"नाचै कुदै बान्दरी और खीर मदारी खाय", सारी दुनिया गोल है -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Wednesday, July 28, 2010
ब्लाग जगत में जिस तरह से लोग फर्जी नामों से ब्लागरों को परेशान करने का काम करते हैं, उससे लगता है कि ब्लाग जगत में रहने से क्या फायदा, फिर सोचते हैं कि ऐसे अनाम लोगों से डर गए तो क्या मतलब है। बहरहाल चलिए देखे आज किसन क्या लिखा है.....
ब्लूमबर्ग बिसिनेस वीक पत्रिका में Advertising के बारे में एक लेख पढ़ रहा था, कुछ इस तरह से लिखा था - “companies are taking cues from African Americans, Hispanics, and Asians to develop menus and adve...
बन्दर* बडी अकड मे चश्मा वश्मा लगाके. और शूट बूट पहन कर, हाथ में छाता लिये हुये बडे तैश मे मदारी के केबिन मे घुस गया. मदारी अपने आफ़िस में बैठा अगला मजमा लगाने की प्लानिंग कर रहा था. डमरू पर घुग्घी कबूतर ...
आज, 29 जुलाई को उड़न तश्तरी वाले समीर लाल का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएं [image: celebrate] आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। अपने मोबाईल फोन पर SMS के...
हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मो में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनता है। - वाल्मी...
दफ्तर से समय से बहुत पहले ही निकल गया.. टी.नगर बस स्टैंड के पास के लिए, जहाँ मेरा एक मित्र किसी लौज में रहता है, किसी छोटे से दूकान से पकौड़े और जलेबी खरीदा और अपने मित्र के कमरे में ही बैठ कर उसे निपटाया.....
मानवता का सही चित्रण करती सशक्त कवितायें कहा। उनका सोचना है कि आदमी के बदलते चरित्र का सही चित्रण किया गया है। राजनीति कण कण में समा गई है और विलोम अर्थ ही शेष रह गये हैं। जाकिर अली रजनीश, मुकेश कुमार सिन्..
रात चुप है। पत्नी और बच्चे सो रहे हैं। सुकून है, जैसा आम घरों में आम तौर पर रहता ही है - एक निर्मल सहज बहती ज़िन्दगी। हर कोई अपनी भूमिका में निपुण, व्यवस्थित। जाने क्यों सूझा कि आज अठ्ठारह वर्षों के बाद त...
बस्तर हालात बत्तर, बदतर और बदतर ! हॉं आप सही पढ़ रहे हैं, भारत के छोटे से राज्य छत्तीसगढ़ के संपूर्ण बस्तर क्षेत्र में अब बारूदों की गंध छाई है। विष्फोट और गोलियों की आवाजें आम है, घोटुल सूना है, धन...
बंगलोर का मौसम आजकल बड़ा सुहाना हो रखा है. हलकी सी ठंढ पड़ती है और फुहारों वाली बारिश होती रहती है. सुबह सूरज भी बादल की कुनमुनी रजाई ढांप कर पड़े रहता है. ऐसे मौसम में सुबह उठना मुश्किल और नामुमकिन के बीच...
नई दिल्ली. यूपीए सरकार में पूर्व मंत्री रहे मणिशंकर अय्यर दिल्ली में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों से खासे नाराज दिख रहे हैं। अय्यर ने सवाल किया है कि कॉमनवेल्थ खेलों में ऐसा कौन सा खेल खेला जाएगा जो ख...
सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर दूँ...कि अपने आलेख में ,समाज में व्याप्त किसी समस्या, कुरीतियों, भेदभाव का जिक्र अगर मैं करती हूँ तो व्यापक रूप में जो मेरी नज़रों से जो गुजरता है वही लिखती हूँ....अपवाद तो स...
प्रीती की दुनिया ! में अल्पना आंटी
बात है आज से तक़रीबन बारह साल पहले की.जब हम पटना में रहते थे... हम लोगों का एक किराये का मकान था पटना के कदमकुआं इलाके में...उस मोहल्ले में जिन्दगी कितनी बेफिक्र थी..कितनी हसीन....तीन फ़्लैट आसपास में थे......
मनोज कुमार बता रहे हैं- देसिल बयना - 40 : राजा राज को बेहाल रानी काज को बेहाल
देसिल बयना – 40 :: राजा राज को बेहाल रानी काज को बेहाल करण समस्तीपुरी पछिला हफ्ता तो हम एगो अजगुते (आश्चर्य) देखे। एक इडिअट बॉक्स में तीन इडिअट आ रहा था। अरे अमीर खान वाला फिलिम थ्री..
जातीय जनगणना के विरूद्घ विशाल मार्च* *नई दिल्ली, 27 जुलाई 2010 |* जनगणना में जाति को सम्मिलित करने के विरोध में "सबल भारत" द्वारा संचालित "मेरी जाति हिंदुस्तानी आंदोलन" ने आज एक विशाल मार्च का आयोजन ...
गुरूपूर्णिमा का दिन, मुहल्ले के सांई बाबा मंदिर में भंड़ारा का आयोजन । मंदिर बनवाने वाली महिला ही मुख्य आयोजक, उनके आदेशानुसार भंडारा चालू था । एक- दो घंटे तक मुहल्ले की भीड़ के साथ-साथ आसपास के झुग्गी-झो...
कल फिर मिलेंगे
6 comments:
रोचक प्रतियोगिताओं पर एक लेख लिखने की तैयारी कर रहा हूं। क्या कोई पाठक मुझे बता सकता है कि हमेशा रोते रहने का भी कोई ओलंपिक या वर्ल्ड चैंपियनशिप होती है।
सार्थक शब्दों के साथ अच्छी चर्चा, अभिनंदन।
Saarthak charcha ke liye dhanyavaad..
सार्थक चौपाल...अच्छे लिंक्स मिले ..
आज की चर्चा तो बहुत ही बढिया रही…………काफ़ी लिंक्स मिले……………आभार्।
चर्चा के लिए आभार
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