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इन आंखों से कैसे बचेंगे आप?, कुछ-कुछ होता है-ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, July 3, 2010

 सभी को नमस्कार करता है आपका राज
और खोलता है रविवार के चिट्ठों का राज
 
उन आंखों ने मुझे परेशान कर रखा है मेरे वजूद को हिला कर रख दिया है तमाम जगह मेरा पीछा करती हैं वो आंखें कुछ ख़ास जगहों पर ज़्यादा ही घूरती हैं मैं जब भी दोस्तों के साथ ख़ुशी के कुछ लम्हे बांट रहा होता हूं जा...

“.. ..कुछ-कुछ होता है!” (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
दिल में कुछ-कुछ होता है, जब याद किसी की आती है। मन सब सुध-बुध खोता है, जब याद किसी की आती है। गुलशन वीराना लगता है, पागल परवाना लगता है, भँवरा दीवाना लगता है, दिल में कुछ-कुछ होता है, जब याद किसी की...
 
पीडी कहते हैं तबे एकला चलो रे।
यह लड़ाई किससे है? कैसा है यह अंतर्द्वंद? लग रहा है जैसे हारी हुई बाजी को सजा रहा हूँ फिर से हारने के लिए । अंतर्द्वंद में कोई भी मैच टाई नहीं होता है, खुद ही हारता भी हूँ और खुद ही जीतता भी! अक्सर हम जीती ...
 
मित्रों, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अमेठी को जिला बनाकर उसका नाम बदल दिया है. कुछ और जगहों के नाम भी उन्होंने बदले है. इस राजनीतिक फैसले के निहितार्थ समझने की कोशिश की है वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द...
 
शानू शुक्ला कहते हैं तुम्हारी याद के बादल
अरे देखो तो इन पर्वतों के कन्धों पर लदे है ये शरारती बच्चों क़ि तरह शरारत करते हुए खेलते उमड़ते घुमड़ते बादल| ठीक वैसे ही जैसे क़ि मेरे दिमाग पर मेरी याददाश्त पर लदे हों बरस जाने को एक दम आतुर तुम्हा...


बैंकाक में एक किसान ने अदालत में अपनी बीवी को तलाक देने के लिए अर्जी दी। जानते हैं कब, अपनी शादी की 73वीं सालगिरह पर। और कारण बताया कि हम दोनों का स्वभाव मेल नहीं खाता। जापान के एक पति महोदय अपनी पत्नी से...
 
 
आओ रानी, हम ढोयेंगे पालकी,* ** *यही हुई है राय जवाहरलाल की,* *ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय* तो कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान अक्टूबर में भारत नहीं आ रही हैं...लेकिन उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स उनकी नुमाइंद...
 
ब्लागवाणी का बंद होना, मानो सभी सम्पर्को पर ताले लग जाने जैसा है। जब तक कुछ ताजा पढ़ा-लिखी ना कर ले तब तक खाना भी हजम नही होता। ऐसा बहुतों का हाल है। ब्लागवाणी का बंद होना अब अखरने की हद तक आ पहुंचा है। इतन...
 
कई ब्लॉग पर लोगों के गाँव के संस्मरण और गाँव की तस्वीरें देख मुझे अपना गाँव याद आ गया. पंद्रह साल पहले दो दिन के लिए बस चाचा की बेटी की शादी में शामिल होने गयी थी उसके बाद से बस गाँव यादों में ही बसा है...
 
आज ‘वाल स्ट्रीट जरनल’ ने खबर दी है कि चीन के जनमुक्ति सैनिकों पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की कड़ी नजर है। इधर कई सालों से यह देखा गया कि चीन के सैनिक इंटरनेट के माध्यम से डेटिंग वगैरह कर रहे थे। वे नेट...
 
डॉ महेश सिन्हा बता रहे हैं- जियो लाइफ प्रतियोगिता इंडिब्लागर द्वारा
आखरी तारीख 8 जुलाई http://www.indiblogger.in/topic.php?topic=22 
 
हमारे देश की छबि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर उदारवादी देश की है इसके फलस्वरूप हमारे देश को आन्तरिक मामला हो अंतररष्ट्रीय मामला हो अन्तराष्ट्रीय दबाब का सामना करना पड़ता है . हर मुद्दे पर हमारे देश का द्रष्टिकोण ..

राजकुमार सोनी बता रहे हैं- गैरजरूरी प्रार्थनाएं
आकाश और धरती में विराजमान करोड़ो देवताओं से मां करती है प्रार्थना हे प्रभु टिमटिमाता रहे लाल तारा माथे पर सुहाग अमर रहे मेरा फटी हुई बनियान को पीठ पर रगड़ते हुए पिता बड़बड़ाते हैं हे नीली छतरी वाले रख लेन...
 
 
  अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 

10 comments:

Anonymous,  July 3, 2010 at 7:38 PM  

अच्छी चौपाल लगी ।


ब्लागर और साहित्यकार तथा पत्रिका SADBHAVNA DRAPAN के सम्पादक गिरीश पंकज का साक्षात्कार/interview पढने के लिऐ यहा क्लिक करेँएक बार अवश्य पढेँ

Udan Tashtari July 3, 2010 at 8:50 PM  

बहुत बढ़िया..आभार!

समयचक्र July 4, 2010 at 12:18 AM  

बढ़िया चर्चा.....

sanu shukla July 4, 2010 at 4:06 AM  

बहुत सुंदर चौपाल सजाई है आपने भाई साहब ....मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार...!!

राजकुमार सोनी July 4, 2010 at 5:02 AM  

ग्वालानी साहब..
बहुत ही शानदार चर्चा.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" July 4, 2010 at 6:44 AM  

बढिया रही चर्चा!

MLA July 4, 2010 at 8:12 AM  

बहुत ही अच्छी चर्चा!

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