चाहिए एक और गांधी-जो लाएं अमन की आंधी- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, October 1, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आज गांधी जयंकी है, सभी बापू को याद कर रहे हैं, लेकिन क्या एक दिन याद करने से कुछ हो सकता है। याद करना है तो हमेशा याद करें उनके बताए रास्ते पर चलें। लेकिन आज का युवा तो गांधी को पढ़ना ही नहीं चाहता है। खैर आज ब्लाग जगत में जयंती पर जरूर गांधी दर्शन हो रहे हैं....
चित्रकार 'मयंक शैल' हो सकता है... तथाकथित बुद्धिजीवी सोचें, ये क्यों करती है राजनीतिक बातें सांस्कृतिक व् मानवीय मूल्यों को लेकर ? क्या राजनीति से इतर इसे कुछ और दिखाई नहीं देता ? लेकिन प्रश्न तो य...
श्रद्धा सुमन ** *गांधी दर्शनः आज भी उतना ही प्रासंगिक* हरीश प्रकाश गुप्त गांधी बीसवीं सदी के विराट व्यक्तित्व हैं जिनके सामने दुनियाँ की समकालीन विभूतियां भी बौनी दिखाई पड़ती हैं। उस काल-खण्ड ...
गाँधी जी ने महाप्रयाण के एक दिन पूर्व दिनांक २९ जनवरी १९४८ को एक वक्तव्य लिखा था जो उनका आखरी वसीयत नामा माना जाता है,अक्षरश: यहाँ दिया जा रहा पढ़े । देश का बंटवारा होते हुए भी ,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ...
नई नई शादी होने पर पति ने कार के पिछले शीशे पर लिखवाया- *"NEWLY MARRIED, DO NOT DISTURB"* कुछ साल बाद उसी शीशे पर लिखा था- *"DO NOT DISTURB, ALLREADY DISTURBED"* ---------------------------------------...
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने गुरुवार को अयोध्या के विवादित स्थल को राम जन्मभूमि घोषित किया है.तीन जजों की बेंच के बहुमत से आए फ़ैसले में विवादित ज़मीन को हिंदू,मुसलमान और निर्मोही अखाड़े के बीच, तीन...
पाठकों से विनम्र निवेदन है कि इस कविता का रचनाकाल पचास के दशक का है ! वे इस तथ्य के साथ इस रचना का रसास्वादन करें ! यह श्रद्धांजलि मेरी माँ 'किरण' जी के द्वारा श्रद्धेय बापू को ! २ अक्टूबर पर विशिष्ट भ...
जब बात आस्था से जुडी हो तो निष्पक्षता की उम्मीद बेमानी है. मीडिया और उससे जुड़े पत्रकार भी इससे अलग नहीं हैं. यह बात अयोध्या मामलें पर आये अदालती फैसले के बाद एक बार फिर साबित हो गयी है.इस विषय के विवेचन की...
आज विश्व वृद्ध दिवस है । हर कोई के लिए एक दिवस होता है तो बुज़ुर्गों के नाम से एक दिन क्यों न हो । बुज़ुर्गों से बातें करके देखिये , कितना बड़ा खजाना होता है उनके पास बातों का । हम उनका सम्मान भी करते हैं ,ल...
अनामिका की सदायें में गरीब विधवा अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
जानते हैं सरहद होती नहीं कोई ईमान की.. ये भी सच है कि हद होती नहीं कोई फ़र्ज़ की . तब क्या करे वो गरीब विधवा जो निस्सहाय और निरीह हो ? क्या करे वो जब छोटे बच्चों की जिंदगी की सूत्रधार हो...
आप सभी ने ग्रामीण परिसर के विद्यालय देखे होंगे। सरकारी विद्यालय - खेलने को बड़ा सा मैदान, बड़ी सारी बिल्डिंग और ढेर सारे अध्यापकगण। सारे ही अध्यापक शिक्षित व निपुण। बिना भेदभाव के ग्रामीण अंचल के सभी ...
संगीता पुरी कहती हैं- श्री श्रद्धानंद पांडेय जी के द्वारा रचित श्रीहनुमान कृपाष्टक
इस वर्ष के शुरूआत में ही हमारे पडोसी श्री श्रद्धानंद पांडेय जी के द्वारा रचित श्रीहनुमान पचासा आपलोगों को पढवा चुकी हूं। उनके द्वारा लिखा गया *श्रीहनुमान कृपाष्टक *का आज आनंद लें ..... बुद्धि शरीर निरोग ...
कल फिर मिलेंगे
5 comments:
मेरी पोस्ट को चौपाल में सम्मिलित करने के लिए आभार। सारे ही लिंक अच्छे हैं।
बहुत सुंदर चौपाल. शुभकामनाएं.
रामराम.
आज भी बहुत सुन्दर चौपाल सजाई है।
मेरी रचना को चौपाल पर प्रस्तुत करने के लिए आभार.
अच्छे लिंक्स मिले.
बहुत उम्दा चौपाल
Post a Comment