अपने रुपये को मिला नया चेहरा, , एक नोट से क्या-क्या कमाल.-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Thursday, July 15, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आज कल काम की अधिकता के बाद भी चर्चा करने का मोह छोड़ नहीं पाते हैं। आज रुपए की धूम दिख रही है ब्लागों में ऐसे में हमने भी उन पोस्टों को महत्व दिया है।......
दुनिया भर में अब भारतीय मुद्रा की भी अपनी अलग पहचान होगी। अभी तक यह सम्मान सिर्फ चार देशों की मुद्राओं को ही प्राप्त है। लेकिन अब सरकार ने भारतीय रुपये को पहचान देते हुए इसके लिए एक प्रतीक चिन्ह या 'सिंबल...
आज एक ई-मेल मिला...उसमें जापान की एक बेहद खूबसूरत कला से परिचय कराया गया है...आप अपनी आंखों से देखेंगे तो खुद वाह कर उठेंगे...इस कला का नाम है ओरिगेमी...जापान की पेपर फोल्डिंग की अद्भुत कला...इसमें कागज़ क...
अब रुपए को भी मिला उसका चेहरा* केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईआईटी मुंबई के शोध छात्र डी उदय कुमार के डिजाइन को रुपए के प्रतीक के रूप में चुन लिया है. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने गुरुवार को ह...
मैं एकाकी कहाँ ! जब भी मेरा मन उदास होता है अपने कमरे की प्लास्टर उखड़ी दीवारों पर बनी मेरे संगी साथियों की अनगिनत काल्पनिक आकृतियाँ मुझे हाथ पकड़ अपने साथ खीच ले जाती हैं, मेरे साथ ढेर सारी मीठी-मीठी बातें कर...
है कितनी कमजोर व्यवस्था * *जिसका ओर न छोर...व्यवस्था * *फ़ैल रहा है खूनी पंजा * *लगती आदमखोर व्यवस्था* *अब ग़रीब के मुँह से हाए* *छीन रही है कौर व्य...
खुशी का मौका, हमारे इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का नया टर्मिनल खुल गया। दुनिया के सबसे बड़े दस एयरपोर्टों में शुमारी दर्ज की गयी। साफ सुथरा, हर नयी तकनिकी से लैस, दुनिया भर में हवाई अड्डों पर मिलने वाली सुविधाओं ...
हिन्दुस्तान का दर्द में- महगाई की मार पड़ी जब...यार बहुत मै रोया था..
आफ सेंचुरी पूरी कर गया॥ कभी नहीं कुछ खोया था॥ महगाई की मार पड़ी तो॥ यार बहुत मै रोया था॥ प्यारा पोता हाथ कर बैठा॥ बाबा काजू खाना है॥ आज हमें सारंगी लाओ॥ आज ही हमें बजाना है॥ सारा खाता छान डाला॥ पेटी...
रवीन्द्र प्रभात कहते हैं- श्रेष्ठता का पैमाना : लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान
एक ऐसी लेखिका जो अपनी मातृ भाषा जितनी अच्छी जानती हैं , उतना ही उनका अँग्रेज़ी और रूसी भाषा पर समानाधिकार है . बचपन में अपने इंजीनियर पिता के साथ होली के साहित्यिक टाइटिल बनाने वाली आज खुद ही बहुत अच्छी कव...
वीरेंद्र सेंगर की कलम से केंद्र सरकार के कई मंत्रियों के बीच टकराहट बढ़ी है। मंत्रियों की इस कार्यशैली से पीएमओ खुश नहीं हैं। यह जरूर है कि वह हस्तक्षेप तभी करता है, जब बात काफी बढ़ जाती है और सरकार की फज...
घर की देहरी पार कर भी ले मन की देहरी ना लाँघ पाया कभी तेरे मन की दहलीज पर अपने मन की बन्दनवार सजाई मगर फिर भी सूक्ष्म, अनवरत बहते विचारों को मथ ना पाया कभी ना जाने कौन सा सतत प्रवाह रोकता रहा बढ़न...
चार पांच सालों से धुँआधार ब्लागिंग पर नतीजा खालिस ही याने हासिल आई शून्य ही है . आज बहुत दिनों बाद याद आया की भाई चिट्ठाजगत का मेरा बिल्ला नंबर क्या है तो पाया है की वही ढांक के पांत वाला हिसाब है ... ...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
कल फिर मिलेंगे
3 comments:
हमेशा की तरह बढ़िया चौपाल ..
बेहद उम्दा लिंक्स से सजी है यह ब्लॉग चौपाल ! मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका आभार !
आज की चौपाल भी बढिया रही हमेशा की तरह्………………आभार्।
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