दिल सबका खिल जाए-जब आत्मिक मिलन हो जाए-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Monday, October 25, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
यूँ तो करती हूँ हर साल करवाचौथ का व्रत तुम्हारी लम्बी उम्र की दुआएँ करने का रिवाज़ मैं भी निभाती हूँ हर सुहागिन की तरह मगर फिर भी कहीं एक कमी लगती है एक कसक सी रह जाती है कोई अदृश्य रेखा बीच में ...
चवन्नी जानेमन-अठन्नी दिलरूबा बेचारा दो का नोट बीमार पड़ गया बीमार पड़ गया डॉक्टर आ गया डाक्टर आ गया, सुई लगा गया सुई थी गलत ,बेचारा मर गया बेचारा मर गया, भूत बन गया भूत बन गया, सबको खा गया सबको खा गया, ...
नमस्कार, आज ब्लॉग वार्ता पर सिर्फ़ कुछ लिंक ताऊ पहेली - 97 (Amar Singh Palace/--Amar Mahal Museum , Jammu ) विजेता : श्री प्रकाश गोविंदप्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी...
लघुकथा वसुधैव कुटुम्बकम् सत्येन्द्र झा [image: images (4)] एक पत्रिका के प्रकाशन की योजना बन रही थी। प्रकाशक और सम्पादक विचार-विमर्श कर रहे थे। "राजनितिक चर्चा कौन लिखेगा?" "मेरा छोटा पुत्र। उसे राज...
प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 97 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Amar Singh Palace/--Amar Mahal Museum , Jammu और इसके ब...
अक्तूबर इस साल का सबसे लंबा महीना होगा. इसी महीने दुनिया के बहुत सारे देश अपनी अपनी घड़ियां एक घंटा पीछे करेंगे.हर साल अक्टूबर के आखिरी रविवार को समय पीछे होता है और मार्च में फिर से घड़ियां घ...
पढ़ने के लिए शीर्षक पर क्लिक कीजिए संजो लीजिए और पढ़ जाइये व्यंग्य यात्रा और गगनांचल के संपादक श्री प्रेम जनमेजय को प्रदान किए जा रहे आचार्य निरंजननाथ सम्मान की विस्तृत जानकारी इन्हीं पन्नों पर पढ़...
नईदुनिया में प्रकाशित मेरा व्यंग्य क्या खाक मने दिवाली पढ़िये व्यंग्यलोक पर। आपकी प्रतिक्रिया, आलोचना समालोचना का इंतज़ार रहेगा। *प्रमोद ताम्बट* भोपाल www.vyangya.blog.co.in http://vyangyalok.blogspot.com व...
जब एक पुरुष की नौकरी विदेश में लगती है , तो उसकी पत्नी अपनी नौकरी , अपना करियर , अपनी महत्वाकांक्षाएं त्यागकर और स्वजनों का मोह छोड़कर , अपने पति के साथ विदेश आ जाती है। एक स्त्री के इस निर्णय के पीछे उसको...
उपरी बाहय जगत की चमक को देखकर कभी कभी ईमानदार मन भी बेईमानी करने को उतारू हो जाता है तो समझ लेना चाहिए की व्यक्ति का सर्वनाश निकट ही है . बेईमानी से रुपये और पैसा कमाना बड़ी बात नहीं है पर मनुष्य को बेईमा...
कल फिर मिलेंगे
5 comments:
बढिया चौपाल !!
बहुत सुंदर,,,
बढिया चौपाल-सुंदर कमाल
बहुत सुन्दर चौपाल सजाई है।
शायद पहली बार आया हूँ ...शुभकामनायें !
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