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माता-पिता,पत्नी और बच्चों मे फ़र्क़! , पत्थर में भगवान् मिल गया..-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Wednesday, July 7, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज

आज की चर्चा का करते हैं आगाज 
देखें किसने क्या खोला है अपने ब्लाग में राज 

 
एक बहुत छोटी सी पोस्ट जिसमे बहुत बड़ी बात छीपी हुई है।ये बात मेरा अपना अनुभव नही है मगर मुझे मिले इस एसएमएस ने मुझे भी सोचने पर मज़बूर कर दिया है।मुझे जो एसएमएस मिला उसके अनुसार दिन भर जी तोड़ मेहनत करके घर ल...
 
कुछ बातें ऐसी अवश्य हैं जो अच्छे और महान का अंतर तय करती हैं...और अगर आप मुझसे पूछें कि सिर्फ एक मंत्र बताए जो कुछ लोगों को दूसरों से ज़्यादा कामयाब बनाता है...मैं कहूंगा... PERSEVERE...इसका अर्थ है अपनी म...
 
किसी बंदे ने हमारे नाम का फायदा उठाते हुए रायपुर के एक रग्बी खिलाड़ी को नौकरी दिलाने का झांस देकर ठगने का प्रयास किया। लेकिन उस खिलाड़ी ने हमसे संपर्क किया तो उसे मालूम हुआ कि हमने तो उसे बुलाया ही नहीं है...
 
मुझे इस दुनिया से क्या लेना देना है जब इस दिल की तकदीर तू ही तू है. 000 इस दिल में अब तेरा नाम लिखा है आँखों में तेरी प्यारी तस्वीर बसी है. 000 मै हवा का एक झौंका मंजिल कहाँ हैं तुम जरा आवाज दो मैं रुक जाऊ...
 
घर में हम सभी एक साथ बैठ कर फिल्म्स देखते हैं...अच्छा लगता है...फैमिली रूम में ज़मीन पर बिस्तर बिछाना...गरम-गरम पॉपकॉर्न बनाना, बड़े-बड़े डब्बों में लेकर, और फिर सबका एक ही जगह लेट कर फिल्म का आनंद उठान...
 
मंहगाई बढ़ाओ, गरीब व गरीबी दोनो बचाओ* *मंहगाई की धार बढ़ाओ, गरीबों को हटाओ, क्योंकि हम लोगों को मौज उड़ाना है।* ***पर नही!!!!! हट जायेंगे बेबस गरीब, कौन आयेगा हमरे करीब, हमको तो अपना वोट बचाना है।* *इनके ...
 
 आज सुबह ही कही है यह ग़ज़ल. मेरे दिलमें बसने वाले अपने अज़ीज़ साथियों को कर रहा हूँ समर्पित...* ** *जीने का सामान मिल गया* *पत्थर में भगवान् मिल गया* * * *लोग बड़ी हैरत में थे के* *कहीं एक इन्सान मिल गया* *तुम...
 
इतना मुश्किल भी नहीं है अभी इन्सान पर भरोसा करना भाषिक आतताइयों के देश में किसी साधारण उन्माद वाले दिन वो नहीं करेंगे तुमसे बातें मगर किसी अनजानी भाषा के देश में भूखे नहीं मरोगे तुम अहम् जिजीविषा से ज्यादा..

 अंतरजाल पर विचरण करते हुए आज एक ऐसे ब्लॉग पर पहुंचा जिस पर लिखा था 'एक कदम दूसरों के लिए'| ब्लॉग पर नजर डालते ही वहां राजस्थान की नदियाँ,राजस्थान का भूगोल,भारत के राष्ट्रपति,कई प्रतियोगी परीक्षाओं के सरल क...
 
मैत्रेयी पुष्पा आजकल कुछ लेखिकाएं जुनून के स्तर पर महिला स्वातंत्र्य के बारे में बात कर देती हैं यह कहना है हमारे प्रसिद्ध साहित्यकार का, जो हैं तो गांधी भक्त, लेकिन देश की आधी दुनिया के बारे में विचार करत..

आज पूरे 14 दिनों बाद पोस्ट लिख रहा हूँ, इस अंतराल का कारण, मैं गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ घूमने दिल्ली से बाहर गया हुआ था. अब लौटा हूँ तो वापस ब्लॉगिंग का कीड़ा कुलबुलाने लगा. व..
 
भृंगराज और बाघ का जंगल में छत्तीस का आंकड़ा है। पता नहीं बाघ के शिकार पर इसे इतना एतराज क्यों होता है। इसके कारण बाघ को अपनी भूख मिटाना दुश्वार हो जाता है। * ** कहां जंगल का अधिपति बाघ और कहां एक छोटा ...
 
 चाँदनी की सड़क पर पाँव रख चाँद पाने की मैंने ख्वाहिश की जब नींद टूटी तो देखा पाँव में छाले पड़े हुए थे . 
 
संस्कृति पर विमर्श प्रकारांतर से मानवजाति पर विमर्श है, क्योंकि इसके केन्द्र में वही है। अपने व्यापकतम अर्थ में संस्कृति वह सब कुछ है, जिसका निर्माण मानवजाति ने किया है और कर रही है-श्रम के औजारों से लेकर ...
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 

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