मेरे अपने कौन ?, देव सुन कर क्या करोगे - ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, October 15, 2010
कुछ दिनों से हमने सोचा कि चौपाल में ब्लागों के लिंक के साथ ब्लागरों का नाम लिखना बंद कर दिया जाए। हम जानते हैं कि ब्लाग जगत में इतनी ज्यादा गुटबाजी है कि लोग दूसरे किस गुट के ब्लाग में जाना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में संभव है कि ब्लागर का नाम न होने पर कोई पोस्ट अच्छी लगे तो उस ब्लाग तक लोग पहुंचे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने लिंक के साथ ब्लाग और ब्लागर का नाम देना बंद कर दिया है। इस बारे में हमारे ब्लागर मित्र क्या सोचते हैं जरूर बताएं--
तो चले आज की चौपाल की तरफ...
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
देव सुन कर क्या करोगे दुखी जीवन की कहानी ! यह अभावों की लपट में जल चुका जो वह नगर है, बेकसी ने जिसे घेरा, हाय यह वह भग्न घर है ! लुट चुका विश्वास जिसका, तड़पती आशा बिचारी, नयन के श्रृंगार मुक्ता बन चुके अब ...
यह मार्क्सवाद की ओर लौटने की बेला है। जो लोग नव्य उदारतावाद के साथ साम्यवाद पर हमलावर हुए थे वे अपने हाथों अपने पेट में छुरा भोंक चुके हैं। हम भारतवासी सच को देखें और आंखें खोलें।* आ*र्थिकमंदी ने अम...
मेरे अपने कौन ? पति बेटा या बेटियाँ कौन हैं मेरे अपने ? ता-उम्र हर रिश्ते में अपना अस्तित्व बाँटती रही ज़िन्दगी भर छली जाती रही मगर उसमे ही अपना सुख मानती रही पत्नी का फ़र्ज़ निभाती रही मगर ...
चिठियाना-टिपियाना संवाद-६ (अनबन-बनबन) [image: 12012010005] मनोज कुमार (१) चिठियाना-टिपियाना संवाद (२) चिठियाना-टिपियाना संवाद : द्वितीय अध्याय (३) चिठियाना-टिपियाना संवाद : तृतीय अध्यायः (४)चिठियाना-टिप...
क्या आपको पता है कि मेरे स्कूल बस में मेरे साथ जाने वाले कुछ बच्चे हैं जो जिनके या तो कई पिता हैं या फिर कई माँ ! निकुंज ने जब ऐसा बोला तो मुझे लगा कि कौन इतने गर्व से ये बात बताएगा, कोई बच्चा मजाक कर...
एक चुप सदियों की एक शोर क्षण भर का एक बिलबिलाहट इन्तजार की एक दंभ आखिरी मात्र एक खुशी तेरे आने से एक अवसाद तेरे जाने की
भारतीय सेना की नई भूमिका और उद्देश्य विषय पर सेमीनार भारत की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान और चीन सबसे बड़े सिरदर्द बन गए हैं. यह मानना है भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह का. उन्होंने अपनी इस सोच के पीछे ...
औरत सोचती होगी आदमी लगभग लेटा होगा, टॉम वेट्स बेसबब तकता होगा, जूतों को न देखता होगा..
हम चीजों को उस रूप में नहीं देखते हैं जिस रूप में वे होती हैं... हम उसे उस रूप में देखते हैं जैसा हम देखना चाहते हैं.... यानि हम अपनी धारणा या पूर्वाग्रह की मिलावट करके किसी चीज को उसे अशुद्ध रूपमे देखते ह...
गुरुवार को समाप्त हुए कॉमनवेल्थ खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर आस्ट्रेलियाई प्रतिभागी भले ही कॉमनवेल्थ की पदक तालिका में सबसे ऊपर रहे हों, लेकिन उनका व्यवहार विजेता जैसा नहीं रहा। उनके खिलाड़ियों ने कई बार...
रामजन्मभूमि -बाबरी मस्जिद विवाद, काफी समय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय (लखनऊ पीठ) के सामने विचाराधीन है। उच्च न्यायालय फिलहाल इस प्रश्न पर साक्ष्यों की सुनवाई कर रहा है कि 1528 में बाबरी मस्जिद के बनाए जाने स...
मन अक्सर यूँ सोचा करता है पिछले जन्मों का कोई रिश्ता है तुम संग जो गहरी प्रीत बढ़ी रूह से रूह का कोई नाता है बिन कहे ही दिल को आभास हुआ जब रूह को कोई भी टीस हुई फिर ना जाने क्यों...
अब आप बिना सीडी या डीवीडी या सीडी/डीवीडी ड्राइव के बिना भी अपने कंप्यूटर को फोर्मेट कर नया ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टाल कर सकते हैं । पेन ड्राइव से अपने कंप्यूटर पर विंडोज एक्सपी, विस्टा या विंडोज सेवन इंस्टाल...
फेसबुक ने इंटरनेट यूजरों को घेरा हुआ है। जो लोग यह सोच रहे थे कि इंटरनेट के जमाने में सर्च का भविष्य होगा उन्हें फेसबुक ने दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। जिस गति और जितनी बड़ी तादाद में फेस...
