रूक टिप्‍पणी दे ..

कार्टून के माध्यम से कुछ कहने की कोशिश की है.. दीपक 'मशाल' 
 
देसिल बयना – 52 चोर के अर्जन सब कोई खाए, चोर अकेला फांसी जाए ! कवि कोकिल विद्यापति के लेखिनी की बानगी, "देसिल बयना सब जन मिट्ठा !"* दोस्तों हर जगह की अपनी कुछ मान्यताएं, कुछ रीति-रिवाज, कुछ संस्कार और क...
 
क्या पत्रकार का असहाय होना जुर्म है? : आज ना जाने क्यों अपने पत्रकार और ईमानदार होने पर पहली बार शर्म आ रही है। आज दिल चाह रहा है कि अपने सीनियर्स जिन्होंने हमको ईमानदार रहने के लिए शिक्षा दी उन पर मुकदम...
 
हिन्दी के उत्थान के नाम पर सार्वजनिक तौर पर जो कुछ हो रहा है उसकी सामाजिक समीक्षा की सख्त जरूरत है। हिन्दी के नाम पर सरकारी स्तर पर बहुत सारे अपव्यय और अगंभीर अकादमिक कार्य हो रहे हैं। इनमें दो संस...
 
कैरिबियाई देश त्रिनिडैड एंड टुबैगो की भारतीय मूल की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने बीबीसी हिंदी के राजेश प्रियदर्शी के साथ एक विशेष इंटरव्यू में भारत के साथ अपने भावनात्मक संबंधों पर विस्तार से बात की...
 
मित्रों, एक लम्बे अंतराल के बाद आप सब से मुखातिब हूँ. इस बीच कुछ समय के लिए जननी और जन्मभूमि की चरण-रज लेने हेतु भारतवर्ष गया. अपने इस यात्रा में हमने अजंता-एल्लोरा और देवगिरी दुर्ग (दौलताबाद) की भव्य वि...
 
सबकी अपनी-अपनी मंजिल होती है. पूरा जीवन उसे पाने की यात्रा है. किसी को धन चाहिए, किसी को भवन चाहिए. किसी को यौवन चाहिए. किसी को अधिकार, किसी को अनेक लोगों काप्यार..तरह-तरह कि मंजिलें हैं. मुझे दूसरों की म...
 
यह एक चुराया हुआ शीर्षक है जिसे एक सम्मानित टिप्पणीकार की एक टिप्पणी से मैंने उड़ाया है. वैसे सम्मानित टिप्पणीकार ज्यादातर एक ही चिट्ठे पर अपने विचार पुष्प बिखेरते पाए जाते हैं. मुझे क्या ,मगर बात अब बर्दा...
 
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में हाल में सम्पन्न हिन्दी ब्लॉगर संगोष्ठी पर बहुत कुछ कहा सुना जा चुका है। कतिपय व्यक्तिगत कारणों से मैं वहाँ जा नहीं पाया जिसका मुझे हमेशा दु:ख रहेगा। प्रयाग के...
 
मुद्दों की भीङ में मुद्दे की तलाश
लोग मुझसे पूछते है अक्सर लिखना क्यूँ छोङ दिया...मेरा जवाब एक सा ही रहता है...मन नहीं करता...बस। पर फिर ये सवाल बार बार ज़हन में आता है कि क्या सच में केवल यहीं कारण है मेरे न लिखने का? लेखन न केवल मेरे प...
 
"लोग मुझसे पूछते हैं, "पूरा विश्व आपके विरोध में क्यों है?" विश्व मेरे विरोध में नहीं, मैं संसारविरोधी हूं, क्योंकि मैने सत्य को चुना है। और मैं वही कहूंगा जो पूर्णतःमेरा अनुभव है।मैं किसी भी तरह का समझौता...
 
आज से १९ साल पहले मेरे जन्मदाता ने मुझे छोड़ा था और उसके ठीक ७० दिन बाद मेरे इस पिता (ससुर ) ने जो धर्मपिता भी होते हैं. आदमी को याद तो किया जाता है लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं कि ...
 
दोस्तों, आप सबके द्वारा कहानी को इतना पसंद करने के लिए आप सबकी तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ . कई दोस्तों ने कहा कि कहानी आगे बढाइये या कहानी में लम्बी कहानी का कथानक है मगर कभी- कभी कुछ अंत हमारे हाथ में ...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

6 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून October 19, 2010 at 9:00 PM  

धन्यवाद. कई नई पोस्टे suggest करने के लिए.

ASHOK BAJAJ October 19, 2010 at 9:26 PM  

ब्लॉग चौपाल की आज की सजावट बेहतरीन है .आभार

vandana gupta October 19, 2010 at 10:36 PM  

आज तो काफ़ी लिंक्स मिले……………सुन्दर चौपाल्……………आभार्।

Dr. Zakir Ali Rajnish October 20, 2010 at 3:57 AM  

सुन्दर चर्चा। आभार।

Asha Lata Saxena October 20, 2010 at 7:24 AM  

|अच्छी चर्चा के लिए बधाई |कई लिंक्स मिली देखने को |
आशा

राम त्यागी October 20, 2010 at 8:07 PM  

सुन्दर चर्चा, अच्छी चर्चा के लिए बधाई !!

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