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चारों तरफ नवरात्रि का शोर-दुनिया भोग से अब योग की ओर-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, October 7, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
शारदे नवरात्रि का आज से आगाज हो गया है, पर ब्लाग जगत में इस पर ज्यादा कुछ देखने को नहीं मिला है। बहरहाल हम चलते हैं आज की चौपाल की तरफ... 
 
शरद कोकास बरा रहे हैं- नवरात्र कविता उत्सव में आपका स्वागत है
शरद नवरात्र में प्रतिदिन एक कवयित्री की कविता *** कल आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शरद नवरात्र प्रारम्भ होने जा रहा है । वर्ष में दो बार आने वाले इस पर्व पर मैं विगत दो नवरात्र से कवयित्रियों क...
 
साथ काम करने वाली युवतियाँ मुझे किसी पर चिल्लाता हुआ पाती हैं, कृपा भरी दृष्टि से देखती हैं, तो माँ! तुम्हारी उलाहना भरी आँखें दिखती हैं - ऐसा भी क्या? गला फाड़ने से कुछ नहीं होता। वह प्यार भरी धमक, ठण्डा ...
 
भारत में मन की शांति के लिए प्रचलित योग अब दुनिया की दूरी नाप रहा है. अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के तमाम हिस्सों में सेलिब्रिटीज से लेकर आम आदमी को भी योग लुभा रहा है. हो भी क्यों न, सुकून सबकी जरूरत ह...
 
आइये देखें राम और कृष्ण के व्यक्तित्व में भिन्नताएं इस भजन के माध्यम से....... http://www.totalbhakti.com/members/bhajans.php?play=3774&startPostion=20&singerName=Anup+Jalota&visit=visit 
 
आज शाम को क्लब की मिटींग मे माधुरी बडी विचलित सी थी. उन्हें विचलित और उदास देखकर उसकी खास दोस्त मुन्नी और समीरा ने उनसे उदासी का कारण पूछा. बडे दुखी मन से माधुरी ने कहा - अब क्या बताऊं समीरा ? मेरे घर में ...
 
*एक भिकारी और फकीर में बस फर्क है इतना,* *एक फिरे दुनिया की चाह में* *तो* *दूजे को दूजी नहीं ये दुनियादारी* *पर* *ये राज़ वो क्या जाने जो फकीर के भेष में है भिकारी..!!* *वो ही तो है फिर एक अजल से* *कहो ख...
 
मैडम जी विद्यालय समय के बाद घर पर बच्चो को पढाया करती हैं. बड़ा ही स्नेह है, शिक्षण के प्रति. एक दिन मैडम जी अपने छात्रों को घर पर "टूयूसन" पढ़ा रहीं थी. मैडम :-बोलो बच्चों दो एकम दो, दो दुनी चार" बच्चे:
 
 
तातारपुर : ले आइये रावण के पुतले
हर साल की तरह इस साल भी असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक रूप ’रावण दहन’ की तैयारियां जोर - शोर से चल रही हैं । कॉमन्वेल्थ गेम्स के चलते हर कोई इसी कश्मकश में था कि रावण दहन हो सकेगा या नहीं , रामलीला ...
 
यह विषय काफी समय पहले से ज़ेहन में हलचल मचा रहा था...पिछली पोस्ट में जब > बच्चों के साथ प्यार भरे व्यवहार पर चर्चा हुई तो लगा यही उचित समय है, इस > विषय को छेड़ने का .पर मैं खुद भी कन्फ्यूज्ड सी हू...
 
पृथ्वी का विनाश* 3 सैकिंड से भी कम समय में बच गया था। 30 Oct. 1997 को 5 लाख टन वजनी बुध ग्रह 1 लाख 86 हजार मील/प्रति सैकिंड (प्रकाश की गति) से परिक्रमण करते हुये अपने पथ से थोडा सा परिवर्तित हो जाता तो पृ...
 
 
अभी तुम्हारी चाह ख़त्म नहीं हुई अभी तुम्हारा प्रेम पूर्णता ना पा सका जब हर चाह मिट जाएगी तेरी प्रेम में भी पूर्णता आ जाएगी प्रेम में शर्त होती नहीं प्रेम में तो सिर्फ प्रेमी की गति ही अपनी गति होती है...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 

12 comments:

ASHOK BAJAJ October 7, 2010 at 8:46 PM  

बहुत अच्छे लिंक्स दिए है धन्यवाद .
नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .

मनोज कुमार October 8, 2010 at 1:21 AM  

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं!

rashmi ravija October 8, 2010 at 2:15 AM  

बढ़िया चर्चा...कई अच्छे लिंक्स मिले...

ताऊ रामपुरिया October 8, 2010 at 6:38 AM  

बहुत बढिया चर्चा.

रामराम

Anonymous,  October 8, 2010 at 11:05 AM  

निरी बकवास! खुद को और अपने अपनों को लिंक बाँटने के लिए चर्चा के नाम पर ये सारी फालतू का स्वाँग रचा जा रहा है!

Udan Tashtari October 8, 2010 at 5:42 PM  

अच्छे लिंक मिल गये.

संगीता पुरी October 8, 2010 at 7:00 PM  

बहुत बढिया रही आज की चर्चा भी .. आभार !!

राम त्यागी October 8, 2010 at 7:43 PM  

बहुत बढ़िया जी ..नवरात्री की हार्दिक बधाई

Sadhana Vaid October 8, 2010 at 7:56 PM  

बहुत सार्थक चौपाल ! आभार एवं धन्यवाद !

बंटी "द मास्टर स्ट्रोक" October 9, 2010 at 12:45 AM  

ताऊ पहेली ९५ का जवाब -- आप भी जानिए
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भारत प्रश्न मंच कि पहेली का जवाब
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