जो टूट जाए वो रिश्ते नहीं-टूटे रिश्ते दिलों में बसते नहीं- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, July 2, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आज ब्लाग जगत हमें फिर से कवितामय लगा तो हमने चंद कविताओं के साथ दूसरे ब्लागों को भी समेटने का काम किया है। देखे कौन क्या कहता है-
ये फोटो ओट्टावा में टूलिप फेस्टिवल का है.... कल जो टूटे थे रिश्ते आज वो लगते झूठे हैं प्रीत डगर के काँटों से मेरे पाँव के छाले फूटे हैं शिकवों का दस्तूर नहीं ना है गिलों का कोई रिवाज़ नेह की वो सारी क...
जीवन दुःख की कथा है. हर व्यक्ति के जीवन में एक व्यथा है. लेकिन समझदार उसे पार कर लेता है. दुःख को साथी बनाने के लिये कवि प्रेरित करते रहे है. सुख-दुःख और संघर्ष के विभिन्न रूपों को सोचते हुए कुछ शेर बन गए...
दो गज कफ़न से मेरी अर्थी सजाओगे॥ मुझको पता है याद तुम बहुत ही आओगे॥ हम हंस के जा रहे है तुम रो के विदा मत करना॥ मेरे चिता में आग तुम ही लगाओ गे॥ यही दुआ करेगे हम तुम नाम करके आना॥ पूछू गा प्रश्न मै तुम उत्तर ...
“पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
कंकड़ को भगवान मान लूँ, * *पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! * *काँटों को वरदान मान लूँ, * *पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! * * * *दुर्गम पथ बन जाये सरल सा, * *अमृत घट बन जाए गरल का, * *पीड़ा को मैं प्राण मान लू...
मैंने हाल ही में देश की चमकती और नाजुक दोनों हालत को देखकर एक पार्टी बनाने की बात सोची है, अब क्यूंकि पार्टी को सफल बनाना है, इसलिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है| निम्नलिखित विशेष योग्यताएं आप रख...
आप भले ही सुबह पांच बजे से उठकर पार्क के कई चक्कर लगते हों या फिर बाबा रामदेव के कहने पर सुबह से शाम तक कपालभाती और अनुलोम-विलोम करते हुए बिताते हों या फिर किसी जिम में जाकर घंटों पसीना बहाते हों लेकिन इन ...
हमारा देश विचित्रताओं से भरा पड़ा है। अनोखे लोग, अनोखे रीति-रिवाज, अनोखे स्थल। ऐसी ही एक अनोखी जगह है, हिमाचल की पार्वती घाटी या रूपी घाटी मे 2770मी की ऊंचाई पर बसा गावं "मलाणा"। विद्वानों के अनुसार यह विश...
गत्यात्मक ज्योतिषीय दृष्टि से कल यानि 3 जुलाई का दिन खास है, क्यूंकि बृहस्पति और चंद्र को केन्द्रगत करते हुए आसमान में बाकी ग्रहों की स्थिति के संयोग से एक खास प्रकार का योग तैयार हो रहा है। यह योग ...
बिना शब्दों की पोस्ट...खुशदीप
हर आदमी एक ही निश्चित मार्ग को अंगीकार करने के बजाय ख़ुद के स्वाभाव अनुसार स्वतंत्र रीति से नया मार्ग निकाल कर पुरुषोत्तम हो सके तभी यह कहा जा सकता है कि उसने सच्चा पुरूषार्थ किया । ईश्वर में अपन...
एक फिल्म आई थी "साधू और शैतान" और उस फिल्म के कामेडियन हीरो नायक ने उसमें एक डॉयलाग बोला था *"सच बोलूँगा तो माँ मारेगी और झूठ बोलूँगा तो बाप कुत्ता खायेगा"*। मेरे साथ गाहे-बगाहे ऐसी परिस्थितियाँ आती रहती ...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
10 comments:
उम्दा लिंक्स! आभार!
बढ़िया ....वैसे जन्मदिन कि पार्टी कब दे रहे हो भाई जी :)
जब चाहे पार्टी लेने आ सकते हैं राम जी,आपके आने का इंतजार रहेगा, तो बताएं कब आ रहे हैं आप
बढ़िया चर्चा...
जब भी आऊंगा तब के लिए पार्टी due रही ....फोन मिला दूँगा भारत आते ही :)
बहुत ही बढि़या पोस्ट।
bahut hi badhiya charcha rahi.
बढ़िया चर्चा... लिंक्स..बढि़या पोस्ट
बहुत बढिया .. आभार !!
बहुत बढिया .. आभार !!
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