बारिश से किसको नहीं है प्यार-- पहली फुहार के संग सुनिए राग मियां मल्हार- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Sunday, July 4, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आज नहीं करेंगे आपके समय खर्चा
सीधे करते हैं ब्लाग चौपाल में चर्चा
मीनू खरे कहती हैं- पहली फुहार के संग सुनिए राग मियां मल्हार
(गायक कलाकार पद्मभूषण पंडित छन्नू लाल मिश्र) इतने महीनों की चिलचिलाती गर्मी के बात आखिर मानसून की आमद दिखी और बादलों से कुछ बूंदे धरती पर पहुँची . पहली बारिश, हर ले आपके मन की हर तपिश... इस कामना के सा...
वहशत है हंगामे से ख़ामोशी इक आँख न भाये क्या जानो क्या होता है जब भी कोई याद सताए इक चेहरा बे-चेहरा सा वो इक रिश्ता बे-रिश्ता सा चमके कभी बिजली बनकर कभी बादल सा उड़ जाए आँखे घूमें आगे-पीछे, भेद की कित...
मुट्ठी भर आसमान टुकड़ा भर धूप दामन भर खुशियाँ दर्पण भर रूप इतना ही बस मैंने तुमसे माँगा है ! नींद भर सपने कंठ भर गीत बूँद भर सावन नयन भर प्रीत इससे ज्यादह कब कुछ मैंने माँगा है ! आँचल भर आँसू ह्रदय भ...
रंगकर्म बहुत ही कठिन काम है , खासकर छोटे शहर में तो यह और भी कठिन । फिर भी बहुत से ऐसे रंगकर्मी हैं जो इसे जारी रखे हैं । हमारे शहर में भी ऐसी कुछ संस्थायें हैं जो नुक्कड़ नाटक से लेकर मंच तक लगातार सक्र...
समय असमय ही, समय के कुछ पल बह गए थे. सहेजा बहुत, सो कुछ रह गए थे. एक समय था, समय से मेरी अंजुरी भरी थी. पर समय, तो समय से, सरकता रहा. मैं सोती रही, वो खोता रहा. नींद से जागी, जब सबेरा...
प्रिय ब्लॉगर मित्रो प्रणाम ! लीजिये आज की ब्लॉग वार्ता ले कर मैं फिर हाज़िर हूँ ! जिस तरह आप लोग मेरा हौसला बड़ा रहे है उस से तो पता चलता है कि मेरी दुकान ठीक चल रही है ! तो ज्यादा बाते ना करते हुए सीधे
सुनो आज तुम्हें मैं एक स्वप्न की बात बताती हूँ नारद जी ने जो पूछा मुझसे वो मैं तुम्हें सुनाती हूँ. बोले नारद जी मुस्का कर सुनो चंचला, ज़रा ध्यान धरो.. सृष्टिकर्ता का बेटा हूँ, सो पूज्य पिता...
Small price paid today, will reap big benifits tomorrow. "BHARAT BANDH IS NOT A SOLUTION" यह विज्ञापन है भारत सरकार के पैट्रोलियम और गैस मंत्रालय का। और इधर तमाम राजनीतिक पार्टियों द्वारा भारत बन्द का आवा...
रविवार है लोगों के पास समय कम होता है, इसलिए वक्तव्य नहीं, केवल एक प्रार्थना, एक ग़ज़ल * * * *ऊपर वाले ऐसा कर दे* *सबका घर खुशियों से भर दे* *जो उड़ना चाहे तू उनको * *रंग-बिरंगे सुन्दर पर दे* *जो घर यह...
काव्यशास्त्र-२१ :: आचार्य जयदेव [image: मेरा फोटो]आचार्य परशुराम राय एक बार पुन: ग्यारहवीं शताब्दी में वापस चलते हैं, जब बंगाल विद्वानों और साहित्यकारों का केन्द्र था। ठीक उसी प्रकार जैसे गुजरात का अनहि...
नवीन प्रकाश बता रहे हैं- छोटा तेज सीडी/डीवीडी बर्नर
सीडी डीवीडी बर्निग तो सभी की जरुरत है इसके लिए सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला प्रोग्राम है नेरो(Nero) पर ये काफी बड़ा प्रोग्राम है अक्सर आप इस पर काम करते हुए कोई अन्य काम नहीं कर सकते क्यूंकि ये अकेला ही आप...
5 जुलाई को सत्ता के दलालों ने आम जनता को न्यौता दिया है - भारत को बन्द करो ! आप से अनुरोध है कि इस वाहियात न्यौते पर अमल न लाइए। काम कीजिए। इस दिन दो के बजाय चार फाइलें निपटाइए। रुके हुए पेमेंट कराइए। दुका...
इक आग के दरिया में मै डूब के आया हूँ जिल्लत है मिली मुझको पर इश्क नहीं पाया हूँ कुचले हैं मेरे अरमां टूटी है मेरी आशा गैरों का सताया हूँ अपनों का रुलाया हूँ दिल में थे जितने अरमाँ आँखों में जितने सपने अपने...
संपूर्ण विश्व में हिन्दी ब्लॉगों की लोकप्रियता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. अन्य प्रदेशों की भांति छत्तीसगढ़ में भी हिन्दी ब्लॉगिंग बहुत लोकप्रिय हो चुकी है. प्रदेश में सक्रिय ब्लॉग लेखकों एवं अब्ल...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
11 comments:
बहुत सही..मजा आया!
वाह जी वाह हमारी वार्ता की भी चर्चा हो रही है ...........क्या कहने हमारे !!! ;-)
बहुत बहुत आभार, राजकुमार भाई साहब !
बहुत बढ़िया रही यह चौपाल चर्चा ...
मजा आया.....चौपाल-चर्चा बहुत बढ़िया रही
आनंद आ गया
:-) बढ़िया चर्चा! बहुत खूब!
बाहर मानसून का मौसम है,
लेकिन हरिभूमि पर
हमारा राजनैतिक मानसून
बरस रहा है।
आज का दिन वैसे भी खास है,
बंद का दिन है और हर नेता
इसी मानसून के लिए
तरस रहा है।
मानसून का मूंड है इसलिए
इसकी बरसात हमने
अपने ब्लॉग
प्रेम रस
पर भी कर दी है।
राजनैतिक गर्मी का मज़ा लेना
इसे पढ़ कर यह मत सोचना
कि आज सर्दी है!
मेरा व्यंग्य: बहार राजनैतिक मानसून की
ये चर्चा तो बहुत अच्छी रही.
bahut hi sundar charchaa rahi.
आपकी चर्चा बहुत अच्छी रही...अच्छे अच्छे लिंक्स मिले . धन्यवाद .
और एक और धन्यवाद की आपने मेरी रचना को यहाँ स्थान दिया.
आपकी चर्चा लगातार निखार पा रही है.
bahut hi badhiya jami hai aapki chaupal..
hamesha ki tarah...
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