अनुप लखनवी- देख घायल को सड़क से गुज़र आने वाले। हाँ तेरे जैसे ही अब हैं ये ज़माने वाले।। तुमने देखा है जिन्हें आग बुझाते यारो, हैं वही लोग यहाँ आग लगाने वाले । रस्मे दुनिया तो निभाई ही निभाए भी रिवाज़, फ...
जैसा कि अंदेशा था, खेलों के नशे ने, भव्यता की चकाचौंध ने, पदकों की बौछार ने सिर्फ और सिर्फ 15-20 दिन पहले के आक्रोश को, गुस्से को, तिलमिलाहट को भुलवा कर रख दिया। पहले इस तरह के भूलने को कुछ महीनों का समय ल...
वो ख़ुशी जो आँखे बयां कर गयी अश्कके मोती बनकर , बस कुसूर इतना रह गया की जुबाँको खामोश कर गयी .... =================================== कोई क्या कहेगा जब दीवारें सामने हो , कभी ये भी देख लेते तो पता चलता दीवार...
श्री देवमणि पाण्डेय का 4 जून 1958 को अवध की माटी में जन्म। ठेंठ सुल्तानपुरी। हिंदी और संस्कृत के सहज साधक। कवि तो हैं ही मंच संचालन के महारथी। कवि सम्मेलन और सुगम संगीत से लेकर शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम...
1. रवि यानि सूर्य के माता पिता का नाम कश्यप और अदिति 2. सोम के माता पिता का नाम 3. मंगल की माता का नाम भूमि (विष्णु के पसीने से) 4. बुध के माता पिता का नाम रोहिणी और चन्द्रमा, बुध की पत्नी ...
ये कौन से शहर का है आदमी जो रात भर सोता नहीं खिलौनों और रोटी के लिए अब यहाँ का बच्चा रोता नहीं गुदड़ी में ही बड़ा हो जाता है जो बचपन उस पर कभी आता नहीं रात भर दौड़ती हैं सडकें जहाँ सुना है शहरों म...
हम लुका छिपी खेलेंगे जब हिटलर सोया पड़ा होगा * नवरात्र कविता उत्सव के सातवें दिन *ओड़िया कवयित्री प्रतिभा शतपथी* की कविता पर कविता के प्रेमी इन पाठकों के विचार प्राप्त हुए । *शाहिद मिर्ज़ा शाहि...
छत्तीसगढ़ में इन दिनों अपराध के ग्राफ में तेजी आई है। अनाप-शनाप पैसे कमाने की धुन ने जीवन स्तर को विवादित बना दिया है। सरकार के पास कोई योजना नहीं है और शिक्षा के सफल उद्योग के रुप में विकसित होने लगा है जहां...
अब हो सकेगा आप लोगों से नित मेल मिलाप जरूर
*समस्त ब्लॉग मित्रों को नमस्कार एवं नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं. माँ भगवती आप सभी की मनोकामना पूर्ण करे*. *बदले अपना निवास, ब्लॉग से हो गए थे दूर * *क्या करें, अंतरजाल कट चुका था * *भारत संचार निगम लि...
वर्धा ब्लॉगर सम्मेलन में जो लोग आये थे उन्होंने अपने संस्मरण लिखना जारी रखा। प्रवीण पाण्डेय जी ने लिखा था- इस विषय में मेरी पोस्ट आनी शेष है, वक्तव्यों के देवता तो गांधीजी का आश्रम देखने के बाद ही तैयार ह...
कामनवेल्थ के पैरालंपिक की तैराकी में खेलकर लौटीं प्रदेश की अंजनी पटेल को कामनवेल्थ में खेलना सपने जैसा लगता है। वह कहती हैं कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उनको कामनवेल्थ जैसी बड़ी स्पर्धा में खेलने का मौ...
जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरुकता अभियान के प्रथम चरण का समापन 14 अक्टुबर को मुख्यमंत्री निवास पर हुआ। इस अवसर पर स्कूली बच्चों को पुरस्कार भी दिए गए। जिससे बच्चों का उत्साह वर्धन हुआ।कार्यक्रम में मुख्यम...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
7 comments:
आपसे नई जानकारी मिली
सुंदर चर्चा के लिए आभार
दुर्गा नवमी की शुभकामनाएं।
आज की चौपाल भी बढ़िया सजी है !
नाम में क्या रखा है जी , बस बढ़िया पोट्स के लिंक मिल जाये !
दुर्गा नवमी एवम दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत सुन्दर लिंक्स के साथ चौपाल सजाई है।
आज की चौपाल बढ़िया सजी.
मेरी पोस्ट लेने के लिए आभारी हू.
बहुत सुन्दर चौपाल राजकुमार जी ! 'देव सुन कर क्या करोगे' को सम्मिलित करने के लिये आभारी हूँ ! माँ की कविताओं को आज भी लोग सराहते हैं तो बहुत हर्ष होता है ! आपकी चौपाल के द्वारा पाठकों के बीच इनकी पहुँच और विस्तृत हो जाती है ! आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
Happy dushehra ... Thx for including my post and giving us many good links !!
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